अपेक्षित उपयोग
Tier-4 शहरों में ई-कॉमर्स का 90 फीसदी ट्रांजैक्शन कैश
त्योहारी सीजन के दौरान, नकदी की मांग अधिक रहती है क्योंकि बड़ी संख्या में व्यापारी अभी भी एंड-टू-एंड लेनदेन के लिए कैश ट्रांजैक्शन पर निर्भर हैं. लगभग 15 करोड़ लोगों के पास अभी भी बैंक खाता नहीं होने के कारण कैश ट्रांजैक्शन का एक प्रमुख माध्यम बना हुआ है.
इसके अलावा, 90 प्रतिशत ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन टियर चार शहरों में भुगतान के तरीके के रूप में कैश का उपयोग करते हैं, जबकि टियर एक शहरों में 50 प्रतिशत कैश का उपयोग करते
दो दशक में पहली बार दिवाली सप्ताह के दौरान नकदी घटी
हालांकि, एसबीआई के अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि दो दशक में पहली बार इस साल दिवाली वाले सप्ताह में प्रणाली में नकदी या मुद्रा (सीआईसी) में 7,600 करोड़ रुपये की कमी हुई.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2009 में दिवाली वाले सप्ताह में प्रणाली में नकदी में 950 करोड़ रुपये की मामूली गिरावट हुई थी, लेकिन ऐसा वैश्विक वित्तीय संकट के बीच आर्थिक मंदी के कारण हुआ था.
अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘‘तकनीकी नवाचारों ने आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी भारतीय भुगतान प्रणाली को बदल दिया है. भारतीय अर्थव्यवस्था अब नकदी आधारित नहीं है, बल्कि स्मार्टफोन आधारित भुगतान में बदल गई है.” उन्होंने कहा कि प्रणाली में नकदी घटना बैंकों के लिए फायदेमंद है.
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार के आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी 2016 की नोटबंदी कदम पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम ने अभी तक इस महाविफलता को स्वीकार नहीं किया है, जिसके कारण अर्थव्यवस्था गिर गई है.
देश को काले धन से मुक्त कराने के लिए नोटबंदी का वादा किया गया था. लेकिन इसने कारोबारों को खत्म कर दिया और नौकरियों को बर्बाद कर दिया. 'मास्टरस्ट्रोक' के 6 साल बाद सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नकदी 2016 की तुलना में 72 फीसदी अधिक है.
SBI का बड़ा फैसला, अपने ब्याज को रेपो दर से जोड़ा, जानें क्या होगा असर
मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी एसबीआई) ने अपनी जमा दरों और छोटी अवधि के कर्ज की दरों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रेपो दर से जोड़ने की घोषणा की है। यह अपनी तरह का पहला मामला है, जब किसी बैंक ने अपनी ब्याज दर को रेपो दर से जोड़ा है। बैंक ने कहा कि नई दरें एक मई से प्रभावी होंगी। नई दर का लाभ हालांकि उन्हीं बचत कर्ताओं को मिलेगा, जिनका अकाउंट बैलेंस एक लाख रुपये से अधिक है।
बैंक के इस कदम से आरबीआई की नीतिगत ब्याज दर में होने वाली कटौती या बढ़ोतरी को ग्राहकों तक पहुंचाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। बैंक अब तक आरबीआई की दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक तुरंत नहीं पहुंचा पा रहे थे, जिस पर आरबीआई ने कई बार नाराजगी जताई थी। बैंक ने एक बयान में कहा कि हम जमा दर और छोटी अवधि के ऋण की ब्याज दर को आरबीआइ की रेपो दर से जोड़ने में अग्रणी रहे हैं।
रुपये में कैसे होगा अंतरराष्ट्रीय व्यापार? केंद्र सरकार का जोर क्यों
यूएस डॉलर (USD) के बजाय भारतीय रुपये (INR) में अंतरराष्ट्रीय व्यापार (International Trade) को बढ़ावा देने पर केंद्र सरकार ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) इस पहल के तरीकों पर चर्चा करने के लिए देश के बैंकों, विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालयों सहित हितधारकों के साथ बैठक कर आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी रहा है. बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय बैंक संघ, बैंकों के प्रतिनिधि निकाय और उद्योग निकायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
सूत्रों के आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों से कहा जाएगा कि वे निर्यातकों को रुपये के कारोबार पर बातचीत करने के लिए कहें. हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बाद बदले अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में भारत सरकार ने रुपये में कारोबार को बढ़ाने के विकल्प पर विचार तेज किया हुआ है. आइए, जानने की कोशिश करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार रुपये में कैसे हो सकता है? साथ ही सरकार क्यों इस पर जोर दे रही है?
RBI गवर्नर की सलाह- लोन और FD को रेपो रेट से लिंक करें बैंक
- नई दिल्ली,
- 19 अगस्त 2019,
- (अपडेटेड 19 अगस्त 2019, 5:21 PM IST)
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कर्ज और जमा पर दी आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी जाने वाली ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि इससे मौद्रिक नीति का फायदा ग्राहकों तक पहुंचने में तेजी आएगी. अगर ऐसा होता है तो आरबीआई आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी के समय-समय पर रेपो रेट में बदलाव के साथ ही बैंक भी ब्याज दरों में कटौती आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी या बढ़ोतरी करेंगे.
शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि दरों को बाहरी मानकों से जोड़ने की प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है और मुझे उम्मीद है यह काम तेज गति से होगा. उन्होंने कहा, " मुझे लगता है कि अब नए लोन को रेपो रेट जैसे बाहरी मानकों से जोड़ने को औपचारिक रूप देने का सही समय आ गया है. हम इस पर निगरानी कर रहे हैं और जरूरी कदम उठाएंगे. "
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