कैसे डिविडेंड्स कैलकुलेट करें (Calculate Dividends)
विकीहाउ एक "विकी" है जिसका मतलब होता है कि यहाँ एक आर्टिकल कई सहायक लेखकों द्वारा लिखा गया है। इस आर्टिकल को पूरा करने में और इसकी गुणवत्ता को सुधारने में समय समय पर, 13 लोगों ने और कुछ गुमनाम लोगों ने कार्य किया।
यहाँ पर 7 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।
यह आर्टिकल ४,२९२ बार देखा गया है।
जब कोई कंपनी पैसा बनाती है, तो उसके पास आमतौर पर दो सामान्य विकल्प होते हैं। एक तरफ, अपने ख़ुद के कामकाज का विस्तार करना, नए उपकरण खरीदना, आदि करने में कंपनी इन पैसों को पुनर्निवेश (re-invest) कर सकती है। (इस तरह खर्च किये गए पैसों को “प्रतिधारित कमाई या retained earnings” कहा जाता है)। दूसरी ओर, कंपनी अपने इन्वेस्टर्स (निवेशकों) को भुगतान करने के लिए इस अपने मुनाफे का उपयोग कर सकती है। इस तरह से इन्वेस्टर्स को दिया जाने वाला पैसा "डिविडेंड (यानि लाभांश)" कहलाता है। एक कंपनी द्वारा अपने शेयरधारक को कितना डिविडेंड देय है, यह कैलकुलेट करना आमतौर पर काफ़ी आसान होता है; dividend per share या DPS (यानी प्रति शेयर जितना डिविडेंड देय है) को बस आपके पास मौजूद शेयर्स की संख्या से मल्टिप्लाय कर दीजिये। DPS को price per share (यानि, प्रति शेयर की कीमत) से डिवाइड करके "डिविडेंड यील्ड या लाभांश उपज" (आपकी इन्वेस्टमेंट का उतना परसेंट जो आपकी स्टॉक होल्डिंग्स आपको डिविडेंड के रूप में कमाकर देगी) का पता लगाना भी संभव है। [१] X रिसर्च सोर्स
आपके पास स्टॉक के कितने शेयर्स हैं इसका पता लगाएं. यदि आपके पास इस बात की जानकारी पहले से उपलब्ध नहीं है कि कंपनी के कितने शेयर्स आपके पास हैं, तो उसका पता लगाएं। आप आमतौर पर यह जानकारी अपने ब्रोकर या इन्वेस्टमेंट एजेंसी से संपर्क करके या कंपनी द्वारा अपने इन्वेस्टर्स को डाक या ईमेल द्वारा नियमित रूप से भेजे जाने वाले स्टेटमेंट्स की जांच करके, प्राप्त कर सकते हैं।
डिविडेंड (Dividend) क्या होता है ? डिविडेंड या लाभांश कितने प्रकार के होते हैं ?
आपने कई बार लोगो को आपस में बातें करते सुना होगा, कि मैंने उस अमुख कम्पनी के शेयर ख़रीदे थे और अब उस कम्पनी के शेयर काफी महंगे हो चुके है अर्थात वह कम्पनी इस समय अच्छा लाभ कमा रही है | ऐसे में कम्पनी नें बदले में मुझे इतना डिविडेंड (Dividend) अर्थात लाभांश दिया है | दरअसल डिविडेंड को हिंदी भाषा में लाभांश कहते है | लाभांश एक कंपनी के शेयरधारकों को वितरित की जाने वाली राशि है। कंपनियां इसका उपयोग कंपनी के प्रॉफिट को अपने शेयरधारकों को वितरित करने के लिए एक मोड के रूप में करती हैं।
पिछले कुछ वर्षों में लगातार कमाई वाली मेच्योर कंपनियां अपने शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान करती आ रही हैं।इसका भुगतान प्रति शेयर नकद या अतिरिक्त स्टॉक के रूप में किया जा सकता है। यदि आपको डिविडेंड के बारें में अधिक जानकारी नही है, तो डिविडेंड (Dividend) क्या होता है? इसके बारें में जानकारी देने के साथ ही आपको यहाँ डिविडेंड या लाभांश कितने प्रकार के होते हैं ? इसके बारें में बताया जा रहा है |
Table of Contents
डिविडेंड क्या होता है (What is A Dividend?)
