भारत में कैसे खरीदें बिटकॉइन?
WazirX पर बिटकॉइन की ट्रेडिंग आसान इसलिए है क्योंकि WazirX अपने प्लेटफॉर्म पर करीब 52-53 लाख रुपये के बिटकॉइन को अंशों में खरीदने की सुविधा देता है
बिटकॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। इसमें 2009 में इसकी शुरुआत से अब तक कई गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस साल के शुरुआत से अब तक इसमें 120 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि इस असेट क्लास को बीच में झटके लगे हैं। फिर भी डिजिटल करेंसी ने पूरी दुनिया में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर ली। अब तो दुनिया के तमाम सेंट्रल बैंक भी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि किस तरीके से डिजिटल करेंसी को मुख्य धारा की मुद्रा के तौर पर मान्यता दी जाए। संस्थागत रूप से मिल रही स्वीकृति बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी की अहम वजहों में से एक रही है।
पूरी दुनिया में इन्फ्लेशन (महंगाई) की बढ़ती चिंताओं के बीच बिटकॉइन को सेफ हैवेन असेट (सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प) माना जा रहा है। न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर बिटकॉइन ETF(एक्सचेंज ट्रेड फंड) के हाल में हुए आगाज ने भी बिटकॉइन की कीमतों में जोरदार उछाल में सहयोग किया है। इसके साथ ही अक्टूबर का महीना पूरे स्टॉक मार्केट लिए भी रिकॉर्ड ब्रेकिंग रहा है। इसके अलावा 35 करोड़ यूजर वाले पे पल (PayPal) ने भी क्रिप्टो में होने वाली पेमेंट को मंजूरी दे दी है। इन सब कारणों के चलते 9 नवंबर 2021 को बिटकॉइन की कीमतें 68,क्या Bitcoin का ट्रेड करना सुरक्षित है 641.57 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गईं।
मीडिया में आई खबरों के बीच भारत में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कानून बनाने पर काम कर रही है। बता दें कि इसके पहले सरकार की तरफ से कई ऐसे बयान आए हैं कि जिसमें कहा गया था कि क्रिप्टो करेंसी पर पूर्ण रूप से बैन लगाया जाएगा। लेकिन अब सरकार के रूख में काफी बदलाव आया है और क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन पर विचार कर रही है। RBI द्वारा पिछले साल क्रिप्टो करेंसी के बैन को हटाने के बाद भारत में किप्टो की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिला है।
Cryptocurrency : कितना सुरक्षित है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क? पढ़ें
Cryptocurrency Investment : क्या क्रिप्टोकरेंसी एक सुरक्षित निवेश का माध्यम बन सकती है? हां, क्रिप्टो कॉइन्स में निवेश से ज्यादा रिटर्न मिलता है, लग गए तो ज्यादा प्रॉफिट है, लेकिन इसमें उतना ही खतरा भी है, बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है और मार्केट कभी-कभी अचानक से क्रैश भी हो सकता है.
Cryptocurrency Investment : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के जबरदस्त लाभ और अपने खतरे भी हैं.
Cryptocurrency का क्रेज़ अब इलॉन मस्क और जैक डॉर्सी जैसे बड़े बिजनेसमेन से लेकर आम निवेशकों के बीच साफ दिख रहा है. हमारा भविष्य डिजिटल की दुनिया में होगा, इस विचार को काफी बड़े स्तर पर अपनाया जा रहा है, लेकिन एक मूलभूत सवाल रह जाता है- क्या क्रिप्टोकरेंसी एक सुरक्षित निवेश का माध्यम (Crypto Investment) बन सकती है? हां, क्रिप्टो कॉइन्स में निवेश से ज्यादा रिटर्न मिलता है, लग गए तो ज्यादा प्रॉफिट है, लेकिन क्या Bitcoin का ट्रेड करना सुरक्षित है इसमें उतना ही खतरा भी है, बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है और मार्केट (Cryptocurrency Market Today) कभी-कभी अचानक से क्रैश भी हो सकता है. ऐसे में ये कैसे तय करें कि इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं.
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सबसे पहले आपको ये बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में कानूनी वैधता नहीं मिली हुई है. नहीं, ऐसा नहीं है कि क्रिप्टो में निवेश अवैध है, ऐसा नहीं है. लेकिन, यह कोई लीगल टेंडर नहीं है, इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है और अधिकतर देशों में यही स्थिति है. इन्हें ऑनलाइन माइनिंग करके जेनरेट किया जाता है, अधिकतर जेनरेशन प्राइवेट होते हैं और इन कॉइन्स से ट्रांजैक्शन और मॉनेटरी सिस्टम में कितनी अस्थिरता आ सकती है, इसपर भी कोई साफ तस्वीर नहीं है. शायद इसलिए भी भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि वो अपना खुद का क्रिप्टो कॉइन चरणबद्ध तरीके से लॉन्च कर सकता है.
