Greif Inc
Greif Inc | GEF.s
United States of America - USD
बारे में Greif Inc
Greif, Inc. engages in the production and sale of industrial packaging products and services. It operates in three segments: Global Industrial Packaging; Paper Packaging & Services; and Land Management. The Land Management segment owns 175,000 acres of timber properties in the southeastern United States.
Greif Inc प्रमुख वित्तीय
Greif Inc आँकड़े
पैरामीटर | ||
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STOCKS INVESTING | ||
Stock Currency | USD | |
Size of 1 lot | 1 share | |
Minimum Contract size, lots | Variable - $5 Equivalent | |
Maximum Contract size, lots | 10000 | |
Tick value per 1 lot | 0.01 USD | |
Volume limitation | 10000 | |
Margin requirement | 100% | |
Trading Commission | 0.00 USD | |
Minimum Price Increment | 0.01 | |
Limit and Stop Levels | 0.0 | |
Negative balance protection | No | |
Swap free days allowance | N/A | |
Platform symbol | GEF.s |
Greif Inc नवीनतम समाचार
Greif (GEF) Buys Lee Container for $300M, Diversifies Portfolio | दिसम्बर 21, 2022, 5:48 बजे
Greif (GEF) acquires Lee Container to diversify its portfolio and further enhance growth. . Read more Greif Earns Further Recognition for Corporate Social Responsibility | दिसम्बर 21, 2022, 3 बजे
Greif, Inc. (NYSE: GEF, GEF.B), a global leader in industrial packaging products and services, announced today it has received two additional awards recognizing the company's leadership and continued commitment to corporate social responsibility. . Read more Greif Completes Acquisition of Lee Container | दिसम्बर 15, 2022, 11:02 बजे
Greif, Inc. (NYSE: GEF, GEF.B), a global leader in industrial packaging products and services, announced today that it has completed its previously announced acquisition of Lee Container Corporation, Inc. ("Lee Container" or "Lee"). . Read more Greif Announces 2030 Sustainability Targets | दिसम्बर 14, 2022, 11:15 बजे
Greif, Inc. (NYSE: GEF, GEF.B), a global leader in industrial packaging products and services, announced today ambitious new sustainability targets, reinforcing the company's commitment to building a more sustainable and equitable future. . Read more Greif, Inc. (NYSE:GEF) Q4 2022 Earnings Call Transcript | दिसम्बर 13, 2022, 8:40 बजे
Greif, Inc. (NYSE:GEF) Q4 2022 Earnings Call Transcript December 8, 2022 Greif, Inc. misses on earnings expectations. Reported EPS is $1.83 EPS, expectations were $1.93. Operator: Good day, and thank you for standing by. Welcome to the Greif Fourth Quarter 2022 Conference Call. At this time, all participants are in a listen-only mode. After the […] . Read more
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शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है.
कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम
बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम
एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन
मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.
अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना
कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
- कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है. यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है.
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है -
दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है. कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है. एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं.
पोर्टफोलियो में विविधता के लिए कमोडिटी में निवेश फायदेमंद -
विशेषज्ञों के मुताबिक पोर्टफोलियों में विविधता के लिए निवेशक को इक्विटी के साथ साथ कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए. इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, रिटेल और छोटे निवेशकों को कमोडिटी में निवेश में विशेष सावधान होना चाहिए. बाजार की अस्थिरता और कम जानकारी पूरा पैसा डूबा सकती है. निवेशकों को इसमें डिमांड सायकल और कौन से कारक कमोडिटी बाजार को प्रभावित करते हैं यह जानना जरूरी होता है.
कमोडिटी ट्रेडिंग से फायदा -
भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. यह मुख्यत लिवरेज मार्केट होता है. मतलब छोटे और मध्यम निवेशक भी छोटी सी राशि से मार्जिन मनी के जरिये कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं.
हेजिंग -
किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.