जब कोई व्यक्ति किसी व्यवसायिक कम्पनी में इन्वेस्टमेंट करता है, तो वह अमुख व्यक्ति उस व्यापारिक कम्पनी का निवेशधारक (Share Holder) बन जाता है। जब वह कम्पनी लाभ कमाती है, तो वह कम्पनी प्रॉफिट का कुछ अंश अपने शेयर धारकों को देती है | प्रॉफिट के जिस भाग का विभाजन कम्पनी अपने शेयर होल्डर्स के साथ करती है, इसे डिविडेंड अर्थात लाभांश कहते है | कम्पनी द्वारा यह लाभांश अपने शेयर धारकों को कैश या किसी अन्य रूप में दे सकती है | हालाँकि शेयर होल्डर को लाभांश किस रूप में देना है, इसका निर्णय कम्पनी द्वारा लिया जाता है |
दूसरे शब्दों में डिविडेंड या लाभांश देना पूर्ण रूप से कम्पनी पर निर्भर करता है | हालाँकि डिविडेंड देने की घोषणा करना कम्पनी के संचालक पर निर्भर होता है | दरअसल लाभांश देने की घोषणा कम्पनी की जनरल मीटिंग में कम्पनी मैनेजमेंट द्वारा की जाती है | वैसे देखा जाये, तो अधिकांश कम्पनियां मार्केट में नई होती है | वह प्रॉफिट को भी कम्पनी में लगाकर उसका विस्तार करती है | ऐसे में कम्पनियों द्वारा अपने शेयर होल्डर्स को डिविडेंड या लाभांश काफी कम दिया जाता है या फिर देती ही नही है |
डिविडेंड या लाभांश आपके पोर्टफोलिओ के जोखिम को कम करने में Dividend पॉलिसी क्या है? मदद करता है | यदि आपने अपने पैसे का इन्वेस्टमेंट कम्पनी के शेयर या म्यूचुअल फण्ड में किया है, तो आप लाभांश प्राप्त करनें के आप्शन को सेलेक्ट कर सकते है | इसके अलावा आप जनरल शेयर के साथ-साथ प्रेफर्ड स्टॉक में इन्वेस्टमेंट कर लाभांश प्राप्त कर सकते है | जनरल शेयर होल्डर को दिया जाने वाला लाभांश कई कम्पनियों के मुताबिक अलग -अलग होता है | जबकि प्रेफर्ड स्टॉक में जनरल स्टॉक की तुलना में लाभांश का भुगतान अधिक किया जाता है |
डिविडेंड या लाभांश कितने प्रकार के होते हैं (How Many Types of Dividends?)
