बेलवे होम्स कंपनी फोटो / बेलवे

Bengal SSC Scam: बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी पर महिला ने फेंकी चप्पल

मीडिया से बातचीत में अपना गुस्सा जाहिर करते हुए महिला ने कहा कि नेता लोग जनता का पैसा लूट रहे हैं। बंगाल सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी पर शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोप लगे हैं

बंगाल के चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी ममता बनर्जी सरकार के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) पर एक महिला ने कोलकाता में चप्पल फेंक दी। महिला ने मंगलवार को 'कैश किंग' पार्थ चटर्जी के ऊपर चप्पल फेंकी। तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता पार्थ चटर्जी पर उस समय चप्पल फेंकी गई, जब उन्हें मेडिकल के लिए कोलकाता के ESI अस्पताल में लाया गया था। महिला यहां अपने परिजन का इलाज करवा रही है।

पार्थ चटर्जी पर चप्पल फेंकने वाली महिला बेहद आक्रोश में थी। मीडिया से बातचीत में अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा महिला ने कहा कि नेता लोग जनता का पैसा लूट रहे हैं. । बता दें कि बंगाल सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी पर शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोप लगे हैं। पार्थ को आज ईएसआई अस्पताल में चेकअप के लिए लाया गया था, इसी दौरान महिला उनपर चप्पल फेंक दी।

महिला ने कहा कि मैं गुस्से में थी और इसलिए मैंने पार्थ पर चप्पल फेंकी। उसने कहा कि मैं अब बिना चप्पल के घर वापस चलूंगी, लेकिन मैं खुश विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर हूं। मैंने वही किया जो अच्छा लगा। ऐसे भ्रष्ट लोग कितने लोगों का जीवन बर्बाद करते हैं, गरीबों के जीवन का कोई मूल्य नहीं क्या है?

मनी लॉन्ड्रिंग केस विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर में रॉबर्ट वाड्रा को झटका, जानिए क्या है मनी लॉन्ड्रिंग? कितनी होती है सजा?

रॉबर्ट वाड्रा. (फाइल फोटो)

वाड्रा ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी के कब्जे में लिए गए दस्तावेजों की एक कॉपी उन्ह . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 25, 2019, 13:04 IST

रॉबर्ट वाड्रा इस समय जबर्दस्त सुर्खियों में हैं. इसके दो कारण है पहला उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है और दूसरा उनके राजनीति में उतरने की हलचल तेज हो गई है. पिछले दिनों यूपी के मुरादाबाद में राबर्ट वाड्रा के पोस्टर लगाए गए हैं. जिसमें उन्हें मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अपील की गई है. इधर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को ईडी की पूछताछ में शामिल होने का आदेश दिया है. हालांकि, कोर्ट ने ED से भी कहा है कि वह रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी टीम को 5 दिन के अंदर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सभी दस्तावेज सौंपे. ऐसे में हम आपको बता रहे है कि कैसे कोई मनी लॉन्ड्रिंग करता है और ऐसे मामलों में क्या सजा होती है.

मनी लॉन्ड्रिंग क्या है?
अमेरिका के माफिया ग्रुप्स के चलते यह शब्द पहली बार सामने आया था. अलग-अलग तरीकों से काले धन को वैध बनाना मनी लॉन्ड्रिंग कहलाता है. इसमें आपराधिक या नियमों का उल्लंघन कर जुटाए पैसों को वैध बनाकर दिखाया जाता है. भ्रष्टाचार, बैंक खातों और वित्तीय दस्तावेजों में अनियमितता, अवैध सौदेबाजी (संपत्ति या किसी अन्य स्रोत) से मिला धन शामिल किया जाता है. 1990 में हवाला कारोबार के रूप में यह सबसे पहले भारत में सामने आया था.

मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए क्या कानून है?
भारत में मनी-लॉन्ड्रिंग निरोध अधिनियम, 2002 (Prevention of Money Laundering Act, 2002) 1 जुलाई 2005 को प्रभाव में आया था. इसमें 3 बार संशोधन (2005, 2009 और 2012) किया जा चुका है. इसके बाद से ही अवैध लेनदेन को इस कानून के दायरे में लाया गया. मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए ही सरकार को वित्तीय लेनदेन की पूरी जानकारी देनी होती है और इसी के तहत व्यक्ति को केवाईसी डिटेल भरनी होती हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग में सजा विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर का प्रावधान?
ये केस पर निर्भर करता है. मनी लॉन्ड्रिंग में अवैध वित्तीय लेनदेन को शामिल किया गया है, लेकिन अगर कोई विदेश में अवैध संपत्ति जुटाने या विदेशी मुद्रा में लेनदेन का मामला होगा, तो इसे फेमा का उल्लंघन भी माना जाएगा. उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति भारत में रहकर विदेश में खरीदी गई अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं देता है, या फिर भारतीय या विदेशी मुद्रा का उपयोग बिना बताए लेनदेन या संपत्ति बनाने के लिए करता है, तो उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के साथ फेमा उल्लंघन का मामला भी बनेगा. इसी तरह जब किसी बड़े मकान, दुकान या मॉल को खरीदकर कागजों पर उसकी कीमत कम दिखाई जाती है, तो यह मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कम टैक्स देना पड़े. इस तरह की टैक्स चोरी से काला धन जुटाया जाता विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर है. इस तरह के मामलों में 10 साल की सजा से लेकर संपत्ति जब्त करने तक की कार्रवाई हो सकती है.

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मनी लॉन्ड्रिंग केस में रॉबर्ट वाड्रा को झटका, जानिए क्या है मनी लॉन्ड्रिंग? कितनी होती है सजा?

रॉबर्ट वाड्रा. (फाइल फोटो)

वाड्रा ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी के कब्जे में लिए गए दस्तावेजों की एक कॉपी उन्ह . अधिक पढ़ें

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रॉबर्ट वाड्रा इस समय जबर्दस्त सुर्खियों में हैं. इसके दो कारण है पहला उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है और दूसरा उनके राजनीति में उतरने की हलचल तेज हो गई है. पिछले दिनों यूपी के मुरादाबाद में राबर्ट वाड्रा के पोस्टर लगाए गए हैं. जिसमें उन्हें मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अपील की गई है. इधर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को ईडी की पूछताछ में शामिल होने का आदेश दिया है. हालांकि, कोर्ट ने ED से भी कहा है कि वह रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी टीम को 5 दिन के अंदर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सभी दस्तावेज सौंपे. ऐसे में हम आपको बता रहे है कि कैसे कोई मनी लॉन्ड्रिंग करता है और ऐसे मामलों में क्या सजा होती है.

मनी लॉन्ड्रिंग क्या है?
अमेरिका के माफिया ग्रुप्स के चलते यह शब्द पहली बार सामने आया था. अलग-अलग तरीकों से काले धन को वैध बनाना मनी लॉन्ड्रिंग कहलाता है. इसमें आपराधिक या नियमों का उल्लंघन कर जुटाए पैसों को वैध बनाकर दिखाया जाता है. भ्रष्टाचार, बैंक खातों और वित्तीय दस्तावेजों में अनियमितता, अवैध सौदेबाजी (संपत्ति या किसी अन्य स्रोत) से मिला धन शामिल किया जाता है. 1990 में हवाला कारोबार के रूप में यह सबसे पहले भारत में सामने आया था.

मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए क्या कानून है?
भारत में मनी-लॉन्ड्रिंग निरोध अधिनियम, 2002 (Prevention of Money Laundering Act, 2002) 1 जुलाई 2005 को प्रभाव में आया था. इसमें 3 बार संशोधन (2005, 2009 और 2012) किया जा चुका है. इसके बाद से ही अवैध लेनदेन को इस कानून के दायरे में लाया गया. मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए ही सरकार को वित्तीय लेनदेन की पूरी जानकारी देनी होती है और इसी के तहत व्यक्ति को केवाईसी डिटेल भरनी होती हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग में सजा का प्रावधान?
ये केस पर निर्भर करता है. मनी लॉन्ड्रिंग में अवैध वित्तीय लेनदेन को शामिल किया गया है, लेकिन अगर कोई विदेश में अवैध संपत्ति जुटाने या विदेशी मुद्रा में लेनदेन का मामला होगा, तो इसे फेमा का उल्लंघन भी माना जाएगा. उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति भारत में रहकर विदेश में खरीदी गई अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं देता है, या फिर भारतीय या विदेशी मुद्रा का उपयोग बिना बताए लेनदेन या संपत्ति बनाने के लिए करता है, तो उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के साथ फेमा उल्लंघन का मामला भी बनेगा. इसी तरह जब किसी बड़े मकान, दुकान या मॉल को खरीदकर कागजों पर उसकी कीमत कम दिखाई जाती है, तो यह मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कम टैक्स देना पड़े. इस तरह की टैक्स चोरी से काला धन जुटाया जाता है. इस तरह के मामलों में 10 साल की सजा से लेकर संपत्ति जब्त करने तक की कार्रवाई हो सकती है.

