जानें, रेकरिंग डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट में क्या है अंतर और किसके क्या फायदे

रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश

हम न्यूनतम रु. 15,000 से शुरू होने वाले टर्म डिपॉजिट ऑफर करते हैं जिन्हें आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट भी कहा जाता है. आप ऑनलाइन फिक्स्ड डिपॉजिट खोल सकते हैं और 12 महीनों से 60 महीनों तक की अवधि चुन सकते हैं. हम समय-समय पर एफडी के लिए उच्च ब्याज दरों के साथ विशेष अवधि की सुविधा देते हैं. हमारे फिक्स्ड डिपॉजिट में, आप एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित राशि इन्वेस्ट करते हैं और आपको मेच्योरिटी पर या एक निर्धारित फ्रिक्वेंसी पर ब्याज मिलता है.

सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान-सिंगल मेच्योरिटी स्कीम (एसएमएस)

हमने रेकरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) में दिलचस्पी लेने वाले कस्टमर के लिए एक विशेष डिपॉजिट प्लान बनाया है, जिसे सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान (एसडीपी) कहा जाता है. एसडीपी में, आप एक निर्धारित अवधि (12 से 60 महीने) के लिए हर महीने रु. 5,000 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. सिंगल रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश मेच्योरिटी स्कीम (एसएमएस) के तहत, आपको मेच्योरिटी पर मूलधन और ब्याज मिलता है. प्रत्येक नए डिपॉजिट पर ब्याज को राशि डिपॉजिट किए जाने वाले महीने में लागू ब्याज दरों के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.

सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान- मासिक मेच्योरिटी स्कीम (एमएमएस)

हमने रेकरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) में दिलचस्पी लेने वाले कस्टमर के लिए एक विशेष डिपॉजिट प्लान बनाया है, जिसे सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान (एसडीपी) कहा जाता है. एसडीपी में, आप एक निर्धारित अवधि (12 से 60 महीने) के लिए हर महीने रु. 5,000 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. मंथली मेच्योरिटी स्कीम (एमएमएस) के तहत, आपको हर महीने ब्याज का भुगतान मिलेगा और मूलधन का भुगतान मेच्योरिटी पर किया जाएगा. प्रत्येक नए डिपॉजिट पर ब्याज को राशि डिपॉजिट किए जाने वाले महीने में लागू ब्याज दरों के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.

RD में पैसा लगाना है फायदेमंद या फिर निवेश के लिए चुनें मयूचुअल फंड SIP? जानिए एक्‍सपर्ट की राय

निवेशक पैसा लगाने के लिए इन दोनों में से किसी एक का चुनाव करने में असमंजस में पड़ जाते हैं.

निवेशक पैसा लगाने के लिए इन दोनों में से किसी एक का चुनाव करने में असमंजस में पड़ जाते हैं.

निवेशक पैसा लगाने के लिए RD और MF SIP में से किसी एक का चुनाव करने में असमंजस में पड़ जाते हैं. म्‍यूचुअल फंड और आरडी, द . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 29, 2022, 12:41 IST

हाइलाइट्स

म्‍यूचुअल फंड और आरडी, दोनों में ही सिप से निवेश किया जा सकता है.
आरडी में लगाया रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहती है और गारंटीड रिटर्न मिलता है.
म्‍यूचुअल फंड में निवेश ज्‍यादा जोखिम भरा है. यहां रिटर्न की गारंटी भी नहीं है.

नई दिल्‍ली. सिस्‍टैमेटिक इनवेस्‍टमेंट प्‍लान्‍स (SIP) के माध्‍यम से एक निवेशक म्‍यूचुअल फंड और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) में निवेश कर सकता है. म्‍यूचुअल फंड में सिप के माध्‍यम से अगस्‍त 2022 में 12,693 करोड़ रुपये का निवेशकों ने किया है. इससे पता चलता है कि एमएफ सिप में निवेशकों को भरोसा लगातार बढ़ रहा है. आरडी में भी बहुत से निवेशक पैसा लगाते हैं. शॉर्ट टर्म के वित्‍तीय लक्ष्‍यों को हासिल करने का यह भी एक बढिया इनवेस्‍टमेंट टूल है.

आमतौर पर निवेशक पैसा लगाने के लिए इन दोनों में से किसी एक का चुनाव करने में असमंजस में पड़ जाते हैं. म्‍यूचुअल फंड और आरडी, दोनों में ही सिप से निवेश किया जा सकता है, लेकिन फिर भी इन दोनों निवेश योजनाओं में कुछ अंतर है. जहां आरडी में लगाया पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहती है और गारंटिड रिटर्न मिलता है तो म्‍यूचुअल फंड में निवेश ज्‍यादा जोखिम भरा है. यहां रिटर्न की गारंटी भी नहीं है.