मुख्य रूप से डिविडेंड या लाभांश 6 प्रकार के होते है, इनका विवरण इस प्रकार है-
नकद लाभांश (Cash Dividend)
यह नकद में भुगतान किए जाने वाले लाभांश के सबसे सामान्य प्रकारों में से एक है। कैश या नगद लाभांश कंपनी द्वारा डायरेक्ट शेयर होल्डर के बैंक अकाउंट में भेज दिया जाता है | आमतौर पर अब ज्यादातर कम्पनियां लाभांश का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से कर रही है लेकिन कभी-कभी कम्पनियां पेमेंट चेक के माध्यम से भी करती है |
स्टॉक लाभांश (Stock Dividends)
इस प्रकार के लाभांश तब जारी किए जाते हैं जब किसी कंपनी के पास परिचालन नकदी की कमी होती है, लेकिन फिर भी शेयरधारकों को खुश रखने के लिए सामान्य स्टॉक जारी करता है। शेयरधारकों को उनके द्वारा पहले से रखे गए शेयरों के अनुपात में अतिरिक्त शेयर मिलते हैं और इन बोनस शेयरों के लिए अतिरिक्त भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती है।
संपत्ति लाभांश (Property Dividend)
इन लाभांशों का भुगतान नकद के बजाय संपत्ति के रूप में किया जाता है। यदि किसी कंपनी के पास ऑपरेटिंग कॅश की कमी है,ऐसे में निवेशकों को गैर-मौद्रिक लाभांश का भुगतान किया जाता है। संपत्ति लाभांश किसी भी रूप में जैसे संपत्ति, वाहन, अचल संपत्तिआदिमें हो सकता है ।
स्क्रिप लाभांश(Scrip Dividend)
जब किसी कम्पनी के पास निवेशकों को लाभांश देने के लिए पर्याप्त धनराशि नही होती है, तो वह शेयरधारकों को ट्रांस्फ़ेरेबल वचन पत्र अर्थात प्रामिसरी नोट जारी करती है, जिसमें वह भविष्य की तारीख पर लाभांश के भुगतान की पुष्टि करती है। इस प्रकार के लाभांश तब जारी किए जाते हैं, जब किसी कंपनी के पास पर्याप्त लिक्विडिटी नहीं होती है और उसे अपने एसेट्स को कैश में परिवर्तित करनें के लिए कुछ समय की आवश्यकता होती है।
परिसमापन लाभांश (Liquidation Dividend)
लिक्विडेटिंग डिविडेंड (या लिक्विडेटिंग डिस्ट्रीब्यूशन) डिविडेंड का प्रकार है | इस प्रकार का लाभांश कम्पनी अपने शेयरधारकों को पूरी तरह से बंद करने से पहले कैश या एसेट्स में देती है एक कंपनी इस लाभांश का भुगतान अपनी संचित आय से अधिक करती है।एक कंपनी अपने अन्य दायित्वों, जैसे लेनदारों और अन्य ऋणों को पूरा करने के बाद ही ऐसा लाभांश देती है।
यदि किसी कंपनी के पास देनदारियों से कम संपत्ति है तो कोई परिसमापन वितरण बिल्कुल नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि देयता भुगतान के बाद कोई धनराशि नहीं बची है। यह आमतौर पर दिवालियापन परिसमापन के मामले में होता है। परिसमापन वितरण तब भी हो सकता है जब कोई कंपनी अपने व्यवसाय के एक हिस्से को नकदी के लिए बेचती है और इसे शेयरधारकों के बीच वितरित किया जाता है।
विशेष लाभांश (Special Dividend)
जब कम्पनी को किसी स्कीम या प्रोडक्ट Dividend पॉलिसी क्या है? के माध्यम से अधिक लाभ प्राप्त होता है, तो कम्पनी इस प्रॉफिट को अपने शेयर होल्डर के साथ शेयर करती है | इस प्रकार के अतिरिक्त लाभांश को ही विशेष लाभांश या स्पेशल डिविडेंड कहते है | स्पेशल डिविडेंड, जनरल डिविडेंड की तुलना में अधिक होता है | इस डिविडेंड को रेगुलर पेमेंट पालिसी से अलग डिविडेंड का पेमेंट कम्पनी का द्वारा किया जाता है |
इस प्रकार यह पता चला है, कि आमतौर पर लाभांश का भुगतान नकद में किया जाता है | लेकिन कुछ स्थितियों मेंयहाँ बताए अनुसार लाभांश के अन्य रूप भी हो सकते हैं।
Dividend का अर्थ,
आज के इस टॉपिक में हम जानेंगे कि डिविडेंड क्या होता है ? ये कैसे काम कर सकता है ? और डिविडेंड के क्या क्या फायदे है ?