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Broker टिप्स: कम्पास, थारिसा, सेविल्स, पर्सिमोन, वाटकिन जोन्स, बेलवे

डीएल बेलवे होम्स हाउस हाउस बिल्डर हाउसबिल्डर डेवलपमेंट आवासीय एफटीएसई 250 मिनट

बेलवे होम्स कंपनी फोटो / बेलवे

विश्लेषकों का कहना है आरबीसी कैपिटल मार्केट्स अनुबंधित खाद्य सेवा कंपनी पर अपना लक्ष्य मूल्य बढ़ाया कम्पास समूह समूह की पूरे साल की कमाई जारी होने के बाद सोमवार को 1,575.0p से 1,625.0p तक।

आरबीसी कैपिटल मार्केट्स ने कहा कि कम्पास के हालिया पूरे साल के नतीजे बताते हैं कि समूह ने "सकारात्मक जैविक विकास गति" पर कब्जा कर लिया था, लेकिन यह भी ध्यान दिया कि मार्जिन, हालिया बायबैक और विदेशी मुद्रा आंदोलनों पर इसी नए व्यापार के साथ आया था।

कनाडाई बैंक ने यह भी कहा कि कम्पास "एक बहुत अच्छी तरह से प्रबंधित व्यवसाय" था जो बाजार में हिस्सेदारी ले रहा था और बढ़ी हुई आउटसोर्सिंग से लाभान्वित हो रहा था, जो कि पूर्व-कोविद 19 स्तरों पर अंतिम पूर्ण मार्जिन वसूली की दिशा में एक विश्वसनीय मार्ग था।

"हालांकि, हम प्रासंगिक समकक्षों के सापेक्ष मूल्यांकन को देखते हैं। व्यापार सेवा क्षेत्र (और व्यापक बाजार) के अन्य उप-क्षेत्रों के विपरीत, आम सहमति यकीनन अगले कुछ वित्तीय वर्षों में लगभग कोई मंदी का दबाव नहीं मानती है, स्पष्ट रूप से गिरावट के बावजूद कुछ सबसे विश्वसनीय आर्थिक संकेतक," आरबीसी ने कहा।

"हम अपने कवरेज के तहत कहीं और अधिक लचीला, अधिक आकर्षक कीमत वाले विकल्प देखते हैं और मानते हैं कि सोडेक्सो खानपान/बहु-सेवा खंड के लिए बेहतर मूल्य, अधिक रक्षात्मक जोखिम का प्रतिनिधित्व करता है।"

विश्लेषकों का कहना है Berenberg एकीकृत संसाधन समूह पर अपने लक्षित मूल्य को बढ़ा दिया थरिसा सोमवार को 240.0p से 260.0p तक समूह की पूर्ण-वर्ष की अंतर्निहित कमाई उम्मीदों को मात देने के बाद।

बेरेनबर्ग ने कहा कि थारिसा का $686.0m का राजस्व "एक स्पर्श प्रकाश" बनाम $729.0m अनुमान में आया, मुख्य रूप से एक प्लैटिनम समूह धातु प्रभाव के कारण।

हालांकि, विश्लेषकों ने कहा कि कम लागत, विशेष रूप से वस्तुओं की कम लागत और कम खनन लागत के रूप में, समूह के लिए EBITDA को हरा देने में मदद की - $236.0m बनाम उनके $230.0m अनुमान पर आ रहा है। वर्ष के लिए प्रति शेयर आय $0.54 पर मार्गदर्शन और अपेक्षाओं के अनुरूप थी।

