पास्ता डिश कैसे बनाते हैं?
पास्ता डिश कैसे बनाते हैं? पास्ता एक विशिष्ट इतालवी व्यंजन है, लेकिन इसे पूरी दुनिया में इस हद तक पेश किया गया है कि विभिन्न देशों के पास पास्ता का अपना संस्करण है, इसलिए कि हम एक ही प्लेट से पा सकते हैं विभिन्न प्रकार के स्वाद। पास्ता कई देशों में विशिष्ट है, इसकी खाना पकाने और तैयारी में आसानी के साथ-साथ एक त्वरित पकवान होने के कारण धन्यवाद, लेकिन इसमें हमेशा कुछ रहस्य होते हैं।
यह सामान्य है कि पहली बार हो रहा है हम पास्ता पकाते हैं, यह सही नहीं है और स्वाद और संरचना में कुछ विसंगतियों के साथ, लेकिन इसे लगभग 3 बार पकाने के बाद, पहले से ही चौथे में, सब कुछ सरल हो जाएगा, और हम सीखेंगे इसे बेहतरीन तरीके से पकाने में सक्षम होने के लिए कुछ तरकीबें.
पास्ता पकाने के लिए मुझे किन सामग्रियों और सामग्रियों की आवश्यकता होगी?
आटा मायने रखता है कई घरों में कई भिन्नताओं के साथ, लेकिन मुख्य संरचना जिसके द्वारा लगभग सभी मामले शासित होते हैं और फिर एक और व्यक्तिगत स्पर्श जोड़ते हैं, वे हैं: पास्ता का एक पैकेज, या तो लंबे या छोटे, पेंच, घोंघा या परी बाल, नमक, पानी, तेल, यह पारंपरिक या जैतून का तेल, और मक्खन हो सकता है।
बातों के बीच उन्हें पकाने के लिए आपको चाहिए, एक सॉस पैन, एक बड़ी छलनी, और बड़ा बर्तन या कप
हम पानी उबालकर शुरू करते हैं।
पास्ता की तैयारी के साथ शुरू करने वाली पहली चीज़ बर्तन में पानी उबाल रहा है, यह लगभग भरा होना चाहिए लेकिन अतिप्रवाह नहीं होना चाहिए, और इसे कुछ मिनटों के लिए गर्म होने दें। के साथ मोमबत्ती पर निर्भर करता है कि हम खाना बना रहे हैं, पानी लगभग 20 या 30 मिनट में उबलने लगेगा, जिस समय बुलबुले दिखाई देंगे, हम पास्ता डालते हैं और मोमबत्ती को थोड़ा कम करते हैं।
टालना कि पेस्ट सभी पर चिपक जाता है और केवल एक इकाई बनाता है, हमें एक चम्मच या कांटा का उपयोग करना चाहिए और उन्हें अच्छी तरह से पकने तक अलग करना चाहिए। यदि यह लंबा पास्ता है, तो हम दो कांटे का उपयोग करते हैं ताकि एक के साथ हम बाईं ओर और दूसरे को दाईं ओर अलग करते हैं। यदि यह किसी भी प्रकार का छोटा पास्ता है, तो आप बस एक चम्मच का उपयोग कर सकते हैं और हलचल कर सकते हैं।
जब खाना तैयार हो जाता है, तो हम किचन से निकाल देते हैं
एक बार मैं पास्ता पकाने के लिए तैयार, हम इसे हटाते हैं और छलनी और उसके नीचे एक बर्तन रखते हैं, ताकि उसमें पानी जमा हो जाए, और सारा पास्ता छलनी में हो जाए। हम जाने लगभग 2 मिनट आराम करें और बचा हुआ पानी निकाल दें।
जब यह कोलंडर में हो, हम एक बर्तन लेते हैं और मध्यम आँच पर पकाते हैं, एमटी 4 के लगे सेही के कांटे निकाले और तेल और मक्खन डालें, जब यह बहुत गर्म हो, तो पास्ता डालें और इसे होने दें सभी पेस्ट तक हिलाते रहें तेल का स्वाद लो।
पास्ता के पूरक के लिए हम किन स्वादों का उपयोग कर सकते हैं?