आइए सबसे पहले बात करते है –
Dividend Kya Hota hai ? (लाभांश क्या होता है)
डिविडेंड किसी कंपनी के द्वारा उसके शेयर होल्डर को दिया जाने वाला कम्पनी के NET PROFIT (शुद्ध लाभ) का एक हिस्सा होता है,
कम्पनी को जो भी लाभ होता है, उसमे टैक्स और सभी तरह के दुसरे ADJUSTMENT करने के बाद बची NET PROFIT (शुद्ध लाभ) को कम्पनी के शेयर होल्डर में बराबर बराबर बाटा जाता है, और जिस व्यकित के पास जितने शेयर होते है, उस व्यक्ति को उसी अनुपात में डिविडेंड का लाभ प्राप्त होता है,
जैसे – अगर मेरे पास TCS के 100 शेयर है, जिस पे TCS ने 5 रूपये प्रति शेयर का डिविडेंड दिया, इसका मतलब मुझे कुल डिविडेंड मिलेगा : 100 X 5 = 500 रूपये,
DIVIDEND देने का फैसला
ध्यान देने वाली बात है कि डिविडेंड देना है या नहीं, ये पूरी Dividend पॉलिसी क्या है? तरह कम्पनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के ऊपर निर्भर करता है, अगर Board of Directors चाहे तभी कम्पनी डिविडेंड देने की घोषणा करती है,
डिविडेंड देने का फैसला कंपनी की Annual General Meeting (AGM) में बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर द्वारा किया जाता है,
ध्यान देने वाली बात ये है कि – ज्यादातर कंपनी जो मार्केट में नए होते है, या जो इस पालिसी पर चलते है कि Dividend पॉलिसी क्या है? वे लाभ को वापस बिज़नस में ही लगा कर बिज़नस को और बढ़ाएंगे, ऐसी कंपनी डिविडेंड बहुत कम देती है, या नहीं देती है,
DIVIDEND का कैलकुलेशन
इस बात को खास ध्यान रखे कि डिविडेंड हमेशा शेयर के FACE VALUE पर दिया जाता है, और इसका कैलकुलेशन भी FACE VALUE पर ही किया जाता है,
जैसे किसी स्टॉक का करंट मार्केट price है – 500 रूपये,
लेकिन उस स्टॉक का फेस वैल्यू अगर 10 रूपये है, और कम्पनी 100 % डिविडेंड देने का फैसला करती है,
तो इसका मतलब है शेयर का फेस वैल्यू है 10 रुपये, तो 100% डिविडेंड का मतलब है प्रति शेयर 10 रूपये का डिविडेंड मिलेगा,
ध्यान रहे डिविडेंड का current MARKET PRICE से कोई लेना देना नहीं होता है,
DIVIDEND निवेशक को किस ACCOUNT में दिया जाता है,
डिविडेंड उस BANK ACCOUNT में CREDIT होता है, जो हमारे DEMAT ACCOUNT में LINKED होता है, जिसमे शेयर होल्डिंग्स पड़ी हुई होती है,
जैसे अगर मेरा आईसीआईसीआई बैंक का अकाउंट DEMAT ACCOUNT के साथ लिंक्ड है, और मेरे इस DEMAT ACCOUNT में TCS के शेयर क्रेडिटेड है,
और अगर TCS, कंपनी डिविडेंड देने कि घोषणा करती है, तो मुझे मेरे आईसीआईसीआई बैंक के अकाउंट में डिविडेंड डायरेक्टली Dividend पॉलिसी क्या है? क्रेडिट हो जायेगा,
DIVIDEND कितने तरह के होते है –
- INTERIM DIVIDEND – जब कंपनी फाइनेंसियल इयर के भीतर ही quarterly डिविडेंड की घोषणा करती है, तो इसे INTERIM DIVIDEND कहा जाता है,
- FINAL DIVIDEND – जब कंपनी Financial Year के अंत में Annual डिविडेंडकी घोषणा करती है, तो इसे FINAL DIVIDEND कहा जाता है,
DIVIDEND के फायदे
डिविडेंड के कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार है
- डिविडेंड TAX FREE INCOME होता है, इसलिए अगर आपको किसी स्टॉक/शेयर/म्यूच्यूअल फण्ड पर जब डिविडेंड मिलता है, तो डिविडेंड पर कोई टैक्स नहीं लगता है,
- डिविडेंड एक पूरी तरह PASSIVE INCOME है, और एक बैलेंस्ड निवेश पोर्टफोलियो में डिविडेंड इनकम को भी शामिल क्या जाता है.
