5 शेयर जो निवेशकों को कर रहे मालामाल, सिर्फ तीन महीने में 1700% से ज्यादा का जोरदार रिटर्न
साल 2022 में लगभग कई स्टॉक्स ऐसे हैं जो मल्टीबैगर आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए शेयरों (Multibagger stock) की लिस्ट में अपनी जगह बनाई हैं। आज हम आपको ऐसे 5 मल्टीबैगर शेयरों के बारे में बता रहे हैं जिसने जबरदस्त रिटर्न दिया है.
Multibagger stocks list: साल 2022 में लगभग कई स्टॉक्स ऐसे हैं जो मल्टीबैगर शेयरों (Multibagger stock) की लिस्ट में अपनी जगह बनाई हैं। खास बात यह है कि कमोडिटी की बढ़ती कीमतों और रूस-यूक्रेन युद्ध पर ग्लोबल मुद्रास्फीति की चिंताओं से तिमाही बुरी तरह प्रभावित हुई थी। बावजूद इन शेयरों ने कमाल का रिटर्न (Stock return) दिया है। आज हम आपको ऐसे 5 मल्टीबैगर शेयरों के बारे में बता रहे हैं जिसने Q4FY22 में अब तक जबरदस्त रिटर्न दिए हैं.
1. Sezal Glass (सेज़ल ग्लास) : इस साल यह मल्टीबैगर स्टॉक ₹25.50 से बढ़कर ₹467.80 प्रत्येक स्तर पर पहुंच गया है। यानी 2022 में लगभग 1735 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। सेज़ल ग्लास के शेयरों ने पिछले एक महीने में भी अपने शेयरधारकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। पिछले एक महीने में यह लगभग ₹175 से बढ़कर ₹467.80 के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में इसने 165 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। पिछले 6 महीनों में इसने अपने निवेशकों को 3325 फीसदी रिटर्न दिया है।
2. Kaiser Corporation (कैसर कॉर्पोरेशन): इस मल्टीबैगर स्टॉक इस साल अब तक ₹2.92 से बढ़कर ₹54.50 के स्तर पर पहुंच गया है। 2022 में इस शेयर में लगभग 1765 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले एक महीने में इसने अपने शेयरधारकों को लगभग 175 फीसदी का रिटर्न दिया है जबकि पिछले 6 महीनों में इसने 12,875 फीसदी की छलांग लगाई है। पिछले एक साल में यह मल्टीबैगर स्टॉक ₹0.38 से ₹54.50 के स्तर तक बढ़ गया है, इस अवधि में लगभग 14,240 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
3. Katare Spinning Mills (कटारे स्पिनिंग मिल्स): यह मल्टीबैगर स्टॉक YTD समय में ₹44.30 से ₹431 के स्तर तक बढ़ गया है। इस दौरान इसने अपने शेयरधारकों को 870 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है। पिछले एक महीने में, इसने अपने शेयरधारकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। एक महीने में लगभग ₹195 से बढ़कर ₹431 के स्तर पर पहुंच गया है यानी इस अवधि में इसने लगभग 120 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। हालांकि, पिछले 6 महीनों में इस मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ने 2200 फीसदी रिटर्न दिया है।
4. Hemang Resources (हेमांग रिसोर्सेज): बीएसई में सूचीबद्ध यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक वर्तमान में ₹27.65 के अपने 52-सप्ताह के हाई लेवल पर आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए कारोबार कर रहा है। साल-दर-साल में इस मल्टीबैगर पेनी स्टॉक में 785 फीसदी की तेजी आई है, जबकि पिछले एक महीने में इसने अपने शेयरधारकों को लगभग 175 फीसदी का रिटर्न दिया है। पिछले 6 महीनों में इस पेनी स्टॉक ने 670 फीसदी रिटर्न दिया है।
5. Shanti Educational Initiatives (शांति एजुकेशनल इनिशिएटिव्स): इस मल्टीबैगर स्टॉक ने YTD समय में 700 प्रतिशत का आश्चर्यजनक रिटर्न दिया है क्योंकि यह इस अवधि में लगभग ₹100 से ₹800 तक बढ़ गया है। पिछले एक महीने में इसमें करीब 55 फीसदी की तेजी आई है जबकि पिछले 6 महीने में इस मल्टीबैगर स्टॉक में करीब 740 फीसदी की तेजी आई है। यह 2021 में भी मल्टीबैगर शेयरों में से एक है। पिछले एक साल में इसने अपने शेयरधारकों को करीब 440 फीसदी रिटर्न दिया है।
शेयर बाजार से हुई कमाई पर कैसे और कितना लगता है टैक्स, समझिए पूरा नफा-नुकसान
अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहते है.
