करेंसी नोटों का डिजिटल स्वरूप
करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स
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कई कामों में इस्तेमाल हो सकेगा मल्टी-करेंसी अकाउंट का
मल्टी-करेंसी अकाउंट का इस्तेमाल विदेशों में निवेश, विदेशों में पढ़ाई के लिए बचत, विदेशी आय प्राप्त करने या विदेश जाने से पहले कोई खाता खोलने के रूप में किया जा सकता है. स्टूडेंट्स बिना विजा, एसएसन या यूनिवर्सिटी के एडमिशन लेटर के बिना ही यह खाता खोल सकते हैं और जब वे विदेश जाते हैं तो इसका इस्तेमाल जारी रख सकते हैं.करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि भारतीय नागरिक के लिए विदेशी मुद्रा में खाता खोलने के लिए क्या नियम हैं और इसके लिए विशेष अनुमति या प्रक्रिया का पालन करना होगा या नहीं? इसे लेकर विनवेस्टा के फाउंडर और सीईओ स्वास्तिक निगम का कहना है कि कोई भी भारतीय नागरिक हर साल आरबीआई के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत 2.5 लाख डॉलर (18.7 करोड़ रुपये) का निवेश कर सकता है और जब तक इस सीमा के भीतर तक निवेश रहता है, किसी अतिरिक्त मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी.
महज 50 डॉलर में मिनटों में खुलवा सकेंगे अकाउंट
लंबे समय तक विदेशी मुद्रा खाता खुलवाना किसी प्रिविलेज से कम नहीं था और कम से कम 50 हजार डॉलर चाहिए होते थे और कई महीनों तक खाता खुलने का इंतजार करना होता था. हालांकि अब विनवेस्टा के मल्टी-करेंसी अकाउंट को महज 50 डॉलर में ही अपने पैन और आधार के जरिए मिनटों में खुलवाया जा सकेगा. भारत से किसी अन्य खाते में पैसे में ट्रांसफर करने पर यह कुछ घंटे से लेकर 2 कारोबार दिवस के बीच यह क्रेडिट हो जाएगा.
विनवेस्टा के को-फाउंडर और प्रेसिडेंट प्रतीक जैन का कहना है कि अमेरिकी स्टॉक्स या ब्रिटिश प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए निवेशकों के पास विदेशी मुद्रा खाता होना जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर पैसों को बार-बार एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में कंवर्जन करना होता है जिससे एक्सचेंज कॉस्ट के रूप में करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स बड़ी राशि चुकानी होती है. खाते का पैसा यूके (यूनाइटेड किंगडम) के मनी रेगुलेशंस के जरिए सुरक्षित रहेगा और विनवेस्टा व ई-मनी इंस्टीट्यूशन इस पैसे का इस्तेमाल लेंडिंग के लिए नहीं कर सकेगी. कैश बार्सलेज जैसे बड़े बैंकों के पास सुरक्षित रहेगा.
मल्टी-करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स
- मल्टी-करेंसी अकाउंट खुलवाने के लिए एक बार में 399 रुपये की सेटअप फीस चुकानी होगी.
- किसी भी पेमेंट के लिए 1 डॉलर का फ्लैट फीस चुकाना होगा और मासिक फीस 2.99 डॉलर है.
- करेंसी कंवर्जन की फीस फिक्स्ड नही है लेकिन आने वाले पेमेंट्स पर कोई शुल्क नहीं देना होगा. इस करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स प्रकार कोई शख्स फॉरेक्स से जुड़े खर्चों में 75 फीसदी तक की बचत कर सकता है.
- सभी चार्जेज के बारे में प्राइसिंग प्लान में देख सकते हैं.
- ग्राहक अगर अपने किसी मित्र को इस प्लेटफॉर्म पर इनवाइट करते हैं तो उन्हें एक साल का फ्री मेंबरशिप मिलेगा.
- बेस प्लान के तहत कंपनी ने 5 हजार डॉलर प्रति ट्रांजैक्शन का लिमिट सेट किया है लेकिन हर दिन ट्रांजैक्शन की संख्या को लेकर कोई सीमा नहीं है.
- विनवेस्टा के मल्टी-करेंसी अकाउंट को करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स महज 50 डॉलर में ही अपने पैन और आधार के जरिए मिनटों में खुलवाया जा सकेगा.
- भारत से किसी अन्य खाते में पैसे में ट्रांसफर करने पर यह कुछ घंटे से लेकर 2 कारोबार दिवस के बीच यह क्रेडिट हो जाएगा.
- स्टूडेंट्स बिना विजा, एसएसन या यूनिवर्सिटी के एडमिशन लेटर के बिना ही यह खाता खोल सकते हैं और जब वे विदेश जाते हैं तो इसका इस्तेमाल जारी रख सकते हैं.
- मल्टी-करेंसी अकाउंट के जरिए एक ही प्लेटफॉर्म के जरिए 30 से अधिक मुद्राओं में 180 से अधिक देशों में लेन-देन संभव होगा.
कैसे काम करेगा Digital Rupee?
