1. अपने निवेश में विविधता लाएं
अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाएं. हर एसेट क्लास (गोल्ड, प्रॉपर्टी, स्टॉक्स, फिक्स्ड डिपाजिट) में निवेश पर एक जैसा जोखिम नहीं होता. पोर्टफोलियो में अलग अलग तरह के एसेट शामिल कर आप कुल जोखिम को बहुत हद तक कम कर सकते हैं.

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Investment Tips: International Mutual Fund में निवेश करने के बाद न हो नुकसान, इसलिए जरूर पढ़ें ये खबर

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 21 Sep 2021 10:20 PM (IST)

International Mutual Fund: आप अगर चाहें तो देश से बाहर भी निवेश कर सकते हैं. इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड के जरिए आप विदेशी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं. अगर आप विदेशी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों पर अच्छी से तरह विचार कर लेना चाहिए. निवेश से जुड़े जोखिम और रिटर्न किन चीजों से प्रभावित होता यह जानना जरूरी है.

जोखिम

  • कोई भी निवेशक पैसा लगाते समय निवेश से जुड़े रिस्क के बारे में जरूर पता करता है.
  • अगर आप विदेश में निवेश करने जा रहे हैं तो इसमें कई जोखिम हैं. करेंसी रिस्क बहुत अहम है.
  • मान लें आपने फंड के जरिए किसी अमेरिकी कंपनी में निवेश किया और अगर डॉलर की तुलना में रुपया गिरा तो एनएवी (नेट एसेट वैल्यू) बढ़ेगी. इसी तरह अगर रुपया मजबूत हुआ तो एनएवी में फिसलन होगी.

निवेश से जुड़े जोखिम को कम करने के ये हैं 5 आसान तरीके. जानिए

निवेश के लिए जरूरी हैं ये बातें जानना

  • News18Hindi
  • Last Updated : March 13, 2021, 13:12 IST

नई दिल्ली. ज्यादातर निवेशक जोखिम का सही मतलब नहीं जानते हैं. बहुत सतर्क रहने वाले निवेशकों (कंजर्वेटिव इंवेस्टर) को जहां हर जगह रिस्क दिखता है. वहीं, आक्रामक निवेशक (एग्रेसिव इंवेस्टर) केवल रिटर्न के पीछे भागते हैं. उन्हें लगता है कि वे हर तरह के जोखिम का सामना कर सकते हैं. हालांकि, जोखिम का कॉन्सेप्ट इतना सरल नहीं है. निवेशकों को अक्सर अपनी जोखिम लेने की क्षमता का पता नहीं होता है. अगर इसे जान लिया जाए तो जोखिम लेने की क्षमता के बाहर जाकर रिस्की विकल्पों में निवेश से बचा जा सकता है.

निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर

जब कोई निवेश की पहल करता है तो वह इससे जुड़े जोखिम का भी विश्लेषण करता है। लेकिन जोखिम के मुकाबले प्रतिफल की तुलना करना लोग अक्सर भूल जाते हैं। अगर कोई निवेशक तुलना करता है तो भविष्य में प्रतिफल और निवेश से संबंधित फैसले कर पाने में सफल होता है। जोखिम-प्रतिफल की संकल्पना सभी प्रकार के निवेश के लिए समान होती है। लेकिन कई ऐसे निवेशक हैं जो यह नहीं समझ पाते कि अपने पोर्टफोलियो में जोखिम-प्रतिफल की संकल्पना को किस तरह लागू करें।

अगर आप भी उन निवेशकों की श्रेणी में शामिल हैं तो निम्रलिखित बातों पर ध्यान दें। निवेश पर आपको अपेक्षित प्रतिफल नहीं मिलने की भी आशंका होती है। निवेश करने पर आप जो जोखिम उठाते हैं उससे प्रतिफल की भी उम्मीद जरूर करते हैं। आम तौर पर आप जितना अधिक जोखिम लेते निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर हैं उसी हिसाब से आपको प्रतिफल भी मिलना चाहिए। इसी तरह, अगर जोखिम कम है तो प्रतिफल भी उसी हिसाब से कम रहना निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर चाहिए।

Fixed Deposits और Debt Mutual Funds में से कहां निवेश देगा मोटा रिटर्न, यहां जानिए निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर सभी सवालों के जवाब

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 21, 2022 16:09 IST

Fixed Deposits और Debt Mutual Funds में से कौन बेहतर?- India TV Hindi

Photo:INDIA TV Fixed Deposits और Debt Mutual Funds में से कौन बेहतर?

FD Vs Debt Mutual Funds: अच्छा निवेश हमेशा बूरे समय में काम आता है। हर व्यक्ति एक बेहतर निवेश की तलाश में रहता है। भले ही उसकी इनकम बहुत अधिक ना हो। क्योंकि वह इस बात पर भरोसा करता है कि अगर आज उसकी नौकरी चली जाती है या किसी कारणवश वो काम करने लायक नहीं बच जाता है तो आज के समय निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर में किया गया निवेश उस वक्त उसके लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा। लेकिन इसमें भी कई विकल्प होते हैं। कुछ लोग Fixed Deposits और Debt Mutual Funds में अपना पैसा इंवेस्ट करना चाहते हैं। आइए समझते हैं कि कौन एक बेहतर विकल्प आपके लिए साबित हो सकता है।

सिर्फ निवेश करना काफी नहीं, उसके प्रदर्शन पर भी रखें नजर

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CASE 1 : अशुतोष झा और उनकी पत्नी बच्चों की शिक्षा, उनकी शादी और अपने रिटायरमेंट के लिए बचत कर रहे हैं. आइए, देखते हैं कि डॉक्टर ने उन्हें क्या सलाह दी है.

लक्ष्य

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पोर्टफोलियो चेक-अप
-स्मॉलकैप, मिडकैप और ईएलएसएस फंडों में मिला-जुलाकर निवेश किया है.
-पोर्टफोलियो में केवल चार फंड हैं. सभी निवेश से जुड़े जोखिम पर नजर अच्छा कर रहे हैं.
-सिप में सालाना 5 फीसदी की बढ़ोतरी से बच्चों से जुड़े लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी.
-आशुतोष झा 50 साल में रिटायर होना चाहते हैं. उन्हें इस लक्ष्य को 5 साल के लिए बढ़ाना होगा.
-रिटायरमेंट के लिए सिप को बढ़ाना होगा. हर साल इसमें 10 फीसदी की बढ़ोतरी करनी होगी.

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