क्रिप्टो कॉइन में निवेश करना अवैध नहीं है और देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रहे हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज पर क्रिप्टो ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट होती है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लाभ
सबसे पहली बात, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश आपको, बाकी के हमारे ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट टूल्स या निवेश के माध्यमों से कहीं ज्यादा बेहतर रिटर्न दे सकता है. इस साल के पहले चार महीनों में क्रिप्टो बाजार ने ऐतिहासिक तेजी देखी है. इस दौरान निवेशकों ने जबरदस्त पैसा बनाया. इसे आंकड़ों में समझिए. दुनिया की सबसे पॉपुलर और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने वित्त वर्ष 2020-21 में 800 फीसदी का रिटर्न दिया है. अप्रैल, 2020 में यह 6,640 डॉलर के रेट पर ट्रेड कर रहा था और फिर एक साल की अवधि में यानी अप्रैल, 2021 तक यह 65,000 डॉलर पर पहुंच गया. बिटकॉइन के अलावा और भी कई अन्य क्रिप्टो कॉइन्स में जबरदस्त उछाल आई और निवेशकों ने बढ़िया रिटर्न कमाया.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खतरे
इस साल अप्रैल में बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा था. लेकिन अप्रैल के अंत में क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया. अधिकतर करेंसी की वैल्यू गिर गई. बिटकॉइन $30,000 के अंदर आ गया. हालांकि फिलहाल यह $40,000 के लेवल तक रिकवर कर चुका है.
ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्रिप्टो कॉइन्स बहुत ही ज्यादा वॉलटाइल यानी उतार-चढ़ाव का शिकार होती हैं और निवेश के पैसे डूबने का खतरा रहता है. दूसरी कमी यह है कि आप क्रिप्टोकरेंसी को हर जगह फ्लैट करेंसी यानी कि रुपया, डॉलर वगैरह की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. फिलहाल ऐसी बहुत कम जगहें हैं, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकें यानी कि इसे रुपये के अल्टरनेट की तरह इस्तेमाल कर सकें. ऊपर से इसपर कोई सरकारी रेगुलेशन नहीं है, तो वो किसी अप्रत्याशित स्थिति को न्यौता दे क्या Bitcoin का ट्रेड करना सुरक्षित है सकता है.
एक और चीज है, क्रिप्टो मार्केट को बड़े बिजनेसमेन और इलॉन मस्क जैसे टेक टाइकून्स लोग प्रभावित करते हैं. इलॉन मस्क पहले बिटकॉइन को सपोर्ट करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने डॉजकॉइन को समर्थन देना शुरू कर दिया. इससे डॉजकॉइन की कीमतें उछल गईं.
कितनी सुरक्षित हैं क्रिप्टोकरेंसी और क्या है इन्हें लेकर धारणा
अगर क्रिप्टोकरेंसी की सिक्योरिटी की बात करें तो यह काफी सुरक्षित होती है. एन्क्रिप्शन टेक्नीक- क्रिप्टोग्राफी- से इन्हें सुरक्षित रखा जाता है. वहीं क्रिप्टो वॉलेट्स भी होते हैं, जहां आपको हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट्स मिलते हैं. क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन में कोई बिचौलिया या मध्यस्थ शामिल नहीं होता है, जो अच्छी चीज है. अगर इन्हें अपनाने की बात करें तो कुछ देश और कई बड़ी कंपनियां हैं, जो क्रिप्टो कॉइन्स और टोकन्स को मान्यता देने पर विचार कर रही हैं. अल सल्वाडोर ने तो इसे लीगल टेंडर बनाने की घोषणा कर दी है. अगर भारत की बात करें तो डेकोर ब्रांड Rug Republic ने कुछ हफ्ते पहले ही क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट लेने ी घोषणा कर दी है.
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?
यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.
Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस
अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)
Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
एक्सचेंज फीस
- क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
- फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
नेटवर्क फीस
- क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
- आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने क्या Bitcoin का ट्रेड करना सुरक्षित है की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.
वॉलेट फीस
- क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो क्या Bitcoin का ट्रेड करना सुरक्षित है करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
- क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
(Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
(स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
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पूरी दुनिया में बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। बड़ी संख्या में युवा निवेशक इनकी ओर आकर्षित हुए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में देश में क्रिप्टो में निवेश 20 करोड़ डॉलर से बढ़कर करीब 40 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
BitCoin या Gold: जल्दी अमीर बनने के लिए किसमें निवेश करना है बेहतर?
