- गाजियाबाद मालीवाड़ा चौक स्थित केनरा बैंक की शाखा में खुले कंपनी के खाते में पैसे जमा किए जाते थे। इस कंपनी में एक व्यक्ति अधिकतम 3 आईडी का इस्तेमाल सोशल ट्रेडिंग क्या है कर सकता था।
सोशल ट्रेडिंग के जालसाजों ने दून के भी सैकड़ों को ठगा
जागरण संवाददाता, देहरादून: गाजियाबाद में पकड़े गए सोशल ट्रेडिंग कंपनी के जालसाजों ने दून के भी सैकड़ों लोगों को निशाना बनाया है। शुक्रवार को जालसाजों का कारनामा सामने आने के बाद शहर में यह चर्चा का विषय बना रहा। लोग साइबर कैफे में पहुंचकर अपने मेंबरशिप का स्टेटस चेक करते देखे गए। हालांकि इस मामले में अभी कोई शिकायत पुलिस कार्यालय तक नहीं पहुंची है।
दरअसल, गाजियाबाद में पकड़ी गई सोशल ट्रेंड कंपनी से देहरादून के भी कई अधिकारी, कारोबारी और युवा जुड़े थे। इनमें सरकारी विभागों व निजी संस्थानों के सोशल ट्रेडिंग क्या है कर्मचारी भी शामिल हैं, जिन्होंने मोटा मुनाफा कमाने के लालच में न सिर्फ निवेश किया, बल्कि अपने जान-पहचान के लोगों को भी जोड़ा। हालांकि, छह माह से जुड़े लोगों ने अच्छी-खासी रकम बटोरी भी, मगर बाद में जुड़ने वाले कइयों के रुपये डूब गए। सूत्रों की माने तो राजधानी में करीब सात माह से सोशल ट्रेड कंपनी का नेटवर्क चल रहा था। चर्चा यह भी है कि एक प्रशासनिक अधिकारी ने कुछ अफसरों और कारोबारियों को इस नेटवर्क से जोड़ा था। जब कुछ लोगों की कमाई होने लगी तो और भी कई लोग जुड़ गए। माना जा रहा कि वर्तमान में सैकड़ों लोग सोशल ट्रेंड कंपनी से जुड़े हैं, जिनकी ओर से पाच हजार से ढाई लाख तक का निवेश किया गया है। इसमें प्रॉपर्टी डीलर से लेकर कारोबारी और कॉलेज में पढ़ने वाले युवा तक शामिल हैं। ऐसे में दून में भी लाखों रुपये की ठगी का अंदेशा है।
सरकार ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के फ्रेमवर्क को दी मंजूरी, वित मंत्री ने 2019 के बजट में किया था एलान
Social Stock Exchange: सरकार की ओर से इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने 2019 के बजट में सोशल स्टॉक एक्सचेंज लाने का एलान किया था.
(File Image: Reuters)
Social Stock Exchange: सरकार ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी है. फ्रेमवर्क में यह बताया गया है कि इस एक्सचेंज के जरिए कौन पैसे जुटा सकता है और कहां इसका इस्तेमाल होगा. सरकार सोशल ट्रेडिंग क्या है की ओर से इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया सोशल ट्रेडिंग क्या है गया है. वित्त मंत्री ने 2019 के बजट में सोशल स्टॉक एक्सचेंज लाने का एलान किया था.
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, नॉन प्रॉफिट संगठन सामाजिक कार्य के लिए बाजार से पैसे जुटा पाएंगे. अगर आसान शब्दों में कहें सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठन (एनजीओ) के पास अब पैसे जुटाने के लिए शेयर बाजार भी एक ऑप्शन है. इसका मतलब कि अब प्राइवेट फर्म की तरह एनजीओ भी खुद को शेयर बाजार में लिस्टेड करा सकेंगे और यहां से पैसे जुटा पाएंगे.
आम निवेशकों को होगा फायदा!
