हार्मोन के बदलने से अचानक से बाल झडना शुरू हो सकता है। जिस तरह गर्भावस्था के समय हार्मोन में बदलाव बालों के झड़ने का कारण बन सकता है, उसी तरह प्रेगनेंसी को रोकने की दवा का बदलना या बंद करना भी बालों के झडने का कारण हो सकता है। यह टेलोजन एफ्लुवियम का कारण भी बन सकता है और अगर आपके परिवार में पहले से ही किसी को बालों के झडने की समस्या है तो इसके द्वारा आपके प्रभावित होने की सम्भावना बढ़ जाती है। रजोनिवृत्ति के समय होने वाले हार्मोनल संतुलन में बदलाव के कारण भी बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।
PCOD In Hindi – जानिए क्या और क्यों होता है महिलाओं को PCOD?
Poly Cystic Overy Disorder; आजकल महिलायें पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। वे घर व बाहर दोनों में संतुलन बनाये हुए हैं किन्तु ऐसे में वे अपने शरीर का ध्यान रखना भूल जाती है। अपने ऊपर ध्यान न देने से उनके शरीर में कई बीमारियाँ अपना स्थान बनाने लगी हैं – PCOD (PCOD in Hindi) उन्ही बिमारियों में से एक है। समय की कमी और कार्य की अधिकता के कारण आजकल की लड़कियाँ और महिलायें अपने खाने पीने पर सही से ध्यान नहीं दे पाती और बिमारियों का शिकार हो जाती हैं।
शायद आपको पता न हो, पर आपके खाने – पीने और रहन हार्मोनिक पैटर्न की कमियां हार्मोनिक पैटर्न की कमियां सहन का आपके शरीर और होने वाली बिमारियों पर काफी प्रभाव पड़ता है। आप क्या खाते हैं और क्या पीते हैं, PCOD पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। तो आइये जानते हैं क्या है यह बीमारी और क्यों यह आजकल की महिलाओं और लड़कियों को इतना प्रभावित कर रही है।
PCOD in Hindi: पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर या PCOD हिन्दी में
PCOD kya hai: पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (पीसीओडी) एक प्रकार का हार्मोनल विकार होता है। यह अधिकतर महिलाओं की प्रजनन आयु में उन्हें प्रभावित करता है। इस डिसऑर्डर में, महिला का शरीर असंतुलित तरीके से हार्मोन का उत्पादन करने लगता है जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) का उत्पादन भी बढ़ जाता है। एक शोध के अनुसार, हर दस में से एक महिला इस डिसऑर्डर से पीड़ित है।
इसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS ) के नाम से भी जाना जाता है। पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं के बढ़े हुए अंडाशय में कई छोटे सिस्ट्सपाए जाते हैं।
PCOD किन्हे होता है?
5 से 10% महिलायें 15 और 44 वर्ष के बीच, या उन वर्षों के दौरान जब उनको बच्चे हो सकते हैं, PCOD से पीड़ित हो जाती हैं। अधिकांश महिलाओं को उनके 20 और 30 की आयु में पता चलता है कि उनको पीसीओडी (PCOD in Hindi) है, जब उन्हें गर्भवती होने में किसी प्रकार की समस्या आती है और वे डॉक्टर को दिखाती है। लेकिन पीसीओएस आपके यौवन के बाद किसी भी उम्र में हो सकता है ।
PCOD सभी जातियों और नस्लों की महिलाओं को हो सकता है। हार्मोनिक पैटर्न की कमियां अगर आप मोटे हैं और आपकी मां, बहन या मौसी को PCOD की समस्या हैं तो आपको भी पीसीओडी होने का खतरा अधिक हो सकता है।
PCOD होने के कारण
वैसे तो PCOD होने के सही कारणों का पता लगाना असंभव है किन्तु एक्सपर्ट्स केअनुसार कुछ कारक जैसे आनुवंशिकी मुख्य भूमिका निभाते हैं:
