क्रिप्टोकरेंसी में ICO क्या है और यह कैसे काम करता है? कैसे पता चलेगा कि किसमें निवेश करना है
क्रिप्टोकरेंसी में ICO क्या है और यह कैसे काम करता है?
ICO क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेश और वे कैसे काम करते हैं, पारंपरिक प्रकार की आर्थिक प्रणालियों के लिए एक समानांतर अवसर प्रदान करते हैं। क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में एक ICO यह "प्रारंभिक सिक्का भेंट" का एक रूप है।
उपरोक्त का अर्थ है कि एक ICO एक क्रिप्टोकरंसी है जो खरीद-बिक्री प्रक्रिया के लिए उपलब्धता के अपने प्रारंभिक चरण में है। उसी की कीमत का निर्धारण यह आपूर्ति और मांग के नियमों के संबंध में दी गई है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी जितनी अधिक वांछित है, उतनी ही महंगी है, हालांकि, जब यह आईसीओ प्रक्रिया में होती है तो यह बहुत कम कीमत पर शुरू होती है, इसलिए इसकी सफलता मांग पर निर्भर करती है।
निवेश प्रक्रियाएं क्रिप्टोक्यूरेंसी में मुनाफा कमाना काफी सापेक्ष और अस्पष्ट है, इसलिए कोई भी कुछ भी उम्मीद कर सकता है, कम समय में किसी भी शुरुआती चरण की मुद्रा में काफी महत्वपूर्ण उछाल हो सकता है।
यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी बाज़ार कैसा है, जिनमें बिटकॉइन, लाइटकॉइन, एथेरियम जैसे सबसे प्रसिद्ध शामिल हैं , दूसरों के बीच और विशेष रूप से वे जो प्रारंभिक अवस्था में हैं। हालाँकि, किसी भी चरण में निवेश निर्णय लेना अनिवार्य है।
क्या क्रिप्टोक्यूरेंसी ICO बाजार सुरक्षित हैं?
क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेश ICO और वे कैसे काम करते हैं, डिजिटल मुद्रा के विपणन के लिए एक विश्वसनीय तरीका स्थापित करते हैं। कई लोग इसकी सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं और कुछ अतिशयोक्ति करते हैं, यह सोचते हुए कि यह झूठ हो सकता है। सच तो यह है, वे वास्तविक और काफी सुरक्षित हैं।
आर्थिक विकास की संभावना बहुत संभव है, हालाँकि इसकी मार्केटिंग साहसपूर्वक की जानी चाहिए और यदि आपको अभी भी संदेह है, तो आपको निश्चिंत रहना चाहिए, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सभी प्रक्रियाएँ समर्थित हैं 'ब्लॉकचैन' तकनीक द्वारा।
प्रश्न में तकनीक आपको एक स्थापित करने की अनुमति देता है सुरक्षा 100% पर दुनिया भर में उपयोगकर्ता लेनदेन के बीच, किसी भी प्रकार के मध्यस्थ के बिना, जो संपत्तियों की सुरक्षा के लिए एक प्रभावी तरीका प्रदान करता है।
इस आर्थिक मोहरा में उद्यम करने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है, क्योंकि यह अर्थव्यवस्था का एक समानांतर रूप प्रदान करता है, क्योंकि पारंपरिक बैंकिंग बाजारों के दैनिक आर्थिक जीवन का महत्व गिरावट के चरण में है।
इस तरह आप तीसरे पक्ष या आर्थिक संस्थानों पर निर्भर हुए बिना एक निश्चित प्रकार की आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर सकते हैं डिजिटल आर्थिक प्रक्रियाओं में नौकरशाही का सफाया हो गया है। यह इंगित करता है कि कोई भी क्रिप्टोक्यूरेंसी प्रक्रिया अर्थव्यवस्था के व्यावसायीकरण के पुराने तरीके से ऊपर है।
पारंपरिक बैंकिंग अर्थव्यवस्था के दैनिक जीवन से दूर जाने के लाभ
