यह कार्यक्रम वर्तमान वर्ष से 2018 तक चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जायेगा। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है परिवर्तनकारी प्रकृति का है जो यह सुनिश्चित करेगा की सरकारी सेवाएँ इलेक्ट्रॉनिक रूप से नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।
करोड़ों की डिजिटल मुद्रा मुफ्त बांट रहा है चीन
अपनी डिजिटल मुद्रा ई-युआन को बढ़ावा देने के लिए चीन ने कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं. देश में डिजिटल मुद्रा तेजी से बढ़ रही है, जबकि भारत अभी शुरुआत करने के दौर में है.
कोविड से प्रभावित अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए चीन डिजिटल करंसी का इस्तेमाल कर रहा है. महामारी के कारण कम हुए उपभोग को बढ़ावा देने के लिए चीन ग्राहकों के वास्ते खरीददारी को आसान बनाना चाहता है, ताकि वे ज्यादा से ज्यादा चीजें खरीदें और धन खर्च करें. इसके लिए चीन ने डिजिटल करंसी को खासा बढ़ावा दिया है और लोग भी इसे हाथोहाथ ले रहे हैं.
दक्षिणी शहर शेनजेन ने इसी हफ्ते से 3 करोड़ चीनी युआन यानी लगभग 35 करोड़ भारतीय रुपये लोगों के बीच मुफ्त बांटने की योजना शुरू की है. इसका मकसद लोगों को खर्चने के लिए धन देना है ताकि वे उपभोग बढ़ाएं और व्यापार जगत को गति मिले. यह धन डिजिटल करंसी के रूप में दिया जा रहा है. उत्तरी प्रांत हेबेई में भी कुछ दिन पहले शियोंग शहर ने 5 करोड़ युआन मूल्य की डिजिटल करंसी यानी ई-युआन तोहफे के तौर पर लोगों के बीच बांटे थे.
तेजी से बढ़ रही है ई-युआन
चीन उन देशों में अगली पंक्ति में है जो डिजिटल करंसी इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं. पिछले कुछ समय में कई देशों में डिजिटल करंसी को लेकर रफ्तार तेज हो गई है और चीन सबसे तेजी से बढ़ रहे देशों में है. अब ई-युआन का इस्तेमाल चीन दोहरे फायदे के लिए कर रहा है. एक तो इससे उपभोग बढ़ाने में मदद मिल रही है और दूसरा, डिजिटल करंसी का प्रसार हो रहा है.
डिजिटल करेंसी की रेस में चीन सबसे आगे
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देश के केंद्रीय बैंक के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 26.1 करोड़ चीनियों ने ई-वॉलेट का प्रयोग किया और 87.6 अरब युआन यानी लगभग 10 खरब रुपये का लेनदेने डिजिटल मुद्रा में हुआ. पीडब्लयूसी चाइना नामक संस्था में वरिष्ठ अर्थशास्त्री जी. बिन शाओ कहते हैं कि इससे पारदर्शिता बढ़ी है.
और तेजी की जरूरत
यिनटेक इनस्टमेंट होल्डिंग कंपनी में मुख्य अर्थशास्त्री शिया इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा व्यापार चुन का मानना है कि जहां तक सब्सिडी देने का सवाल है तो पारंपरिक तरीकों के मुकाबले ई-युआन ज्यादा फलोत्पादक और तेज है. हालांकि उन्हें लगता है कि सरकार फिलहाल इसे जितना बढ़ावा दे रही है, वह नाकाफी है.
पेकिंग विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले अर्थशास्त्री लिन यीफू ने इसी महीने एक भाषण में कहा था कि चीन को हर उस क्षेत्र के परिवारों को एक-एक हजार युआन (करीब 11,000 रुपये) देने चाहिए, जहां-जहां लॉकडाउन लगा है, और इनमें से आधी रकम डिजिटल मुद्रा में हो सकती है.
शेनजेन में जारी अभियान में उपभोक्ताओं को मुफ्त ई-युआन पाने के लिए एक लॉट्री में हिस्सा लेना है. यह मुद्रा दुकानों के अलावा सीधे ऑनलाइन से खरीददारी में भी इस्तेमाल की जा सकती है. शियोंगन इलाके में डिजिटल कैश सब्सिडी का प्रयोग खाने के उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक आइटम और फर्नीचर खरीदने के लिए किया जा सकता है.
