कसरत (Exercise )आपको रखता है दिल की विमारियो से दूर

हृदय रोग: आप स्‍वस्‍थ रहने के लिए कोई वर्कआउट करते? आप हार्ट अटैक से बचने के लिए क्‍या करते? डॉक्‍टरों की मानें तो व्‍यायाम (Exercise ) करना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होता है और इससे हार्ट डिसीज को दूर रखा जा सकता है. मध्‍यम आयु वर्ग के लोगों में स्‍ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में पुश अप्‍स मददगार साबित हो सकते हैं. इस संबंध में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एक अध्‍ययन हुआ है.

कोरोना के पहले और कोरोना महामारी के बाद भी हृदय रोग , हार्ट अटैक और उनसे होने वाली मौतों ने समाज में एक बड़ी चिंता पैदा कर दी है. मध्‍यम आयु वर्ग में हार्ट अटैक के खतरे और उसके कारण होने वाली मौतों को रोका या कम किया जा सकता है. इसके लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने 2019 में एक अध्‍ययन किया था जिसके चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए हैं. पुश-अप्स की प्रभावकारिता के कई पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई है. इसमें प्रदर्शित किया गया है कि पुश अप्‍स हृदय Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य संबंधी रोगों, कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक को रोकते हैं.

पुश अप्‍स की शुरुआत के समय सभी जोखिम को जान लें
शोधकर्ताओं का कहना है कि पुश अप्‍स एक साथ कई मांस पेशियों पर काम करता है जिसके कारण यह हृदय संबंधी रोगों Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य में प्रभावी हो सकता है. हालांकि उन्‍होंने कहा है कि पुश अप्‍स के समय Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य अपनी हार्ट बीट्स की निगरानी जरूर रखें. पुश अप्‍स की शुरुआत के समय सभी जोखिम भरी जानकारियों को जान लें और उनसे बचें. पुश अप्‍स के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं होती, लेकिन घर में इसे करते समय अपने हृदय के स्‍टेट्स और अन्‍य टेस्‍ट जरूर करा लें. JAMA नेटवर्क ओपन के अनुसार शोधकर्ताओं ने पाया कि जो पुरुष 30 सेकंड में कम से कम 40 पुश-अप पूरा कर सकते थे, उनमें हार्ट अटैक, हार्ट फेलुअर या अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम काफी कम था.

पुश-अप कार्डियो-वैस्कुलर स्वास्थ्य के लिए क्यों अच्छे हैं?
शोधकर्ताओं ने कहा है कि एक पुश-अप आपके शरीर को ऊपर से नीचे तक जोड़ता है. हाथ, छाती, पेट, कूल्हे और पैर की कई मांसपेशी समूहों पर एक साथ काम करता है. आसानी से परिवर्तनीय हैं; आप अपने आराम स्तर के अनुसार कोण और गति को समायोजित कर सकते हैं. फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ विशाल रस्तोगी के अनुसार, पुश-अप्स जैसे मध्यम व्यायाम हृदय के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह एक मांसपेशी है और इसे रोजाना काम करने की आवश्यकता होती है. कोलेस्ट्रॉल प्रोफ़ाइल में सुधार करते हैं, जिसका अर्थ है कि खराब कोलेस्ट्रॉल या कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) नीचे चला जाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल या उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) में सुधार होता है.

Kota suicide: अपमान व तिरस्कार के डर से जीवनलीला समाप्त कर रहे युवा

Kota suicide: इस साल यहां कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कम से कम 14 छात्रों ने आत्महत्या की है

Kota suicide

कई बार, माता-पिता अपने बच्चे से कुछ ऐसा करवाते हैं, जो वह नहीं करना चाहते। दूसरों के साथ-साथ खुद की अपेक्षाओं का बोझ बच्चों को हतोत्साहित करता है।

कोटा। उज्जवल​ ​भविष्य के लिए राजस्थान के कोटा में देश—विदेश तक के छात्र कोचिंग करने आते हैं। परिवार भी कोचिंग के लिए लाखों रुपये किसी तरह से इंतजाम करके खर्च करता है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार उनमें से कई जल्द ही खुद को व्यस्त दिनचर्या, साथियों के दबाव और उम्मीदों के बोझ से दबा पाते हैं। यह परीक्षा में असफल होने का डर नहीं है, बल्कि इसके बाद का-अपमान और तिरस्कार- है जो उन्हें (छात्रों को) अपने जीवन को समाप्त करने की दिशा में ले जाता है।

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यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे तीन छात्रों द्वारा हाल में की गई खुदकुशी ने इस बात को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है कि आखिर क्या कारक हैं जिनके चलते छात्र इस दिशा में बढ़ जाते हैं।

एलेन कॅरियर इंस्टीट्यूट के प्रमुख मनोवैज्ञानिक डॉ. हरीश शर्मा ने कहा कि छात्रों को अक्सर पढ़ाई के बजाय भावनात्मक तनाव से जूझना मुश्किल लगता है। उन्होंने कहा, छात्रों के बीच शिक्षा संबंधी तनाव, भावनात्मक तनाव जितना अधिक नहीं है। छात्र वास्तव में एक परीक्षा में असफल Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य होने से नहीं डरते हैं, बल्कि इसके बाद के – अपमान और तिरस्कार- से Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य डरते हैं। इसलिए वे पलायनवादी रुख अपनाना पसंद करते हैं।

शर्मा ने कहा कि दूसरों की उम्मीदों का बोझ उनकी खुद की उम्मीदों के साथ जुड़ जाता है, जो Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य अक्सर छात्रों को हतोत्साहित करता है।