ICO क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और उनका संचालन पिछले वर्षों की तुलना में अधिक बार किया जाता है। मुद्रा बाजार बैंकों o दशकों से शेयर बाजार के कार्यों का प्रमुख स्थान रहा है।
अगर आप उन लोगों में से हैं जो वे एकरसता से थक चुके हैं जब आप क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में प्रवेश करते हैं, तो पूंजी बाजार, विशेष रूप से पारंपरिक बैंकों में, आप 360 डिग्री का मोड़ ले सकते हैं।
पूंजी बाजार के माध्यम से कई लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं, लेकिन इससे अधिक लाभ होने की संभावना कम होती है, ए डिजिटल अर्थव्यवस्था का अंतर क्रिप्टोक्यूरेंसी जो लाभ के लिए अधिक संभावनाएं प्रदान करती है।
सच्चाई यह है कि किसी भी मुद्रा बाजार में प्रवेश करना स्पष्ट रूप से मान्य है। हालाँकि, ऐसा करना उचित है क्रिप्टोकरेंसी की डिजिटल अर्थव्यवस्था में। वहाँ डिजिटल मुद्राओं की मात्रा चौंका देने वाली है, कुछ अन्य की तुलना में अधिक सफल हैं, आखिरकार वे एक ही प्रणाली से संबंधित हैं।
दूसरी ओर, पूंजी बाजार के बारे में जागरूक होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि इस ऐंठन भरी दुनिया में, किसी भी कीमत पर लाभ उत्पन्न करें इसे अलग नहीं किया जा सकता है .
Cryptocurrency: क्या होते हैं इनीशियल क्वॉइन ऑफरिंग (ICO)? पढ़ें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले इससे जुड़ी कुछ चीजों को समझ लेना जरूरी है. ऐसी ही एक टर्म इनीशियल क्वॉइन ऑफरिंग (ICO) है. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.
What are Initial Coin Offerings (ICO): क्रिप्टोकरेंसी में पिछले कुछ समय से निवेश तेजी के साथ बढ़ा है. बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर युवा क्रिप्टो में निवेश को लेकर आकर्षित हो रहे हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले इससे जुड़ी कुछ चीजों को समझ लेना जरूरी है. ऐसी ही एक टर्म इनीशियल क्वॉइन ऑफरिंग (ICO) है. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.
इनीशियल क्वॉइन ऑफरिंग (ICO) क्या है?
इनीशियल क्वॉइन ऑफरिंग (ICO) क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री में इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के बराबर होता है. जो कंपनी नया क्वॉइन, ऐप या सर्विस बनाने के लिए पैसे जुटाने की सोच रही है, वे फंड जुटाने के लिए आईसीओ को लॉन्च करती है.
जो निवेशक रूचि रखते हैं, वे ऑफरिंग में खरीदारी कर सकते हैं और कंपनी द्वारा जारी नए क्रिप्टोकरेंसी टोकन को हासिल कर सकते हैं. इस टोकन की मदद से आप कंपनी द्वारा ऑफर की जा रहे किसी प्रोडक्ट या सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं. या यह केवल कंपनी या प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी भी दिखाता क्रिप्टोकरेंसी में ICO कैसे काम करते हैं है.
ICO कैसे काम करता है?
जब कोई क्रिप्टोकरेंसी स्टार्टअप ICO के जरिए पैसे जुटाना चाहता है, तो वह आम तौर पर एक व्हाइटपेपर बनाता है, जिसमें यह दिया होता है कि प्रोजेक्ट किसके क्रिप्टोकरेंसी में ICO कैसे काम करते हैं बारे में है. इसमें दिया होता है कि प्रोजेक्ट पूरा होने पर किस जरूरत को पूरा करेगा, कितने पैसों की जरूरत होगी, फाउंडर्स कितने वर्चुअल टोकन रखेंगे, किस तरह के पैसों को मंजूर किया जाएगा और कितने लंबे समय तक आईसीओ कैंपेन चलेगा.
