ये e-Nam क्या बला है जिसके कारण हरियाणा की मंडिया पड़ी हैं बंद
E-Nam लागू होने से किसको होगा फायदा और किसको होगा नुकसान
ई-नाम (e-Nam) क्या है?
नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट में ऑनलाइन ट्रेडिंग की व्यवस्था एक पोर्टल के माध्यम से शुरू की गई थी। दरअसल इंटरनेट के माध्यम से देश भर की मंडियों को एक पोर्टल पर जोड़ा गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Kisan) ने 14 अप्रैल 2016 में एक देश-एक बाजार के तहत में इलेक्ट्रानिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-Nam) पोर्टल शुरू किया था। इस पोर्टल पर 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एक हजार से अधिक अनाज मंडियों को एकीकृत किया गया है। पोर्टल पर पूरे देश से पौने दो करोड़ किसानों, सवा दो लाख व्यापारियों और दो हजार किसान उत्पादक संगठनों (FPO) ने पंजीकरण किया हुआ है। पोर्टल पर किसानों (kisan) को आनलाइन भुगतान (Online Payment) की सुविधा है।
e-Nam का मुख्य उद्देश्य
केंद्र सरकार ने e-Nam इस उद्देश्य से शुरू की थी कि स्टॉक मार्केट की तरह किसानों की फसलों की भी बोली लगेंगी और किसान जिसे चाहे अपनी फसल बेच सकेगा। दरअसल यह सिस्टम बिचौलियों को खत्म करने एवं फसल की सही कीमत देने के लिए शुरू किया गया है।
हरियाणा में है e-Nam की वर्तमान स्थिति
हरियाणा की मंडियों में फिलहाल जो व्यवस्था बनी हुई है, उसके अनुसार किसान जब अपनी फसल लेकर मंडी में आता है तो गेट पास की तो एंट्री होती है पर बिकने का सही से पता नहीं चलता, क्योंकि ज्यादातर फसलें स्थानीय स्तर पर ही खरीदी और बेची जा रही हैं। इससे खरीदने और बेचने का रियल टाइम पता नहीं चलता। ई-नेम e-Nam दरअसल फसलों के बिकने के रियल टाइम और भाव को पता लगाने का सही ठिकाना है।
मंडियों में क्या होना चाहिए
फसलों के फिजिकल और केमिकल पैरामीटर की सही समय पर जानकारी खरीदारों को होनी चाहिए, जबकि यह हो नहीं रहा है। इन पैरामीटर से फसल की क्या स्थिति है। फसल में नमी कितनी है। तेलीय फसलों में आयल कंटेंट कितना है। जैसी बेसिक जानकारी लाट की खरीद के साथ पोर्टल पर दर्ज होनी चाहिए। जबकि वर्तमान समय में ऐसा कुछ नहीं होता है।
हो क्या रहा है
अगर ऑनलाइन सभी जानकारियां पोर्टल पर उपलब्ध हों तो खरीददार कहीं से भी फसल की वस्तुस्थिति देखकर रेट लगा सकता है। परंतु मंडियों में फसल कमीशन एजेंट एवं आढ़ती जब फसल को खरीद लेता है। उसके बाद लाट की एंट्री दर्ज की जाती है। ऐसे हालात में किसान की फसल की सही बोली नहीं लग पाती। बल्कि आढ़तियों आदि की मनमर्जी से भाव मिलता है। अगर लाट की एंट्री समय पर हो जाए तो ई-ट्रेडिंग शुरू हो जाती है। जबकि ई-ट्रेडिंग फिलहाल कागजों में ही हो रही है। हकीकत में उसके एकदम उल्ट काम हो रहा है।
हालात यहां तक खराब हैं कि मंडियों में बिना गेट पास के ही किसानों की फसलों को बेच दिया जाता है और इस तरह मंडी या मार्केट फीस की चोरी भी आसानी से हो जाती है। जबकि सरकार का मकसद यही था कि e-Nam तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग प्रणाली आरंभ करने के बाद फीस चोरी रोकी जा सकती है।
e-Nam प्रणाली मे किसानों के खाते में पेमेंट
e-Nam प्रणाली में यह सुविधा दी गई है कि किसानों को उनकी फसलों की कीमत सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर होगी।
e-Nam के खिलाफ आढ़ती हड़ताल पर, हरियाणा की मंडी पड़ी हैं बंद
राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-Nam) के विरोध में 19 सितंबर से हड़ताल पर चल रहे आढ़तियों को हरियाणा सरकार ने साफ कर दिया है कि दबाव में आकर उनकी नाजायज मांगें पूरी नहीं होंगी। आढ़तियों ने शुक्रवार (22 सितंबर 2022) से आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की है।
1 अक्टूबर से शुरू होगी हरियाणा में खरीफ की सरकारी खरीद