जर्मन बैंक ने कहा कि थारिसा के कैश फ्लो स्टेटमेंट से पता चलता है कि उसने अपने $174.0m अनुमान से कम $192.0m के संचालन से नकदी उत्पन्न की थी, मुख्य रूप से कार्यशील पूंजी समायोजन के कारण, जबकि $105.0m का कैपेक्स अपने $132.0m अनुमान से कम था, जिससे कम नकदी की भरपाई हुई संचालन।

"हम अपने मॉडल को पूरे साल के परिणामों के लिए समायोजित करते हैं और हमारे 2023 अनुमानों में कुछ समायोजन करते हैं, मुख्य रूप से कम लागत को प्रतिबिंबित करने के लिए जो हम खदान में उम्मीद करते हैं। यह हमारे 2023E और अनुमानों से परे वृद्धि का परिणाम है," बेरेनबर्ग ने कहा, जो खड़ा था स्टॉक पर इसकी 'खरीद' रेटिंग से।

पील हंट डाउनग्रेड Savills सोमवार को 'खरीद' से 'जोड़' करने के लिए क्योंकि यह "कठिन समय" की ओर इशारा करता है।

RSI broker ने कहा कि यह Savills के लिए पूर्वानुमानों में कटौती कर रहा है, इसके पूरे वर्ष 2022 के पूर्व-कर मुनाफे का अनुमान 11% और FY23/24 का अनुमान क्रमशः 18% और 15% कम है।

पील हंट ने कहा कि लेन-देन गतिविधि दबाव में थी, विशेष रूप से वाणिज्यिक बाजारों में, क्योंकि प्रतिफल और मूल्य परिवर्तित ब्याज दर अपेक्षाओं के अनुकूल होते हैं।

RSI broker कहा कि लंबी अवधि की संभावनाएं अपरिवर्तित थीं क्योंकि यह कहा गया था कि संपत्ति बाजार की गतिविधि अगले कुछ वर्षों में सामान्य हो जाएगी, जिससे Savills को अपने दीर्घकालिक विकास ट्रैक रिकॉर्ड को फिर से शुरू करने की अनुमति मिलेगी।

"हम मानते हैं कि Savills एक उच्च गुणवत्ता वाला व्यवसाय है जिसे आकर्षक दीर्घकालिक विकास प्रदान करना चाहिए," यह कहा। "हालांकि, बाजार की मौजूदा नरमी और FY23E आउटलुक हमें अपने लक्ष्य मूल्य को विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर 1,275p से 1,000p तक कम करते हुए देखते हैं और हम अपनी सिफारिश को डाउनग्रेड करते हैं।"

जैफरीज डाउनग्रेड ख़ुरमा और वाटकिन जोन्स सोमवार को लेकिन अपग्रेड किया गया BELLWAY जैसा कि इसने यूके के हाउसबिल्डर्स पर एक नज़र डाली।

ख़ुरमा को 'खरीद' से 'पकड़' करने के लिए काट दिया गया था और इसका मूल्य लक्ष्य 1,436.0p से घटाकर 1,485.0p कर दिया गया था, जेफ़रीज़ ने कहा कि नई लाभांश नीति के साथ न केवल दोहरे अंकों की उपज को हटा दिया गया है, बल्कि इसकी भविष्यवाणी और कदम को भी हटा दिया गया है। -अग्नि-सुरक्षा लागत में वृद्धि - विशेष रूप से दोषों को दूर करने के लिए - पिछले एक दशक में पर्सेमोन के बारे में जो कुछ भी सीखा था, वह "अलिखित" प्रतीत हुआ।

"इसके भूमि बैंक पर बहुत अधिक सकल मार्जिन इक्विटी पर विभेदित रिटर्न को जारी रखना चाहिए। हालांकि, निवेशकों को निरंतर प्रमाण की आवश्यकता हो सकती है कि पर्सिमोन के मूल्यांकन के अपने पिछले प्रीमियम पर लौटने से पहले सेवन मार्जिन साथियों की तुलना में संरचनात्मक रूप से अधिक रहता है," यह कहा।