उन्होंने कहा, पालन-पोषण की शैली वैसी ही है, जैसी 1970 के दशक में थी, जबकि बच्चे के पास 2022 का आधुनिक मस्तिष्क है Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य और उसे जो कुछ भी करने के लिए कहा जाता है, वह उसके लिए वैज्ञानिक स्पष्टीकरण की मांग करता है। कई बार, माता-पिता अपने बच्चे से कुछ ऐसा करवाते हैं, जो वह नहीं करना चाहते। दूसरों के साथ-साथ खुद की अपेक्षाओं का बोझ बच्चों को हतोत्साहित करता है।

एक के बाद एक व्याख्यान, परीक्षा श्रृंखला, अपने साथियों से आगे निकलने की निरंतर दौड़ और पाठ्यक्रम के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश-कोटा में कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले छात्र का औसत दिन लगभग ऐसा ही दिखता Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य है।

शर्मा ने कहा कि इस व्यस्त कार्यक्रम के बीच, कई छात्र खुद को थोड़ी राहत देने के लिए वेब सीरीज देखते हैं, लेकिन अक्सर यह नहीं जानते कि कब रुकना है, जिससे वे अपनी पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं।

उन्होंने कहा, वेब सीरीज़ की लत गंभीर है। उनका प्रभाव डोपामाइन (फील-गुड हार्मोन) के एक शॉट से 4,000 गुना अधिक है। छात्र तब तक वेब सीरीज देखना बंद नहीं करते, जब तक कि वे इसे पूरा नहीं कर लेते।

उन्होंने कहा, हम अक्सर छात्रों को सूजन और लाल आंखों के साथ इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन सिंड्रोम से पीड़ित पाते हैं।
इस साल यहां कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कम से कम 14 छात्रों ने आत्महत्या की है।

पुलिस के मुताबिक, पिछले सप्ताह आत्महत्या करने वाले तीन छात्रों में से बिहार के नीट परीक्षार्थी अंकुश आनंद (18) और बिहार के गया जिले के जेईई की तैयारी कर रहे उज्ज्वल कुमार (17) अपने पेइंग गेस्ट (पीजी) आवास में अपने-अपने कमरे में 12 दिसंबर को फंदे से लटकते पाए गए।

तीसरे छात्र मध्य प्रदेश से आए नीट की तैयारी कर रहे प्रणव वर्मा (17) ने 11 दिसंबर को अपने छात्रावास में कथित तौर पर जहरीले पदार्थ का सेवन किया था।

हालांकि, 2021 में किसी भी छात्र की आत्महत्या की सूचना नहीं मिली, जब यहां के कोचिंग सेंटर कोविड-19 महामारी के कारण बंद थे और छात्रों ने अपने घरों से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लिया। कोचिंग सेंटर के छात्रों द्वारा आत्महत्या की संख्या 2019 में 18 और 2020 में 20 थी। इस साल कोटा के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में रिकॉर्ड दो लाख छात्र पढ़ रहे हैं।

यहां न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर सुशील ने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने के लिए दबाव बनाने के बजाय अपने बच्चों का अभिवृत्ति (एप्टीट्यूड) टेस्ट कराना चाहिए और फिर तय करना चाहिए कि उनके लिए सबसे अच्छा क्या है।

वह कहते हैं, मुझे विश्वास नहीं है कि छात्रों की आत्महत्या में कोचिंग संस्थानों की बहुत अधिक भूमिका है। हमें यह स्वीकार करना होगा कि जेईई और एनईईटी बहुत कठिन परीक्षाएं हैं और इसलिए शिक्षण और सीखने को भी समान स्तर का माना जाता है।

उन्होंने कहा, हालांकि, छात्रों को कोटा भेजने से पहले एप्टीट्यूड टेस्ट लेना बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ माता-पिता अपने बच्चों को जबरन यहां भेजते हैं, क्योंकि वे चाहते हैं कि उनके बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर बनें और इस तथ्य पर विचार न करें कि वे ऐसा करने में सक्षम हैं या नहीं।

उन्होंने कहा, बच्चे अक्सर इस चिंता में रहते हैं कि परीक्षा में सफल नहीं होने पर वह क्या मुंह दिखाएंगे। उन्हें सलाह देने की जरूरत है कि इंजीनियरिंग और चिकित्सा से परे भी जीवन है और चुनने के लिए करियर के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

यहां के लैंडमार्क इलाके के हॉस्टल वार्डन नरेंद्र कुमार के मुताबिक, ज्यादातर माता-पिता को लगता है कि उनके बच्चे के कोचिंग सेंटर में दाखिला लेने के बाद उन्होंने अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है और उन्होंने फीस का भुगतान कर दिया है।

उन्होंने कहा, छात्रावास में रहने वाले केवल 25 फीसदी छात्रों के माता-पिता हॉस्टल के ‘केयरटेकर’ से बात करके अपने बच्चों के बारे में नियमित पूछताछ करते हैं, जबकि बाकी 75 फीसदी 2-3 महीने में एक बार पूछताछ करते हैं।

जिला प्रशासन ने अब कोचिंग संस्थानों को यह सुनिश्चित Cryptocurrency के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य करने का निर्देश दिया है कि वे एक मनोवैज्ञानिक को नियुक्त करें और जेईई (इंजीनियरिंग) और एनईईटी (मेडिकल) के अलावा अन्य करियर विकल्पों पर भी छात्रों का मार्गदर्शन करें।

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