शेयर बाजार में आप भी निवेश करते हैं. अगर हां तो आपको टैक्स का नियम समझना जरूरी है. हम आपको बता रहे हैं कि स्टॉक मार्केट . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 09, 2022, 11:07 IST
नई दिल्ली . शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर कई तरह के टैक्स लगते हैं. बहुत सारे लोगों को यह जानकारी कम होती है कि कितना टैक्स लगता है. जब कमाई के बाद पैसा कट कर आता है तो निवेशक सोचते हैं कि पैसा कहां कट गया. आज हम आपको बता रहे हैं कि स्टॉक मार्केट से कमाई पर कितना और कैसे टैक्स देना पड़ता है.
मान लीजिए आपको एक साल में शेयर बाजार से 5 लाख की कमाई हुई. लेकिन आपके अकाउंट में सिर्फ 4.50 लाख रुपए ही आएंगे. दरअसल, इस कमाई पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानी STT और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी LTCG देना पड़ा. इसके साथ ही कुल कमाई पर इनकम टैक्स भी देना होगा. यानी आपको तीन टैक्स देने पड़ रहे हैं.
टैक्स को ऐसे समझें…
आपके 4 लाख की कमाई वाले शेयर बेचते समय ही STT के 125 रुपए कट गए. एक साल आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए पूरा होने के एक हफ्ते बाद ये 5 लाख रुपए के शेयर बेचे तो उस पर LTCG टैक्स 10% लगा और 50 हजार रुपए कट गए. मान लीजिए अब आपने इसके अलावा 3 लाख रुपए दूसरे जरिए से कमाए. इस तरह उसकी टोटल इनकम 3 लाख+5 लाख = 8 लाख रुपए हो गई. इसमें से पहले 50 हजार रुपए कट गए थे. इनकम बची 8 लाख-50,000=7.50 लाख रुपए. अब इस 7.50 लाख पर आपको इनकम टैक्स भी देना है.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (Long term Capital gains tax)
अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहते है. शेयरों की बिक्री करने वाले को इस कमाई पर टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को फिर से शुरू किया गया था.
इससे पहले इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual funds) की यूनिटों की बिक्री से होने वाले लाभ पर टैक्स नहीं लगता था. इनकम टैक्स रूल्स (Income tax Rules) के सेक्शन 10 (38) के तहत इस पर टैक्स से छूट मिली हुई थी. लेकिन 2018 के बजट में शामिल किए गए प्रावधान में कहा गया कि अगर एक साल के बाद बेचे गए शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिटों की बिक्री पर एक लाख रुपये से ज्यादा का कैपिटेल गेन हुआ है तो इस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.
