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RIP राकेश झुनझुनवाला: क्रिप्टो करेंसी और स्टार्टअप में निवेश से क्यों दूर रहते थे बिगबुल!

CNBC TV-18 को दिए अपने एक इंटरव्यू में राकेश झुनझुनवाला ने कहा था कि दुनिया भर के बाजारों में शेयरों के भाव और उनकी दशा और दिशा कंपनियों के कैश फ्लो और कमाई पर निर्भर करती है

एक और इंटरव्यू में झुनझुनवाला ने कहा था कि इक्विटी और क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लोगों का वर्ग एकदम अलग-अलग है। एक दिन क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से धड़ाम हो जाएगी

दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का 14 अगस्त को सुबह मुंबई में निधन हो गया। राकेश का निवेश पैटर्न अमेरिका के जाने–माने निवेशक वारेफ बफे जैसा ही होने के कारण आमतौर इन्हें भारत का वॉरेन बफे कहा जाता था। निवेश पैटर्न ही नहीं क्रिप्टो करेंसी और बहुत ज्यादा कैश की जरूरत वाले नए युग के स्टार्ट्अप्स को लेकर उनके विचार वॉरेन बफे से मिलते हैं। निवेश के नजरिए से बिग बुल क्रिप्टोकरेंसी और स्टार्टअप से दूरी बनाए रखने के पक्षधर थे। आइये जानते हैं कि इसकी क्या है वजह ?

पॉजिटिव कैश फ्लो का महत्व

वॉरेन बफे की तरह ही झुनझुनवाला भी कंपनियों के पॉजिटिव कैश फ्लो के महत्व पर बल देते थे। इसी साल CNBC TV-18 को दिए अपने एक इंटरव्यू में राकेश झुनझुनवाला ने कहा था कि दुनिया भर के बाजारों में शेयरों के भाव और उनकी दशा और दिशा कंपनियों के कैश फ्लो और कमाई पर निर्भर करती है। एक और इंटरव्यू में राकेश ने कहा था कि वैल्यूएशन पर बहुत ज्यादा फोकस न करते हुए किसी कंपनी के कारोबारी संभावनाओं उसकी कार्यक्षमता, उसके कारपोरेट गवरनेंस, तकनीकी कुशलता, बदलाव से निपटने की उसकी क्षमता पर निर्भर करती है। यह एक ऐसी दौड़ है जिसमें धीमी लेकिन लंबी और मजबूत चाल चलता कछुआ ही जीतता है।

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स्टार्टअप पर बात करते हुए उन्होंने कहा था कि स्टार्टअप को अपने बिजनेस मॉडल पर ज्यादा जोर देना चाहिए। मजबूत बिजनेस मॉडल से ही कैश फ्लो आता है। कंपनियों को वैल्यूएशन बढ़ाकर 2 अरब डॉलर, 3 अरब डॉलर करने की जगह अपने बिजनेस मॉडल को मजबूती देने के पर फोकस करना चाहिए। अपने इन्हीं तर्कों के आधार पर राकेश झुनझुनवाला नए जमाने की भारी पूंजी जरूरत वाले स्टार्ट-अप से दूर रहते थे।

करीब 32000 करोड़ रुपये के राकेश के पोर्टफोलियो में नए जमाने की स्टार्टअप की हिस्सेदारी बहुत ही कम है। राकेश झुनझुनवाला, जोमैटो. पॉलिसी बाजार, नायका, जैसे सभी मल्टीमिलियन डॉलर आईपीओ से दूर रहे। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर वो भारत के डिजिटलीकरण अभियान को लेकर काफी बुलिश थे।

झुनझुनवाला ने स्टार्टअप पर बात करते हुए एक बार कहा भी था कि में स्टार्टअप में भाग नहीं लेना चाहता हूं। इसका हैंगओवर 2 दिन तक ही रहेगा। CNBC TV-18 को पिछले हफ्ते दिए गए एक इंटरव्यू में पिछले हफ्ते कहा था कि पहले से ही मल्टी ईयर लो पर चल रहे नए जमाने के स्टार्टअप में अभी और गिरावट देखने को मिल सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी

झुनझुनवाला क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर भी बियरिश थे। उनका कहना था कि क्रिप्टोकरेंसी में रोज-रोज होने वाला भारी उतार-चढ़ाव उनको पसंद नहीं है। अगर बिटकॉइन उनको 5 डॉलर में मिल जाए तो भी इसमें वे निवेश नहीं करना चाहेंगे। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वर्तमान दुनिया में सिर्फ संप्रभु राष्ट्र करेंसी प्रिंट करने का अधिकार रखते हैं। कल लोग 5 लाख बिटकॉइन भी बना सकते हैं।

यह एक ऐसी करेंसी हैं जिसमें किसी दिन 5 फीसदी। उसके दूसरे दिन में 10 फीसदी का उतार-चढ़ाव होता है। इसमें मुझे कोई विश्वास नहीं है। अगर डॉलर एक दिन में एक फीसदी ऊपर जाता है तो यह खबर बन जाती है। वहीं बिटकॉइन में हर दिन हमें 10-15 फीसद का उतार –चढ़ाव देखने को मिलता है। मेरा मानना है कि यह सिर्फ एक सट्टेबाजी है। मैं इसमें कतई अपने पैसे नहीं लगा सकता। एक और इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि इक्विटी और क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लोगों का वर्ग एकदम अलग-अलग है। एक दिन क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से धड़ाम हो जाएगी।

प्लानबी बिटकॉइन S2F मॉडल को अपडेट करता है, 2021 के अंत तक अनुमानित मूल्य स्तर को कम करता है

प्लानबी बिटकॉइन S2F मॉडल को अपडेट करता है, 2021 के अंत तक अनुमानित मूल्य स्तर को कम करता है

यह वर्तमान मूल्य आंदोलन के अनुसार किया गया था क्योंकि बिटकॉइन के लिए प्लानबी के अनुसार इस पड़ाव चक्र में $ 100k औसत प्राप्त करने के लिए, इसे मध्य-चक्र तक उस औसत से ऊपर होना होगा, जो लगभग मई 2022 तक है।

प्लानबी ने पहले जून में खनन और मस्क की ऊर्जा एफयूडी के आसपास कहा था कि 2021 के लिए सबसे खराब स्थिति दिसंबर के अंत तक बिटकॉइन को $ 135k से ऊपर देखेगी। अब इसे आधा चक्र औसत के अनुकूल बनाने के लिए काफी कम कर दिया गया है।

प्लानबी की पहले की भविष्यवाणी | स्रोत: ट्विटर

इसका मूल रूप से मतलब है कि अगले 49 दिनों में, बिटकॉइन के 54.48% की छलांग लगाने की उम्मीद है, दिसंबर की पहली छमाही में किसी भी संभावित सुधार के साथ, रैली को जनवरी 2022 तक आगे ले जाने के लिए।

अगर हम पिछले 42 दिनों में बिटकॉइन की रैली को ध्यान में रखते हैं, जो कि लगभग 48% थी, जो कि Q4 से 102% की कुल वृद्धि लाएगा।

उल्लेखानुसार बीता हुआ कल , पिछले Q4s की तुलना में, वृद्धि तुलनात्मक रूप से कम होगी लेकिन यह वही होगा जो इस समय बिटकॉइन से अपेक्षित है।

इसमें निवेशक क्या भूमिका निभाते हैं?

किसी भी मामले में रैली के सफल होने के लिए, हमें निवेशकों से जैविक मांग और FOMO के कारण कम देखने की आवश्यकता है।

जब से बिटकॉइन ने 7 अक्टूबर को $ 1 ट्रिलियन का आंकड़ा पार किया है, हमने 3.45 मिलियन से अधिक BTC को इधर-उधर होते देखा है। यह सभी बीटीसी आपूर्ति का लगभग 18.3% है, जिसका मूल्य 223.2 बिलियन डॉलर से अधिक है।

बिटकॉइन $ 1 ट्रिलियन मार्केट कैप के आसपास चला गया | स्रोत: ग्लासनोड

इस प्रकार लोग सक्रिय रूप से बिटकॉइन का लेन-देन कर रहे हैं और आगे भी यही आवश्यक है। हालांकि उपरोक्त राशि के बावजूद, लगभग 474k BTC पिछली बार वर्तमान मूल्य से अधिक खर्च किया गया था।