डिजिटल रूप में जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. डिजिटल रूपी को दो तरह से लॉन्च किया जाएगा. पहला होलसेल ट्रांजैक्शन यानि बड़े ट्रांजैक्शन के लिए, जिसकी शुरुआत 1 नवंबर से होगी. वहीं, दूसरा रिटेल में आम पब्लिक के लिए होगा. CBDC ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. पेपर करेंसी की तरह इसका लीगल टेंडर होगा. आप जिसे पेमेंट करना चाहेंगे उसे इससे पेमेंट कर सकेंगे और उसके अकाउंट में ये पहुंच जाएगी. CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखाई देगा. CBDC को पेपर नोट के साथ बदला जा सकेगा. कैश के मुकाबले ट्रांजैक्शन आसान और सुरक्षित होगा. ये बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, लेकिन टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रांजैक्शन पूरा होगा. एक तरह से करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स इसे इलेक्ट्रॉनिक कैश कह सकते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है. इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता. ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं. लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है. सरकार की मंजूरी होगी. डिजिटल रुपी की क्वांटिटी करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स की भी कोई सीमा नहीं होगी. जैसे बिटकॉइन की होती है. सबसे खास बात है RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी. जिस तरह क्रिप्टो में करेंसी का भाव घटता-बढ़ता है, डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा. फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी.
सभी को मिलेगा डिजिटल रूपी
डिजिटल रुपी दो तरह का होगा. एक बड़ी रकम के लेनदेन के लिए होगा जिसका नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी होलसेल होगा. इसका इस्तेमाल बड़े वित्तीय संस्थान जिसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े सौदे करने वाले संस्थान करेंगे. इसके अलावा रिटेल के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल भी आएगा. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे. ये करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स भी पहले चुनिंदा जगहों और बैंकों के साथ शुरू होगा. रिटेल प्रोजेक्ट में सभी आयुवर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा. फिर उनके अनुभवों के आधार पर जरूरत पड़ने पर फीचर्स में बदलाव होगा.
डिजिटल रुपी को डिजिटल पेमेंट सिस्टम की अहम कड़ी UPI से भी जोड़ा जाएगा. इससे करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स लोग Paytm, PhonePe जैसे दूसरे अहम वॉलेट से लेन देन कर सकें. जिस तरह 10, 20, 50, 100, 500 वाले नोट होते हैं. उसी वैल्यू (डिनॉमिनेशन) वाला डिजिटल रुपी भी आएगा. हालांकि, कोई व्यक्ति कितना डिजिटल रुपी रख सकेगा, इसकी सीमा भी तय की जा सकती है. डिजिटल करेंसी से पेमेंट पर गोपनीयता बनाए रखने की कोशिश की जाएगी. मुमकिन है कि चुनिंदा सरकारी एजेंसियों को छोड़कर बाकी किसी को डिजिटल रुपी से हुए सौदों की पूरी सटीक जानकारी नहीं दी जाए.
डिजिटल RUPEE की खासियत
- CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा.
- बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान.
- चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा.
- मोबाइल से कुछ सेकेंड में पैसे ट्रांसफर होंगे.
- नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा.
- पेपर नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा.
- डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी.
- CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा.
डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रहा है. बल्कि लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा. करेंसी नोट वाली व्यवस्था और डिजिटल रुपी वाली व्यवस्था दोनों चलेंगी. इससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल रुपी कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा. मकसद ये भी होगा कि ऐसे लोग जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें.करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स
कितने तरह के होते हैं Savings Account? कौन सा आपके लिए है बेस्ट, यहां समझिए
आपका भी किसी ना किसी बैंक में सेविंग्स अकाउंट जरूर होगा. आज हम आपको बता रहे हैं कि ये अकाउंट कितने तरह के होते हैं और कैसे आप इनका बेहतरीन इस्तेमाल कर सकते हैं.
जरूरत के हिसाब सेविंग अकाउंट्स भी अलग-अलग होते हैं (Pixabay)
Savings Bank Account: हम में से ज्यादातर लोग सेविंग बैंक अकाउंट (Saving Bank Account) का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स आपके लिए कौन सा सेविंग अकाउंट फिट रहेगा? क्योंकि, जरूरत के हिसाब सेविंग अकाउंट्स भी अलग-अलग होते हैं. कामकाजी लोगों के लिए अलग, बुजुर्गों के लिए अलग, महिलाओं के लिए अलग और बच्चों के लिए अलग तरह का सेविंग अकाउंट होता है. इस तरह कुल मिलाकर 6 तरह के सेविंग अकाउंट होते हैं.
कैश रखना भूल जाइए! कल से आम आदमी के लिए Digital Rupee की शुरुआत, जानिए कैसे करेंगे इस्तेमाल
- नई दिल्ली,
- 30 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 30 नवंबर 2022, 10:33 AM IST)
जेब में कैश रखकर चलना अब पुराने जमाने की बात होगी. दरअसल, आम भारतीयों के लिए डिजिटल रुपया आने में बस एक दिन बाकी हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 दिसबंर से रिटेल डिजिटल रुपये (Digital Rupee) के लॉन्च का ऐलान कर दिया है, जो रिटेल करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स डिजिटल करेंसी के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे इस्तेमाल कैसे करना है? साथ ही इसके क्या फायदे-नुकसान हैं? तो हम आपको बताते हैं इसके बारे में सबकुछ.
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