रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुजुर्गों को ट्रेन किराए में मिलने वाली छूट की बहाली के बारे में पूछे जाने पर रेलवे के खर्चों का ब्योरा गिना दिया. (Screenshot : SANSAD TV – LOK SABHA Youtube Channel)

शेयर बाजार में टाइम फ्रेम कैसे सेलेक्ट करें

टाइमफ्रेम क्या है


आज हम समझेंगे how to select chart time frame for trading के बारे में कि हम ट्रेडिंग के लिए चार्ट की टाइमफ्रेम कैसे सेलेक्ट करें दोस्तों यह सवाल बार-बार पूछा जाता है कि हम इंट्राडे के लिए या स्विंग ट्रेडिंग के लिए टाइम फ्रेम कैसे सेलेक्ट करें यह कौन सा टाइम फ्रेम बेस्ट रहेगा इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए तो आज हम टाइमफ्रेम के विषय में सारी जानकारी को समझेंगे और इस पोस्ट को देखने के बाद टाइम फ्रेम सिलेक्ट करने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी

how to select chart time frame for trading

दोस्तों ट्रेडिंग के लिए टाइमफ्रेम सिलेक्ट करने के लिए सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपका ट्रेडिंग स्टाइल क्या है ट्रेडिंग स्टाइल के विषय में हम पहले ही सब कुछ समझ चुके हैं हमारी वेबसाइट highreturn.in पर यह पोस्ट पहले से ही उपलब्ध है आप उसे पढ़ सकते हैं जब आपको एक बार यह पता चल जाए कि आपका ट्रेडिंग स्टाइल क्या है आप उसी प्रकार से चार्ट में अपना टाइम फ्रेम भी सिलेक्ट कर सकते हैं मतलब कि आपका ट्रेडिंग स्टाइल अगर छोटे समय का है तो आपका टाइम फ्रेम भी कम समय का होगा और अगर आपका ट्रेडिंग स्टाइल लंबे समय का है तो आपका टाइम फ्रेम भी लंबे समय का होगा

तो चलिए शेयर बाजार के पॉपुलर ट्रेडिंग स्टाइल के पॉपुलर ट्रेडिंग टाइम फ्रेम को मैं आपको बता देता हूं जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि भारतीय शेयर बाजार सुबह 9:15 से दोपहर 3:30 तक चलता है मतलब की टोटल 6 घंटे 15 मिनट इस मार्केट टाइम के हिसाब से आप ट्रेडिंग करते हैं

अगर आप स्कल्पिन ट्रेडिंग करते हैं तो आप 1 मिनट या 2 मिनट की टाइम फ्रेम का उपयोग करेंगे तो आपको बाजार से अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं

अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आप 5 मिनट या 15 मिनट की टाइम फ्रेम का उपयोग करेंगे तो बाजार से अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं

अगर आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो आप 1 घंटे या 2 घंटे की टाइम फ्रेम का उपयोग करेंगे तो आपको बाजार से अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं

अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग करते हैं तो आप डेली चार्ट टाइम फ्रेम का उपयोग करेंगे तो आपको बाजार से अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं तो दोस्तों यह थे शेयर बाजार के कुछ पॉपुलर ट्रेडिंग स्टाइल के पॉपुलर टाइमफ्रेम इनमें से जो भी आपका ट्रेडिंग स्टाइल हो उस हिसाब से आप अपना टाइम फ्रेम चुन सकते हैं

दोस्तों आप में से कुछ लोगों का यह सवाल होगा कि अगर हम कैंडलेस्टिक पेटर्न का यूज करें तो क्या टाइम फ्रेम सिलेक्ट करना चाहिए अगर हम चार्ट पेटर्न का यूज करें तो क्या टाइम फ्रेम सिलेक्ट करना चाहिए और अगर हम टेक्निकल इंडिकेटर्स का यूज करें तो हम क्या टाइम फ्रेम यूज कर सकते हैं दोस्तों वैसे तो इस सवाल का कोई मतलब ही नहीं बनता है क्योंकि आप इन तीनों का उपयोग अपने ट्रेडिंग स्टाइल में ही करेंगे और आपका जो भी ट्रेडिंग है उसके हिसाब से हम टाइमफ्रेम को सिलेक्ट करना सीख ही चुके हैं