एक अक्टूबर से धान सहित अन्य खरीफ फसलों की खरीद शुरू हो जाएगी। अगर आढ़ती नहीं मानते हैं तो फसलें खरीदने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
विपक्ष कर रहा है मामला सुलझाने की अपील
पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से मामले को बातचीत के जरिये सुलझाने का अनुरोध किया है।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अपनाया सख्त रूख
कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने वीरवार को पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-Nam) से किसानों को कोई नुकसान नहीं है। आढ़तियों की नाजायज मांगों से हमारी कोई सहमति नहीं है। ई-नाम अर्थात् राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-Nam) से किसानों को फसल का ज्यादा भाव मिलेगा, जिससे उन्हें फायदा होगा। आढ़ती का काम आढ़त लेना है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब भी अनाज मंडियों में फसल खरीद का समय आता है, आढ़ती हड़ताल कर देते हैं।
आढ़ती एवं व्यापारियों की माग : खरीद ई-ट्रेडिंग (E-Trading) के बजाय खुली बोली से हो
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने चेतावनी दी हैं कि सरकार ने आढ़तियों की मांगें नहीं मानी तो प्रदेश का व्यापारी सड़कों पर उतरकर आंदोलन और तेज करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को अनाज की खरीद ई-ट्रेडिंग (E-Trading) की बजाय खुली बोली से करनी चाहिए।
ओवरब्रिज पर हादसा: ट्रक और कैंटर की आमने-सामने भिड़ंत, एक की मौत, ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनी का लदा था सामान
शहर के निकट पंजाब को श्रीगंगानगर से जोड़ने वाले कालूवाला बाइपास ओवरब्रिज पर रविवार को हादसा हो गया। इसमें ट्रक के चालक की मौत हो गई। भिड़ंत इतनी जबर्दस्त थी कि ट्रक का पिछला हिस्सा ओवरब्रिज की दीवार से जा टकराया। हादसा होने के बाद ओवरब्रिज से गुजर रहे लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और ट्रक में चालक और सवार एक अन्य व्यक्ति को संभाला। चालक जसवीरसिंह की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि अन्य को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। घायल व्यक्ति भी बयान देने की स्थिति में नहीं है।
लुधियाना से आया था ट्रक
पुलिस के अनुसार श्रीगंगानगर से पंजाब की ओर जाने वाले मार्ग पर ट्रक चालक जसवीरसिंह अपने एक साथी के साथ ट्रक लेकर श्रीगंगानगर की तरफ आ रहा था। वह लुधियाना से ऑनलाइन होम डिलीवरी कंपनी का घरेलू उपयोग का सामान लेकर आया था। कालूवाला ओवर ब्रिज पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसकी सामने से आए कैंटर तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग से टक्कर हो गई। हादसे में चालक जसवीरसिंह की मौके पर ही मौत हो गई। उसके अन्य साथी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
ऑनलाइन कंपनी कर्मी पहुंचे मौके पर
सूचना मिलने के साथ ही ऑनलाइन होम डिलीवरी कंपनी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। इन कर्मचारियों ने बताया कि उनकी कंपनी का सामान लुधियाना से आया था। ट्रक को चालक जसवीर चालक चला रहा था। जिस कैंटर से टक्कर हुई उसे थाने लाया गया है। उसके चालक और खलासी आदि के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। वहीं हादसे में घायल व्यक्ति के बयान लेने के लिए पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे। पुलिसकर्मियों के अनुसार घायल अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। उसके बयान के बाद ही ज्यादा जानकारी मिल पाएगी।
स्टॉक मार्केट में तेज हुई छोटे निवेशकों की एंट्री
शेयर बाजार से नए छोटे निवेशक बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं। इस फाइनैंशल ईयर में करीब 9 लाख.
