Defence Minister Rajnath Singh will make a statement today in Parliament: Government Sources (File photo) pic.twitter.com/zZHUrdzNam — ANI (@ANI) December 13, 2022
अरुणाचल प्रदेश : भारत-चीन सेना की झड़प पर राजनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक की, विपक्ष को संसद में पीएम से जवाब चाहिए
बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, NSA अजीत डोभाल, सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे
NewDelhi : अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आज मंगलवार को बैठक की गयी. जानकारी के अनुसार बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, NSA अजीत डोभाल, सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे. राजनाथ सिंह इस मसले पर आज संसद को 12 बजे संबोधित करेंगे
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— ANI (@ANI) December 13, 2022
कांग्रेस पार्टी पीएम मोदी से जवाब की मांग कर रही है
भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर आज संसद में विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं. पार्टी ने यह भी कहा था कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और सरकार को देश को भरोसे में लेना चाहिए.
राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस
कांग्रेस पार्टी जहां पीएम मोदी से जवाब की मांग कर रही है, वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है. विपक्षी दल के सासंदों ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है. साथ ही प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से बयान देने और सदन में चर्चा करने की मांग की है.
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कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन व राजद सांसद मनोज झा ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के मुद्दे को लेकर राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है.
भारतीय सैनिकों ने चीन की साजिश को नाकाम कर दिया
जान लें कि 9 दिसंबर को भारतीय सैनिकों ने चीन की साजिश को नाकाम कर दिया. अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांगत्से इलाके में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच जमकर झड़प हुई. चीनी सैनिक भारतीय सेना की पोस्ट को हटवाने आये थे. लेकिन भारतीय सैनिकों की मुस्तैदी ने चीनी सैनिकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया. इस झड़प में दोनों सेनाओं के कुछ सैनिक घायल हुए हैं.
भारतीय जवानों को भारी पड़ता देख चीनी सैनिक पीछे हट गये
बताया जा रहा है कि चीनी सेना सोची समझी साजिश के तहत 300 सैनिकों के साथ यांगत्से इलाके में भारतीय पोस्ट को हटाने पहुंचे थे. चीनी सैनिकों के पास कंटीली लाठी और डंडे भी थे. लेकिन भारतीय जवानों ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया. इसके बाद दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई. भारतीय जवानों को भारी पड़ता देख चीनी सैनिक पीछे हट गये. बताया जा रहा है कि चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी भी की. भिड़त में दोनों ओर के सैनिक जख्मी हुए हैं.
भारत के 6 जवानों को इलाज के लिए गुवाहाटी लाया गया है. चीन सैनिक भारतीय पोस्ट पर हमले की 15 दिन से तैयारी कर रहे थे. सोमवार को वे तय रणनीति के तहत ही 17 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचे थे. लेकिन चीनी सैनिकों को देख पहले से मुस्तैद भारतीय जवानों ने मोर्चा संभाला. दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए हैं.
जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?
इन दिनों निवेश की दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में बिटकॉइन है. मगर क्या आप जानते हैं कि क्या है बिटकॉइन? लगातार क्यों चढ़ रही हैं इसकी कीमतें?
भारत में भी नियामक संस्थाएं बिटकॉइन से खुश नहीं हैं. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सुदर्शन सेन ने सितंबर में कहा था कि केंद्रीय बैंक इस तरह की 'गैर-व्यवस्थित' क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से सहज नहीं है. मगर सवाल उठना लाजमी है कि बिटकॉइन क्या है और यह कैसे काम करता है?
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. अंग्रेजी शब्द 'क्रिप्टो' का अर्थ गुप्त होता है. यह बिटकॉइन की सम्पूर्ण जानकारी एक प्रक्रार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है. क्रिप्टोग्राफी का अर्थ को कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है.
बिटकॉइन को आप छू नहीं सकते यानी की यह डिडिटल फॉर्म में ही रहती हैं. यही इसकी सबसे खास बात है. दूसरे शब्दों में आप इसे विकेंद्रीकृत डिजिटल करेंसी भी कह सकते हैं. बिटकॉइन का आविष्कार साल 2009 में सतोषी नाकामोटो ने किया था.
कैसे करता हैं यह काम?
बिटकॉइन बिटकॉइन की सम्पूर्ण जानकारी विशेषज्ञ हितेश मालवीय का कहना है कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन (कृत्रिम सिक्के) हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है.
