पूंजी निवेश में गिरावट के बीच क्विक कॉमर्स क्षेत्र में उम्मीद कायम

वैश्विक मंदी के डर से पूंजी निवेश में आई गिरावट ने लगभग सभी स्टार्टअप कंपनियों को प्रभावित किया है, लेकिन हैरानी की बात है कि क्विक कॉमर्स खंड इसका अपवाद रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा असर दिखने की आशंका जताई जा रही थी। यह खंड न केवल अपना वजूद बचाने में कामयाब रहा, बल्कि इसने विकास भी किया।

बाजार पर नजर रखने वाले प्लेटफॉर्म ट्रैकजन के आंकड़ों के मुताबिक इस खंड में निवेशकों की रुचि कायम रखी है। फर्मों ने जनवरी से नवंबर के बीच तीन सौदों में 1.1 अरब डॉलर जुटाए। यह राशि पिछले साल के चार सौदों से जुटाई गई 1.3 अरब डॉलर की राशि से काफी अलग नहीं है।

परिचालन के मोर्चे पर सकल ऑर्डर मूल्य में तीव्र वृद्धि हुई है। इस खंड में एकमात्र सूचीबद्ध कंपनी जोमैटो की दूसरी तिमाही (वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही) के परिणामों के अनुसार इसकी क्विक कॉमर्स शाखा ब्लिंकइट, जिसका इसने जून में अधिग्रहण किया था, ने सकल ऑर्डर मूल्य में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया और दूसरी तिमाही में बढ़कर 1,482 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही आधार पर राजस्व में 44 प्रतिशत की उछाल आई, पहली बार शेयर बाजार में निवेश जबकि क्विक कॉमर्स क्षेत्र में समायोजित एबिटा घाटा पहली तिमाही के 326 करोड़ रुपये से घटकर 259 करोड़ रुपये हो गया।

जेफरीज की एक हालिया रिपोर्ट के पहली बार शेयर बाजार में निवेश अनुसार ब्लिंकइट की प्रतिस्पर्धी इंस्टामार्ट का सकल मर्केंडाइज मूल्य (जीएमवी) वर्ष 2022 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 15 गुना बढ़कर 25.7 करोड़ डॉलर हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लिंकइट ने भी 27 करोड़ डॉलर के जीएमवी के साथ प्रभावशाली गति से विकास किया है।

अल्टेरिया कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर विनोद मुरली ने कहा कि क्विक कॉमर्स एक आकर्षक बाजार है, लेकिन परिचालन बढ़ाने से पहले कारोबारों को साबित करना चाहिए कि यह प्रारूप शहर के स्तर पर लाभदायक है। मुरली ने कहा कि राजस्व की संभावना वाला बाजार बहुत बड़ा है और इसमें निवेशकों की बहुत रुचि है। लेकिन इस समय निश्चित रूप से दक्षता पैदा करने और पूंजी व्यय कम करने का दृष्टिकोण है।

डेलॉयट के साझेदार आनंद रामनाथन ने कहा कि इस क्षेत्र में तीन महत्त्वपूर्ण कारक हैं – सही सूक्ष्म बाजार का चयन, सही वर्ग का चयन और सुव्यवस्थित लॉजिस्टिक्स। उन्होंने कहा कि क्विक कॉमर्स फर्मां को इसे समझने और उन्हें आपूर्ति करने के लिए पेशकशों को पूरा करने की खातिर समय चाहिए।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य

दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके क्या फायदे है? यह कैसे काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) क्या है ?

एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इतिहास

1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य

एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।

  1. सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करना |
  2. सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
  3. शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
  4. ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
  5. प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य

दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।

अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट पहली बार शेयर बाजार में निवेश आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।

जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची पहली बार शेयर बाजार में निवेश से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।

जब निवेशक का आर्डर एक्सचेंज मार्किट में पूरा हो जाता है तो निवेशक के डीमैट अकाउंट में खरीद आर्डर या बेच आर्डर में स्वतः ही देखने लगता है। इस तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों के शेयर के लेन देन को पारदर्शी बनता है। डीमैट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के द्वारा ओपन किया जा सकता है जो ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है। जो ट्रेडिंग सिस्टम में ऑर्डर देते हैं। एनएसई द्वारा घोषित छुट्टियों को छोड़कर, एक्सचेंज मार्केट सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक उपलब्ध रहता है।

दोस्तों, हमने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के बारें में विस्तार से समझा। अब आप समझ गए है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज स्थापना प्रतिभूति बाज़ार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाने के लिए किया गया, जिससे सभी निवेशक विश्वास के साथ प्रतिभूति बाज़ार में निवेश कर सके। अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सोच रहे है और आपको शेयर बाज़ार के बारें में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप सेबी से पंजीकृत निवेश सलाहकार की सहायता ले सकते है यह आपको सही शेयर खरीदने में सहायता करेगा।

