मैं म्यूचुअल फंड्स में सीधे निवेश कैसे कर सकता हूँ?
अगर आपका KYC पूरा हो चुका है तो आप म्यूचुअल फंड में सीधे ऑफलाइन या ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। अगर आप ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन करने में असहज महसूस करते हैं, तो आप नज़दीकी शाखा में जाकर फंड में निवेश कर सकते हैं।
ऑनलाइन म्यूचुअल फंड की स्कीमों में सीधे निवेश करने का सबसे आसान तरीका है और आपको कमीशन भी नहीं देना पड़ता। आप फंड की वेबसाइट या उसके RTA की साइट या फिर फिनटेक प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। फंड की वेबसाइट पर सीधे निवेश करने पर आपको कई लॉगिन मैनेज करने पड़ते हैं।
डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का मतलब है कि आप फिनांशियल प्लान बनाने, अपने गोल के लिए सबसे सही फंड्स को चुनने, अपने पोर्टफोलियो को नियमित तौर पर मैनेज करने आपको पैसा कहां निवेश करना चाहिए? और ज़रूरत पड़ने पर उसमें फेरबदल करने की ज़िम्मेदारी लेते हैं। हर किसी को म्यूचुअल फंड में सही फंड चुनना और पोर्टफोलियो को मैनेज करना नहीं आता है। इसलिए डायरेक्ट प्लान उन निवेशकों के लिए है जो इसे आसानी से कर सकते हैं। अन्यथा, म्युचुअल फंड के बारे में कम जानकार लोगों को डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा निवेश करने की सलाह दी जाती है।
कम पैसे में करना चाहते ज्यादा कमाई, ये हैं आपके पास निवेश के बेस्ट ऑप्शन
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। क्या आप निवेश की योजना बना रहे हैं लेकिन तय नहीं कर पा रहे हैं कि पैसा कहां लगाएं, तो चिंता न करें आप अकेले नहीं हैं जो इस दुविधा से गुजर रहे हैं। आम धारणा है कि लोग पैसा न होने की वजह से निवेश नहीं कर पाते। हालांकि निवेश न कर पाने की मुख्य वजह पैसा नहीं होती, वास्तविकता में लोग ये चुनाव ही नहीं कर पाते कि उन्हें अपना पैसा कहां लगाना है और इसी सवाल का जवाब तलाशते हुए वो गैर-जरूरी कामों में पैसा खर्च कर देते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि निवेश कितनी तरह के होते हैं जिससे आप वक्त पड़ने पर निवेश का सही फैसला ले सकें।
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नए जमाने के निवेश
नए जमाने में स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, कमोडिटी ट्रेडिंग की खूब बातें होती है। स्टॉक ट्रेडिंग और कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की ज़रूरत पड़ेगी. डीमैट अकाउंट वो खाता है जिसमें शेयर डीमैटीरियलाइज़ फॉर्म (डिजिटिल फॉर्म) में होते हैं। दूसरा है ट्रेडिंग अकाउंट, जिसमें आप इंट्राडे कारोबार कर सकते हैं।
कमोडिटी मार्केट ( सोना, चांदी आदि)
स्टॉक मार्केट में दो तरह की ट्रेडिंग होती है. इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन में शेयर ख़रीदकर बेचने होते हैं. यानी बाज़ार खुला, आपने शेयर खरीदे और बाज़ार बंद होने से पहले बेच दिए. जो मिला वो आपकी जेब में गया.अगर आप मुनाफ़े की हाफ़ और फुल सैंचुरी लगाना चाहते है, तो 6 महीने से ज़्यादा लंबा खेलना होगा. इसे ही लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कहते है. यानी डीमैट अकाउंट में शेयर 6 महीने से ज़्यादा रखे होने चाहिए.