पोर्टफोलियों में विविधता -
कमोडिटी एक नए एसेट क्लास के रुप में विकसित हो रही है. यह पोर्टपोलियों में प्रभावी विविधता लाती है.
ट्रेडिंग अपॉरच्यूनिटी -
कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है.
हाई लिवरेज -
इसमें बहुत कम पैसे में आप मार्जिन मनी के सहारे बड़े सौदे कर सकते हैं.
समझने में आसानी-
कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज का क्या है रोल -
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज वह संस्था है जो कमोडिटी फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है. जैसे स्टॉक मार्केट इक्विटी में ट्रेडिंग के लिए स्पेस उपलब्ध कराता है. वर्तमान में फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 95 कमोडिटी उपलब्ध है जो रेगुलेटर फॉर्वर्ड मार्केट कमिशन ( एफएमसी) द्वारा जारी गाइडलाइन और फ्रेमवर्क के अंदर हैं. भारत में 3 नेशनल और 22 क्षेत्रिय एक्सचेंज अभी काम कर रहे हैं.
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) क्या है -
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा सुगम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी का कारोबार अक्सर एमसीएक्स ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार बीएसई और एनएसई स्टॉक में कारोबार के लिए मंच प्रदान करते हैं, वैसे ही एमसीएक्स कमोडिटी में कारोबार के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसमें कारोबार मेजर ट्रेडिंग मेटल और एनर्जी में होती है. इसमें रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम 17,000-20,000 करोड़ है.
एनसीडीएक्स-
यह दिसंबर 2003 में अस्त्तिव मे आया. इसमें मुख्यत एग्री ट्रेडिंग होती है. रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम लगभग 2000 - 3000 करोड़.
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लिवरेज अथवा मार्जिन कैसे काम करता हैं?
मार्जिन किसी में रखी गई प्रतिभूतियों के कुल मूल्य के बीच का अंतर हैइन्वेस्टरका खाता और दलाल से ऋण राशि। हालाँकि, मार्जिन शब्द के कई अर्थ हैं, दोनों व्यावसायिक धारा और वित्त धारा, साथ ही साथ अन्य स्थितियों में। इसका मतलब उस राशि से भी हो सकता है जिसके द्वारा कुल बिक्री से होने वाला राजस्व किसी व्यवसाय में लागत से अधिक हो जाता है। यह किसी उत्पाद की लागत और आप इसे कितने में बेचते हैं, के बीच के अंतर को भी संदर्भित कर सकता है।
मार्जिन पर ख़रीदना प्रतिभूतियों/परिसंपत्तियों को खरीदने के लिए पैसे उधार लेने का कार्य है। इसमें एक संपत्ति खरीदना शामिल है जहां खरीदार संपत्ति के मूल्य का केवल एक प्रतिशत का भुगतान करता है और शेष दलाल से उधार लेता है याबैंक. दलाल एक ऋणदाता के रूप में कार्य करता है और निवेशक के खाते में प्रतिभूतियां इस प्रकार कार्य करती हैं:संपार्श्विक.