ये वे हैं जिन्होंने एटीएच स्तरों के आसपास खरीदा या बेचा। इसे खरीदने वालों को वर्तमान में नुकसान हो रहा है क्योंकि प्रेस समय के अनुसार बीटीसी लगभग $ 64.4k पर कारोबार कर रहा था।

लेकिन एक बार जब बिटकॉइन पिछले 4 दिनों से 4% की हानि प्राप्त कर लेता है, तो ये नुकसान वापस मुनाफे में बदल जाएंगे।

आइए लिपटे हुए बिटकॉइन और एथेरियम के आसपास के कुछ मिथकों को स्पष्ट करें।

क्रिप्टो प्रभावकार सिगार ने ट्वीट किया, “ध्यान दें: WETH जल्द ही दिवालिया होने वाला है।”
ग्नोसिस के सह-संस्थापक मार्टिन कोप्पेलमैन ने ट्वीट किया, “हम जल्द ही WETH को रिडीम करने के लिए एक बैंक चलाते हुए देख सकते हैं।”

WETH में बैंक द्वारा संचालित टिप्पणियों के समान प्रतिपक्ष जोखिम नहीं है जो FTX दुर्घटना के बाद ट्विटर पर प्रसारित हुई थी।

इसके बजाय, स्मार्ट अनुबंध जोखिम यहाँ मुख्य चिंता का विषय है।

एथेरियम को किसी एक्सचेंज या क्रिप्टो ऋणदाता को रखने के लिए प्रदान करने के बजाय, उपयोगकर्ता एथेरियम को WETH बनाने के लिए एक स्मार्ट अनुबंध में जमा करते हैं। WETH को ETH से अधिक पसंद किया जाता है क्योंकि, Ethereum के विपरीत, यह भी एक ERC-20 टोकन है (आखिरकार, वे अनिवार्य रूप से एक ही चीज़ हैं)।

परिणामस्वरूप, इस संपत्ति पर कभी भी दिवालिएपन या बैंक चलाने का जोखिम नहीं था। यह उद्योग के हास्य की काफी आक्रामक भावना का एक और उदाहरण है। स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट किसी तरह से खराब हो सकता है, लेकिन यह देखते हुए कि यह कितने समय से अस्तित्व में है और इसने कितनी अच्छी तरह काम किया है, अगर कोई बग होता, तो यह अब तक हो चुका होता।

लेकिन WBTC वास्तव में अलग है।

Rugdoc.io के अनुसार, स्मार्ट अनुबंधों का मूल्यांकन करने वाली एक समुदाय-संचालित परियोजना, wBTC के BTC समर्थन की देखभाल BitGo द्वारा की जा रही है। “FTX परिसंपत्तियाँ Bitgo द्वारा जमी हुई थीं, जिसके परिणामस्वरूप 4k BTC अधिक और wBTC depeg था।
यह एक ERC-20 टोकन है जो बिटकॉइन की कीमत से जुड़ा हुआ है, इसे और भी सरलता से कहने के लिए।

इसके अतिरिक्त, यह वास्तविक बिटकॉइन द्वारा समर्थित है, जिसे बिटगो कंपनी द्वारा विश्वास में रखा गया है, जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया था। BitGo के पास उपयोग में आने वाले प्रत्येक 1 WBTC के लिए 1 वास्तविक बिटकॉइन है।

एक उपयोगकर्ता को अपने WBTC को “खोलने” के लिए हमेशा एक व्यापारी के माध्यम से जाना चाहिए और वास्तविक चीज़ के लिए इसका आदान-प्रदान करना चाहिए।

महत्वपूर्ण रूप से, एक आसान डैशबोर्ड आपको इस टकसाल और जलने की गतिविधि को देखने की अनुमति देता है क्योंकि यह ऑन-चेन होता है।

WBTC की कीमत पिछले हफ्ते अंतर्निहित बिटकॉइन से बिटकॉइन और स्टॉक टू फ्लो मॉडल अलग हो गई थी, जो वास्तव में इसे जिस तरह से डिजाइन किया गया था, उससे थोड़ा अधिक संबंधित था।

आमतौर पर, जब इस तरह की छूट दिखाई देती है, तो बाजार निर्माता सस्ते WBTC को खरीदने और अंतर से लाभ पाने के लिए वास्तविक बिटकॉइन के लिए इसका आदान-प्रदान करने का अवसर जब्त कर लेंगे।