इंसुलिन की बढ़ी हुई मात्रा: मानव शरीर में अधिक इंसुलिन के परिणामस्वरूप अधिक एण्ड्रोजन का उत्पादन होता है। यह एक हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है और महिलाओं में बांझपन का कारण बनता है।
निम्न-श्रेणी की सूजन: इस पहलू के तहत, शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाएं पर्याप्त पदार्थों का उत्पादन करने में असमर्थ होती हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। जिन महिलाओं में निम्न-श्रेणी की सूजन होती है, उनमें एंड्रोजन के उत्पादन की संख्या अधिक होती है।
जीन: कुछ चिकित्सा पेशेवरों का मानना है कि पीसीओडी (PCOD Meaning in Hindi) महिलाओं को उनके परिवार से मिलता है।
बहुत अधिक तनाव लेना या बीमार होना
तनाव या किसी बीमारी के कारण जिसमें COVID-19 भी शामिल है बालों के झड़ने का कारण बन सकता है। यह एक ऐसा प्रोसिजर होता है जिसे टेलोजेन एफ्लुवियम या टेंशन के कारण बालों के झड़ने के रूप में जाना जाता है।
विशेष रूप से जब हमारे शरीर पर दबाव पड़ता है तो यह हार्मोन कोर्टिसोल को अधिक बनाता है, जो तब बालों के रोम पर प्रभाव डाल सकता है हार्मोनिक पैटर्न की कमियां और इसी के परिणाम से बालों में झड़ने की समस्या हो सकती है। उम्मीद है कि आप इस प्रश्न के उत्तर का जवाब समझ रहे होंगे कि बाल झड़ने का मुख्य कारण क्या है।
टेंशन के कारण बालों के झड़ने को रोकने के लिए टेंशन को खत्म करना सबसे आसान काम है लेकिन ऐसा करना हमेशा आसान नहीं होता है। यदि आप किसी भी तरह से बालों के झड़ने की समस्या का महसूस करते हैं, तो स्किन स्पेशलिस्ट से जांच जरूर करवा लें। और अगर डॉक्टर को लगता है बालों के झड़ने की यह समस्या तनाव के कारण हो रहा है तो वो आपको डर्म मिनोक्सिडिल नामक एक इलाज की सिफारिश कर सकता है। पर इसके इलाज के दौरान आपको धैर्य रखना होगा और बालों के विकास के लिए अधिक समय देना होगा।
बहुत अधिक विटामिन ए का सेवन करने से
कुछ डॉक्टरों के अनुसार, विटामिन ए की दवाइयां अधिक मात्रा में खाने से बालों के झड़ने के झड़ने की समस्या बढ़ सकती हैं। एक सामान्य व्यक्ति हार्मोनिक पैटर्न की कमियां को या 4 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को एक दिन में विटामिन ए की 5,000 IU का ही सेवन करना चाहिए। सप्लीमेंट्री के तौर पर लेने में 2,500 से 10,000 आईयू विटामिन ए भी ले सकते हार्मोनिक पैटर्न की कमियां हैं। अगर इससे अधिक आप विटामिन डी का सेवन करते हैं तो आपके बालों को नुकसान पहुंच सकता है। पर अगर आप विटामिन ए लेना बंद कर देते हैं तो आपके बालों के झड़ने की समस्या भी बंद हो सकती है। बाल झड़ने का मुख्य कारण क्या है जैसे सवालों के जवाब में ये भी लिखा जा सकता है कि विटामिन ए का सेवन करने से भी बाल झड़ते है।
बाल झड़ने का मुख्य कारण है प्रोटीन का सेवन नके बराबर करना। एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार अगर आपके आहार में बहुत कम प्रोटीन पाया जाता है तो बालों के झड़ने की गति ठीक हो सकती हैं। बालों के झड़ने का एक अन्य कारण आपके आहार में होने वाला परिवर्तन भी हो सकता है। अगर आप भोजन में अधिक मात्रा में अंडे, चिकन, बीन्स और दही को शामिल कर लें तो आसानी से अपने आहार के माध्यम से ही आप अधिक प्रोटीन का सेवन कर सकते हैं। अब आप जान गए होंगे कि बाल झड़ने का मुख्य कारण क्या है।
महिला या मेल-पैटर्न हेयरफॉल के कारण