मार्जिन प्रतिशत आमतौर पर CIMA क्लाइंट्स के लिए 2%, 1%, या 0.5% या CySEC और FCA क्लाइंट्स के लिए 50%, 20%, 10%, 5% या 3.33% पर अनुमानित हैं।
सीमांत शर्तें
निम्नलिखित सहित संबंधित शब्दों के संदर्भ में उदाहरण यहां दिए गए हैं:
- सकल लाभ
- कुल लाभ
- परिचालन लाभ
- ऑपरेटिंग मार्जिन
- शुद्ध लाभ
- मुनाफे का अंतर
- निवेशक उत्तोलन
- लाभप्रदता
- मार्कअप
निवेश में मार्जिन
निवेश की अवधि में, मार्जिन निवेशक के फंड और उधार ली गई फंड के संयोजन के साथ स्टॉक के शेयरों को खरीदने के लिए संदर्भित करता है। यदि स्टॉक लिवरेज अथवा मार्जिन कैसे काम करता हैं? की कीमत उसकी खरीद और बिक्री के बीच बदलती है, तो निवेशक के लिए परिणाम लीवरेज होता है। उत्तोलन का अर्थ है निवेशक का प्रतिशत लाभ/हानि उस प्रतिशत लाभ/हानि की तुलना में बढ़ जाता है जब निवेशक ने बिना उधार के शेयर खरीदे थे।
व्यापार वाणिज्य में मार्जिन
व्यापार और वाणिज्य में एक सामान्य शब्द के रूप में, मार्जिन बिक्री मूल्य और बिक्री पर माल या सेवाओं के लिए विक्रेता की लागत के बीच के अंतर को संदर्भित करता है, जिसे बिक्री मूल्य के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
Updates on Margin Tiers, Funding Rate Settlement Frequency and Capped Funding Rate Multiplier of USDⓈ-M HNTUSDT Perpetual Contracts (2022-12-21)
Binance Futures will make adjustments to the margin tiers of the USDⓈ-M HNTUSDT Perpetual Contracts on 2022-12-21 at 17:45 (UTC).
In addition, Binance Futures will increase the funding rate settlement frequency and capped funding rate multiplier of USDⓈ-M HNTUSDT Perpetual Contracts starting from 2022-12-21 at 17:45 (UTC). More details can be found in the tables below.
Existing positions opened before the updates will be affected. It is strongly advised to adjust the position and leverage prior to the adjustment in order to avoid any potential liquidation.
- Please note that there may be further adjustments to the funding rate settlement frequency of the aforementioned perpetual futures contracts. There लिवरेज अथवा मार्जिन कैसे काम करता हैं? will be no further announcement on such adjustments.
- The capped funding rate multiplier for USDⓈ-M HNTUSDT Perpetual Contracts is raised from 0.75 to 1.
- It is important to note that the maintenance margin change will directly affect liquidation price. Users who hold existing positions of USDⓈ-M HNTUSDT Perpetual Contracts will be affected. To avoid being liquidated (i.e. margin ratio hits 100%), please add more margin to your USDⓈ-M Futures account or reduce your positions. It is recommended to control the margin ratio below 80%.
- Maintenance margin rate change will affect the funding rates of the USDⓈ-M HNTUSDT Perpetual Contracts. For more details on funding rate, please refer to Introduction to Binance Futures Funding Rates .
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Binance Margin Will Delist FET, FORTH, KEY, MBOX, WIN as Borrowable Assets From Cross Margin and AION, BTS From Isolated Margin
Binance Completes Second Round of Terra (LUNA) Airdrop Distribution to Terra Classic (LUNC) and TerraClassicUSD (USTC) Holders
Updates on Margin Tiers, Funding Rate Settlement Frequency and Capped Funding Rate Multiplier of USDⓈ-M HNTUSDT Perpetual Contracts (2022-12-21)
मार्जिन के नए नियम से घटेगा कारोबार