- किसी कंपनी के मार्केट में शेयर भाव का उसके डिविडेंड पर कोई फर्क नहीं होता है, कम्पनी अगर डिविडेंड Dividend पॉलिसी क्या है? देना चाहती है, तो शेयर के फेस वैल्यू पर दे देती है,
- डिविडेंड एक फिक्स्ड इनकम की तरह होता है, बड़ी बड़ी स्थापित और वर्षो पुरानी कंपनी अक्सर निश्चित समय पर डिविडेंड Dividend पॉलिसी क्या है? देती रहती है,
DIVIDEND YIELD क्या होता है ?
DIVIDEND YIELD एक फाइनेंसियल RATIO है, जो स्टॉक के डिविडेंड कमाने की क्षमता को दिखाता है,
और इस तरह डिविडेंड यील्ड निवेशक को किसी स्टॉक के डिविडेंड कमाने की क्षमता और उसके शेयर के मार्केट प्राइस के बीच सम्बन्ध को बताता है,
जैसे – मान लीजिए अगर INFOSYS कंपनी जिसके स्टॉक का FACE VALUE 5 रूपये, और मार्केट वैल्यू है 800 रूपये प्रति शेयर ,
और INFOSYS 200 % डिविडेंड की घोषणा करती है,
इसका मतलब इनफ़ोसिस से मिलने वाला डिविडेंड होगा, शेयर के फेस वैल्यू का 200 % = 10 रूपये,
और अगर DIVIDEND YIELD की बात की जाये तो, हमें शेयर के डिविडेंड वैल्यू को मार्केट वैल्यू से भाग देना होगा,
INFOSYS के शेयर का डिविडेंड यील्ड होगा = (10/800)*100 = .0125 X 100 = 1.25%
और इस तरह INFOSYS का डिविडेंड यील्ड होगा = 1.25 %
DIVIDEND ANNOUNCEMENT DATES
जब कोई कंपनी DIVIDEND देने की घोषणा करती है, तो डिविडेंड तुरंत ही नहीं दे दिया जाता है, बल्कि डिविडेंड की घोषणा और डिविडेंड के पेमेंट के बीच चार प्रमुख DATES होते है, और अंतिम Date पर ही डिविडेंड का पेमेंट होता है,
ये चार Date इस प्रकार है –
-
Dividend पॉलिसी क्या है?
- Dividend declaration date- यह वो Date होता है, जिस दिन कंपनी डिविडेंड देने की घोषणा अपने शेयर होल्डर को करती है,
- Last Cum-dividend date/.Ex-Dividend date – यह वो Date है, जो Last date होता है, इस Date के बाद अगर किसी ने स्टॉक या शेयर ख़रीदा है, तो उसे डिविडेंड नहीं मिलेगा, अगर आपको किसी स्टॉक का डिविडेंड पाना है, तो आपको इस Last Cum-dividend date से पहले उस स्टॉक को खरीदना होगा,
- Date of record या Record date – यह वो Date होता है, जिस दिन कंपनी अपने रिकॉर्ड बुक्स में ये देखती है, अभी उसके शेयर किन किन लोगो के पास है, इस Date पर कंपनी के रिकॉर्ड बुक में जिन लोगो का नाम रहता है, वही शेयर का डिविडेंड पाने के हक़दार होते है,
- Date of डिविडेंड Payment. – यह वो Date होता है, जब कंपनी द्वारा वास्तव में डिविडेंड का पेमेंट किया जाता है,
डिविडेंड देने वाली कंपनी कैसे चेक करे
आप इसे इन्टरनेट पर सर्च करके या कंपनी की वेबसाइट या फिर MONEY CONTROL की वेबसाइट पर नीचे दिए गए लिंक से पर जाकर डिविडेंड चेक कर सकते है –
LIC के शेयरों में उछाल 700 रुपए के पार पहुंचे स्टॉक, डिविडेंड पेमेंट के लिए रिकॉर्ड डेट भी तय
एलआईसी अपने संयुक्त उद्यम एलआईसी (नेपाल) लिमिटेड के प्रस्तावित राइट्स इश्यू में 80.67 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस प्रस्ताव को सोमवार को बीमाकर्ता की बोर्ड बैठक के दौरान मंजूरी दी गई थी।