टाइमफ्रेम क्या है
टाइम फ्रेम कैसे सिलेक्ट करें

दोस्तों एक सही टाइम फ्रेम चुनना उतना ही आवश्यक है जितना कि सही ट्रेडिंग सेटअप को चुनना क्योंकि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं और इसके लिए आप डेली चार्ट की टाइमफ्रेम को देख रहे हैं तो आपको इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है इसी प्रकार अगर आप पोजीशनल ट्रेडिंग करते हैं और आप 5 मिनट या 15 मिनट के टाइम फ्रेम को देख रहे हैं तो भी आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि हमें जिस ट्रेडिंग स्टाइल से ट्रेड करना है उसी ट्रेडिंग स्टाइल के हिसाब से टाइमफ्रेम भी सिलेक्ट करना पड़ेगा दोस्तो टाइमफ्रेम सिलेक्ट करते समय आपको यह पता होना चाहिए कि टाइमफ्रेम आपको ट्रेड लेने से पहले सिलेक्ट करना है अपने ट्रेडिंग स्टाइल के अनुसार कई ट्रेडर्स ऐसे होते हैं जो ट्रेड लेने के बाद टाइम फ्रेम सिलेक्ट करते हैं और अलग-अलग टाइमफ्रेम देखकर अपने ट्रेड को कैलकुलेट करते रहते हैं लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है एक बार टाइम फ्रेम सिलेक्ट करने के बाद आपको उसी टाइम फ्रेम के हिसाब से ट्रेड लेना है उसी टाइम फ्रेम के हिसाब से आसको स्टॉपलॉस लगाना है और उसी टाइम फ्रेम के हिसाब से एग्जिट भी करना है

तो दोस्तों यह थी how to select chart time frame for trading ट्रेडिंग के विषय में संपूर्ण जानकारी उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी

जानिए डिजिटल करेंसी और पेमेंट्स एप में अंतर, क्‍या कहते हैं जानकार

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो

by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Saturday, 17 December, 2022

digital rupee

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी लॉन्‍च की है. सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की गई यह डिजिटल करेंसी एक तरह का कानूनी दस्‍तावेज है. डिजिटल करेंसी एक तरह की सामान्य करेंसी की तरह ही है और इसे एक दूसरे को ट्रांसफर भी किया जा सकता है. डिजिटल करेंसी भी ठीक उसी तरह काम करती है जैसे हम नोट या फिर अलग-अलग तरह की सिक्कों को इस्तेमाल करते हैं. लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि अगर डिजिटल करेंसी वैसी ही है तो फिर ये यूपीआई UPI, आरटीजीएस RTGS और नेफ्ट NEFT से कैसे अलग है.


आखिर क्‍या है डिजिटल करेंसी
रिटेल डिजिटल करेंसी एक तरह का डिजिटल टोकन है, जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जारी किया है. रिजर्व बैंक ने इस मुद्रा के परिचालन के लिए 2 फेस में 8 बैंकों को इसकी जिम्मेदारी दी है. इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया SBI, आईसीआईसीआई बैंक ICICI Bank, यस बैंक YES Bank, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक IDFC First Bank, यह चार बैंक ऐसे हैं जो इसके फर्स्ट फेस में काम कर रहे हैं. आरबीआई ने सेकंड फेस के लिए भी बैंकों का चयन कर लिया है, जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा BOB, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया UBI, एचडीएफसी बैंक HDFC Bank, कोटक महिंद्रा बैंक Kotak Mahindra, 2nd फेज में इस डिजिटल करेंसी के लेनदेन में शामिल होंगे.


कैसे काम करेगी ये करेंसी
डिजिटल करेंसी एक तरह से मौजूदा करेंसी की ही तरह काम करेगी, जिसमें आपके पास डिजिटल नोट करेंसी और डिजिटल कॉइन करेंसी शामिल होंगे. इसके इस्‍तेमाल के लिए ग्राहकों को बैंकों के द्वारा एक वॉलेट दिया जाएगा, जिसके जरिए इस डिजिटल करेंसी का लेनदेन हो सकेगा. इस डिजिटल वॉलेट को आप अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन से इस्तेमाल कर सकते हैं. मौजूदा समय में पहले चरण के चार बैंकों के साथ ग्राहक इन बैंकों द्वारा दिए गए डिजिटल वॉलेट के जरिए क्लोज यूजर ग्रुप, जिसमें कि कस्टमर और मर्चेंट दोनों शामिल हैं वो कुछ ही शहरों में इस्तेमाल कर पाएंगें. इसमें मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु, भुवनेश्वर जैसे शहर शामिल हैं. आप अगर इन शहरों में रहते हैं तो इन 4 बैंकों के जरिए ही डिजिटल करेंसी के लिए वॉलेट को लिंक कर सकते हैं और उसी के जरिए आप उस डिजिटल रूपी को अलग-अलग मरचेंट्स पर इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल करेंसी के लेनदेन के लिए वॉलेट कंपलसरी है.