हो सकता है आप पहले से ही पुरुष-पैटर्न गंजापन के बारे में जानते होंगे जोकि बालों के झड़ने का ही एक प्रकार है और यह जीन और पुरुष सेक्स हार्मोन के संयोजन के कारण होता है। जिसमें सामान्यत: सिर के ऊपरी हिस्से से बाल गायब होते है और एम आकार को बनाते हैं। बाल झड़ने का मुख्य कारण पैटर्न हेयरफाल भी है।
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, महिलाओं में हार्मोन के कारण बालों का झड़ना या फीमेल पैटर्न गंजापन भी एक बीमारी होती है। इस प्रकार से बालों के झड़ने की समस्या तब होता है जब बाल के रोमकूप समय बीतने के साथ इतना सिकुड़ जाता है कि उसमें नए बाल ही नहीं उगते। महिलाओं में फीमेल पैटर्न हेयरफाल के लक्षणों में बालों के बीच के हिस्से का चौड़ा होना और मोटे मोटे बालों का होना शामिल है।
आनुवांशिक कारणों से बालों का झड़ना
अनुवांशिक कारणों से अचानक से बाल झडना शुरू हो जाता है। यदि आप ऐसे परिवार से संबंध रखते हैं जहां महिलाओं या पुरुषों के बाल एक निश्चित उम्र में झड़ने लगते हैं, तो आपके भी बाल झडने की संभावना बढ़ जाती है। पुरुषों के उलट महिलाओं में बाल झडने की प्रवृत्ति बहुत कम होती है पर महिलाओं के हेयर लाइन का हिस्सा चौड़ा हो जाता है और उनके बाल पतले हो सकते हैं। इसे फीमेल पैटर्न हेयरफॉल के रूप में भी जाना जाता है।
महिलाओं को मिनोक्सिडिल से बालों को बढ़ने में मदद मिल सकती है, या कम से कम बालों के झड़ने से तो आराम मिल ही सकता है। मिनोक्सिडिल ओवर-द-काउंटर मिल जाती है और इस तरह से अगर महिलाओं के बाल झड़ रहें हैं तो वो इसका सेवन कर सकती हैं।
महिलाओ में कई हार्मोन पाए जाते है जिसमे से एक महत्वपूर्ण हार्मोन है एस्ट्रोजन। एस्ट्रोजन हार्मोन को महिलाओं की लाइफलाइन कहा जाता है, क्युकी इसकी कमी की वजह से महिलाओं के शरीर को खूब सारी दिक्कते झेलनी पड़ सकती है। ये हार्मोन महिलाओं की स्त्रीत्व के लिए बहुत जरुरी है। एस्ट्रोजन की कमी की वजह से मासिक धर्म में और ओव्यूलेशन में दिक्कत आती हैं, हार्मोनिक पैटर्न की कमियां जिसकी वजह से प्रेगनेंट होने में समस्या हो सकती हैं। महिलाओं की खूबसूरती के पीछे भी इस हार्मोन की भूमिका बहुत बड़ी होती है। इसलिए महिलाओं के लिए इस हार्मोन की बहुत अहमियत है। कई ऐसे फ़ूड प्रोडक्ट्स हैं, जिन्हें डाइट में शामिल करने से एस्ट्रोजन का स्तर शरीर में बनाया रखा जा सकता है।
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण, लक्षण और उपचार
हमारे शरीर में हार्मोन नामक केमिकल होते हैं। ये केमिकल मासिक धर्म चक्र सहित विभिन्न प्रणालियों (systems) और प्रक्रियाओं के लिए शरीर के मैसेंजर सिस्टम का काम करते हैं। लेकिन, जब हार्मोन की मात्रा शरीर में कम या अधिक हो जाती है तो इससे हार्मोनल असंतुलन हो जाता है। हार्मोन असंतुलन (hormonal imbalance in hindi) तब पैदा होता है, जब आपके शरीर में एक या अधिक हार्मोन का स्तर काफी कम या काफी ज़्यादा हो जाता है।
शरीर को हार्मोन के सटीक स्तर की आवश्यकता होती है और ऐसे में जब हार्मोनल असंतुलन हो जाता है तो कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं। यहां तक कि एक मामूली असंतुलन गहरा प्रभाव पैदा कर सकता है, खासकर मासिक धर्म चक्र के साथ। हार्मोनिक पैटर्न की कमियां आइए देखते हैं हार्मोन असंतुलन क्या होता है, क्या है इसके कारण और लक्षण, हार्मोन असंतुलन मासिक धर्म चक्र में क्या संबंध है और साथ ही महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के उपचार क्या हैं।
हार्मोनल असंतुलन क्या है?