जब यह पहले से ही तेल के साथ है, यह केवल इसकी सेवा और आनंद लेने के लिए रहता है, लेकिन हम पूरक या अधिक स्वाद जोड़ने के लिए अन्य चीजें जोड़ सकते हैं, एक क्लासिक टमाटर सॉस है, जिसका हम उपयोग करते हैं जो सुपरमार्केट में बेचे जाते हैं या हम कर सकते हैं हमारी खुद की चटनी तैयार करें, टमाटर खाना बनाना
अन्य देशों में भी पनीर का एमटी 4 के लगे सेही के कांटे निकाले उपयोग करने का रिवाज है, अधिमानतः नमकीन, और अन्य सामान जैसे सॉसेज, कोरिज़ो, मांस या चिकन के टुकड़े, अन्य। अन्य सब्जियां जोड़ना पसंद करते हैं अंतिम चरण में। पास्ता बनाने के कई तरीके हैं और हर एक देश या उस क्षेत्र के आधार पर बदलता है जहां हम हैं।
Rajasthan: बाघिन को इस जीव का शिकार करना पड़ा महंगा, वन विभाग में बड़ी मुश्किल से बचाई जान
Mukundra hills tiger reserve: 3 साल पहले उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व के एक बाघ शावक की सेही के शिकार करने के दौरान घायल होने के बाद भूखे मरने से मौत हो गई थी। ऐसी ही हालत मुकुंदरा में एक बाघिन के साथ हुआ है। हालांकि गनिमत रही की उसकी जान अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
हाइलाइट्स
- सेही वन्यजीव का शिकार करना पड़ा MT-4 बाघिन को।
- डेढ़ दर्जन नुकीले कांटे गर्दन, मुँह, पैरों में घुसे।
- चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के निर्देश पर इलाज।
- रणथंभोर और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के दो डॉक्टरों की टीम ने बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर निकाले काँटे।
- टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर ने खतरे से बाहर बताई बाघिन
अर्जुन अरविंद
कोटा। राजस्थान प्रदेश का तीसरा टाइगर रिजर्व मुकुंदरा संकट के दौर से उभर नहीं पा रहा है। तीन बाघ-बाघिन और तीन शावक साल 2020 में खो देने वाले मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एकमात्र विचरण कर रही MT-4 बाघिन का जीवन शनिवार को बड़े धर्म संकट में पड़ गया। हुआ यूं, टाइगर रिजर्व की MT-4 बाघिन ने वन्यजीव 'सेही' का शिकार किया था। जो उसे बड़ा भारी पड़ गया। सेही का शिकार करने से बाघिन का जीवन संकट से घिर गया। बाघिन के 'सेही' के शरीर के ऊपर नजर आने वाले सुईयों जैसे डेढ़ दर्जन से ज्यादा नुकीले सख्त काँटे बाघिन के मुंह, गर्दन, पैरों में जा घुसे। इस कारण बाघिन बुरी तरह से जख्मी हो गई।
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इस बात की सूचना वनकर्मियों ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के उच्च अधिकारियों को दी गई। इसके बाद पूरे वन महकमे में हड़कंप मच गया। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन एमएल मीणा के निर्देश पर रणथंभोर और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के दो डॉक्टरों की टीम ने बाघिन को ट्रेंकुलाइज करके 'सेही' के नुकीले कांटे बाघिन के शरीर से निकाले। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर से एसआर यादव के मुताबिक बाघिन की हालत अब खतरे से बाहर बताई गई है। बाघिन की मॉनिटरिंग के लिए मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. तेजेंद्र सिंह रियाड़ को तैनात किया गया है।
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बाघिन घायल है, सूचना पर दौड़ पड़ा था कोटा से जयपुर तक वन महकमा
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की दरा रेंज में 82 स्क्वायर किलोमीटर का बड़ा एंक्लोजर बना हुआ है। इस एंक्लोजर के अंदर 28 हेक्टेयर का छोटा एंक्लोजर मौजूद है। जिसमें टाइगर रिजर्व की MT-4 बाघिन का विचरण है। शनिवार को हर दिन की तरह वनकर्मी सुबह 9:30 बजे बाघिन की मॉनिटरिंग करने में जुटे हुए थे। तभी एमटी 4 के लगे सेही के कांटे निकाले बाघिन निढाल हालत में जख्मी हुई वनकर्मियों को नजर आई। स्टिल कैमरे से बाघिन के फोटोग्राफ लिए और गौर करके देखा तो बाघिन के मुंह, गर्दन, पैरों में नुकीले कांटे चुभे हुए थे और खून से काटे भीगे हुए थे। यह देख वन कर्मियों में हड़कंप मच गया। टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक बीजो जॉय, वन्यजीव विभाग के मुख्य वन संरक्षक व मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के निदेशक एसआर यादव को फोटोग्राफ भेजे गए और मामले की सूचना दी गई। इसके बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन एमएल मीणा को बाघिन की हालत के फोटो भेजकर सारी स्थिति से अवगत करवाया गया। मीणा की ओर से बाघिन के इलाज के निर्देश मिलने पर सवाई माधोपुर रणथंभोर टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजीव गर्ग को मुकंदरा भेजा। उनके साथ मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ पशु चिकित्सा डॉ. तेजेंद्र सिंह रियाड़ को तैनात किया।