ICO कैंपेन के दौरान, प्रोजेक्ट के सपोर्टर्स fiat या डिजिटल करेंसी के साथ प्रोजेक्ट के कुछ टोकनों को खरीदते हैं. इन क्वॉइन्स को खरीदार टोकन कहते हैं और आईपीओ के दौरान निवेशकों को बेचे गए कंपनी के शेयरों के समान होते हैं.
अगर जुटाए गए पैसे से कंपनी द्वारा जरूरी न्यूनतम फंड पूरा नहीं होता है, तो पैसे को बैकर्स को वापस कर दिया जाएगा. और आईसीओ को असफल कहा जाएगा. अगर फंडिंग की जरूरतें तय की गई समयसीमा के अंदर पूरी कर दी जाती हैं, तो जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल प्रोजेक्ट के लक्ष्यों को हासिल करने में किया जाता है.
इन बातों का रखें ध्यान
जो निवेशक आईसीओ में खरीदारी करना चाहते हैं, उन्हें सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए. ज्यादातर आईसीओ के मामलों में, निवेशकों को पहले से मौजूद क्रिप्टोकरेंसी के साथ टोकन खरीदने चाहिएं. इसका मतलब है कि आईसीओ के निवेशक के पास पहले से बिटक्वॉइन या ethereum जैसी करेंसी के लिए बनाया गया क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट होना चाहिए. इसके साथ निवेशक के पास एक वॉलेट होना चाहिए, जो वह कोई भी टोकन या करेंसी रख सकता है, जिसे वे खरीदना चाहते हैं.
एक सवाल यह उठता है कि व्यक्ति जिस आईसीओ में खरीदना चाहते हैं, उनके बारे में कैसे जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके बारे में कोई एक तरीका नहीं है. सबसे अच्छा तरीका है कि रूचि रखने वाले निवेशक नए प्रोडेक्ट्स के बारे में ऑनलाइन पढ़ सकते हैं. आईसीओ के बारे में बड़े स्तर पर खबरें आती हैं, और ऐसी कई जगहें मौजूद हैं, जहां निवेशक नए अवसरों के बारे में पढ़ सकते हैं. ऐसी कई वेबसाइट्स मौजूद हैं, जहां सभी आईसीओ के बारे में डिटेल दी जाती है, जहां निवेशक नए आईसीओ को जान सकते हैं. और अलग-अलग आईसीओ की तुलना भी कर सकते हैं.
इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ico) क्या है सम्पूर्ण जानकारी | What is Initial Coin Offering
इस भाग दोड़ भरी जिन्दगी आपको इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ico) क्या है है के बारे में जानना बहुत जरुरी है इस आर्टिकल की इनिशियल कॉइन ऑफरिंग क्या है सम्पूर्ण जानकारी देने वाला है इनका उपयोग कैसे करते है और इनके प्रकार क्या होते है
Table of Contents
इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ico) क्या है ?
इसे हम एक प्रकार की डिजिटल प्रणाली कह सकते हैं क्योंकि इसका इस्तेमाल भी डिजिटल तरीकों से होता है इस प्रणाली के द्वारा क्रिप्टोकरंसी में रकम जुताई जा सकती है और इसकी मदद से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करके कंपनियों को शेयर दिए जाते हैं उन्हें शेयर के रूप में उन्हें टोकन की मात्रा प्राप्त की जाती है ।
शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं इन टोकन की मदद से आप शेयर मार्केट में जो टोकन कंपनी के द्वारा दिए गए हैं शेयर मार्केट में आप उन टोकन का प्रयोग कर सकते हैं। आप चाहे तो बिटकॉइन या एथेरियम या अन्य क्रिप्टोकरंसी को खरीद कर अपने पास रख सकते हैं । इनका उपयोग ज्यादातर बिटकॉइन की खरीदारी करने में किया जाता है इन टोकन की मदद से आप किसी भी क्रिप्टोकरंसी को खरीद कर अपने पास रखें और उस खरीदी हुई क्रिप्टो करंसी का प्राइस बढ़ने का वेट करें। यूज़ बेज सकते है इस आर्टिकल में अपने जाना इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ico) क्या है |
Ico को कब लांच किया है ?