30 सितंबर 2015 के मुताबिक, देश में कुल डीमैट अकाउंट्स की संख्या 2.51 करोड़ थी। डीमैट अकाउंट्स खुलवाने के लिए लोगों की भीड़ कुछ-कुछ 2008 जैसी है, जब इस तरह के पंजीकरण में 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। ब्रोकरेज फर्म एंजेल ब्रोकिंग के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश ठक्कर ने बताया, 'फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर में गिरावट हो रही है और ऐसे में नए निवेशक इक्विटी इनवेस्टमेंट में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। हमारे ब्रोकरेज में इस साल डीमैट अकाउंट्स की ग्रोथ 10 फीसदी है। 35 साल से कम के रिटेल क्लाइंट बड़ी संख्या में हैं जो इस बारे में पूछताछ कर रहे हैं।'
राव ने बताया कि युवा निवेशकों को शेयर बाजार से जोड़ने के लिए एनएसडीएल ने मार्केट एकलव्य नाम से प्रॉजेक्ट शुरू किया है। उन्होंने कहा, 'हम कई कॉलेजों से संपर्क कर रहे हैं और स्टूडेंट्स को इक्विटी इनवेस्टमेंट के बारे में बता रहे हैं। हाल में ऐसे कुछ स्टूडेंट्स ने कम से कम 2,500 रुपये के साथ डीमैट अकाउंट्स खुलवाया है।'
स्टॉक ब्रोकर्स का कहना है कि डीमैट अकाउंट्स में ग्रोथ की एक वजह रिटेल इनवेस्टर्स का अपने म्यूचुअल फंड तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग होल्डिंग्स को डीमैट में कन्वर्ट कराना भी है। के. आर. चोकसी शेयर्स एंड सिक्यॉरिटीज के एमडी देवेन चोकसी ने बताया, 'निश्चित तौर पर नए इनवेस्टर्स शेयरों की तरफ देख रहे हैं, लेकिन म्यूचुअल फंड होल्डिंग को डीमैट में बदलने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।'
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ओवरब्रिज पर हादसा: ट्रक और कैंटर की आमने-सामने भिड़ंत, एक की मौत, ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनी का लदा था सामान
शहर के निकट पंजाब को श्रीगंगानगर से जोड़ने वाले कालूवाला बाइपास ओवरब्रिज पर रविवार को हादसा हो गया। इसमें ट्रक तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग के चालक की मौत हो गई। भिड़ंत इतनी जबर्दस्त थी कि ट्रक का पिछला हिस्सा ओवरब्रिज की दीवार से जा टकराया। हादसा होने के बाद ओवरब्रिज से गुजर रहे लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और ट्रक में चालक और सवार एक अन्य व्यक्ति को संभाला। चालक जसवीरसिंह की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि अन्य को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। घायल व्यक्ति भी बयान देने की स्थिति में नहीं है।
लुधियाना से आया था ट्रक
पुलिस के अनुसार श्रीगंगानगर से पंजाब की ओर जाने वाले मार्ग पर ट्रक चालक जसवीरसिंह अपने एक साथी के साथ ट्रक लेकर श्रीगंगानगर की तरफ आ रहा था। वह लुधियाना से ऑनलाइन होम डिलीवरी कंपनी का घरेलू उपयोग का सामान लेकर आया था। कालूवाला ओवर ब्रिज पर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसकी सामने से आए कैंटर से टक्कर हो गई। हादसे में चालक जसवीरसिंह की मौके पर ही मौत हो गई। उसके अन्य साथी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