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उपवन संरक्षक जॉय, मुख्य वन संरक्षक यादव और एनटीसीए के प्रतिनिधि के रूप में टाइगर एक्सपोर्ट दौलत सिंह शक्तावत मौके पर तैनात रहे। बाघिन को दोनों डॉक्टरों की टीम ने ट्रेंकुलाइज किया और शनिवार शाम 6 बजे जाकर बाघिन के शरीर से सभी सेही से लगे कांटे निकाले गए। अब बाघिन की हालत ठीक बताई जा रही है। यादव ने बताया कि सेही का शिकार करने के दौरान सेही के काँटे बाघिन के चुभे थे, 13 से 14 काँटे थे। 7 के करीब काँटे निकल गए थे, बाकी काँटे बाघिन को ट्रेंकुलाइज करके चिकित्सकों के द्वारा निकाले गए थे। यादव ने बताया कि इस तरह की घटनाएं देश प्रदेश के कई टाइगर रिजर्व में हो चुकी है। साल 2019 में राजस्थान के अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व की ST-3 बाघिन घायल हुई थी। मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की MT-4 बाघिन का ध्यान रखा जा रहा है।
शिकार के बाद शावक की मौत
पीलीभीत में हो चुकी बाघ शावक मौतअप्रैल 2018 में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व में सेही का शिकार करने से रिजर्व के बाघ शावक की नाक और पंजे में सेही के कांटे चुभ गए थे। बाघ जख्मी होने के कारण शिकार करने में असमर्थ रहा और बाद में उसकी भूखे मरने से मौत हो गई थी।
Public ऐप लगातार बढ़ा रहा पत्रकारों पर विज्ञापन लाने का दबाव
देशभर की लोकल खबरें दिखाकर करोड़ों यूजर्स बटोरने वाली पब्लिक एप्प अब पत्रकारों को दलाल बनाकर छोड़ रही है। महीने में पांच-पांच हजार रूपये कमाने वाले पत्रकारों को 20 से 25 हजार रूपये हर महीना का विज्ञापन लाने का दबाव बनाया जा रहा है। वहीँ पत्रकारों के द्वारा विज्ञापन नहीं देने पर उनकी आईडी डिएक्टिवेट कर दी जाती है और उसे संस्था से निकाल दिया जाता है।
कम्पनी की इस नीति का असर यह पड़ा कि अब पब्लिक एप्प के नाम से पत्रकार भागते हुए नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि अब कंपनी मौजूदा पत्रकारों को नए पत्रकार जोड़ने के लिए 2 – 2 हजार रुपये का ऑफर दे रही है। हर जिले की तहसीलों में पत्रकार जोड़ने वाले साथी को कंपनी दो हजार रुपये तक बोनस के रूप में दे रही है लेकिन इसके बावजूद अब पब्लिक एप्प के साथ काम करने के लिए कोई भी तैयार नहीं हो रहा है।
गौरतलब है कि शुरुआती दिनों में पब्लिक एप्प पत्रकारों से सिर्फ खबरे ही मांगती थी लेकिन अब खबरों के साथ भारी भरकम विज्ञापन के लिए दबाव बनाया जाता है। ऐसे में हजारो पत्रकारों ने पब्लिक एप्प का दामन छोड़ दिया है।
धंधेबाज पब्लिक ऐप में घुटन महसूस कर रहे पत्रकार ने सम्मान बचाने के लिए इस्तीफा दिया
अरवल बिहार : धंधेबाज पब्लिक एप्प से तंग आकर एक रिपोर्टर ने ऐप को छोड़ते हुए ग्रुप में खरी खोटी सुना कर टाटा बाय बाय कर दिया। 15 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे एक पत्रकार को लगातार पब्लिक एप द्वारा विज्ञापन के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इसको लेकर पत्रकार घुटन महसूस कर रहे थे। कुछ पत्रकारों ने अपने सम्मान की रक्षा करते हुए ऐप से एमटी 4 के लगे सेही के कांटे निकाले विदा ले लिए तो कुछ ऐसे लोग ऐप से जुड़े हैं जो सिर्फ दलाली और धंधेबाजी को आगे बढ़ा रहे हैं। इसमें पत्रकार ही नहीं कुछ शिक्षक भी पब्लिक एप चला कर मोटी कमाई कर रहे हैं। खबर चलाने के नाम पर लोगों से पैसे की वसूली की जा रही है। बिहार के अरवल से 15 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे एक पत्रकार ने पब्लिक एप को आइना दिखा कर अलविदा कह दिया।
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