सहारा समूह की कंपनी, सुब्रत रॉय के बैंक, डीमैट खातों को कुर्क करने का आदेश

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने ओएफसीडी जारी करने में नियामकीय मानकों के उल्लंघन के मामले में सहारा समूह की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय एवं अन्य अधिकारियों से 6.42 करोड़ रुपये की वसूली के लिए उनके बैंक एवं डीमैट खाते कुर्क करने का सोमवार को आदेश दिया।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने आदेश में कहा कि वैकल्पिक पूर्ण-परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने में सहारा समूह से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उनसे जुर्माना और ब्याज समेत सभी मदों में कुल 6.42 करोड़ रुपये की वसूली होनी है।

कुर्की का आदेश सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन ( अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव के खिलाफ दिया गया है।

सेबी ने अपने नोटिस में सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे इनमें से किसी के भी डीमैट खातों से निकासी की मंजूरी न दें। हालांकि, इन लोगों को अपने खातों में जमा करने की छूट होगी।

इसके अलावा सेबी ने सभी बैंकों को इन चूककर्ताओं के खातों के अलावा लॉकर को भी कुर्क करने को कहा है।

सेबी ने गत जून में जारी अपने आदेश में सहारा समूह की फर्म और उसके चार प्रमुख अधिकारियों पर कुल छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना सहारा की तरफ से 2008-09 में ओएफसीडी जारी कर निवेशकों से पैसे जुटाने के मामले में लगाया गया था। सेबी ने कहा कि यह डिबेंचर उसके नियामकीय मानकों का उल्लंघन करते हुए जारी किया गया था।

Demat Account safety | अपने डीमैट खाते को रखें सुरक्षित, जानें सिक्युरिटी के महत्वपूर्ण टिप्स

Demat Account safety

Demat Account safety | डीमैट अकाउंट बाजार में निवेश के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है। ऐसे में इसकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करने की जरूरत है। एसबीआई सिक्योरिटीज ने आपके डीमैट अकाउंट की सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। इन निर्देशों को लागू करने से आपके साथ कोई धोखाधड़ी नहीं होगी।

डीमैट अकाउंट को सुरक्षित रखने के टिप्स

* अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स यानी अपना यूजरनेम, पासवर्ड और अन्य सुरक्षा प्रश्न और उत्तर निजी रखें। इसे किसी के साथ साझा न करें।
* सुनिश्चित करें कि आपका ई-मेल पता और मोबाइल नंबर डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ नियमित रूप से अद्यतन किया गया है।
* अपने डीमैट अकाउंट पर एसएमएस और ई-मेल अपडेट के लिए रजिस्टर करें और नोटिफिकेशंस पर नजर रखें। यदि कोई संदिग्ध लेनदेन देखा जाता है, तो अलर्ट और अपडेट के माध्यम से तुरंत आपके ध्यान में एसएमएस लाया जाएगा। एक्सचेंज किसी भी संभावित धोखाधड़ी से बचने के लिए निवेशकों को सीधे एसएमएस अपडेट भी भेजते हैं। एक डीमैट खाता क्या है
* समय-समय पर अपने होल्डिंग स्टेटमेंट की जांच करें। अपने ट्रेडिंग खाते में कोई अतिरिक्त नकदी न रखें। यह सलाह दी जाती है कि हर बार जब आप खरीदारी करने की योजना बनाते हैं तो अपने बचत खाते से हस्तांतरण करें।
* यदि आपको अपने डीमैट खाते में कोई संदिग्ध चीजें मिलती हैं तो तुरंत अपने खाते को फ्रीज करें और इसे संबंधित अधिकारियों के ध्यान में लाएं। अपने खाते को फ्रीज करके, आप तुरंत आगे अनधिकृत लेनदेन को रोक सकते हैं। डीमैट खातों में शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखे जाते हैं। इसके जरिए आप अपनी मेहनत की कमाई को शेयर बाजार या प्रतिभूतियों में निवेश कर अच्छा रिटर्न पाने के लिए निवेश करते हैं। ऐसे में आप उपरोक्त उपायों को अपनाकर अपने डीमैट अकाउंट की सुरक्षा का ध्यान रख सकते हैं।

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शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप एक डीमैट खाता क्या है डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।

ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।

अन्य सुविधाओं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं। कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं जो आपको सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है। ऐसे में जान लें आपका ब्रोकरेज हाउस आपको क्या-क्या सुविधा देगा। यदि आप उन निवेशकों में से हैं जिनके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय नहीं है तो आप ऐसे ब्रोकेज हाउस का चयन कर सकते हैं जिसका मार्केट ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप हो।

