हिन्दी बुक लिस्ट
दोस्तों आप सभी के लिए (हिन्दी बुक लिस्ट -Top 100 Hindi books to read before you die) मैं आजतक के टॉप 100 का लिस्ट लेकर आया हूँ जिसे पढ़कर आप आपने जीवन में नयी उच्चाईओं को छू सकते है अपना सम्पूर्ण विकास कर सकते है। इसमें से कुछ बुक की समरी इस वेबसाइट पर मौजूद है जीसे आप पढ़ सकते है और जिस भी बुक का समरी आपको इस वेबसाइट पर ना मिले वो आने वाले समय में आपको मिल जायेगा। इन बुक्स को खरीदने के लिए आप बुक के इमेज पर क्लिक कर सकते है या फिर निचे दिए गए लिंक से खरीद सकते है। अगर आप यहाँ दिए गए लिंक पर क्लिक कर कुछ खरीदते है मैं शून्य से अमीर कैसे बन सकता हूँ तो हमें कुछ परसेंट कमिशन के तौर पर मिलेगा।
मैं एक लक्ष्य योजना कैसे लिख सकता हूँ?
योजना कुछ इस प्रकार की है कि मझे मेरे जीवन में एक बहुत ही कामयाब इंसान बनना है I जहां ना सिर्फ धन, बल्कि नाम और इज्जत भी बहुत ज्यादा मैं शून्य से अमीर कैसे बन सकता हूँ हो। तो इस चीज के लिए मैंने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला लिया है I वह यह है कि, मझे अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ान वाली हर प्रक्रिया को समझना मैं शून्य से अमीर कैसे बन सकता हूँ है और उसके मुताबिक मझे खुद को इतना मजबूत करना है कि कोई मझे हरा ना सके।
यदि मैंने ऐसा ठान लिया है, तो कोई भी मझे इस चीज से रोक नहीं सकता सिवाए मेरे I अगर मै कुछ करना चाहती हूं तो मझे उसे करने से कोई नहीं रोक सकता।
मै हर रोज़ इसी उम्मीद से सोती और उठती हूं कि मझे मेरे जीवन में कुछ करना है I यह सिर्फ सोचने से नहीं हासिल होता उसके लिए मझे बहुत ही ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है I मै रात भर जाग कर पढ़ती हूं, जब सारे लोग सो जाते हैं तो मै जागती हूं क्योंकि मझे कुछ करना है।
यदि आज मैंने यह मेहनत कर ली तो मझे ज़िन्दगी भर एक सफल इंसान बन कर जीने का मौका मिलेगा I यदि आज मैंने अपना यह कीमती समय खो दिया तो मझे जीवन भर बस पछताने के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।
अब यह सिर्फ मेरे हाथ में है तो मैंने यह ठान लिया है कि मझे आज बहुत कठिन परिश्रम करना है I जिससे की मेरा भविष्य बहुत ही उज्ज्वल हो I क्या हुआ, जो आज हम परेशान है, कल सुकून ही सुकून मिलेगा।
गुरु कि अनमोल सोच,अमीर बन गया गरीब किसान।Guru’s priceless thinking, poor farmer became rich.