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अगर आप भी करते हैं स्टॉक मार्केट में निवेश, तो आप पर कितना लगता है टैक्स
होममेकर्स, रिटायर्ड लोग अपनी जमा पूंजी को शेयरों में निवेश करते हैं, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती है कि शेयरों से होने वाली कमाई इनकम टैक्स के दायरे में आती है या नहीं। वास्तव में शेयरों को बेचने और खरीदने पर होने वाले फायदे और हानि आधार पर टैक्स लगाया जाता है।
आयकर विभाग को आईटीआर लेट भरने पर ब्याज का भुगतान करना होता है। (Indian Express Archive)
इस बात की जानकारी सभी को होती है कि सैलरी, रेंटल इनकम और बिजनेस होने वाली आय टैक्सेबल होती है, जिसके लिए आय के हिसाब से स्लैब भी दिए गए हैं। जिस आय की स्लैब में आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए जो आता है, उसे उतना टैक्स देना होता है। वहीं दूसरी ओर बात शेयरों से होने वाली कमाई की बात करें तो सवाल उठता है कि वो भी क्या टैक्सेबल है। होममेकर्स, रिटायर्ड लोग अपनी जमा पूंजी को शेयरों में निवेश करते हैं, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती है कि शेयरों से होने वाली कमाई इनकम टैक्स के दायरे में आती है या नहीं। वास्तव में शेयरों को बेचने और खरीदने पर होने वाले फायदे और हानि आधार पर टैक्स लगाया जाता है। आइए आपको भी बताते हैं कि शेयरों से होने वाली कमाई पर कितना और किस तरह का टैक्स लगता है।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन/लॉस
यदि स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों को खरीदने के 12 महीनों के अंदर बेचे जाते हैं, तो विक्रेता को शॉर्ट टर्म केपिटल गेन या फिर शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस हो सकता है। जब शेयर खरीद मूल्य से ज्यादा कीमत पर बेचे जाते हैं तो विक्रेता शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन होता है।
लांग टर्म कैपिटल गेन और लॉस
लांग टर्म केपिटल गेन और लॉस तब होता है जब शेयरों को खरीदने के 12 महीने के बाद उन्हें बेचा जाता है। बजट 2018 से पहले इक्विटी शेयरों या म्यूचुअल फंड की इक्विटी-बेस्ड यूनिट्स को बेचने होने वाला लांग टर्म कैपिटल गेन को धारा 10 (38) के तहत टैक्स में छूट दी हुई थी। 2018 बजट के प्रावधानों के अनुसार, यदि कोई विक्रेता एक लाख से रुपए से ज्यादा लांग टर्म कैपिटल गेन अर्जित करता है तो उस 10 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। इसके अलावा ऐसे लोगों को इंडेक्सेशन का बेनिफिट भी नहीं दिया जाएगा।
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शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर 15 फीसदी टैक्स लगता है। टैक्स स्लैब के बावजूद, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15 फीसदी का स्पेशल टैक्स रेट लागू होता है। इसके अलावा, यदि आपकी कुल टैक्सेबल इनकम शॉर्ट टर्म गेन को छोड़कर टैक्सेबल इनकम से कम है यानी 2.5 लाख से कम है तो आप इस कमी को अपने शॉर्ट टर्म गेन के अगेंस्ट समायोजित कर सकते हैं। बाकी शॉर्ट टर्म गेन पर 15 फीसदी टैक्स + 4 फीसदी सेस लगाया जाएगा।
लांग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स
अगर शेयर बेचने पर आपका लांग टर्म कैपिटल गेन 1 लाख रुपए से कम है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। अगर यह लांग टर्म कैपिटल गेन एक लाख रुपए आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए से ज्यादा है तो उस पर 10 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा। साथ ही उन्हें इंडेक्सेशन का लाभ भी नहीं मिलेगा। यह प्रावधान बजट 2018 के बाद किया गया है।
शेयर बाजार में टिप्स और स्ट्रैटजी के साथ कामयाबी के लिए चाहिए लंबी प्लानिंग