डीमैट और ट्रेडिंग खाते की सुविधा
इक्विटी और डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में लगातार एक्टिविटी होती रहती है। क्योंकि एक सेकंड की देरी भी फायदा और नुकसान के बीच अंतर को ज्यादा या कम कर सकती है। आपके लिए यह सबसे अच्छा है यदि आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं। जिससे आप दो अलग-अलग ब्रोकरों के होने पर लेनदेन में देरी से बच सकें। ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है।

डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं।

पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।

कनेक्टिविटी का रखें ध्यान
आप कारोबार के लिए एक डीमैट खाता क्या है फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है। हालांकि अब ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं।

सहारा समूह के साथ ही सुब्रत रॉय के बैंक और डीमैट खाते होंगे कुर्क, सेबी ने दिया आदेश

नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने ओएफसीडी जारी करने में नियामकीय मानकों के उल्लंघन के मामले में सहारा समूह की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय एवं अन्य अधिकारियों से 6.42 करोड़ रुपये की वसूली के लिए उनके बैंक एवं डीमैट खाते कुर्क करने का सोमवार को आदेश दिया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने आदेश में कहा कि वैकल्पिक पूर्ण-परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने में सहारा समूह से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उनसे जुर्माना और ब्याज समेत सभी मदों में कुल 6.42 करोड़ रुपये की वसूली होनी है।

कुर्की का आदेश सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन ( अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव के खिलाफ दिया गया है।

सेबी ने अपने नोटिस में सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे इनमें से किसी के भी डीमैट खातों से निकासी की मंजूरी न दें। हालांकि, इन लोगों को अपने खातों में जमा करने की छूट होगी।

इसके अलावा सेबी ने सभी बैंकों को इन चूककर्ताओं के खातों के अलावा लॉकर को भी कुर्क करने को कहा है।

सेबी ने गत जून में जारी अपने आदेश में सहारा समूह की फर्म और उसके चार प्रमुख अधिकारियों पर कुल छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना सहारा की तरफ से 2008-09 में ओएफसीडी जारी कर निवेशकों से पैसे जुटाने के मामले में लगाया गया था। सेबी ने कहा कि यह डिबेंचर उसके नियामकीय मानकों का उल्लंघन करते हुए जारी किया गया था।

sahara:सहारा समूह के साथ ही सुब्रत रॉय के बैंक और डीमैट खाते होंगे कुर्क, सेबी ने दिया आदेश

sahara:सहारा समूह के साथ ही सुब्रत रॉय के बैंक और डीमैट खाते होंगे कुर्क, सेबी ने दिया आदेश

sahara:सहारा समूह के साथ ही सुब्रत रॉय के बैंक और डीमैट खाते होंगे कुर्क, सेबी ने दिया आदेश

sahara: बाजार नियामक सेबी ने ओएफसीडी जारी करने में नियामकीय मानकों के उल्लंघन के मामले में

सहारा समूह की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय एवं अन्य अधिकारियों से 6.42 करोड़ रुपये की

वसूली के लिए उनके बैंक एवं डीमैट खाते कुर्क करने का आदेश दिया.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने आदेश में कहा कि

वैकल्पिक पूर्ण-परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने में सहारा समूह से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ कुर्की की

प्रक्रिया शुरू की जा रही है. उनसे जुर्माना और ब्याज समेत सभी मदों में कुल 6.42 करोड़ रुपये की वसूली होनी है.

कुर्की का आदेश सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय,

अशोक रॉय चौधरी, रविशंकर दुबे और वंदना भार्गव के खिलाफ दिया गया है.

सेबी ने अपने नोटिस में सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड इकाइयों को निर्देश दिया है

कि वे इनमें से किसी के भी डीमैट खातों से निकासी की मंजूरी न दें.

हालांकि, इन लोगों को अपने खातों में जमा करने की छूट होगी.

इसके अलावा सेबी ने सभी बैंकों को इन चूककर्ताओं के खातों के अलावा लॉकर को भी कुर्क करने को कहा है.

सेबी ने गत जून में जारी अपने आदेश में सहारा (sahara) समूह की फर्म और उसके चार

प्रमुख अधिकारियों पर कुल छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. यह जुर्माना सहारा की तरफ से

2008-09 में ओएफसीडी जारी कर निवेशकों से पैसे जुटाने के मामले में लगाया गया था.

सेबी ने कहा कि यह डिबेंचर उसके नियामकीय मानकों का उल्लंघन करते हुए जारी किया गया था.

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