कैसे अलग है ये मौजूदा पेमेंट एप से
जानकार बताते हैं कि डिजिटल करेंसी के परिचालन के लिए ना तो किसी तरह के बैंक सिस्टम की जरूरत होगी और ना ही इसके लिए आरबीआई को करेंसी छापनी पड़ेगी. मसलन नोट्स या फिर सिक्कों को नहीं छापना पड़ेगा. इससे पैसों का इंस्‍टेंट ट्रांसफर भी हो जाएगा और आदमी को जल्दी से सुविधा भी मिलेगी.


आखिर UPI, RTGS और दूसरे पेमेंट ऑप्शन से कैसे अलग है डिजिटल करेंसी
जानकार कहते हैं कि डिजिटल करेंसी एक तरह से भारत की करेंसी है, जिसे आप सीधे इस्तेमाल कर सकते हैं. जबकि यूपीआई के तहत अलग-अलग एप्लीकेशंस का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिसमें गूगल पे, फोन पे, नेफ्ट, और आरटीजीएस जैसे पेमेंट एप शामिल हैं. अलग-अलग तरीके से पेमेंट ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल होते हैं सबसे बड़ा अंतर यह है कि यूपीआई ट्रांजैक्शन करने के लिए आपके खाते में पैसे होने जरूरी हैं जबकि डिजिटल करेंसी एक तरह का लीगल टेंडर है, जिसे आप सीधे इस्‍तेमाल कर सकते हैं.
जानकार कैसे स्विंग ट्रेडिंग काम करता है कहते हैं डिजिटल करेंसी केवल पेमेंट एप तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह एक तरह की करेंसी है. डिजिटल रुपया एक तरह से आप की स्टोर वैल्यू की तरह काम करता है जबकि यूपीआई के ट्रांजैक्शन करने के लिए आपके अकाउंट में पैसे होने जरूरी है, जिसके बाद ही आप यूपीआई और अलग-अलग तरह की ऐप जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर से अपने पैसे को ट्रांसफर करते हैं.

आज कैसी रहेगी बाजार की चाल और किन शेयरों में निवेश दे सकता है मुनाफा? जानें यहां

शेयर बाजार के लिए मंगलवार ज्यादा शुभ साबित नहीं हुआ. BSE और NSE दोनों गिरावट के साथ बंद हुए. आज भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो

by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो
Published - Wednesday, 21 December, 2022

Food Trend 2023: साल 2023 की शादियों में हर तरफ कैसे स्विंग ट्रेडिंग काम करता है नजर आ सकते हैं ये पॉपुलर फूड्स

Food Trend 2023: आने वाले साल में जनवरी से ही शादियों के लिए शुभ लग्न की शुरुआत हो रही है. शादियों में डेकोरेशन और ड्रेसेस के अलावा कैसे स्विंग ट्रेडिंग काम करता है एक और चीज जिस पर सबसे अधिक ध्यान जाता है वह है, शादियों का खाना.

Food Trend 2023: साल 2023 की शादियों में हर तरफ नजर आ सकते हैं ये पॉपुलर फूड्स

Food Trend 2023: अगले साल घर में पड़ रही है शादी तो मेनू डिसाइड करने से पहले जान लें ये लेटेस्ट ट्रेंड.

आने वाले साल में जनवरी से ही शादियों के लिए शुभ लग्न की शुरुआत हो रही है. शादियों में डेकोरेशन और ड्रेसेस के अलावा एक और चीज जिस पर सबसे अधिक ध्यान जाता है वह है, शादियों का खाना. शादियों में खाना टेस्ट और ट्रेंड के अकॉर्डिंग न रखा गया हो तो मजा नहीं आता. अगले साल की शादी की तैयारी करने और मेनू डिसाइड करने से पहले ये जान लेना जरूरी है कि अगले साल कौन-कौन से फूड ट्रेंड में रह सकते हैं. समय के साथ फूड कल्चर बदल रहा है, ऐसे में आप भी अपने घर की शादी में लेटेस्ट वेडिंग फूड ट्रेंड के हिसाब से खाना परोसना चाहते हैं तो पहले जान लें कि अगले साल कौन-कौन से फूड आइटम्स ट्रेंड में रह सकते हैं.

