क्या मंदी की गिरफ्त में आ गए हैं भारतीय शेयर बाजार?
निफ्टी सेंसेक्स अभी मंदी की गिरावट में नहीं आपको पोर्टफोलियो के स्टॉक भले हो सकते हैं. दरअसल, शेयरों में गिरावट के पीछे कोई एक वजह नहीं हैं.
- Harsh Chauhan
- Publish Date - March 30, 2022 / 05:35 PM IST
शेयर बाजार के निवेशकों के मन में इस वक्त सबसे बड़ा सवाल क्या है? यही कि क्या भारतीय शेयर बाजार मंदी की गिरफ्त में आ गए हैं? क्या विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली से बुल रन का दम फूलने लगा है? या बाजार की गिरावट केवल एक हेल्थी करेक्शन यानी अगली तेजी से पहले की मुनाफावसूली है. बाजार की तस्वीर आपको कैसी नजर आएगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप बाजार को किस तरफ से देख रहे हैं.
मसनल, अगर आपके पोर्टफोलियो में HDFC लाइफ इंश्योरेंस, हिंदुस्तान यूनीलीवर, ब्रिटेनिया, कोटक महिंद्रा बैंक जैसी दिग्गज कंपनियां है तो आपको बाजार मंदा नजर आ सकता है. क्योंकि ये सभी कंपनियां अपने उच्चतम स्तर से 20 फीसद से ज्यादा टूट चुकी हैं. मंदी की परिभाषा यही है, जो अपने हाई से 20 फीसद टूटा वो मंदी वाले भालूओं की चपेट में है. निफ्टी 50 की 13 कंपनियों का यही हाल है.
दिग्गजों को छोड़िए मिडकैप-स्मॉलकैप में तो हाल और बुरा है. बाजार की टॉप 500 कंपनियों में 62 फीसद कंपनियां ऐसी हैं जो 52 हफ्तों की ऊंचाई से 20 फीसद नीचे हैं. यह आंकड़े पढ़कर बाजार में मंदी दिखने लगी है तो ठहर जाइए और निफ्टी सेंसेक्स की गिरावट पर नजर डालिए.
शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से महज 7 फीसद नीचे हैं. जी हां, सिर्फ 7 फीसद… यहां भी गिरावट 15-16 फीसद की थी. 8 मार्च को 15671 का निचला स्तर छुआ था. लेकिन बाजार ने अच्छी वापसी दिखाई. सोमवार यानी 28 मार्च को निफ्टी 17222 के स्तर पर है. निफ्टी ने बीते साल अक्टूबर में 18604 का उच्चतम स्तर छुआ था यानी निफ्टी सेंसेक्स अभी मंदी की गिरावट में नहीं आपको पोर्टफोलियो के क्रिप्टो बाजार में मुनाफावसूली स्टॉक भले हो सकते हैं. दरअसल, शेयरों में गिरावट के पीछे कोई एक वजह नहीं हैं.
कुछ कंपनियों में कार्पोरेट गवर्नेंस की वजह से निवेशकों ने बिकवाली की है तो कुछ के महंगे वैल्युएशन उनपर भारी पड़े हैं. कमोडिटीज के बढ़े दाम, क्रूड ऑयल की महंगाई ने भी निवेशकों को कई कंपनियों से पैसा निकालने के लिए मजबूर किया है.. अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का सिलसिला शुरू होते ही विदेशी निवेशकों ने भी भारी बिकवाली की है. बीते 3 महीने में विदेशी निवेशकों ने बाजार से 1.11 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश निकाल चुके हैं.
अब समझिए सबसे जरूरी बात बियर मार्केट की गिरफ्त से ये कंपनियां बाहर कब आएंगी? बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि अगली तिमाही कंपनियों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगी. केआर चौकसी शेयर्स एंड सिक्योरिटीज के मैनेजिंग डायरेक्टर देवेन चौकसी बताते हैं. अभी तक कंपनियां पहले से कम कीमत पर खरीदे कच्चे माल का इस्तेमाल कर रहीं थी, लेकिन अब महंगे कच्चे माल को खरीदकर उत्पाद तैयार करने होंगे. इससे उनके प्रॉफिट मार्जिन प्रभावित होंगे. क्योंकि कंपनियां एक सीमा तक ही उत्पादों के दाम बढ़ाकर बढ़ी कीमतों को ग्राहकों तक पहुंचा सकती हैं. ऐसे में कंपनियों के लिए अप्रैल-जून तिमाही में चुनौती बढ़ जाएगी.
बड़ा सवाल फिर क्या करें निवेशक? बाजार में फिलहाल कोई साफ दिशा नहीं क्रिप्टो बाजार में मुनाफावसूली दिख रही. विशेषज्ञों की सलाह यही है कि फिलहाल नकदी पर बैठें. अच्छी कंपनियों में धीरे धीरे खरीदारी करने लगें. विदेशी निवेशकों के वापस लौटने और कंपनियों की मार्जिन सुधरने पर ही बाजार में नई तेजी की उम्मीद बनेगी.