आरडी में पैसा सुरक्षित, गारंटीड रिटर्न
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेकरिंग डिपॉजिट एक डेट इंसट्रुमेंट है और यह निवेशकों को उनकी पूंजी की सुरक्षा की गारंटी देती है. बैंक एक साल से 10 साल की अवधि के लिए आरडी कराने की सुविधा देते हैं. यह शॉर्ट टर्म में फंड बनाने का अच्‍छा साधन है. आरडी में हर महीने आप थोड़े-थोड़े पैसे जमा करा सकते हैं. आरडी में निवेश पर कोई टैक्‍स छूट नहीं मिलती और न ही इससे मिला ब्‍याज टैक्‍स फ्री होता है. क्‍योंकि आरडी का लॉक-इन पीरियड होता है, इसलिए मैच्‍योरिटी पीरियड से पहले पैसा निकालना मुश्किल होता है और परिपक्‍वता अवधि से पहले पैसा निकालने पर पर बैंक शुल्‍क वसूलते हैं.

आमतौर पर आरडी का रिटर्न महंगाई दर से कम ही होता है. प्‍लान रुपी इनवेस्‍टमेंट सर्विसेज के फाउंडर अनमोल जोशी का कहना है कि आरडी में जमा 5 लाख रुपये तक पर डिपॉजिट इंश्‍योरेंस एंड गारंटी कॉर्पोरेशन की ओर से गारंटी मिलती है. यानि अगर किसी कारण बैंक डूब जाता है तो 5 लाख रुपये तक की राशि निवेशक को हर हाल में वापिस मिलेगी.

म्‍यूचुअल फंड में ज्‍यादा रिटर्न, ज्‍यादा जोखिम
म्‍यूचुअल फंड सिप काफी फ्लैक्सिबल होते हैं. निवेश के लिए आप दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक विकल्‍प का चुनाव कर सकते हैं. सिप के माध्‍यम से आप इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. अमोल जोशी का कहना रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश है कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए सिप सबसे बेहतरीन साधन है. बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि अगर आप कम से कम 5 साल के लिए सिप करते हैं तो ही आपको बेहतरीन रिटर्न मिलेगा. एमएफ सिप में निवेश जोखिम रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश भरा होता है तथा बाजार पर निर्भर करता है. इसमें रिटर्न की गारंटी नहीं होती है. सिप को बंद करना और पूंजी विदड्राल करना आसान है.

किसे चुनें?
माई मनी मंत्रा के राज खोसला का कहना है कि किसी भी निवेश योजना का चुनाव अपनी रिस्‍क जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश समय को ध्‍यान में रखकर करना चाहिए. जोशी का कहना है कि जिन्‍हें वित्‍तीय बाजार के बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं है या कोई शॉर्ट टर्म गोल अचीव करना है, उन्‍हें आरडी में पैसा लगाना चाहिए. इसी तरह लॉन्‍ग टर्म के लिए निवेश करने के लिए म्‍यूचुअल फंड सिप का चुनाव करें. ऐसे निवेशक जो बाजार के बारे में अच्‍छी जानकारी रखते हैं और जोखिम उठा सकते हैं, उनके लिए भी म्‍यूचुअल फंड सिप सही है.

आदिल शेट्टी का कहना है कि एमएफ सिप में पूंजी की कोई गारंटी नहीं होती और रिटर्न भी निर्धारित नहीं होता है. इसलिए निवेशक को इसमें निवेश करने से पहले अपनी जोखिम क्षमता का मूल्‍यांकन जरूर कर लेना चाहिए. माई मनी मंत्रा के राज खोसला का कहना है कि जो निवेशक कम से कम रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश 5 साल या इससे ज्‍यादा समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए म्‍यूचुअल फंड सिप आरडी से बेहतर है. यही कारण है कि लॉन्‍ग टर्म इनवेस्‍टर इसे ज्‍यादा पसंद करते हैं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

जानें, रेकरिंग डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट में क्या है अंतर और किसके क्या फायदे

निवेश की बात हो तो हर कोई बेहतर रिटर्न के साथ ही सुरक्षा भी चाहता है। फिक्स्ड डिपॉजिट को लंबे समय से भारत में आम लोग निवेश का एक अच्छा माध्यम मानते रहे हैं।