यहां जानें सबसे ज्यादा ट्रेंड में रहने वाले फूड्स- Here Are The Most Trending Foods

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1. फास्ट फूड

हर पार्टी की शाम की शुरुआत ही फास्ट फूड से होती है. चाहे शादी हो या फिर दूसरा कोई ओकेजन वहां मेनू में फास्ट फूड जरूर शामिल होना चाहिए. गोलगप्पे, पकौड़े, चाट और नूडल्स अगले साल भी ट्रेंड में रहेंगे. ऐसे में आप फास्ट फूड को मेनू में जरूर शामिल कर लें.

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हर पार्टी की शाम की शुरुआत ही फास्ट फूड से होती है. Photo Credit: iStock

2. केक

आजकल शादी हो या फिर इंगेजमेंट केक काटने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. रिंग कैसे स्विंग ट्रेडिंग काम करता है एक्सचेंज करने या जयमाला पहनाने के बाद केक काटना भी एक रस्म बनता जा रहा है, जो 2023 में भी एक जरूरी रस्म बन सकता है. आप भी इस ट्रेड के अकॉर्डिंग चलना चाहते हैं तो अपनी शादी में केक को जरूर शामिल करें. आप अपनी पसंद के अनुसार फ्रूट, चॉकलेट या किसी भी दूसरे फ्लेवर का केक चुन सकते हैं.

3. बारबेक्यू

बारबेक्यू भी एक ऐसा फूड ट्रेंड है जिसे आने वाले साल में देखा जा सकता है. अब बारबेक्यू बैंक्वेट सिर्फ रेस्टोरेंट्स तक ही सीमित नहीं रह गया बल्कि शादियों और पार्टीज का हिस्सा भी बन चुका है.

4. फ्रूट जूस

आजकल लोग काफी हेल्थ कॉन्शियस हो रहे हैं, ऐसे में शादियों में भी फ्रूट जूस वगैरह का ट्रेड चल पड़ा है, साल 2023 में भी ये ट्रेंड जारी रहेगा. आप भी अपने घर की शादी में काउंटर पर फ्रूट जूस को जरूर रखें.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

EPFO Can Take Big Decision : EPFO में हुए नए परिवर्तन, जानें अब पेंशन से जुड़े नए नियम

EPFO Can Take Big Decision : पीएफ पर अधिक ब्याज और कर्मचारी पेंशन योजना ( Pension Yojana ) पर अधिक लाभ प्रदान करने की दिशा में काम शुरू हो गया है ! कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) जल्द ही इससे जुड़े अहम फैसले ले सकता है ! भविष्य निधि (पीएफ) पर अधिक ब्याज मिलेगा ! कर्मचारी पेंशन फंड ( EPFO ) भी अधिक हो सकता है ! इस हफ्ते लेबर पैनल दोनों पर चर्चा करने के लिए एक बड़ी चर्चा करेगा ! दरअसल, पीएफ ( Provident Fund ) पर अधिक ब्याज और कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) पर अधिक ब्याज देने की दिशा में काम शुरू हो गया है !

EPFO Can Take Big Decision

EPFO Can Take Big Decision

EPFO Can Take Big Decision

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) जल्द ही इससे जुड़े महत्वपूर्ण फैसले ले सकता है ! अगर सूत्रों की माने तो संसदीय समिति ने इसके लिए एक लेबर पैनल ( Provident Fund ) का गठन किया है, जो इस पर काम करेगा ! इसी हफ्ते लेबर पैनल की एक अहम बैठक होने जा रही है ! बैठक में, पैनल EPFO ​​के तहत 10 ट्रिलियन रुपये के फंड के प्रबंधन, प्रदर्शन और निवेश पर विचार करेगा ! पैनल का गठन पिछले महीने ही किया गया था !