अब आते हैं कमोडिटी मार्केट ट्रेडिंग पर.इसे यूँ समझें कि ट्रेडिंग हर चीज़ की हो सकती है. मिसाल के लिए अगर ये सामान आलू, प्याज, गेहूँ, चना है तो इसे कहेंगे एग्रीकमोडिटी ट्रेडिंग. ये भी बिल्कुल शेयर मार्केट की तरह होती है. इसमें भी डीमैट अकाउंट चाहिए. यानी न तो आपको अपने हाथ से कुछ बेचना है और न खरीदना.कुछ ऐसा ही होता है मेटल ट्रेडिंग में यानी सोने और चांदी की ट्रेडिंग में। मोबाइल उठाया और सौदा कर लिया. फ़ायदा दिखा, सौदा बेच दिया। अकाउंट में पैसे आ गए।
शेयर बाजार में रिस्क के अपने अपने स्तर होते हैं जो कई अलग अलग बातों पर निर्भर करते हैं। इस तरह के निवेश विकल्पों का सबसे बड़ा फायदा इनमें ऊंचे रिटर्न की संभावना और सबसे बड़ा नुकसान इससे जुड़े जोखिम होते हैं। कोरोना संकट में गिरावट के बाद शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। इस दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिए हैं।
जिन्हें शेयर बाजार से डर लगता है लेकिन कम समय में ज्यादा कमाई करना चाहते है। उनके लिए म्युचूअल फंड एक अच्छा ऑप्शन है। शेयर बाजार के बड़े एक्सपर्ट्स इस काम को आम आदमी के लिए करते है. अगर आसान शब्दों में समझें तो म्युचूअल फंड हाउस एक फंड मैनेजर को नियुक्त करता है। वो निवेशक के पैसों को शेयरों में लगाकर निवेशकों को एफडी के मुकाबले कई गुना तक रिटर्न दिलाते है।
इन दिनों एसआईपी की बातें बहुत होती है. SIP (सिप) क्या है- सिप (SIP) या सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान आपको हर महीने एक निश्चित रकम को आपकी पसंदीदा Mutual Fund स्कीम में डालने का अवसर देता है. यह आमतौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में शुरू किया जाता है.
महंगाई के बीच ये है बेस्ट ऑप्शन
इस समय सब बढ़ती महंगाई से परेशान हैं. वहीं, एक आम आदमी खर्चों में हर साल 10-12% की दर से बढ़ोतरी होती है। मेडिकल और शिक्षा का खर्च भी हर साल बढ़ रहा है। इक्विटी को इन्वेस्टमेंट प्लानिंग का हिस्सा बनाएं, क्योंकि इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर होता है। इक्विटी में लंबी अवधि के लिए निवेश करें. लंबी अवधि में 12-15% रिटर्न मिल सकता है. बच्चों की पढ़ाई, शादी जैसे लक्ष्यों के लिए इक्विटी बेहतर होते हैं।
निवेश के कुछ ऑप्शन ये भी हैं
निश्चित रिटर्न वाले निवेश में आपको निवेश के वक्त आपको पैसा कहां निवेश करना चाहिए? ही पता चल जाता है कि एक खास समयअवधि के बाद निवेश पर कितना रिटर्न मिलेगा। क्योंकि इनका रिटर्न और समयसीमा तय होती है इसलिए इन्हें सबसे कम जोखिम का निवेश भी माना जाता है। निवेश की इस कैटेगरी में जोखिम के स्तर इस बात से तय होते हैं कि निवेश का ये विकल्प किस संस्थान के द्वारा दिया जा रहा है। इस तरह के निवेश की सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि निवेशकों को इसमें अपनी तरफ से खास मेहनत नहीं करनी पड़ती, साथ ही इसमें निवेश की लागत भी न के बराबर होती है। भारत सरकार से लेकर निजी कंपनियां तक ऐसे प्रोडक्ट ऑफर करती हैं। यहां ऐसे ही कुछ निवेश विकल्प दिए गए हैं।
सरकारी योजनाएं, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, पोस्ट ऑफिस स्कीम, किसान विकास पत्र, बैंक के द्वारा ऑफर निवेश विकल्प-सेविंग बैंक अकाउंट, बैंक फिक्सड डिपॉजिट,रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट,स्पेशल बैंक टर्म डिपॉजिट, अन्य-ये निवेश विकल्प सरकार और निजी कंपनियों दोनो के द्वारा ऑफर किये जा सकते हैं. बॉन्ड,डिबेंचर,कंपनियों की एफडी.