जानें, रेकरिंग डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट में क्या है अंतर और किसके क्या फायदे

जानें, रेकरिंग डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट में क्या है अंतर और किसके क्या फायदे

टैक्स में हैं क्या फायदे
इन दोनों ही स्कीमों में टैक्स के नियम एक से ही हैं। इन दोनों ही स्कीमों पर मिलने वाले ब्याज को आपकी कुल आय में जोड़ लिया जाता है और उस पर टैक्स लागू होता है। इसलिए यदि आप 30 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में है तो फिर एफडी और आरडी पर मिलने वाले ब्याज पर भी उसी दर से टैक्स लगेगा। हालांकि टैक्स डिडक्शन के मामले में आरडी थोड़ा बेहतर है। एफडी पर सालाना ब्याज यदि 10,000 रुपये से अधिक होता है तो बैंक टीडीएस काट लेता है, लेकिन आरडी में कोई TDS डिडक्शन नहीं होता। यह एक फीचर ऐसा है, जिसके चलते निवेशकों का रुझान एफडी के मुकाबले आरडी की ओर बढ़ा है।

कब आप पा सकते हैं ज्यादा लाभ?
यदि आप इन दोनों योजनाओं की तुलना करेंगे तो फिक्स्ड डिपॉजिट से आप आरडी के मुकाबले अधिक इनकम कर सकते हैं। मान लीजिए कि आपने प्रति महीने 2,000 रुपये की दर से साल में 24,000 रुपये रेकरिंग डिपॉजिट में जमा किए और साल की शुरुआत में 24,000 रुपये में एफडी में लगाए एफडी में रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश ज्यादा लाभ होगा। दोनों ही स्कीमों पर एक समान तिमाही चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है। मान लीजिए यह दर 9 फीसदी रहती है तो एक तरफ एफडी में आप 26,324 रुपये कमाएंगे तो वहीं आरडी में 25,195 रुपये अर्जित करेंगे।

Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म. पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप

Post Office की इस स्कीम में जितनी मर्जी उतना करें इन्वेस्ट, कमाई भी ज़बरदस्त

Post Office: भारतीय डाक के मुताबिक, चेक की स्थिति में डिपॉजिट राशि जमा होने की तरीख को ही चेक जमा होने की तारीख मानी जाती है. यह एक तरह से टर्म डिपॉजिट है.

अपने नॉमिनी को आप अकाउंट खोलते समय भी शामिल कर सकते हैं और अकाउंट खुलने के बाद भी जोड़ सकते हैं.(रॉयटर्स)

पोस्ट ऑफिस में छोटी बचत से जुड़ी कई स्कीम हैं लेकिन इसमें एक स्कीम है रेकरिंग डिपॉजिट (RD) जो बाकियों से बेहद खास है. भारतीय डाक की वेबसाइट के मुताबिक डाकघर पांच साल के इस रेकरिंग डिपॉजिट पर फिलहाल 7.2 प्रतिशत सालाना ब्याज दे रहा है. पोस्ट ऑफिस आरडी अकाउंट में ब्याज की दर सालाना मिली-जुली होती है. पांच साल के लिए रेकरिंग डिपॉजिट से जुड़ी 10 बातों पर यहां गौर करते हैं जो इसे शानदार निवेश विकल्प बनाती है.

5 साल की पोस्ट ऑफिस मंथली स्कीम या 5 साल की रेकरिंग डिपॉजिट, जाने किसमें निवेश होगा ज्यादा फायदेमंद

एक नियमित आरडी खाता आपको हर महीने अलग-अलग राशि जमा करने की अनुमति नहीं देता. हालांकि, कुछ बैंक फ्लेक्सिबल आरडी योजनाओं की पेशकश करते हैं जहां आप एक महीने में कई बार जमा कर सकते हैं और अपनी बचत के आधार पर अलग-अलग राशि जमा कर सकते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। किसी भी सरकारी बैंक की तरह, डाकघर पैसे जमा करने और लेनदेन करने के लिए एक भरोसेमंद साधन है. यह विशेष रूप उन लोगों के लिए बेहद अच्छा है जो एक निश्चित अवधि तक कुछ-कुछ रुपये जोड़कर अंत में बड़ी राशि पाने की इच्छा रखते हैं. इसे देखते हुए देश भर में डाकघर की शाखाओं द्वारा कई बचत योजनाओं की पेशकश की जाती है.