अगर सूत्रों की माने तो पैनल यह भी विचार करेगा कि संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए ईपीएफओ को और अधिक लाभकारी कैसे बनाया जाए ! फंड मैनेजर काफी समय से ईपीएफओ ( Employees’ Provident Fund Organisation ) फंड देख रहे हैं ! साथ ही, इसके निवेश से जुड़े फैसले ( Pension Yojana ) भी वही करते हैं ! ऐसे में यह पैनल इसका आकलन करेगा ! पैनल ( Provident Fund ) के सदस्य कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण ईपीएफओ ( EPFO ) फंड पर प्रभाव का भी आकलन करेंगे !

सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने पर जोर

केंद्र सरकार का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों ( Provident Fund ) को बुढ़ापे की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है ! केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री श्रम योजना जन-धन योजना ( Pension Yojana ) के माध्यम से रिक्शा चालकों, स्ट्रीट वेंडर, हेड लोडर, ईंट भट्ठा मजदूर, मोची, रैग पिकर, घरेलू श्रमिक, कृषि निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है ! ईपीएफओ ( Employees’ Provident Fund Organisation ) पहले केवल संगठित क्षेत्र के लिए था ! लेकिन केंद्र सरकार ने इसमें असंगठित क्षेत्र को भी शामिल किया है !

पेंशन 5000 रुपये तक बढ़ सकती है

सूत्रों के अनुसार, बुधवार को पीएफ फंड ( Provident Fund ) के लिए गठित पैनल की बैठक में कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत पेंशन बढ़ाने और खाताधारक की मृत्यु के मामले में परिवारों को धन की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी चर्चा होगी ! ईपीएस योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 5,000 रुपये मासिक करने पर भी विचार होगा ! कई ट्रेड यूनियन और श्रमिक संगठन भी कुछ समय से पेंशन ( Pension Yojana ) राशि में वृद्धि की मांग कर रहे हैं !

रिपोर्ट संसद को प्रस्तुत की जाएगी

ईपीएफ फंड ( Employees’ Provident Fund Organisation ) का पैनल कई बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा करेगा और शीतकालीन सत्र में इसकी विस्तृत रिपोर्ट संसद को प्रस्तुत करेगा ! पैनल के सदस्यों ने श्रम मंत्रालय के प्रतिनिधियों को अन्य देशों में संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों ( Pension Yojana ) के लिए किए गए प्रावधानों का विवरण भी दिया है !

EPFO Can Take Big Decision : अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं |

कर्मचारी भविष्य निधि ( Employees’ Provident Fund Organisation ) पर ब्याज वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है ! यह पिछले पांच वित्तीय वर्षों में सबसे कम है ! ऐसे में इसे बढ़ाने की भी योजना ( Pension Yojana ) कैसे स्विंग ट्रेडिंग काम करता है है ! यदि पैनल उस स्थान पर निवेश करता है जो अपनी रिपोर्ट में उच्च रिटर्न प्रदान करता है ! तो आपको भी लाभ मिलेगा ! यह पैनल ( Provident Fund ) की भी जिम्मेदारी होगी कि वह अगले वित्त वर्ष में अधिक ब्याज दे ! वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर दिसंबर के अंत या जनवरी में तय की जाएगी ! इससे पहले यह पैनल की सिफारिशों के आधार पर तय किया जा सकता है !

रेल टिकट में सीनियर सिटिजन कन्सेशन बहाल होने के आसार नहीं, मोदी सरकार ने संसद में दिए संकेत

Railway Concession for Senior Citizens : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक रेलवे ने 59 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पैसेंजर सब्सिडी दी है, जबकि उसका सालाना सैलरी बिल 97 हजार करोड़ और पेंशन बिल 60 हजार करोड़ रुपये है.

रेल टिकट में सीनियर सिटिजन कन्सेशन बहाल होने के आसार नहीं, मोदी सरकार ने संसद में दिए संकेत

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुजुर्गों को ट्रेन किराए में मिलने वाली छूट की बहाली के बारे में पूछे जाने पर रेलवे के खर्चों का ब्योरा गिना दिया. (Screenshot : SANSAD TV – LOK SABHA Youtube Channel)

Rail Concession for Senior Citizens: बुजुर्ग नागरिकों को रेल यात्रा के दौरान किराए में मिलने वाला जो कन्सेशन कोविड महामारी के दौरान बंद कर दिया गया था, उसे फिर से शुरू किए जाने के फिलहाल कोई कैसे स्विंग ट्रेडिंग काम करता है आसार नहीं हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के बुधवार को संसद में दिए बयान से ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं. रेल मंत्री ने इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कन्सेशन फिर से शुरू करने का कोई आश्वासन देने की बजाय जिस अंदाज में रेलवे के भारी-भरकम खर्चे गिनाए, उससे तो यही लगता है.