Cryptocurrency Prices: बिटकॉइन का बुरा हाल, कार्डानो 9.60% गिरा, जानिए टॉप- 10 करेंसी कितनी करा रही कमाई?
हिन्दुस्तान 19-01-2022 लाइव हिन्दुस्तान
Top Cryptocurrency Prices Today: क्रिप्टोकरेंसी मार्केट फिलहाल निवेशकों को डरा रहा है। दुनिया का सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा डिजिटल टोकन बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin price) में आज फिर गिरावट देखी जा रही है। बिटकॉइन क्रिप्टो बाजार में मुनाफावसूली आज 1% कम होकर 41,678 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। बता दें कि नए साल की शुरुआत (साल-दर-साल या YTD) के बाद से बिटकॉइन लगभग 10% गिर गया है।
ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप $2 ट्रिलियन घट गया
CoinDesk के अनुसार, दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (एथेरियम ब्लॉकचैन से जुड़ा टोकन) 2 फीसदी गिरकर 3,104 डॉलर पर क्रिप्टो बाजार में मुनाफावसूली आ गया। दूसरी ओर, डॉगकॉइन की कीमत 1 प्रतिशत गिरकर $0.16 हो गई, जबकि शीबा इनु 3% से अधिक गिरकर $0.00028 हो गई। इसी तरह, Binance Coin 1.5% गिरकर $463 पर कारोबार कर रहा। वहीं, भारी मुनाफावसूली की वजह से कार्डानो में 6 फीसदी की गिरावट आई। पिछले दिन की तुलना में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप लगभग एक प्रतिशत कम होकर $2 ट्रिलियन हो गया। कुल क्रिप्टो बाजार की वॉल्यूम लगभग $77.46 बिलियन पर रही।
एक साल में दोगुना बढ़े भारत में क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडर्स, 40 बिलियन डॉलर्स का लगा है दांव
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार सरकार और आरबीआई के विरोध के बावजूद देश में क्रिप्टोकरेंसी ममें निवेश करने वालों की संख्या में क्रिप्टो बाजार में मुनाफावसूली लगातार इजाफा देखने को मिला है। जिनकी संख्या में 1.5 करोड़ हो गई है। इस संख्या में सबसे ज्यादा निवेशक 18 से 35 वर्ष के बीच के हैं।
बुधवार को बिटकॉइन के दाम लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गए क्रिप्टो बाजार में मुनाफावसूली हैं। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )
क्रिप्टोकरेंसी aficionados का मंत्र है कि बिटकॉइन डिजिटल सोने के बराबर है। वहीं Chainalysis के अनुसार, भारत में, जहां परिवारों के पास 25,000 टन से अधिक सोना है, वहीं क्रिप्टो में निवेश पिछले वर्ष के मुकाबले काफी बढ़ गया है। पिछले साल जहां लगभग 200 मिलियन डॉलर का निवेश था वो अब बढ़कर लगभग 40 बिलियन डॉलर हो गया है। यह हालात तब हैं जब देश का केंद्रीय बैंक कई बार नकारात्मक टिप्पणियां कर चुका है। अब सवाल यह है कि आखिर देशा में यूथ के बीच ट्रेडिशनल निवेश यानी गोल्ड इंवेस्टमेंट को छोड़ क्रिप्टोकरेंसी की ओर क्यों मुड़ रहा है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। 32 वर्षीय उद्यमी रिची सूद उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने सोने से क्रिप्टोकरंसी की ओर रुख किया। दिसंबर के बाद से उसने बिटकॉइन, डॉजेकोइन और ईथर में सिर्फ 13,400 डॉलर यानी 10 लाख रुपए का निेवेश किया। यह रुपया उन्होंने अपने पिता से उधार के रूप में लिया था। जब बिटकॉइन फरवरी में 50,000 डॉलर तक पहुंचा तो उन्होंने मुनाफावसूली की। हाल ही में हुई गिरावट के बाद उन्होंने फिर से बिटक्वाइन में निवेश कर लिया। मुनाफावसूली से हुई कमाई को उन्होंने अपने शिक्षा स्टार्टअप स्टडी मेट इंडिया में लगाया जिससे उनके कारोबार को विदेश में विस्तार करने में मदद मिली।
सूद ने कहा कि वो अपने रुपयों को गोल्ड की जगह क्रिप्टोकरंसी में लगाना पसंद करूंगी क्रिप्टो सोने या संपत्ति की तुलना में अधिक पारदर्शी है और कम समय में अधिक रिटर्न देता है। आपको बता दें कि रिची सूद उन 15 मिलियन यानी डेढ़ करोड़ भारतीयों में ऐसे हैं जो डिजिटल क्वाइन की खरीद फरोख्त कर रही है। भारत के पहले क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज के सह-संस्थापक का कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी का विकास 18 से 35 वर्ष के आयु के समूह से हो रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के नवीनतम आंकड़ों को देखें तो संकेत मिलता है कि 34 साल से कम उम्र के भारतीय वयस्कों में पुराने उपभोक्ताओं की तुलना में सोने की भूख कम है।