नया लिवरेज अथवा मार्जिन कैसे काम करता हैं? उच्चतम मार्जिन के प्रभावी होने से आने वाले महीनों में वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) के वॉल्यूम में करीब एक-तिहाई तक की कमी आ सकती है। बाजार के कुल कारोबार में एफऐंडओ खंड की हिस्सेदारी करीब 90 फीसदी और दिन के कारोबार में करीब आधी हिस्सेदारी है।
मंगलवार से ब्रोकरों द्वारा इंट्राडे में दिए जाने वाले अधिकतम लीवरेज को सीमित कर दिया जाएगा और इसे 1 सितंबर, 2021 तक कम रखा जाएगा। इसके बाद ब्रोकर वायदा एवं विकल्प खंड में एसपीएएन और एक्सपोजर के बराबर और नकद खंड में वीएआर और ईएलएम (न्यूनतम 20 फीसदी) के बराबर लीवरेज दे सकेंगे। एसपीएएन जोखिम का मानक पोर्टफोलियो विश्लेषण है, वहीं वीएआर जोखिम का मूल्य और ईएलएम अत्यधिक जोखिम मार्जिन है, जिसके आधार पर किसी प्रतिभूति में निवेश के जोखिम का आकलन किया जाता है। देश की सबसे बड़ी ब्रोकिंग कंपनी जीरोधा लिवरेज अथवा मार्जिन कैसे काम करता हैं? के मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामत ने कहा, ‘लीवरेज कम होने से एफऐंडओ के वॉल्यूम में कमी आ सकती है। जीरोधा में आने वाले महीनों में 20 से 30 फीसदी वॉल्यूम कम हो सकता है। ऐसे ब्रोकर जो इंट्राडे लीवरेज का आक्रामक तरीके से उपयोग करते हैं, उनके कारोबार पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।’
वर्तमान में ब्रोकर मार्जिन की रिपोर्ट दिन के अंत में करते हैं, जिसकी वजह से वे उन ग्राहकों को भी अतिरिक्त लीवरेज देने में सक्षम होते हैं, जिनके पास न्यूनतम मार्जिन भी नहीं होता है। हालांकि इसमें शर्त होती है कि दिन के कारोबार खत्म होने से पहले वे पोजिशन का निपटान करेंगे। इसके साथ ही अगर ब्रोकर इंट्राडे पोजिशन में न्यूनतम मार्जिन सुरक्षित करने में विफल रहता है तो शॉर्ट मार्जिन का जुर्माना लगेगा।
प्रभुदास लीलाधर में मुख्य कार्याधिकारी, रिटेल संदीप रायचूड़ा ने कहा, ‘सेबी ने डेरिवेटिव में पहले चरण में एक्सपोजर को चार गुना तक सीमित कर दिया है और इससे रिटेल वायदा वॉल्यूम पर असर पड़ेगा, खास तौर पर निपटान के दिन।’
ब्रोकर आम तौर पर एफऐंडओ खंड में इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए 4 से 8 गुना तक लीवरेज की पेशकश करते हैं, जो कई बार 30 से 40 गुना तक पहुंच सकता है। उद्योग के भागीदारों का कहना है कि निफ्टी और निफ्टी बैंक सूचकांकों पर साप्ताहिक और मासिक निपटान के दिन लगाए गए दांव में काफी कमी आ सकती है। ब्रोकरों की रिटेल आय में एफऐंडओ खंड की हिस्सेदारी करीब 40 से 60 फीसदी होती है। ऐसे में नए नियम से दिसंबर तिमाही में ब्रोकरों की आय में 10 से 15 फीसदी की कमी आ सकती है।
उद्योग के भागीदारों को उम्मीद है कि नए नियम से जोखिम कम करने और दीर्घावधि में ज्यादा ट्रेडर्स को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
जिरोधा के मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामत ने कहा, ‘ज्यादा लीवरेज होने से ट्रेडरों को पैसे गंवाने का भी जोखिम रहता है। कम लीवरेज से उनका जोखिम कम होगा और वे लंबे समय तक कारोबार में बने रह सकते हैं।’
रायचूड़ा के अनुसार शेयर के डेरिवेटिव से नकद खंड में कारोबार जा सकता है क्योंकि नकद में मार्जिन डेरिवेटिव की तुलना में कम होता है।
मंगलवार से कुछ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी स्थिति स्पष्ट होने तक ट्रेडिंग से दूर रह सकते हैं। डेरिवेटिव वॉल्यूम में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी है, जो दैनिक औसत वॉल्यूम 2 से 3 लाख करोड़ रुपये के बराबर है।
विदेशी निवेशकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एशिया सिक्योरिटीज इंडस्ट्री ऐंड फाइनैंशियल मार्केट्स एसोसिएशन पिछले हफ्ते भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड से मिलकर पीक मार्जिन के नियम को कम से कम तीन महीने के लिए टालने और समुचित मार्जिन नहीं होने पर जुर्माना घटाने का आग्रह किया था।
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