आज सुबह मैं ऑफिस जा रहा था मुझे एक ट्रक पास हुआ, मेरी एक आदत है कि पिछे कुछ लिखा होता है वह पढने कि, जैसे कि “बुरी नजरवाले तेरा मुह काला” एक example दिया, हा तो उसकी जो पिछे वाली प्लेट प्लेट होती है, उसमे लिखा था ” धोका तो किस्मत देती है, मेहनत नही।” वह पढने के बाद मुझे एहसास हुआ सच मैं हम पुरी लगन के साथ effort से मैं शून्य से अमीर कैसे बन सकता हूँ काम करें तो कामयाबी ज्यादा दूर नही होगी, ऐसी कौनसी भी चीझ नही है, जो कि impossible है।
यह impossible शब्द भी बडा अजिब है, उसमे हम झाक के देखे तो असल मैं वह “I am possible” है। तो पॉईंट यह है कि अगर आप बहोत मेहनत करते है और कामयाब नही होते तो समझो कि कमी मेहनत मैं नही, आप किस तरह उस चीझ को देखते है, और करते है। तो वक्त लो, तरिका बदलो, लेकिन हिम्मत कायम रखो, सफलता आपकी होगी।
एक बार स्वामी विवेकानंद से एक व्यक्ती बोला,मेहनत के बाद भी मैं सफल नही हो पा रहा हूं! कोई तरिका बतायें सफल होने का। तो स्वामी विवेकानंद जी ने बडे प्यार से कहा, भाई तू एक काम कर अपने कुत्ते को घुमाके लेके आ। उस व्यक्ती को समझ नही आया, कि ये ऐसे क्यो बोल रहे है? लेकिन बिचारा उनकी बात कैसे टालता,
लेके गया वह कुत्ते को, और २ घंटे के बाद वापस भी आया, कुत्ता थका हुआ था, पर उसका मैं शून्य से अमीर कैसे बन सकता हूँ चेहरा चमक रहा था। इसका कारन पूछने पर उसने बताया, कि कुत्ता गली के कुत्तोन के पिछे भाग रहा था बल्की मैं सीधे रास्ते
चल रहा था। तब स्वामीजी बोले यही तुम्हारा जवाब है,तुम अपनी मंजिल पर जाने कि जगह दुसरों के पिछे भागते रहते हो। अपनी मंजिल खुद्द तय करो ना।
सही मैं हम सब भी ऐसा हि करते है, बचपन से किसी दुसरे ने किया तो हमें वैसा हि करना चाहिये, बीच मैं सोसायटी का Pressure तो हमेशा हि रहता है,
जो ३ idiots मैं Dialouge है, कि, आर.माधवन और उसके पिता का जो सीन है, मुझे नही समझ आती है इंजिनिर्निन्ग मैं छोडना चाहता हूं, तो उसके पिता बोलते है कि वह कपूर साहब क्या सोचेंगे? तब आर. माधवन सर उनको प्यार से समझाते है। जैसे उस सीन मैं आजकल कि रिऍलिटी है। झोक देते है सब, लेकिन Output आता है 0, Because जो दुसरे ने किया हम वो कॉपी करते है, कुछ लोग उसीमे समझोता करते है, कुछ छोड देते है और अपनी मंजिल पर चलते है, कुछ रास्ता भटकते है, उनकी जिंदगी कभी किनारे लगती हि नही। और सब कि वजह एक हि है सोसायटी का Pressure और माँ बाप का।
अगर अपनी जिंदगी आसान बनानी है, तो खुद्द कि दिल कि सोचो, बाकी सब गये भाडं मैं।
चलो कहानी कि तरह बढते है, आज कि कहानी है, वह किसी गाव से शुरु होती है, इसमें एक किसान है, एक शिष्य है और उसके गुरु है। आप सबको Comfort Zone पसंद है, मुझे भी है, मैने भी एक जगह तक खुदको बांध के रखा था, जैसे समझ आयी दुनियादारी कि तो पता चला, जितना आप खुद्द को safe जगह देखेंगे उतनी हि आपकी Growth रुखेगी। हालाकी इस कहानी मैं ऐसा नही है, लेकिन आप पढेंगे तो आपके भी विचार बदलेंगे। आईये आज कि कहानी शुरु करते है।
एक गुरू अपने शिष्य के साथ कहीं जा रहे थे। चलते-चलते उन्हें प्यास लगी तो वे दोनों एक खेत के पास जाकर रूक गए। खेत की हालत देखकर लगता था कि खेत का मालिक मैं शून्य से अमीर कैसे बन सकता हूँ खेत पर जरा भी ध्यान नहीं देता है उन्होंने देखा खेत में एक घर भी है।