यदि आपके पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की होती है. आप बिटकॉइन के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी रख सकते हैं.
बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर किए जाते हैं. ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं.
बिटकॉइन का रिटर्न
बिटकॉइन ने अपनी एंट्री के साथ ही गगनचुंबी रिटर्न दिए हैं. सात सालों में बिटकॉइन ने 10 रुपये के निवेश को 6.2 लाख रुपये कर दिया. इस साल बिटकॉइन ने जनवरी से नवंबर के दौरान 900 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Bitcoin is a digital currency that is not tied to a bank or government and allows users to spend money anonymously.
बुधवार बिटकॉइन की सम्पूर्ण जानकारी को ही अमेरिकी बाजार में इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $10,000 के स्तर के पार गई. कमाल की बात यह है कि इसकी मांग और लोगों की बिटकॉइन के लिए दिवानगी का आलम यह था कि चंद ही घंटों में यह करेंसी 20 फीसदी की छलांग लगाकर $11,000 का स्तर भी पार कर गई.
इस करेंसी की अस्थिरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन में इसकी कीमत $11,434 के सर्वोच्च स्तर को छूने के बाद $9,009 तक भी लुढ़क गई. अमेरिकी बाजार पर काफी समय तक इसकी कीमतों में कोई फेरबदल देखने को नहीं मिला.
चिंता के बादल
गौरतलब है कि इस सितंबर के अंत तक इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $4,171.25 थी. कई विशेषज्ञ इस गु्ब्बारे ही हवा निकलने के संकेत दे रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इतने कम समय में दोगुना रिटर्न देने के बाद असली सवाल यह कि वे निवेशकों को कब बाहर जाने कि सलाह दें.
इसमें कोई दो राय नहीं कि बिटकॉइन के रिटर्न असाधारण हैं. इस बुलबुल के फूटने के संकेत इस बात से भी लगाए जा रहे हैं कि जहां एक तरफ कुछ दिग्गजों को उम्मीद हैं कि बिटकॉइन 2018 के अंत तक $40,000 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा, वहीं 2017 में यह तीन दफा एक ही सत्र में 25 फीसदी तक टूट चुका है.
बीजेपी ने बताया जदयू का फुल फॉर्म- “जहरीला दारू यूनिट”
जहरीली शराब से मरनेवालों का लगातार बढ़ रहा आंकड़ा, विपक्ष हमलावर
बीजेपी विधायक ने बताया जदयू का फुल फॉर्म- “जहरीला दारू यूनिट”
अबतक 6 दर्जन से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत
सरकार को घेरने में जुटी है भाजपा, शराबबंदी के बचाव में नीतीश कुमार
Patna : छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अब तक 6 दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार हमलावार है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे इसके लिए जिम्मेवार ठहराया जा रहा है. भाजपा विधायक ने कहा है कि जदयू का नाम ही है “जहरीला दारू यूनिट”. शिवहर के ढाका से भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने ट्विट कर जदयू पर निशाने साधा है. उन्होंने लिखा है – जद,यू का फुल फॉर्म “जहरीला दारू यूनिट”.
JDU (जद,यू) का फ़ुल फाँर्म “ज़हरीला दारू यूनिट”
— PAWAN JAISWAL-MLA (@pawanjaiswaldhk) December 16, 2022
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जहरीली शराब से मौत को लेकर सियासी बिटकॉइन की सम्पूर्ण जानकारी पारा गर्म
छपरा में जहरीली शराब से मौत को लेकर बिहार का सियासी पारा गर्म है. सदन में इसको लेकर जोरदार हंगामा हुआ. शराबबंदी के पक्ष में नीतीश कुमार ने अपनी बात जोरदार तरीके से रखी और भाजपा पर ही पलटवार कर दिया. सीएम नीतीश ने कहा कि आपलोग ही थे न जो शराबबंदी के समर्थन में थे, अब क्या हो गया. वहीं भाजपा ने सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेरा. राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार को बर्खास्त करने तक की मांग कर डाली.