बैंक ने वाटकिन जोन्स को 'खरीद' से 'होल्ड' करने के लिए डाउनग्रेड किया और इसके मूल्य लक्ष्य को 111.0p से घटाकर 225.0p कर दिया, लेकिन कहा कि बैलेंस शीट पर £75.0m नकद और लगभग £150.0m कर-पश्चात परिचालन लाभ के साथ आगे की बिक्री, यह तर्क दिया जा सकता है कि वाटकिन जोन्स की मौजूदा मार्केट कैप को रेखांकित किया गया था।

"हालांकि, जब तक निवेशक सहज महसूस नहीं करते, तब तक 'रेजीडेंशियल फॉर रेंट' मॉडल अभी भी डेवलपर के लिए काम करता है, उच्च ब्याज दर के माहौल में हम स्टॉक को रेंज-बाउंड के रूप में देखते हैं," यह कहा।

दूसरे रास्ते पर जाते हुए, जेफ़रीज़ ने बेलवे को 'होल्ड' से 'खरीदने' के लिए अपग्रेड किया और स्टॉक के मूल्य लक्ष्य को 2,458.0p से 1,928.0p तक बढ़ा दिया, यह कहते हुए कि यह अब यूके के हाउसबिल्डर्स में सबसे सस्ते में से एक था।

"सेक्टर में कई पहलुओं में बीच-बीच में बैठे . पहले हमने बेलवे को गैर-विभेदित के रूप में देखा था। हालांकि, मंदी की ओर देखते हुए, इसमें बेजोड़ हाउसबिल्डिंग अनुभव के साथ एक सी-सूट है, और आखिरी के माध्यम से इसकी जमीन खरीद रही है। दो साल की स्थिति में यह न केवल अपनी नकदी को निकट अवधि में बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए बल्कि बाजार में सुधार के रूप में बढ़ने के लिए भी देखा जाता है।"

मानेसर लैंड घोटाला: बिल्‍डर अतुल बंसल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

पंचकूला(उमंग): मानेसर लैंड घोटाले में आज पंचकूला स्थित सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सहित अन्य आरोपी हाजिर हुए। लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी अतुल बंसल के कोर्ट में न पहुंचने के चलते कोर्ट में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी, जिसके चलते कोर्ट ने भारी नाराजगी जताई। अतुल के न पहुंचने पर कोर्ट ने अतुल बंसल के खिलाफ नॉन बेलेबल अरेस्ट वारंट(गैर जमानती गिरफ्तारी सम्मन) जारी किए हैं। वहीं मामलेे की अगली सुनवाई 6 फरवरी निर्धारित की गई है।

बता दें कि मानेसर भूमि घोटाला की सुनवाई पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत में चल रही है। इस संबंध में सीबीआई ने मामला दर्ज किया था कि 27 अगस्त 2004 से 27 अगस्त 2007 के बीच निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुडग़ांव जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को सरकार द्वारा अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी।

सितंबर 2015 को भाजपा सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया था। ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआइ की एफआइआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था।

कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचने विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर का आरोप है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल के दौरान मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला में करीब 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर ग्रामीणों को सेक्शन 4, 6 और 9 के नोटिस थमा दिए गए थे। आरोप है कि इसके बाद हरियाणा सरकार से पहले कुछ निजी बिल्डरों ने किसानों को अधिग्रहण की धमकी देकर उनकी जमीन औने-पौने दाम में खरीदनी शुरू कर दी।

आरोप है कि यह पूरा घटनाक्रम तत्कालीन सरकार के संरक्षण में चल रहा था। इसी दौरान उद्योग निदेशक विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर ने सरकारी नियमों की अवहेलना करते हुए बिल्डर द्वारा खरीदी गई जमीन को अधिग्रहण प्रक्रिया से मुक्‍त कर दिया। आरोप है कि निजी बिल्डरों ने तत्कालीन सरकार तथा संबंधित विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर अधिकारियों के साथ मिलकर करीब 400 एकड़ जमीन को खरीदा था। अधिसूचना रद करने से नाखुश किसान सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। जिसके विदेशी मुद्रा रणनीति बिल्डर बाद मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।

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