दोनो जा कर दरवाजा खटखटाते है। घर में से एक आदमी उसकी पत्नी और दो बच्चे बाहर आते है सभी ने फटे पुराने कपड़े पहने हुए होते है।
गुरु कहते है क्या हमें पानी मिल सकता है काफी प्यास लगी हुई है वो व्यक्ति उन्हें पानी लाकर देता है फिर गुरु कहते है आपका खेत इतना अच्छा है लेकिन इसमे कोई भी फसल क्यों नहीं बोई गई? व्यक्ति कहता है हमारे पास एक भैंस है जो काफी दूध देती है जिसे बेच कर और पी कर हमारा गुजारा हो जाता है इसलिए बेवजह खेती क्यों करू।
गुरू कहते है क्या हम आज की रात यहाँ रूक सकते है मैं शून्य से अमीर कैसे बन सकता हूँ कल सुबह होते ही हम यहाँ से निकल जाएंगे। व्यक्ति कहता है ठीक है आप यहाँ रूक सकते है।
आधी रात होते ही गुरु अपने शिष्य से कहते है उठो हमे अभी के अभी यहाँ से निकलना है लेकिन जाने से पहले हम इस व्यक्ति की भैंस को पहाड़ से गिरा कर मार देंगे।
यह सुनकर शिष्य को काफी बुरा लगा लेकिन वो अपने गुरु की बात टाल नहीं पाया। वे दोनों रातों रात भैंस को मार कर वहाँ से भाग जाते है।
दस वर्ष बाद जब शिष्य अपनी शिक्षा पूरी कर लेता है तब वो सोचता है क्यों न अपनी गलती को सुधारा जाए, उस आदमी के पास वापस जा कर उसकी मदद की जाए।
शिष्य उसी गाँव उसी जगह वापस जाता है और देखता मैं शून्य से अमीर कैसे बन सकता हूँ है वहाँ के सारे खेतों में दूर-दूर तक काफी फल लगे हुए है और वहाँ एक बहुत बड़ा घर भी है शिष्य को लगता है शायद वो आदमी सब कुछ बेच के यहाँ से जा चुका होगा।
शिष्य वहाँ से वापस जाने लगता है तभी वहाँ घर के आगे एक कार आकर रूकती है।
कार में से वही व्यक्ति बाहर आता है मैं शून्य से अमीर कैसे बन सकता हूँ जिससे शिष्य दस साल पहले मिला था। शिष्य उसके पास जाकर कहता है
आपने मुझे पहचाना मैं दस साल पहले आपसे मिला था।
व्यक्ति कहता है हाँ उस दिन को मैं कैसे भूल सकता हूँ। शिष्य कहता है आप तो बहुत गरीब थे आखिर आप इतने अमीर कैसे बनें।
व्यक्ति कहता है क्या बताऊँ आपके जाने के बाद मेरी भैंस की मौत हो गई। मैं कुछ दिन काफी दुःखी रहा परेशान रहने लगा।
लेकिन जीवन जीने के लिए कछ तो करना ही था। मैं लकड़ियाँ काट कर बेचने लगा जिससे कुछ पैसे आए तो मैनें खेत की बुआई कर दी। फिर उससे और पैसे आये तो मैंने सारी जगह खरीद ली और फलों की बुआई करवा दी और आज मैं आस-पास के इलाकों में फलों का सबसे बड़ा व्यापारी हूँ और मेरे पास लाखों रूपये है अगर उस दिन भैंस की मात नहीं हुई होती। तो आज मैं इतना सफल नहीं हुआ होता ।
जीवन की सीख
दोस्तों इस कहानी से यह साफ पता चलता है कि जीवन में हर परेशानी आपके लिए एक बड़ा मौका लेकर आती है। अगर अभी आपके जीवन में परेशानी आई है तो यकीन मानो एक बहुत बड़ी सफलता भी अपने साथ लेकर आई है।
यकीन मानिए बुरे वक़्त में आपने हिम्मत नहीं हारी तो आने वाले समय मे आप बेहद सफल होने वाले है।
उमीद है ये लेख आपको पसंद आया होगा, कैसा लगा आप जरुर निचे comment कर के बताइए. अगर अभी बी कोई सवाल आप पूछना चाहते हो, तो निचे Comment Box में जरुर लिखे।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 845