सुशील मोदी ने भी नीतीश पर साधा निशाना
जहरीली शराब से मौत के बाद शराबबंदी पर सवाल उठने लगे हैं. शराबबंदी का समर्थन करने वाली भाजपा अब इसकी समीक्षा की मांग करने लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्विट कर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. मोदी ने नीतीश को जो पियेगा, वो मरेगा वाले बयान को लेकर घेरा है. उन्होंने लिखा, ‘जो पियेगा, वो मरेगा तो क्या जो पलटी मारेगा वो राज करेगा’.
कौन कंट्रोल करता है Bitcoin की सप्लाई? रिसर्च में मिली जानकारी
रिसर्च में कहा गया है जब बिटकॉइन की शुरुआत हुई थी, उस समय जिन लोगों ने इसमें निवेश किया था, आज के समय में वे लोग ही इसकी सप्लाई को कंट्रोल करते हैं
बिटकॉइन की भारत में कीमत 16,40,333 रुपये पर चल रही है
खास बातें
- अप्रैल में 1 करोड़ 90 लाखवां बिटकॉइन जारी किया जा चुका है
- अब माइनिंग के लिए केवल 20 लाख बिटकॉइन ही बचे हुए हैं
- बिटकॉइन माइनर को प्रत्येक ब्लॉक बनाने के लिए 6.25 BTC मिलते हैं
क्रिप्टोकरेंसी में पिछले दो दिन से हल्का सुधार आने लगा है. Bitcoin, दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक बार फिर से 20 हजार डॉलर के पास चली गई है. दरअसल, क्रिप्टो मार्केट का मूड बिटकॉइन की कीमत से ही पता लग जाता है. डिजटल करेंसी में टोकन की सप्लाई से इसकी कीमत भी जुड़ी होती बिटकॉइन की सम्पूर्ण जानकारी है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी की सप्लाई को कौन कंट्रोल करता है? इसे लेकर एक रिसर्च सामने आई है जिसमें काफी रोचक जानकारी दी गई है.
Bitcoin सबसे महंगी डिजिटल करेंसी है, जिसे लेकर Bloomberg ने एक रिसर्च की है. रिसर्च में कहा गया है जब बिटकॉइन की शुरुआत हुई थी, उस समय जिन लोगों ने इसमें निवेश किया था, आज के समय में वे लोग ही इसकी सप्लाई को कंट्रोल करते हैं. आज के समय में बिटकॉइन के निवेशकों के पास लाखों करोड़ों डॉलर के कॉइन हैं. इन्हीं लोगों के पास बिटकॉइन बड़ी संख्या में मौजूद हैं और ये इसकी सप्लाई के साथ साथ कुछ हद तक कीमत को कंट्रोल करते हैं. लेकिन, अगर इनके पास सबसे बड़ी संपत्ति है, तो साथ में जोखिम भी है. क्योंकि, क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बेहद अस्थिर है, इसलिए कल के अरबपति को आज दिवालिया होते देर नहीं लगती है.
अप्रैल में 1 करोड़ 90 लाखवां बिटकॉइन जारी किया जा चुका है. अब माइनिंग के लिए केवल 20 लाख बिटकॉइन ही बचे हुए हैं जो सर्कुलेशन में लाए जा सकते हैं. वर्तमान में बिटकॉइन की सप्लाई 19,093,450 कॉइन की है. बिटकॉइन की कुल सप्लाई की अंतिम सीमा 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन की है. बिटकॉइन का निर्माण गुमनाम व्यक्ति सातोशी नाकामोतो ने किया था, जिसे 50 बिटकॉइन का ईनाम दिया गया था. इसे ब्लॉक रिवॉर्ड कहा जाता है. यह ईनाम हर 210,000 बिटकॉइन पर आधा हो जाता है या हर चार साल में आधा हो जाता है.
फिलहाल, बिटकॉइन माइनर को प्रत्येक ब्लॉक बनाने के लिए 6.25 BTC मिलते हैं. 1 करोड़ 90 लाख बिटकॉइन माइन करने में 12 साल का समय लग गया. इससे हिसाब लगाया जा सकता है कि 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन 2140वें साल तक माइन किए जा सकते हैं. बिटकॉइन की वर्तमान कीमत की बात करें तो आज इसकी ट्रेड ओपनिंग बढ़त के साथ हुई है. खबर लिखे जाने के समय तक बिटकॉइन की भारत में कीमत 16,40,333 रुपये पर थी जो कि पिछले 24 घंटों में 1.74 प्रतिशत की बढ़त है.
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