ico के बारे में आप पढ़ रहे हो तो आपको यह भी जाना जरूरी है कि ico कब लांच की गई थी और किसके द्वारा इस से लांच किया गया था। ico को 13 जुलाई क्रिप्टोकरेंसी में ICO कैसे काम करते हैं 2013 को लांच किया गया था । पर उस टाइम पर इसकी कोई चर्चा नहीं करता है 2014 में जब इसकी चर्चा की गई तब Ethereum ने मात्र 12 घंटे में 3720 Coins जुटाकर एक एहिहास रचा इसकी कीमत लगभग 3 मिलीयन डॉलर थी आज के जमाने में इन टोकन के द्वारा क्रिप्टोकरंसी जैसे बिटकॉइन एथेरियम की खरीदारी बहुत ज्यादा हो रही है
Ico किस प्रकार काम करता है ?
उपर आप में पढ़ा इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ico) क्या है चलिए जान लेते है की ico काम कैसे करते है कोई भी क्रिप्टो करेंसी स्टार्ट उप में ico के जरिये फण्ड रेज करना चाहती है क्योकि इसमें कम्पनी को बहुत फयदा होता है फण्ड रेज करनी से पहले कंपनी कुछ प्लान करती है | ico के बारे में कंप्लीट जानकारी।
जिसमे बताया जाता है किस प्रोजेक्ट में कितना पैसा लगया जायगा और कहा पर इन्वेस्ट करना सही होगा और कितना firm में कितना पैसा की जरूरत होती है | सारी जानकारी उस कंपनी पहले से प्लान कर लेती है कितना पैसा कम पड़ सकता सब कुछ पहले से प्लान किया जाता है इसमें इन्वेस्टरो को बहुत फयदा होता Ico में ज्यादातर इक्विटी शामिल ना होने के कारण इन्वेस्टर इसमें कम दरों पर क्रिप्टोकरंसी में दिलचस्पी अधिक रखते हैं जैसे ही कंपनी ग्रो करती है उनकी प्राइस वॉल्यूम भी बढ़ जाती है |
ICO का भविष्य ?
ico ने जिस तरह से मार्केट में लोकप्रियता हासिल की है उसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में इसका भविष्य काफी अच्छा हो सकता है। और उसने अच्छा रिटर्न की दिया है जो दिन भर बढ़ता ही जा रहा है देखा जाए तो यह कॉइन भविष्य की ओर एक नई किरण लेकर जा सकता है ।इस कॉइन को ज्यादातर लोग पसंद करते हैं और इसमें निवेश करना चाहते हैं।
अभी इसके बारे में इतना कहना जल्दबाजी हो सकता है क्योंकि भविष्य की बारे में trend के मुताबिक तो यह है पता चलता है की इसका भविष्य काफी अच्छा हो सकता है । लेकिन यह बात सत्य भी नहीं है इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता कि आगे आने वाले दिनों में इसकी कीमत डाउन हो सकती है और इसकी मार्केट भी गिर सकती है इससे इसका भविष्य खराब भी हो सकता है।
ICO के प्रकार ?
- प्राइवेट ICO
- पब्लिक ICO
इनिशियल कॉइन ऑफरिंग ( ICO ) को कोन लोंच कर सकता ?