वे यहां भी काफी कुछ ऐसा ही करते रहे हैं। निष्क्रिय FTX की बहन ट्रेडिंग कंपनी अल्मेडा, WBTC की एक महत्वपूर्ण उपयोगकर्ता थी, इसलिए उनकी अनुपस्थिति ने बहुत अधिक मध्यस्थता छोड़ दी।

नतीजतन, बाजार कुछ गंभीर FUD से निपटने के साथ-साथ कैच-अप खेल रहा है।

WBTC वर्तमान में वास्तविक मूल्य से लगभग $ 15 छूट बिटकॉइन और स्टॉक टू फ्लो मॉडल पर कारोबार कर रहा है। और इससे रास्ते में कुछ बाजार निर्माताओं की संपत्ति में वृद्धि होने की संभावना है।

Future of Bitcoin in India (बिटकॉइन का भारत में भविष्य)

Note: This post has been written by a WazirX Warrior as a part of the “WazirX Warrior program“.

2009 से आर्थिक क्षेत्र में बदलाव को ले कर एक तकनीक की शुरुआत हुई जिसे हम ब्लॉकचेन और बिटकॉइन के नाम से जानते हैं।बिटकॉइन के जनक सातोशी नाकामोटो को न तो कोई जानता है और न ही किसी ने उन्हें देखा है लेकिन कई तकनीकों के बेजोड़ मेल से सातोशी ने जिस तकनीक और बिटकॉइन को बनाया वह बिना किसी के हस्तक्षेप के पिछले दस सालों से सफलतापूर्व चल रहा है।

दुनिया के कई देशों ने बिटकॉइन को ले कर कानून बनाए और क़ानूनी तौर पर इसका लेनदेन वहां हो रहा है और यहां तक की एटीएम के द्वारा भी आप कई देशों से बिटकॉइन का लेनदेन कर सकते हैं साथ ही वस्तु या सेवाओं के लेनदेन के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है।

अगर हम भारत देश की बात करें तो यहां पर बिटकॉइन के बारे में 2013 में पता चलना शुरू हुआ।ज्यादा जानकारी न होने के कारण कुछ लोगों ने इसमें निवेश किया और थोड़ी सी कीमत बढ़ने पर बेच दिया।इसी बीच कुछ लोग जो बिटकॉइन की जानकारी रखते थे उन्होंने मल्टी लेवल मार्किटिंग के द्वारा बिटकॉइन की कुछ योजनाएं शुरू की और इनके कारण बहुत से लोगों ने अपने निवेश का नुक्सान भी किया और इसकी जानकारी भी प्राप्त की।धीरे धीरे इंटरनेट के माध्यम से भारत में क्रिप्टो की जागरूकता पैदा हुई और क्रिप्टो के लेनदेन के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज भी भारत में शुरू हुई।

क्योंकि क्रिप्टो एक बहुत नया विषय था और इस बारे में सरकार के पास संपूर्ण जानकारी नहीं थी और न ही क्रिप्टो पर कोई सरकारी कर (टैक्स)था था इस लिए क्रिप्टो पर कोई कानून नहीं बना और 2017 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो लेनदेन के लिए बैंक की सेवा देने से मना कर दिया।यह एक ऐसा मौका था जब कई क्रिप्टो प्रोजेक्ट बंद हुए और कई क्रिप्टो एक्सचेंज भी बंद हो गई।एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मार्च 2020 में सर्वोच्च न्यायालय ने रिज़र्व बैंक की रोक को अनुचित करार देते हुए इसे हटा दिया।आज कोई भी भारतीय अपने बैंक से क्रिप्टो एक्सचेंज पर पैसा जमा कर सकता है और क्रिप्टो खरीद कर ट्रेड कर सकता है और क्रिप्टो को बेच कर अपने खाते में पैसा ले सकता है।

भारत में बिटकॉइन और क्रिप्टो का भविष्य क्या है?