इसी में एक है डाकघर मासिक आय योजना या रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश Post Office Monthly Income Scheme. एक ऐसी योजना है जहां आप एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं और हर महीने एक निश्चित ब्याज कमाते हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है, आप इसमें किसी भी डाकघर से निवेश कर सकते हैं.

डाकघर की ऐसी ही एक योजना है आवर्ती जमा योजना या Post Office Recurring deposit स्कीम. इस योजना में भी कुछ-कुछ पैसे जमा कर मैच्योरिटी पर अच्छी-खासी रकम पाई जा सकती है. यहां हम पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम और पोस्ट ऑफिस आरडी स्कीम में तुलना कर जानेंगे कि रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश 5 साल की स्कीम में कितना मुनाफा मिलता है.

POMIS खाता खोलना उतना कठिन नहीं है जितना आप सोचते हैं. लंबी कतारों और यहां तक कि लंबी कागजी कार्रवाई की चिंता किए बिना स्टेप बाई स्टेप जानें कैसे खोल सकते हैं खाता-

पोस्ट ऑफिस में अपनी आईडी और आवासीय प्रमाण की एक फोटोकॉपी और 2 पासपोर्ट साइज फोटो के साथ विधिवत भरा हुआ फॉर्म जमा करें. वेरिफिकेशन के लिए मूल कॉपी साथ रखें

आप व्यक्तिगत रूप से अधिकतम 4.5 लाख रुपये या जॉइंट अकाउंट में 9 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. निवेश की अवधि 5 वर्ष है. 30 सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही के लिए ब्याज दर 6.6% प्रति वर्ष है, जो मासिक तौर पर दी जाती है.

उदाहरण के लिए, रोहित ने 5 साल के लिए डाकघर मासिक निवेश योजना में 4.5 लाख रुपये का निवेश किया है. जैसा कि ऊपर बताया गया है, इस स्कीम की ब्याज दर 6.6% प्रति वर्ष है. इस अवधि के लिए रोहित की मासिक आय 2,475 रुपये होगी. मैच्योरिटी के बाद, रोहित 4.5 लाख रुपये की जमा राशि किसी भी डाकघर से निकाल सकते हैं या इलेक्ट्रॉनिक निकासी सेवा के माध्यम से इसे अपने बचत खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं. रोहित को पोस्ट ऑफिस मंथली स्कीम में 4.5 लाख रुपये मिलेंगे. यह राशि 5 साल के नियमित जमा पर मिलती है. यानी की रोहित का रह महीने की बचत देखें तो यह 7,000 रुपये है और बाद में उन्हें हर महीने 2,475 रुपये मिलेंगे.

मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए आरडी खाते पर सालाना 5.8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है. जैसा कि नाम से पता चलता है, इस आरडी खाते की अवधि पांच साल के लिए तय है. आप 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं और 5.8% प्रति वर्ष की दर से ब्याज पा सकते हैं. ब्याज हर तिमाही चक्रवृद्धि होता है. बिना डिफॉल्ट के 12 किश्तें पूरी करने के बाद आप पहले से ही खाते में जमा राशि पर 50% तक का लोन ले सकते हैं.

एक नियमित आरडी खाता आपको हर महीने अलग-अलग राशि जमा करने की अनुमति नहीं देता. हालांकि, कुछ बैंक फ्लेक्सिबल आरडी योजनाओं की पेशकश करते हैं जहां आप एक महीने में कई रेकरिंग डिपॉजिट्स के माध्यम से निवेश बार जमा कर सकते हैं और अपनी बचत के आधार पर अलग-अलग राशि जमा कर सकते हैं. डाकघर और बैंकों द्वारा पेश किए जाने वाले आरडी खाते एक ही तरह से काम करते हैं. हालांकि कुछ नीतियों में अंतर हो सकता है. उदाहरण के लिए, आईडीएफसी बैंक के आरडी खाते के लिए न्यूनतम जमा राशि 2,000 रुपये है, जबकि डाकघर द्वारा दी जाने वाली स्कीम में न्यूनतम जमा राशि 100 रुपये है.

अगर कोई व्यक्ति आरडी खाते में हर महीने 7500 रुपये जमा करता है, तो 5 साल में उसे ब्याज के तौर पर 72,725 रुपये मिलेंगे. यहां हम 5.8 परसेंट ब्याज के हिसाब से पैसा जोड़ रहे हैं. वह व्यक्ति इस ब्याज दर के साथ पूरे 5 साल में कुल 4,50.000 रुपये जुटाएगा. मैच्योरिटी पर उसे कुल 5,22,725 रुपये मिलेंगे.

रेटिंग: 4.95
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 479