Ico में दिलचस्पी रखने वाले कोई भी व्यक्ति इसको लॉच कर सकता है लेकिन उसको टेक्नोलॉजी से जुड़ी सभी जानकारी क्रिप्टोकरेंसी में ICO कैसे काम करते हैं अच्छे से होनी चाहिए इसके लिए आपको एक डिजिटल टोकन लॉच करना होगा अगर इन्वेस्टर उस टोकन में इंटरेस्ट रखते हैं तो उसमें इन्वेस्ट भी करेंगे ।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में आपने जाना इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ico) क्या है और Ico को कब लांच किया है Ico किस प्रकार काम करता है। आशा करता हूं जो मैंने इस आर्टिकल में बताया है वह आपको अच्छे से समझ आ गया होगा अगर आपको फिर भी कोई इशू है तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हो।
आज आपने क्या सीखा
मुझे आशा है कि इस लेख में जो मैंने बताया है कि ico kya hai आपको समझ आया होगा।
मेरे द्वारा बताई गई जानकारी आपको पसंद आई हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और अपने पड़ोस अपने रिश्तेदारों के और अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें ताकि वह लोग ico के बारे में जान सके और जागरूक हो इनका लाभ उठा सके मेरी हमेशा यही कोशिश रहती है कि मैं आप लोगों के लिए नई नई जानकारी लाता रहूं आप मुझे सपोर्ट करते रहो ताकि मैं आपके लिए नई-नई जानकारियां समय समय पर पहुंच आता रहूं ?
क्या होते हैं Crypto Token, आप खुद भी बनाकर बेच सकते हैं अपना टोकन, जानिए कैसे
Crypto Tokens and Crypto Coin: एक तरह की डिजिटल करेंसी होती होती है, जो कॉइन या टोकन किसी भी रूप में हो सकती है. ये दोनों ही चीजें एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं. इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि अपना खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बनाया जा सकता है और यह क्रिप्टो कॉइन से अलग कैसे होता है.
Cryptocurrency Explainer : क्रिप्टो टोकन और क्रिप्टो कॉइन में है बड़ा फर्क. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
आप अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी (how to make cryptocurrency) कैसे बना सकते हैं? इस सवाल का काफी सीधा जवाब हो सकता है, जो आपको चौंका सकता है. पिछले कुछ सालों में ढेरों क्रिप्टोकरेंसी डेवेलप की गई क्रिप्टोकरेंसी में ICO कैसे काम करते हैं हैं, जिनमें से सबसे पॉपुलर बिटकॉइन, इथीरियम, डॉजकॉइन और लाइटकॉन जैसी करेंसीज़ हैं. सीधे शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी होती होती है, जो कॉइन या टोकन (token) किसी भी रूप में हो सकती है. ये दोनों ही चीजें एक-दूसरे से काफी अलग होती हैं. इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि अपना खुद का क्रिप्टो टोकन कैसे बनाया जा सकता है और क्रिप्टो कॉइन से अलग कैसे होता है.
क्रिप्टो टोकन क्या होते हैं?
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कॉइन और टोकन दोनों ही क्रिप्टोकरेंसी हैं, लेकिन फर्क ये होता है कि कॉइन्स अपनी खुद की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती हैं. ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता होता है, जिसपर ब्लॉक पर होने वाले ट्रांजैक्शन का डेटा स्टोर होता है. हर ब्लॉक अपने पिछले ब्लॉक से एक यूनीक हैश कोड के जरिए जुड़ा होता है.क्रिप्टोकरेंसी में ICO कैसे काम करते हैं
टोकन डिजिटल संपत्ति के वर्ग में रखे जाते हैं और ये पहले से मौजूद किसी अन्य ब्लॉकचेन पर काम करते हैं. उदाहरण के लिए इथीरियम एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है और इसका अपना टोकन ईथर है. लेकिन ईथर की ही तरह कई दूसरे टाइप के टोकन्स भी हैं, जो इथीरियम प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं.
कॉइन्स अपने खुद के डिजिटल बहीखाते पर चलते हैं और उनकी वैल्यू उनकी वेल्थ ट्रांसफर करने को लेकर है यानी कि वो दरअसल, पूंजी हैं. वहीं, टोकन का अपना कोई प्लेटफॉर्म नहीं होता है, ये किसी और प्लेटफॉर्म पर रन करते हैं. कॉइन्स, जोकि बस डिजिटल ही हो सकती है, टोकन किसी फिजिकल यानी असली चीज को भी दर्शा सकते हैं. यानी कि टोकन एक तरीके के ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जिन्हें ऑफलाइन भी किसी चीज से असाइन किया जा सकता है, जैसे कि कोई टिकट, या कूपन या ऐसे ही कोई रिडीम किए जा सकने वाले पॉइंट्स.