LIC ने डेविडेंड पेमेंट के लिए तय की डेट (फोटो-Express Archive)
एलआईसी ने डिविडेंड पेमेंट के लिए रिकॉर्ड डेट भी घोषित कर दिया है। अब निवेशकों को जल्द ही डिविडेंड का भुगतान किया जाएगा। बीमा कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि डिविडेंड रिकॉर्ड पेमेंट के लिए रिकॉर्ड डेट 26 अगस्त तय की गई है और वहीं कंपनी की पहली एनुअल जनरल मीटिंग 27 सितंबर को किया जाएगा।
वहीं मंगलवार को LIC के शेयरों में उछाल देखने को मिला है। अब इसके शेयर 700 रुपए के पार जा चुके हैं। 3:29 pm पर इसके शेयरों ने 1.28% की उछाल लगाई थी, जिसके बाद यह 701.25 रुपए के स्तर पर पहुंच गया। वहीं सुबह के समय इसके शेयर 708 रुपए के स्तर पर पहुंचे थे।
नेपाल वाली Dividend पॉलिसी क्या है? फर्म में करेगी निवेश
इसके अलावा राज्य के स्वामित्व वाली एलआईसी अपने संयुक्त उद्यम एलआईसी (नेपाल) लिमिटेड के प्रस्तावित राइट्स इश्यू में 80.67 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। इस प्रस्ताव को सोमवार को Dividend पॉलिसी क्या है? बीमाकर्ता की बोर्ड बैठक के दौरान मंजूरी दी गई थी। वहीं एक अन्य फाइलिंग में एलआईसी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंकज जैन की जगह तत्काल प्रभाव से वित्तीय सेवा विभाग के अतिरिक्त सचिव सुचिंद्र मिश्रा को अपने बोर्ड में सरकारी निदेशक के रूप में नामित किया है।
Radish Side Effect: इन 4 बीमारियों में मूली का सेवन सेहत पर ज़हर की तरह करता है असर, एक्सपर्ट से जानिए
Complaint To CM Yogi: सीएम योगी के पास शिकायत लेकर पहुंचा परिवार तो पुलिस ने कर दिया बुरा हाल, जानें पूरा किस्सा
CJI D Y Chandrachud: मेरे विचार से बच्चों को कम से कम पढ़ाना चाहिए- जानिए CJI चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में ऐसा क्यों कहा
कितनी हुई कंपनी की आय
शेयर लिस्टिंग के बाद अपनी पहली कमाई जारी करते हुए, एलआईसी ने समेकित शुद्ध लाभ में 17% की गिरावट के साथ चौथे क्वार्टर के लिए 2,409 करोड़ रुपए की गिरावट दर्ज की, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2,917 करोड़ रुपए थी। बीमाकर्ता की कुल आय पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,90,098 करोड़ रुपए से बढ़कर 2,12,230 करोड़ रुपए हो गई है।
कितना गिरा शेयर प्राइज
17 मई, 2022 को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने के बाद से एलआईसी के शेयर की कीमत में तेजी से गिरावट आई है। एलआईसी के शेयर निवेशकों को 949 रुपए पर आवंटित किए गए। शेयर अपने आईपीओ इश्यू मूल्य 949 रुपए से लगभग 34% नीचे है ।
बता दें कि भारत का अब तक का सबसे बड़ा LIC IPO लगभग 3 गुना सब्सक्रिप्शन के साथ बंद हुआ था। सरकार ने प्रारंभिक शेयर बिक्री के माध्यम से एलआईसी में 22.13 करोड़ से अधिक शेयर या 3.5% हिस्सेदारी बेची।
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स: मतलब, टैक्स रेट और कब DDT चुकाना है?