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Share Market Update: उछाल के साथ खुला शेयर बाजार, Sensex पहली बार 52000 के पार

Share Market Update: उछाल के साथ खुला शेयर बाजार, Sensex पहली बार 52000 के पार

मुंबई Share Market Update। बीते कई दिनों से उछाल मार रहा शेयर बाजार आज फिर तेजी के साथ खुला और सेंसेक्स ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। आज हफ्ते में पहले कारोबारी दिन में शेयर मार्केट में उछाल के साथ शुरुआता हुई और सुबह 09:17 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 441.43 अंकों की तेजी के साथ 51,985.पहली बार शेयर बाजार में निवेश 73 के स्तर पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 121.80 अंक की उछाल के साथ 15,285.10 के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। शेयर मार्केट ने आज इतिहास में पहली बार 52000 के अंक को पार किया। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ बाजार बंद हुआ था। BSE का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 12.78 अंक उछलकर 51,544.30 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं NSE का निफ्टी 10.00 अंक टूटकर 15,163.30 के स्तर पर बंद हुआ। सुबह 09:23 बजे सेंसेक्स 470.06 अंक बढ़कर 52,014.36 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।

बैंकिंग सेक्टर में दिख रही अच्छी बढ़त

शेयर बाजार में आज सेक्टोरियल इंडेक्स में सभी सेक्टर्स की शुरुआत बढ़त के साथ हुई है। इसमें भी मीडिया, पीएसयू बैंक, रियल्टी, बैंक, फार्मा, फाइनेंस सर्विसेज, ऑटो, एफएमसीजी, मेटल, आईटी और प्राइवेट बैंक आदि सेक्टर के पहली बार शेयर बाजार में निवेश शेयरों में तेजी देखने को मिली है। इसके अलावा केंद्र सरकार के बजट के बाद से भी शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।

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बीच के कुछ दिन को छोड़ दें तो शेयर बाजार में जबरदस्त उत्साह है और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) फरवरी में अब तक भारतीय बाजारों में 22,038 करोड़ रुपए का शुद्ध पूंजी निवेश कर चुके हैं। आज के कारोबार को देखें तो बैंकिंग शेयरों में तेजी नजर आ रही है। सबसे ज्यादा इंडसएंड बैंक में 3 प्रतिशत की तेजी दिखी। वहीं कोटक बैंक, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक भी हरे निशान पर कारोबार करते दिखे हैं।

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Nikkei 30 साल बाद 30,000 के ऊपर

वहीं जापान का शेयर बाजार Nikkei सोमवार को 30 वर्षों के बाद पहली बार 30,000 के लेवल के पार गया है। जापानी शेयरों में इस साल COVID-19 महामारी के बाद निवेशकों का रुझान बढ़ा है। गौरतलब है कि साल 1989 के अंत में बाजार अब तक के सर्वोच्च स्तर 38,957 पर चला गया था। तब से Nikkei के शेयरों में लगातार गिरावट ही देखने को मिली है, Nikkei ने आखिरी बार 3 अगस्त 1990 को 30,000 के ऊपर कारोबार किया था।

भारत में कैसे हुआ Online Share Market का 'जन्म'? यहां पढ़िए पूरी कहानी

History of Online Stock Market in Hindi: अगर आप शेयर बाजार में शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको Online Share Market History in Hindi के बारे में जानकारी होनी चाहिए। जब तक आप शेयर मार्केट का इतिहास नहीं जान लेते तब तक आप शेयर बाजार में निवेश करने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं।

History of Online Stock Market in Hindi: भारत में फाइनेंसियल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और इसके बहुत जल्द इंटरनेशनल एरिया में लीडर के रूप में उभरने की उम्मीद है। फाइनेंसियल मार्केट में यह उछाल भारतीय शेयर मार्केट के ग्रोथ को प्रोत्साहित कर रहा है जिससे निवेशकों को शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

भारत के शेयर बाजार का इतिहास (History of Indian Share Market) 1875 का है। भारत में पहले शेयर ट्रेडिंग एसोसिएशन का नाम 'नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन' (Native Share and Stock Broker's Association) था, जिसे बाद में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के रूप में जाना जाने लगा। इस एसोसिएशन की शुरुआत 318 सदस्यों के साथ हुई थी। आज भारत देश के विभिन्न हिस्सों में 24 शेयर बाजारों और कई वित्तीय मध्यस्थों का दावा कर सकता है जिनमें बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कॉर्पोरेशन, इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड आदि शामिल हैं।