इंटरनेट के युग में सभी अच्छे ब्रोकरेज फर्म के ऐप उपलब्ध हैं और सभी डिस्काउंट ब्रोकर की तरह कम ब्रोकरेज का लाभ दे रहे हैं। ये मार्जिन फंडिंग की भी सुविधा देते हैं। लगभग 10-12 फीसद सालाना ब्याज पर चुनिंदा शेयर खरीदने का अवसर है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में पैसे कैसे लगाएं इस प्रश्न पर हर किसी की अपनी-अपनी राय होती है जो बहुत-से लोग अक्सर जोरदार दावे के साथ सामने रखते हैं। उनमें बहुत से सही भी होते हैं इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन वे हर बार सही या फिर गलत होंगे यह समझना भूल है। इसकी बड़ी वजह शेयर बाजार का पल-प्रतिपल बदलना और अब तो देश-दुनिया के राजनीतिक-आर्थिक हालात आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए भी बहुत तेजी से बदलते हैं लिहाजा हमंे यह समझना होगा कि शेयर बाजार में आगे रहने के लिए लंबी रेस का घोड़ा बनना है। यह बात इक्वीटी ही नहीं फ्यूचर-आप्शन पर भी लागू होता है। ऐसे में आपको टिप्स और स्ट्रैटेजी के साथ लंबी प्लानिंग करनी होगी।
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लंबी प्लानिंग का अर्थ कम से कम 6 महीने का समय है जिस दौरान अच्छे शेयर खासी गिरावट के बावजूद वापस सही स्तर पर आ जाते हैं। अब सवाल उठता है कि अच्छे शेयर कौन हैं? इसके लिए आप निफ्टी के शेयरों पर वेटेज के हिसाब से ध्यान दें। आपको रिलायंस, एचडीएफसी बैंक, टीसीएल, इन्फोसिस, एल एण्ड टी, यूनिलीवर जैसे कुछ नाम मिलेंगे जिनके बारे में ज्यादा आर एण्ड डी नहीं करना होगा। अब आप खुद इन शेयरों के ग्राफ देखें तो पता चलेगा कि इन शेयरों ने पिछले 6 महीनों में बेशक 25 फीसद गिरावट देखी हो पर धीरे-धीरे सही स्तर पर वापस आ जाते हैं। इनके अतिरिक्त मोनोपॉली के कुछ शेयर खरीद सकते हैं जैसे एनटीपीसी और पावरग्रिड। जरा सोचिए, देश में इनके विकल्प हैं क्या? फिलहाल एक भी नहीं है।
लंबी प्लानिंग करने और शेयरों के चुनाव के बाद यह जानना जरूरी है कि किस अनुपात में और कब-कब खरीदें। चूंकि बताए गए शेयरों का पोर्टफोलिया छोटा होगा इसलिए इनमें प्रत्येक पर हर दिन एक बार नजर डालना कठिन ना होगा चाहे आप किसी और रोजगार में क्यों ना हों। आप देखेंगे कि आए दिन इनमें किसी-ना-किसी शेयर का दाम गिरेगा और वह शेयर कम दाम पर आपकी झोली में आ गिरेगा। इस तरह 10 शेयरों के पोर्टफोलियो में आप केवल धैर्य रखने से 10 फीसद तक बचा लेंगे। और शेयर बाजार में कुछ भी बचा लेना और टिका रहना ही सबसे बड़ी बात है। इसके उलट यदि आप आए दिन नए-नए टिप्स पर कदम उठाएंगे तो मुमकिन ही आपके पास भंगार की आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए दुकान होगी और इसमें मौजूद शेयरों के दाम इतने गिरे होंगे कि उन्हें रखना और बेचना दोनों कठिन होगा।
ऊपर बताए शेयरों के अतिरिक्त भी शेयर खरीदने में हर्ज नहीं है। लेकिन उनके बारे में अधिक से अधिक और नियमित रूप से जानकारी रखना उचित होगा। किस सेक्टर में कब पैसे लगाएं इसका ध्यान देना होगा। सेक्टर के हालात देख कर उसके किसी शेयर में पैसा लगाना बुद्धिमानी का काम है। मिसाल के तौर पर पिछले कुछ महीनों से आईटी सेक्टर कमजोर है तो अगले कुछ महीनों में उसमें बढ़त की संभावना अधिक है।
इंटरनेट के युग में सभी अच्छे ब्रोकरेज फर्म के ऐप उपलब्ध हैं और सभी डिस्काउंट ब्रोकर की तरह कम ब्रोकरेज का लाभ दे रहे हैं। इतना ही नहीं, मार्जिन फंडिंग की भी सुविधा देते हैं जिसका अर्थ बहुत कम ब्याज दर लगभग 10-12 फीसद सालाना पर चुनिंदा शेयर खरीदने का अवसर है। जानकारों से राय लेकर आप अच्छे शेयर में मार्जिन फंडिंग का लाभ ले सकते हैं।
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