क्रिप्टो टोकन रिलीज कैसे किए जाते हैं?
जिस तरह शेयर मार्केट में IPO यानी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग खुलते हैं, वैसे ही टोकन्स को इनीशियल कॉइन्स ऑफरिंग (ICO) के जरिए रिलीज किया जाता है. टोकन को क्राउडसेल्स के जरिए इंट्रोड्यूस किया जाता हैै. निवेशक ICO खत्म हो जाने के बाद भी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध टोकन खरीद सकते हैं. अगर कोई नया टोकन बनाना है तो यह क्राउडसेल्स पर बनेगा और इन्हें कोई भी बना सकता है. जिनकी दिलचस्पी होगी, वो टोकन में निवेश करेंगे या फिर उस टोकन को पहले से मौजूद कॉइन्स के जरिए फंड करेंगे. हालांकि, यह एक जोखिम भरा कदम हो सकता है, क्योंकि टोकन वाला निवेशक पैसे लेकर भाग सकता है.
क्रिप्टो टोकन कैसे लॉन्च कर सकते हैं?
आमतौर पर धारणा यह है कि अपना क्रिप्टो टोकन बनाना बहुत ही जटिल और लंबी प्रक्रिया है और इसके लिए बहुत ही बारीक तकनीकी जानकारियां और कोडिंग आनी चाहिए. हालांकि, अब यह बात बहुत सही नहीं है. अब ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं, जहां लोग अपना खुद का टोकन बना सकते हैं. उदाहरण के लिए- एक यूजर-फ्रैंडली ऐप्लीकेशन, CoinTool, है जो लोगों को अपना खुद का क्रिप्टो कॉइन बनाने का मौका देता है. इस ऐप पर आप अपने टोकन का नाम और सिंबल चूज़ कर सकते हैं.
जैसाकि हम पहले बता चुके हैं टोकन एक तरीके के कॉन्ट्रैक्ट होते हैं, जो असल में किसी भी चीज को रिप्रेजेंट कर सकते हैं. ऐसा भी हो सकता है कि एक यूजर बिना किसी ICO के कोई क्रिप्टो कॉइन शुरू करे और उसे अपनी छोटी कम्युनिटी तक सीमित रखे, जिसमें उसके दोस्त और परिचित निवेश कर सकते हैं. कॉइन्स की तुलना में टोकन बनाने में ज्यादा आसान होते हैं- कॉइन्स को ऑपरेट करने के लिए उनका अपना ब्लॉकचेन होता है, जबकि टोकन पहले से ही मौजूद नेटवर्क पर काम करते हैं, इससे उन्हें जल्दी और आसानी से बनाया जा सकता है और कॉइन के मुकाबले ये कम खर्चीले होते हैं.
साथ ही, टोकन बनाने पर आपको कोई जुर्माना भी नहीं देना पड़ेगा. यानी कि अगर आप बस जिज्ञासावश क्रिप्टो टोकन बनाते हैं तो आपको कोई नुकसान नहीं होगा. टोकन्स किसी भी चीज का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में उनका खुद का कोई मॉनेटरी वैल्यू नहीं होता है. हालांकि, यह बात ध्यान में रखिए कि अगर आप जिज्ञासा के चलते अपना टोकन बना रहे हैं तो इसे क्राउडसेल पर मत बेचिए, इसमें कई बार गुमराह करने या धोखाधड़ी करने जैसे आरोप लगने की संभावना रहती है.