भारत के शेयर बाजार के बारे में

भारतीय शेयर बाजार (Capital Market) को दो खंडों में बांटा गया है-

  • प्राइमरी मार्केट
  • सेकेंडरी मार्केट

प्राइमरी पहली बार शेयर बाजार में निवेश मार्केट वह मार्केट है जहां जनता को नई सिक्योरिटीज (जैसे शेयर, डिबेंचर, सरकारी बांड, सीडी, सीपी आदि) जारी की जाती हैं।

निवेशक शेयरों के जारीकर्ता यानी कंपनी से सीधे नए शेयर खरीदने के लिए कंपनियों के IPO की सदस्यता ले सकते हैं। कंपनी इन शेयरों की बिक्री से आय प्राप्त करती है और इसका उपयोग अपने संचालन को फंड देने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए करती है। प्राइमरी मार्केट को न्यू इश्यू मार्केट के नाम से भी जाना जाता है।

वहीं, सेकेंडरी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में ट्रेड होता है। एक बार शेयरों की प्रारंभिक बिक्री हो जाने के पहली बार शेयर बाजार में निवेश पहली बार शेयर बाजार में निवेश बाद, कंपनियों के शेयरों की खरीद और बिक्री उन व्यापारियों और निवेशकों के बीच की जा सकती है जो शेयर खरीदना चाहते हैं और वे शेयरधारक जो अपने शेयर बेचना चाहते हैं। ये ऑपरेशन सेकेंडरी मार्केट में किए जाते हैं। एक नए जारी किए गए IPO को प्राइमरी मार्केट ट्रेड माना पहली बार शेयर बाजार में निवेश जाएगा जब शेयर पहली बार निवेशकों द्वारा सीधे हामीदारी निवेश बैंक से खरीदे जाते हैं, उसके बाद कारोबार किया गया कोई भी शेयर निवेशकों के बीच सेकेंडरी मार्केट में होगा।

प्राइमरी मार्किट में शेयर की कीमतें मर्चेंट बैंकरों द्वारा मूल्यांकन पद्धतियों का उपयोग करके निर्धारित की जाती हैं, जबकि सेकेंडरी मार्केट में पहली बार शेयर बाजार में निवेश शेयर की कीमतें आपूर्ति और मांग की बाजार शक्तियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं। भारत के शेयर बाजार को सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। SEBI का प्राथमिक उद्देश्य शेयर बाजार के स्वस्थ और व्यवस्थित विकास को बढ़ावा देना और निवेशक सुरक्षा को सुरक्षित करना है। SEBI विदेशी निवेशकों और व्यापारियों द्वारा किए गए शेयर लेनदेन को भी कंट्रोल करता है और शेयर मार्केट में कदाचार के खिलाफ भी जांच करता है।

भारत में शेयर बाजार का दायरा पिछले कुछ वर्षों में काफी व्यापक हो गया है, इसके लिए कई तरह के प्रोडक्ट और सर्विस को लॉन्च किया गया है। शेयर मार्किट स्वभाव से अत्यंत अस्थिर होते हैं और इसलिए जोखिम कारक बिचौलियों के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। इस जोखिम को कम करने के लिए डेरिवेटिव की अवधारणा सामने आती है। Derivatives ऐसे प्रोडक्ट हैं जिनकी वैल्यू एक या अधिक अंडरलाइंग एसेट से प्राप्त होती हैं। ये एसेट्स फॉरेन करेंसी, इक्विटी आदि हो सकती हैं। भारत में डेरिवेटिव मार्किट भी डेरिवेटिव का उपयोग करने वाले बाजार सहभागियों की बढ़ती संख्या के साथ अत्यधिक विस्तार कर रहा है।

नए निवेशकों के लिए बेहतर है 'निफ्टी 50 ईटीएफ', शेयर बाजार में पहली बार निवेश की पूरी जानकारी

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बिज़नेस न्यूज डेस्क - यदि आप इक्विटी में नए हैं और शेयरों के साथ सीधे निवेश शुरू करना चाहते हैं, तो सही स्टॉक निवेश निर्णय लेना आसान नहीं है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाओं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) आता है। ईटीएफ एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है। यह स्टॉक की तरह एक्सचेंजों पर कारोबार करता है, लेकिन म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा पेश किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की इकाइयां खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में, निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए शुरुआती बिंदुओं में से एक है।

निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण के हिसाब से सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और क्षेत्रों में बहुत विविधीकरण प्रदान करता है। एक विविध पोर्टफोलियो निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है, जो शेयरों में निवेश के मामले में नहीं है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं। आप चाहें तो इसमें SIP के जरिए भी निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी करने में सक्षम होंगे और इससे निवेश की लागत का औसत निकल जाएगा। यदि आप एक निवेशक हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार की क्षमता में विश्वास करते हैं, तो निफ्टी 50 ईटीएफ निवेश के लिए एक बेहतर विचार है। आपके निवेश पर इसकी सबसे कम लागत या शुल्क है।

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