What is a hormonal imbalance in hindi
हार्मोन असंतुलन मासिक धर्म चक्र क्या है
हार्मोन हमारे शरीर का केमिकल मेसेंजर होते हैं। एंडोक्राइन ग्लैंड (endocrine gland) से उत्पादित होने वाले, ये शक्तिशाली केमिकल हमारे ब्लडस्ट्रीम (bloodstream) के टिश्यू और ऑर्गन्स को बताते हैं कि क्या करना है। हार्मोन हमारे शरीर की कई मुख्य प्रक्रियाओं को कंट्रोल करने में सहायता करते हैं, जिनमें मेटाबोलिज्म और रिप्रोडक्शन भी शामिल है। हार्मोनिक पैटर्न की कमियां हार्मोनिक पैटर्न की कमियां जब शरीर में कोई विशेष हार्मोन या तो बहुत अधिक हो जाता है या बहुत कम हो जाता है, तो उस स्थिति को हार्मोनल असंतुलन कहा जाता है।
इस दौरान में एक छोटा बदलाव भी आपके पूरी शरीर को प्रभावित कर सकता है। शरीर के कई प्रक्रियाओं को नियमित करने में हार्मोन एक अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में जब हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं तो इससे शारीरिक प्रक्रियाओं पर असर पड़ता है।
हार्मोनल असंतुलन के लक्षण क्या हैं
Symptoms of hormonal imbalance in hindi
हार्मोन असंतुलन मासिक धर्म चक्र जाने
एक महिला के जीवन में अलग-अलग समय में हार्मोन में उतार-चढ़ाव हो सकता है, विशेषकर, प्युबर्टी के दौरान, गर्भावस्था के समय, स्तनपान कराने के समय और मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोन असंतुलन के कई लक्षण हो सकते हैं। लेकिन, आमतौर पर बिना किसी स्थिति के कारण होने वाले हार्मोनल असंतुलन के लक्षण को पहचानना मुश्किल हो जाता है। आइए, हार्मोनल असंतुलन के लक्षणों को समझने कोशिश करते हैं।
पुरुषों को हेयर लॉस किस वजह से होता है?
विन डीज़ल, टाइरेसे, द रॉक और जेसन स्थेथम में एक बात कॉमन नज़र आती है। अगर आप फास्ट एंड फ्यूरिस फिल्म को याद करें तो आपको वो कॉमन बात थोड़ी-बहुत तो याद आ रही होगी, लेकिन अभी आप एक सबसे जबरदस्त बात को तो हार्मोनिक पैटर्न की कमियां भूल ही गए। सोचो वो क्या है? ये सभी शानदार एक्टर्स इस फिल्म में 'हॉट बाल्ड डूड' के तौर पर नजर आए थे और बड़े कमाल दिख रहे थे। इसलिए, अगर आपके बाल पतले हो रहे हों और बाल झड़ रहे हार्मोनिक पैटर्न की कमियां हों तो चिल करें।
"बाल्ड मेक द मेन" यह एक नया ट्रेंड है। मजाक की बात और है, लेकिन पुरुषों में आज कल हेयर लॉस बहुत हो रहा है और हेयर लॉस के पीछे की वजहें जानना बहुत जरूरी हैं। महिलाओं के उलट, जिन्हें हेयर लॉस आयरन की कमी, थायरॉयड और पीसीओएस की वजह से होता है। पुरुषों को हेयर लॉस माता-पिता ही हिस्ट्री, उम्र के बढ़ने या हार्मोनल इश्यू की वजह से होता है। ये फैक्टर हेयर ग्रोथ साइकिल को रोक देते हैं और आखिरकार हेयर फॉलिकल को सिकोड़ देते हैं जिससे वे कमजोर हो जाते हैं और नए बाल नहीं उगा पाते।
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