सांसद के सवाल पूछने पर क्या बोले रेल मंत्री?

लोकसभा में महाराष्ट्र के निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने रेल मंत्री से पूछा कि वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में मिलने वाला कन्सेशन फिर से कब बहाल किया जाएगा? बुजुर्गों को मिलने वाला यह कन्सेशन कोविड 19 महामारी के दौरान बंद किया जा चुका है. उस वक्त इसे तात्कालिक तौर पर उठाया गया कदम माना जा रहा था. उम्मीद थी कि हालात सामान्य होने पर इसे फिर से बहाल कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ है. लेकिन सांसद के इस सवाल का रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. इसकी बजाय वे यह गिनाने में लग गए कि भारतीय रेलवे पर अभी खर्चों का कितना भारी बोझ है.

सबको देखना चाहिए रेलवे की मौजूदा स्थिति क्या है : रेल मंत्री

अश्विनी वैष्णव ने नवनीत राणा के सवाल के कैसे स्विंग ट्रेडिंग काम करता है जवाब में कहा कि रेलवे ने पिछले साल यात्री सेवाओं पर 59 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है, जो काफी बड़ी रकम है. उन्होंने कहा कि ये आंकड़ा कई राज्यों के सालाना बजट से भी ज्यादा है. इसके बाद उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे को हर साल सैलरी बिल के मद में 97 हजार करोड़ रुपये और पेन्शन बिल पर 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इन सबके अलावा रेलवे 40 हजार करोड़ रुपये सिर्फ फ्यूल खरीदने पर खर्च करता है. उन्होंने कहा, “पिछले साल हमने 59 हजार करोड़ रुपये पैसेंजर सब्सिडी दी है. नई सुविधाएं लाई जा रही हैं. अगर नए फैसले लेने होंगे तो हम लेंगे. लेकिन फिलहाल तो सभी लोगों को यह देखना चाहिए कि रेलवे की हालत क्या है.”

Himachal Pradesh Assembly Elections Results 2022: बीजेपी-कांग्रेस में हो सकती है कांटे की टक्कर, कब, कहां और कैसे देख सकेंगे रिजल्ट?

MCD Election 2022: 134 सीटों के साथ आम आदमी पार्टी को बहुमत, भाजपा को 104 सीटें, जीतने वाले उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट

Delhi MCD Election Result 2022 Live: एमसीडी में बीजेपी का 15 साल पुराना राज खत्म, AAP ने 134 सीटें जीतकर पार किया बहुमत का आंकड़ा

अयोध्या को देश के हर कोने से जोड़ेंगे : रेल मंत्री

रेल मंत्री ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद अयोध्या को ट्रेनों के जरिए देश के हर कोने से जोड़ने की योजना तैयार कर ली गई है. उन्होंने कहा कि देश के 41 प्रमुख रेलवे स्टेशनों के री-डेवलपमेंट का काम जारी है, जिसके बाद बाकी स्टेशनों का विकास भी चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा.

हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों पर काम जारी : रेल मंत्री

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हमने 2030 तक रेलवे को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है और इसे हासिल करने के लिए काम भी हो रहा है. रेल मंत्री ने बताया कि इसके लिए हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें विकसित करने का काम भी किया जा रहा है, जिसके लिए डिजाइनिंग और डेवलपमेंट से लेकर निर्माण तक का सारा काम भारतीय इंजीनियर ही करेंगे.

लंबी दूरी तक चलाई जाएंगी वंदे भारत ट्रेनें : रेल मंत्री

एक अन्य सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि फिलहाल वंदे भारत ट्रेनों को सिटिंग कैपेसिटी के कैसे स्विंग ट्रेडिंग काम करता है साथ 500 से 550 किलोमीटर की दूरी तक चलाया जा रहा है. एक बार जब वंदे भारत को स्लीपिंग फैसिलिटी के साथ चलाया जाने लगेगा तो ज्यादा दूरी की ट्रेनें भी चलाई जा सकेंगी.

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