Cryptocurrency: क्या होते हैं Airdrops? कैसे निवेशकों को मिलते हैं फ्री क्वॉइन, पढ़ें इसके बारे में सभी खास बातें
क्रिप्टोकरेंसी एयरड्रोप्स के जरिए निवेशकों को मुफ्त टोकन या क्वॉइन मिलते हैं. यह एक तरह की मार्केटिंग की रणनीति है, जिसका क्रिप्टो से जुड़े स्टार्टअप्स इस्तेमाल करते हैं. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि एयरड्रोप्स क्या हैं और यह कैसे काम करता है.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पिछले कुछ समय से निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खासतौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले इससे जुड़ी अहम चीजों को समझना जरूरी है. इनमें से एक क्रिप्टो एयरड्रोप्स (airdrops) हैं. क्रिप्टोकरेंसी एयरड्रोप्स के जरिए निवेशकों को मुफ्त टोकन या क्वॉइन मिलते हैं. यह एक तरह की मार्केटिंग की रणनीति है, जिसका क्रिप्टो से जुड़े स्टार्टअप्स इस्तेमाल करते हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर रूचि रखने वाले लोगों के लिए यह जान लेना जरूरी है कि यह कैसे काम करते हैं. तो, आइए आसान भाषा में समझते हैं कि एयरड्रोप्स क्या हैं और यह कैसे काम करता है.
क्रिप्टो एयरड्रोप्स क्या हैं?
क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में, एयरड्रोप्स एक मार्केटिंग की रणनीति है, जिसका ब्लॉकचैन बेस्ड प्लेटफॉर्म्स अपने प्लेटफॉर्म का प्रचार करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इसमें पब्लिक क्रिप्टो वॉलेट्स वाले यूजर्स को फ्री क्वॉइन्स या टोकन मिलते हैं. इनके क्रिप्टोकरेंसी में ICO कैसे काम करते हैं जरिए नई वर्चुअल करेंसी को प्रचार किया जाता है. यह उसी के समान है, जैसे सुपरमार्केट में सेल को प्रचार करने के लिए आइटम के फ्री सैंपल बांटे जाते हैं.
एयरड्रोप्स एक बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में ICO कैसे काम करते हैं मार्केटिंग की रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें सोशल मीडिया पर प्रचार, ब्लॉग पोस्ट और अलग-अलग स्तर पर क्रिप्टो होल्डर की भागीदारी शामिल होती है. हालांकि, इसे लेकर यूजर्स का सतर्क रहना भी बेहद जरूरी है. क्योंकि इनका इस्तेमाल प्रमोशनल टूल के तौर पर किया जाता है, तो अगर कोई प्रोजेक्ट निवेश तलाश ला रहा है, तो आपका अलर्ट रहना जरूरी है.
एयरड्रोप्स कैसे काम करते हैं?
नई ब्लॉकचैन बेस्ड कंपनियां सबसे पहले अपनी वर्चुअल करेंसी के लिए एयरड्रोप्स को अपनी वेबसाइट या क्रिप्टोकरेंसी फोरम पर प्रमोट करना शुरू करती हैं. जागरूकता फैलाने के बाद, कंपनी क्वॉइन या टोकन को क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट होल्डर्स को भेजती हैं. अब आपके दिमाग में यह सवाल होगा कि कंपनी यह कैसे फैसला करती है कि टोकन किसे भेजना है. इस फैसले के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखा जाता है.
बहुत सी कंपनियां और स्टार्टअप्स ब्लॉकचैन कम्युनिटी के एक्टिव यूजर्स के वॉलेट में नई वर्चुअल करेंसी भेजते हैं. कुछ कंपनियों को प्रमोशन से जुड़े काम जैसे नई वर्चुअल करेंसी के बारे में ट्वीट या क्रिप्टो से संबंधित पोस्ट करने के लिए वॉलेट होल्डर की जरूरत पड़ सकती है. कुछ मामलों में, होल्डर एयरड्रॉप के लिए क्वालिफाई करने के लिए अपने वॉलेट्स में कुछ अमाउंट में क्रिप्टोकरेंसी रखने की जरूरत हो सकती है.
बहुत सी कंपनियां अक्सर उन लोगों को नए टोकन भेजती हैं, जिनके वॉलेट में ether या बिटक्वॉइन मौजूद होते हैं. क्योंकि बिटक्वॉइन या Ethereum क्रिप्टोकरेंसी में सबसे बड़ी कम्युनिटी हैं.
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