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (लाभांश वितरण कर) क्या था?
लाभांश वितरण कर एक लाभांश पर लगाया गया कर है जो एक व्यवसाय अपने शेयरधारकों को मुनाफे से बाहर चुकाता है। स्रोत पर कर, लाभांश या DDT के भुगतान पर कर लगाया गया; और व्यवसाय द्वारा लाभांश के वितरण में कटौती की गई थी। लाभांश कंपनी के आय का प्रतिशत है जो उसके मालिकों द्वारा शेयरधारकों को दिया जाता है। कानून ने निगम द्वारा एकत्र किए जाने वाले लाभांश के भुगतान पर कर के लिए अनुमति दी, और इसे प्राप्त शेयरधारक द्वारा भुगतान करने की आवश्यकता नहीं थी।
DDT का उन्मूलन
हालाँकि, जैसा कि केंद्रीय बजट 2020-21 में, वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत, लाभांश भुगतान कर और DDT के उपयोग को 31 मार्च 2020 से प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया गया है। निवेशकों को एक शास्त्रीय योजना का पालन करने की उम्मीद की जानी चाहिए, जिसमें निवेशक की कुल आय में लाभांश जोड़े जाते हैं और प्राप्तकर्ताओं के हाथों उनके संबंधित स्लैब दरों पर कर लगाया जाता है। कारोबारियों को अब DDT का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। सभी उपायों में, इसे निरस्त कर दिया गया है। हालांकि, ऐसी लाभांश आय पर स्रोत (TDS) पर काटा गया कर 10 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से 5 000 रुपये प्रति वर्ष से अधिक काटा जाता है।
लाभांश वितरण कर की दर
जैसा कि धारा 115O में निर्दिष्ट है, कोई भी घरेलू निगम जिसने अप्रैल 2020 से पहले लाभांश घोषित / वितरित किया था, को सकल लाभांश राशि पर 15 प्रतिशत की दर से DDT का भुगतान करना था। कुल लाभांश पर प्रभावी DDT दर 17.65 प्रतिशत थी। लाभांश वितरण कर (Sec 115 O) 15 प्रतिशत था, हालाँकि यह आयकर अधिनियम की धारा 2 (22) (e) में निर्दिष्ट लाभांश के मामले में 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया था।
म्यूचुअल फंड के लिए DDT
DDT म्यूचुअल फंड पर भी लागू था; स्टॉक और डेट फंड के लिए लागू मूल्य नीचे दिखाए गए हैं। इक्विटी फंड को DDT से छूट दी गई है। 2018 के बजट में स्टॉक म्यूचुअल फंड्स (सरचार्ज और समाप्ति का 11,648 प्रतिशत) पर 10 Dividend पॉलिसी क्या है? प्रतिशत लगान दिया गया। DDT डेट फंड्स के लिए 25 प्रतिशत (अधिभार और समाप्ति सहित 29.12 प्रतिशत) की दर पर उपलब्ध है। फंड धारक के कब्जे में, धारकों से अर्जित लाभांश को बाहर रखा गया है।
कब DDT का भुगतान किया जाना था?
● DDT जारी करने, वितरण, या लाभांश के भुगतान के 14 दिनों के भीतर सरकार को भुगतान किया जाना था; जो भी जल्द हो।
● यदि DDT को निर्दिष्ट समय अवधि के दौरान चार्ज नहीं किया गया था, तो शेष राशि को मंजूरी देने से पहले, प्रति माह 1 प्रतिशत की ब्याज दर वसूल की जानी थी।
● Dividend पॉलिसी क्या है? हालांकि, कर को निगम के आयकर दायित्व से अधिक और व्यक्तिगत रूप से भुगतान किया गया था। इसने आयकर नियम के अनुसार, DDT कर का भुगतान करने के लिए कंपनी को कोई क्रेडिट नहीं दिया।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 296