भारत सरकार ने क्रिप्टो पर कानून बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था जो अपनी सिफारिशें सरकार को दे चुकी है और इस विषय पर सरकार एक क्रिप्टो बिल नवम्बर में लोकसभा में पेश कर सकती है।

अगर यह बिल बिटकॉइन और क्रिप्टो के पक्ष में आता है तो हम क्रिप्टो के एक नए युग की शुरुआत भारत में देख पाएंगे और उसका कारण है ब्लॉकचेन कि दुनिया में भारतीयों का योगदान।आज भारत के कई आईटी शहर ब्लॉकचेन का हब बन चुके हैं और दुनिया भर के क्रिप्टो प्रोजेक्ट पर भारतीय कंपनिया काम कर रही हैं और सरकार अगर सकारात्मक सोच से साथ बिटकॉइन पर बिल लाती है तो तुरंत लाखों नोकरीया पैदा होगी।दूसरा सबसे बड़ा बदलाव आएगा निवेशक के तौर पर आम जनता में एक विश्वास पैदा होगा और उन्हें बिटकॉइन में निवेश का मौका मिलेगा जो डर रहित होगा यानि उन्हें यह डर नहीं होगा की उनका निवेश गैर कानूनी है।इस से लोगों में एक जागरूकता आएगी और लोग निवेश के इस नए विकल्प को जानेगे और समझेंगे।महिंद्रा ग्रुप और टाटा समूह पहले से ही क्रिप्टो और ब्लॉकचेन की दुनिया में प्रवेश कर चुका है।हाल ही में सुभाष चंद्र गर्ग ने भी यह माना है कि सरकार कॉमोडिटी यानि शेयर ट्रेडिंग की तरह बिटकॉइन को मान्यता दे सकती है।अगर इस दिशा में सही काम हुआ तो भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में भी बिटकॉइन की ट्रेड को देख पाएंगे और निवेश के तौर पर बैंक भी बिटकॉइन में निवेश करने की सुविधा दे सकते हैं।इस बारे में टाटा समूह पहले ही घोषणा कर चुका है।बिटकॉइन को क़ानूनी मान्यता देने से भविष्य में सरकार को इसकी ट्रेडिंग से बहुत बड़े स्तर पर टैक्स भी प्राप्त होगा।जब बिटकॉइन को आसानी से बैंक या एक्सचेंज से ख़रीदा जा सकेगा तो जो सबसे बड़ा फायदा होगा वह यह होगा की निवेशकों को सही कीमत पर बिटकॉइन मिल सकेगा और कालाबाज़ारी करने वालों पर पूर्ण रोक लग जाएगी।

भविष्य में बिटकॉइन तकनीक पर स्कूल और कॉलेज में अगर शिक्षा दी जाए तो शुरू से ही बच्चे इस विषय को समझ पाएंगे और इस दिशा में अपना भविष्य भी बनाने की सोच पाएंगे क्योंकि बिटकॉइन,क्रिप्टो और ब्लॉकचेन भविष्य की तकनीक है और भारत सरकार का सही निर्णय इस क्षेत्र में भारतीयों को बहुत आगे ले जा सकता है और यह बात दुनिया के बड़े क्रिप्टो ब्रांड भी जानते हैं कि भारत में क्रिप्टो का भविष्य बहुत उज्वल है यही कारण है कि भारत में निवेश करने के लिए कई बड़े क्रिप्टो प्रोजेक्ट पहले से ही तैयार है।हाल ही में बाइनेंस ने IMAI की सदस्यता ली है जिसके पीछे उनका उदेश्य भारत सरकार को बिटकॉइन और क्रिप्टो के बारे में सही मागदर्शन करना है ताकि सरकार इस विषय पर सही निर्णय ले सकें।

किसी भी विषय को जानने के लिए सबसे जरुरी है उस विषय पर शिक्षा और ज्ञान होना और क्रिप्टो जैसे विषय पर सही जानकारी दे कर इस क्षेत्र में नए उद्योगपति उभरने की प्रबल संभावनाएं हैं।यह एक ऐसा समय है जब क्रिप्टो की दुनिया में अगर भारत और भारत वासियों को सही जानकारी,मार्गदर्शन,सहयोग और सही दिशा दे दी जाए तो डिजिटल भारत का पूरी दुनिया में नाम हो सकता है और भारतीयों को एक एक नई ओद्योगिक क्रांति में आगे बढ़ने का अवसर मिल सकता है।

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