Investment Tips: महिलाओं के लिए बेस्ट हैं ये दो स्कीम, कम निवेश में होगा लाखों का फायदा
सभी अपने फ्यूचर के लिए इन्वेस्ट करते ही हैं। मेल इन्वेस्टर्स रियल एस्टेट, स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। वैसे ही फीमेल इन्वेस्टर्स गोल्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट में ज्यादा इन्वेस्ट करना पसंद करती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कौन सा इन्वेस्ट महिलाओं के लिए है बेस्ट।
महिलाएं कहां इन्वेस्ट करना पसंद करती हैं
रिपोर्ट्स की मानें तो अधिकतर महिलाएं गोल्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करना काफी ज्यादा पसंद करती हैं। इसके अलावा आज कल महिलाएं रियल एस्टेट, स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में भी इन्वेस्ट करती हैं।
म्यूचुअल फंड में होता है फायदा
जिन भी महिलाओं को म्यूचुअल फंड के बारे मे अच्छे से पता है वह आसानी से म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर काफी पैसे कमा सकती हैं। म्यूचुअल फंड में भी कई प्रकार होते हैं।
इक्विटी म्यूचुअल फंड
इक्विटी फंड म्यूचुअल फंड की वो स्कीम है, जो खासकर शेयर्स/कंपनी के स्टॉक में निवेश करती है। इन्हें ग्रोथ फंड भी कहा जाता है। इसमें आप आसानी से पैसे निवेश कर सकते हैं।
डेट म्यूचुअल फंड
अगर आप अधिकतम तीन साल तक के लिए निवेश करना चाहते हैं और रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं तो फिर आपके सामने पहला विकल्प 'फिक्स्ड डिपॉजिट' का है। लेकिन अगर फिक्स्ड डिपॉजिट से थोड़ा ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो फिर डेट फंड में निवेश कर सकते हैं।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
हाइब्रिड फंड भी एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो एक ही फंड के अंदर कई एसेट क्लास में निवेश करता है। इसमें इन्वेस्ट करना काफी फायदे का सौदा हो सकता है।
महिलाएं सोने में इन्वेस्ट कर सकती हैं
सर्वे के अनुसार यह देखा गया है कि महिलाएं सोने में काफी ज्यादा इन्वेस्टर्स करती हैं। युवा पीढ़ी की महिलाएं भी गोल्ड में इन्वेस्ट करना पसंद करती हैं।
वहीं आज कल की युवा महिलाओं की बात करें तो वह अपनी बचत सुरक्षित और कम जोखिम वाले निवेश विकल्पों में चुनना चाहती हैं।
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Investment Options: 5 लाख रुपये के साथ कहां करें निवेश, क्या होगा बेहतर विकल्प?
आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।
निवेश के लिए आप यहां कुछ बेहतर विकल्प के बारे में जान सकते हैं। (फोटो- Freepik)
आधुनिक समय में लोग निवेश की ओर अधिक गौर कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं से लेकर बैंक एफडी और अधिक रिस्क के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसी जगहों पर पैसा लगा रहे हैं। सरकारी योजनाओं और बैंक एफडी में रिस्क कम होता है और इसमें पैसा लगाने सेफ माना जाता है। साथ ही अच्छा रिटर्न भी दिया जा रहा है। वहीं मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश करना रिस्की माना जाता है, लेकिन आपको कम समय में अधिक रिटर्न मिल सकता है।
अगर आप आपको पैसा कहां निवेश करना चाहिए? भी निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं और आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।
अगर कोई व्यक्ति रिटायर हो रहा है और उसके पास पांच लाख की राशि है तो वह अधिक रिस्क लेने के बजाय रेगुलर इनकम जैसी योजनाओं में निवेश कर सकता आपको पैसा कहां निवेश करना चाहिए? है। फिक्स डिपॉजिट पर अपने सुविधाजन टेन्योर के लिए, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और पेंशन प्लान आदि जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
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हालांकि अगर आपने अभी नौकरी करना शुरू किया है तो आप अपनी क्षमता के अनुसार निवेश का विकल्प चुन सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए निवेश के बहुत से विकल्प उपब्ध हैं। कम जोखिम वाला व्यक्ति निवेश से दूर रहने का विकल्प चुनेगा तो वहीं रिस्क लेना वाला व्यक्ति शेयर मार्केट में निवेश का विकल्प चुन सकता है।
ग्रिप के संस्थापक और सीईओ निखिल अग्रवाल ने कहा कि एक युवा निवेशक के रूप में आपके पास समय है और यदि आपके पास आय का एक स्थिर स्रोत है, तो आप अधिक जोखिम उठा सकते हैं। हालांकि निवेश शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए आपका निवेश बाधित न हो।
आप स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा जैसी बुनियादी चीजों में निवेश कर सकते हैं और एक लिक्विड फंड बना सकते हैं, जिसे आप आपात स्थिति में उपयोग कर सकते हैं। वहीं मार्केट के तहत आप एकमुश्त के बजाय व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) में निवेश कर सकते हैं। अधिक फंड के लिए आप म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार आप इससे थोड़ा अधिक रिस्क लेते हुए कॉरपोरेट बॉन्ड, एसेट लीजिंग, इन्वेंट्री फाइनेंस, कमर्शियल रियल एस्टेट और स्टार्ट-अप इक्विटी में भी निवेश शुरू कर सकते हैं।
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