ऑनलाइन कंपनी कर्मी पहुंचे मौके पर
सूचना मिलने के साथ ही ऑनलाइन होम डिलीवरी कंपनी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। इन कर्मचारियों ने बताया कि उनकी कंपनी का सामान लुधियाना से आया था। ट्रक को चालक जसवीर चालक चला रहा था। जिस कैंटर से टक्कर हुई उसे थाने लाया गया है। उसके चालक और खलासी आदि के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। वहीं हादसे में घायल व्यक्ति के बयान लेने के लिए पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे। पुलिसकर्मियों के अनुसार घायल अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। उसके बयान के बाद ही ज्यादा जानकारी मिल पाएगी।
धनलक्ष्मी बैंक ने एसएमसी ग्लोबल सेक्योरिटीज के साथ रणनीतिक गठबंधन की घोषणा की
त्रिसूर, 19 जुलाई (भाषा) निजी क्षेत्र के ऋणदाता धनलक्ष्मी बैंक ने ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रेडिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए सोमवार को एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड के साथ एक रणनीतिक गठबंधन की घोषणा की। यह गठबंधन एक एकीकृत 3-इन-1 खाते की पेशकश करेगा, जिसमें एक बचत, डीमैट और ट्रेडिंग खाता शामिल है, जो धनलक्ष्मी बैंक के ग्राहकों को मोबाइल ट्रेडिंग ऐप (एमसएमसी एसीई) और डेस्कटॉप आधारित सॉफ्टवेयर के अलावा पोर्टल "एसएमसीट्रेडआनलाइन.काम" के माध्यम से अवरोधमुक्त और सुविधाजनक ट्रेडिंग अनुभव प्रदान करता है। बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा, "ट्रेडिंग का यह मंच एक अत्याधुनिक, एकीकृत एप्लिकेशन है जो व्यापारों के तेज,
यह गठबंधन एक एकीकृत 3-इन-1 खाते की पेशकश करेगा, जिसमें एक बचत, डीमैट और ट्रेडिंग खाता शामिल है, जो धनलक्ष्मी बैंक के ग्राहकों को मोबाइल ट्रेडिंग ऐप (एमसएमसी एसीई) और डेस्कटॉप आधारित सॉफ्टवेयर के अलावा पोर्टल "एसएमसीट्रेडआनलाइन.काम" के माध्यम से अवरोधमुक्त और सुविधाजनक ट्रेडिंग अनुभव प्रदान करता है।
बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा, "ट्रेडिंग का यह मंच एक अत्याधुनिक, एकीकृत एप्लिकेशन है जो व्यापारों के तेज, सुरक्षित और अवरोधमुक्त कार्यान्वयन में मदद करता है।"
इसमें कहा गया, "यह गठजोड़ एसएमसी ग्लोबल को केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और देश के अन्य हिस्सों में बैंकों की गहरी उपस्थिति का लाभ उठाकर अपने ग्राहक आधार को बढ़ाने में मदद करेगा। गठबंधन से बैंक को अपने खाताधारकों को अतिरिक्त सेवाएं प्रदान करने और राजस्व का एक अतिरिक्त स्रोत पैदा करने में मदद मिलेगी।"
एसएमसी ग्लोबल सेक्योरिटीज लिमिटेड के निदेशक और सीईओ अजय गर्ग ने कहा, "इससे एसएमसी को देश के दक्षिणी हिस्से में अपनी उपस्थिति और ग्राहक आधार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।"
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