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज से देश के सभी नागरिकों को फायदा मिलेगा. एक इलेक्ट्रॉनिक फंड रेजिंग प्लेटफॉर्म बनाने की योजना है, जिससे समाज की भलाई के लिए काम करने वाले संगठनों को लिस्टेड करने और फंड जुटाने में मदद की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अब NGO के शेयरों को आम आदमी/ निवेशक में खरीद-बिक्रकी कर सकेगा. ये एक तरह से शेयर बाजार की तरह ही काम करेगा.
Zee Business Hindi Live यहां देखें
सोशल मीडिया पर लाइक्स से कमाई के फेर में फंसे हजारों लोग, ऐसे होता था फर्जीवाड़ा
मोकामा (बिहार). सोशल मीडिया पर प्रति लाइक 5 रुपए कमाने के फेर में मोकामा और आसपास के इलाके के हजारों लोगों ने अपनी मेहनत की जमा पूंजी को दांव पर लगा दिया। एब्लेज इंफो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाई गई कंपनियों में सोशल मीडिया से कमाई करने का सब्जबाग दिखाकर कंपनी ने कई लोगों से पैसे जमा कराए। मोकामा के करीब 100 लोगों ने सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम की कंपनी में पैसा लगाया था। ये है पूरा मामला.
- बेगूसराय जिले के बीहट से भी एक हजार से अधिक लोगों के इस धंधे से जुड़े होने की बात अब तक सामने आई है।
- लखीसराय जिला के विभिन्न शहरों और गांवों से भी कई लोगों ने इस कंपनी से जुड़कर मेहनत की कमाई को दांव पर लगाया है।
- सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम की साईट एब्लेज इंफो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तहत संचालित है। कंपनी का सीईओ अनुभव मित्तल है।
गुड़गांवः ऑनलाइन सोशल ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी
- गुडगांव,
- 25 मार्च 2017,
- (अपडेटेड 25 मार्च 2017, 4:54 PM IST)
नोएड़ा के बाद अब हरियाणा के गुड़गांव में ऑनलाइन सोशल ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. जहां कई लोगों ने वेबक्लिक नामक कंपनी पर उनके साथ फ्रॉड करने का आरोप लगाया है. इस कंपनी के तार भी नोएडा से जुड़े बताए जा रहे हैं. अब सभी पीड़ित पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
गुड़गांव के रहने वाले कई लोग शनिवार को पुलिस आयुक्त के कार्यालय पहुंचे और वेबक्लिक नामक एक कंपनी पर ऑनलाइन सोशल ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों रुपये का फ्रॉड करने का आरोप लगाया. इन सभी पीड़ितो को पुलिस कमिश्नर ने सोमवार को मिलने के लिए दोबारा बुलाया है.
घंटों के बाद व्यापार क्यों? [Why trade After-hours?]
पूरे यू.एस. शेयर बाजार के साथ दिन में साढ़े छह घंटे, सप्ताह में पांच दिन व्यापार करने के लिए तैयार होने के साथ, किसी को आश्चर्य हो सकता है कि निवेशक बाजार के व्यापार के लिए बंद होने तक इंतजार क्यों करेंगे। पता चला, आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग गेम में शामिल होने के फायदे और जोखिम हैं। Agency Cost क्या हैं?
कई कंपनियां ट्रेडिंग बंद होने के बाद अपनी तिमाही आय रिपोर्ट जारी करती हैं। यदि कोई हाई-प्रोफाइल कंपनी बकाया तिमाही परिणामों का खुलासा करती है, तो कई निवेशक अगले दिन तक प्रतीक्षा करने के बजाय अच्छे परिणामों का लाभ उठाने के लिए बाद के घंटों के कारोबार में स्टॉक खरीदने के लिए दौड़ सकते हैं।
वैकल्पिक रूप से, एक कंपनी भयानक परिणामों की रिपोर्ट कर सकती है, और नकारात्मक रिपोर्ट के बाद नुकसान से बचने के लिए स्टॉक के मालिकों के पास बेचने के लिए तैयार ऑर्डर हो सकता है। कुछ व्यापारी कम कीमत पर शेयरों की कोशिश करने और कब्जा करने के लिए बाद के घंटों के कारोबार में एक खरीद आदेश भी दे सकते हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 795