अब रुपये का 'बॉस' नहीं इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा व्यापार रहेगा डॉलर, विदेशी लेनदेन भी भारतीय मुद्रा में होगा, कैसे काम करेगा आरबीआई का नया सिस्टम?
डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 79.45 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपये में आती कमजोरी को थामने के साथ व्यापार के मोर्चे पर अमेरिकी बादशाहत को चुनौती देने के लिए रिजर्व . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 12, 2022, 11:34 IST
भारत अपने आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कर सकेगा.
नया सिस्टम फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत बनाया जा रहा है.
भारत में अधिकृत बैंकों को वॉस्ट्रो खाते खोलने की इजाजत दी गई है.
नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही भारतीय मुद्रा पर अमेरिकी डॉलर का दबाव भी बढ़ने लगा. ग्लोबल मार्केट में तमाम प्रतिबंधों के बाद हालात ये बन गए कि डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस समस्या से निपटने के लिए नया सिस्टम विकसित कर रहा है.
आरबीआई ने बताया है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार भी रुपये में करने के लिए नया सिस्टम बनाया जा रहा है. डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में लगातार आ रही गिरावट और दुनिया की रुपये में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए नया सिस्टम विकसित किया जा रहा है. इसके बाद भारत अपने आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कर सकेगा और ग्लोबल ट्रेडिंग सिस्टम में डॉलर व अमेरिका का दबाव खत्म हो जाएगा.
डिजिटल इंडिया: डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था के लिए एक कार्यक्रम
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है का उद्देश्य देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में परिणत करना है। यह 7 अगस्त 2014 को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम (1.5 MB) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है पर प्रधानमंत्री - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की बैठक के दौरान कार्यक्रम के प्रारूप पर लिए गये महत्वपूर्ण निर्णयों का अनुपालन और सरकार के सभी मंत्रालयों को इस विशाल कार्यक्रम के प्रति जागरूक करने के लिए है जो सरकार के सभी क्षेत्रों पर रोशनी डालती है। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) द्वारा परिकल्पित किया गया है।
जिम्बाब्वे ने नई मुद्रा आरटीजीएस डॉलर में व्यापार शुरू किया
जिम्बाब्वे ने अपनी नई मुद्रा, RTGS डॉलर में व्यापार करना शुरू कर दिया है, यह केंद्रीय बैंक के एक मौद्रिक संकट के प्रयास और इसे हल करने के उपायों की घोषणा करने के दो दिन बाद किया गया है. बैंक ने एक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली का अनावरण किया जिसने प्रभावी रूप से अपनी अर्ध-मुद्रा, बांड नोट का अवमूल्यन किया, जो आधिकारिक तौर पर अमेरिकी डॉलर के साथ समानता पर आंकी गई थी.
नई मुद्रा डिजिटल डॉलर और बांड नोट्स नामक इलेक्ट्रॉनिक बैंक बचत का स्थान लेगी और इसका नाम वास्तविक समय सकल निपटान प्रणाली के नाम पर रखा गया है जो बैंक एक-दूसरे के बीच धन हस्तांतरित करने के लिए उपयोग करते हैं.
RBI Issues Alert List: रिजर्व बैंक ने जारी की अलर्ट सूची, विदेशी मुद्रा व्यापार में डील करने के लिए अधिकृत नहीं हैं ये संस्थाएं
मुंबई, 7 सितंबर: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को विदेशी मुद्रा कारोबार (Forex Trading) में शामिल 34 गैर-अधिकृत इकाइयों की ‘अलर्ट सूची’ (RBI Issues Alert List) जारी की. इन संस्थाओं में ऑक्टाएफएक्स, अल्पारी, हॉटफॉरेक्स, और ओलंपिक ट्रेड शामिल हैं. 7th Pay Commission: इस नवरात्रि कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा तोहफा, 27312 रुपये तक बढ़ जाएगी सैलरी
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि ये संस्थाएं विदेशी मुद्रा कारोबार के लिए अधिकृत नहीं होने इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा व्यापार के बावजूद देश में इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंच का संचालन कर रही हैं.
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