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जेब पे के को फाउंडर संदीप गोयनका के अनुसार उन्हें सोने की तुलना में क्रिप्टो में निवेश करना कहीं अधिक आसान लगता है क्योंकि यह प्रक्रिया बहुत सरल है। आप ऑनलाइन जाते हैं, आप क्रिप्टो खरीद सकते हैं, आपको इसे सोने की तरह सत्यापित करने की आवश्यकता नहीं है। कॉइनगेको के अनुसार, दैनिक व्यापार एक साल पहले के 10.6 मिलियन से बढ़कर 102 मिलियन डॉलर हो गया। Chainalysis के अनुसार, देश का 40 बिलियन डॉलर का बाजार चीन के 161 बिलियन डॉलर से काफी पीछे है।
कमोडिटी मार्केट के जानकार केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि मौजूदा समय में क्रिप्टोमार्केट काफी अनस्टेबल है। जहां 2019 के बाद से इसमें काफी तेजी दिखी जो इस साल 65 हजार डॉलर तक पहुंची। लेकिन फिर से इसमें गिरावट देखने को क्रिप्टो बाजार में मुनाफावसूली मिली है। वहीं दूसरी ओर गोल्ड में 2011 से 2017 तक गोल्ड स्टेबल ही था। उसके बाद उसमें तेजी देखने को मिली है। उनका कहना है बिटक्वाइन में अभी और गिरावट संभव है। जिसकी वजह से निवेशकों का रुख गोल्ड की ओर मुड़ेगा।
शेयर बाजार की तेजी पर लगा ब्रेक, 6 दिन बाद सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़के
RBI की शुक्रवार को जारी होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले बैंक और रियल्टी क्षेत्र के शेयर स्थिर रहे.
शेयर बाजार (Stock Markets) में पिछले छह दिन से जारी तेजी पर गुरुवार को विराम लग गया. बैंक और ऊर्जा शेयरों में मुनाफावसूली से BSE Sensex 51.73 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (MPC Meet) के नतीजे शुक्रवार को जारी होने वाले हैं. इससे पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया.
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 51.73 अंकों की गिरावट के साथ 58298.80 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 58712.66 का उच्च स्तर और 57577.05 का निचला स्तर छुआ.
NTPC 3% से ज्यादा टूटा
सेंसेक्स के शेयरों में एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, पावरग्रिड और कोटक महिंद्रा बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. एनटीपीसी का शेयर 3 प्रतिशत से ज्यादा टूटा. दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में सन फार्मा, नेस्ले इंडिया, इन्फोसिस, डॉ. रेड्डीज, विप्रो और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल हैं. सनफार्मा और नेस्ले इंडिया के शेयरों में 2 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आई.
Nifty50 का हाल
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 6.15 अंकों की गिरावट के साथ 17382 पर बंद हुआ. निफ्टी के सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट और तेजी का मिला जुला रुख देखने को मिला. फार्मा शेयरों में सबसे ज्यादा 2.37 प्रतिशत की तेजी आई. सिप्ला, नेस्ले इंडिया, सन फार्मा, इन्फोसिस, अपोलो हॉस्पिटल्स टॉप गेनर्स रहे. दूसरी ओर एनटीपीसी, टाटा कंज्यूमर, कोल इंडिया, श्री सीमेंट और एसबीआईरा टॉप लूजर्स रहे.
RBI की शुक्रवार को जारी होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले बैंक और रियल्टी क्षेत्र के शेयर स्थिर रहे. एशिया के अन्य बाजारों और यूरोपीय बाजारों में तेजी के साथ प्रमुख सूचकांकों को काफी हद तक नुकसान से उबरने में मदद मिली.
वैश्विक बाजारों की कैसी रही चाल
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा. अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त में क्रिप्टो बाजार में मुनाफावसूली रहे. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 765.17 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.
रुपया 17 पैसे कमजोर
निराशाजनक वृहत आर्थिक आंकड़ों और अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ने के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे कमजोर होकर 79.32 (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार क्रिप्टो बाजार में मुनाफावसूली में रुपया 79.21 के स्तर पर खुला. कारोबार के अंत में यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे की गिरावट के साथ 79.32 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बुधवार को रुपया 62 पैसे टूटकर 79.15 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. चालू वित्तवर्ष में यह एक दिन के कारोबार में रुपये में आई सर्वाधिक गिरावट थी.
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