कोरोना संकट का असर
कोरोना संकट (Covid crisis) के दौर में लोगों को बहुत से सबक मिले हैं। जीवन के हर पहलू के बारे में क्या Bitcoin का ट्रेड करना सुरक्षित है कोरोना संकट (Covid crisis) के दौर से कुछ सीखने को मिला है। कोरोनावायरस संकट (Covid crisis) की सबसे महत्वपूर्ण सीख बचत और निवेश के बारे में है। जिन लोगों ने अपने पैसे का बुद्धिमत्ता से इस्तेमाल किया और पैसे से संबंधित फैसले सोच समझ कर लिए, कोरोना संकट (Covid crisis) की वजह से उनके लाइफस्टाइल पर कोई फर्क नहीं पड़ा। देश में कोरोनावायरस संक्रमण (Covid crisis) रोकने के लिए कड़ा लॉकडाउन किया गया था और इसकी वजह से बहुत से लोगों के जीवन यापन पर काफी असर देखा गया है।
क्रिप्टो में निवेश का बढ़ा क्रेज
कोरोना संकट की शुरुआत के बाद से ही लोगों ने निवेश के सुरक्षित विकल्पों का रुख करना शुरू कर दिया। इस वक्त सोने में किए गए निवेश से लोगों को अच्छा रिटर्न कमाने में मदद मिली। धीरे-धीरे सोने की चमक फीकी पड़ने लगी और क्रिप्टो करेंसी में निवेश से बेहतर रिटर्न मिलने लगा। अगर नए जमाने के निवेश की बात करें तो अब क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने का क्रेज लगातार बढ़ रहा है।
शेयर बाजार का सहारा था गोल्ड
इससे पहले सोने को शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए हेज की तरह प्रयोग किया जाता था। पिछले सालों में यह तरीका काफी प्रभावी रहा है। अब वास्तव में पिछले तरीके को चुनौती देने के लिए एक नया विकल्प बाजार में आ गया है। सोना वास्तव में ग्राहकों के लिए एक कीमती धातु है क्योंकि यह ज्वेलरी आदि के रूप में लोगों के पास रहता है और वह किसी संकट के समय इसका उपयोग कर सकते हैं।
गोल्ड में निवेश
सोने की भारी मांग के बाद भी इसकी आपूर्ति नियंत्रित रहती है। इस वजह से इस के भाव में तेजी दर्ज होती है। सोना बनाया नहीं जा सकता। कोई कंपनी नए शेयर जारी कर सकती है, केंद्रीय बैंक नोट छाप सकता है, लेकिन ऐसा सोने के साथ नहीं है। यह जमीन से खोदकर ही निकाला जाता है और उसके बाद इसका प्रोसेस किया जाता है। सोने का आयात अप्रैल-जून 2021 तिमाही के दौरान कई गुना बढ़कर 7.9 अरब डॉलर (58,572.99 करोड़ रुपये) हो गया।
बिटकॉइन में निवेश का तर्क
बिटकॉइन (bitcoin) में निवेश करने की सलाह देने वाले लोगों का तर्क है कि यह ब्लॉकचेन आधारित क्रिप्टोकरंसी है जिसमें गोल्ड जैसी ही कुछ प्रॉपर्टीज है। बहुत से लोग बिटकॉइन को डिजिटल गोल्ड भी कहते हैं। इसकी वजह यह है कि अन्य ऐसेट क्लास के साथ इसका रिलेशनशिप कमजोर रहा है। सोने की तरह बिटकॉइन की भी संख्या सीमित होती है।
निवेश के लिए बेहतर विकल्प
अगर कानूनी पारदर्शिता और सुरक्षा की बात करें तो सोने का स्थान क्रिप्टो करेंसी से ऊपर आता है। अगर बात रेयर होने की करें तो दोनों रेयर कमोडिटीज है। जहां तक लिक्विडिटी का सवाल है बिटकॉइन और गोल्ड दोनों अच्छे निवेश विकल्प हैं ।अगर उतार-चढ़ाव की बात करें तो बिटकॉइन में उतार-चढ़ाव अधिक होता है, जबकि सोने में कम होता है। लंबी अवधि में सोने के भाव का रिकॉर्ड बताता है कि इसके भाव एक सीमित दायरे में ही चढ़ते उतरते हैं।
गोल्ड की खास बात
सोने में निवेश के साथ एक खास बात यह है कि इसे हर आर्थिक वर्ग के लोग समझते हैं और तकनीकी जानकारी नहीं रहने के बाद भी लोग सोने का महत्व समझते हैं।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सोना कई देशों के केंद्रीय बैंकों का अल्टीमेट करेंसी की तरह प्रयोग किया जाता है। संभव है कि बिटकॉइन का मार्केट कैप साल 2030 तक गोल्ड के मार्केट कैप को पार कर जाए। इस हिसाब से अगर आप जल्द अमीर बनना चाहते हैं तो आपको बिटकॉइन में निवेश करना चाहिए।
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