सिंपली म्यूचुअल: द 1% फॉर्मूला के लेखक दीपक मलिक कहते हैं कि भारतीय बाजारों में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है, जो म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है. उनका कहना है कि भारत वर्तमान में सबसे आकर्षक डेमोग्राफिक में से एक होने का दावा करता है, जिसमें कामकाजी उम्र में 140 करोड़ आबादी में से 90 करोड़ से अधिक हैं. यह एक उच्च शिक्षित, प्रतिभाशाली वर्कफोर्स है. उन्होंने आगे कहा, “म्यूचुअल फंड निवेशक मौजूदा स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं. मेरा मानना है निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? कि निकट भविष्य में म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए भारत के विकास में भाग लेने के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक रहेगा.”
Low Investment Fund: ऐसे म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर 1 साल में मिलेगा 18% रिटर्न, देखें इन्वेस्ट
By: ABP Live | Updated at : 20 Aug 2022 08:03 PM (IST)
Edited By: Sandeep
Short Term Maturity Investment : म्यूचुअल फंड (निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? Mutual Fund) में इन्वेस्टमेंट शॉर्ट और लॉन्ग दोनों टर्म के लिए हो रहा है. इसमें शॉर्ट टर्म का चलन ज्यादा बढ़ गया है. वैसे सभी म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश किया जाता है. एक्सपर्ट की माने तो निवेशकों को शॉर्ट या अल्ट्रा लो ड्यूरेशन फंड (Short or Ultra Low Duration Funds) में निवेश की सलाह दी जाती है.
क्या है एक्सपर्ट की राय
आपको बता दे कि ब्याज दरें बढ़ने से लॉन्ग निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? टर्म वाले बॉन्ड (Long Term Bonds) में रिस्क बढ़ जाता है. ऐसे में निवेशकों को शॉर्ट मैच्योरिटी वाले फंड में ही निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? पैसा लगाना चाहिए. वही डेट फंड की एक कैटेगरी शॉर्ट ड्यूरेशन फंड या लो ड्यूरेशन फंड है. इनकी मैच्योरिटी 1 साल की होती है. ये फंड शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देते हैं. बेहतर शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड वे फंड हैं जो निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे रहे हैं;
Investment Tips : क्या बचत खाते में पैसे रखना है सही ? जानिए निवेश का सही तरीका
How and where to invest : आज आपका खर्चा 30 हजार रूपये है तो आने वाले 20 साल में 5 फीसदी महंगाई दर के साथ खर्चा 80 हजार हो जाएगा. इसलिए बचत जरूरी है.
रंजीता पठारे
लोगों को बचपन से ही बचत करने की सीख दी जाती है. बचत किसी भी मुश्किल समय में काम आती है. कोरोनाकाल जैसी परिस्थितियों में सेविंग ही काम आती है. जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निवेश ही सबसे ज्यादा काम आता है. वित्तीय स्थित को मजबूत करने के लिए निवेश बहुत आवश्यक है. लगातार बढ़ती महंगाई से बचने के लिए बचत बहुत जरुरी है. यदि आज आपका खर्चा 30 हजार रूपये भी है तो आने वाले 20 साल में 5 फीसदी की निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? महंगाई दर के साथ खर्चा 80 हजार हो जाएगा. ऐसे में आपको केवल सेविंग ही नहीं बल्कि सेविंग से भी कमाई निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? की आवश्यकता है.
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महंगाई दर को मात देने वाले करें इन्वेस्टमेंट
जब भी आप निवेश करें तो इस बात का ध्यान रखें आपका इन्वेस्टमेंट ऐसा होना चाहिए, जो महंगाई दर को मात दे सके. इसके लिए इक्विटी में निवेश आपकी पसंद बन सकती है. इक्विटी में निवेश आपको महंगाई दर से निपटने में मदद करता है साथ ही इससे अधिक रिटर्न मिलता है. आप चाहें तो म्यूचल फंड या स्टॉक के माध्यम से इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. जिससे आपको अधिक रिटर्न मिलेगा.
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निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है?
- News18Hindi
- Last Updated : November 05, 2022, 20:22 IST
हाइलाइट्स
एसआईपी अर्थात सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है.
एसआईपी को निवेश करने के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन माना जाता है.
एसआईपी में निवेश की राशि को आप अपनी निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? सुविधानुसार घटा या बढ़ा सकते हैं.
नई दिल्ली. बचत करने की आदत अच्छी होती है लेकिन ज्यादातर नौकरीपेशा लोग सही फाइनेंशियल प्लानिंग के अभाव में अपनी सैलरी से कुछ भी बचत निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? नहीं कर पाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ऑप्शन के बारे में बता रहे हैं, जिसमें आप सैलरी में से छोटी-सी रकम हर महीने निवेश करके अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. इससे आपकी बचत भी होगी और जरूरत के समय काम लेने के लिए आपके पास पूंजी भी सुरक्षित होगी.
दरअसल, हम SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की बात कर रहे हैं. एसआईपी को निवेश करने के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन माना जाता है. इसमें आपको कम पैसे में निवेश का ऑप्शन मिलता है इसलिए आपकी जेब पर भी इसका ज्यादा असर नहीं पड़ता है. विशेष रूप से जो लोग लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए ये सबसे अच्छा तरीका है. एसआईपी में लंबी अवधि के निवेश पर आपको कम्पाउंडिंग बेनिफिट मिलता है, जिससे रिटर्न कई गुना बढ़ जाता है.
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प्लान बनाकर इन्वेस्ट करने में समझदारी
हर कोई चाहता है कि वो छोटी-बड़ी बचत के जरिए भविष्य के लिए फंड जमा करे, ताकि आगे चलकर वित्तीय परेशानियों का सामना ना करना पड़े. लोग इसके लिए खर्चों में कटौती करते हैं, लेकिन कभी-कभार अचानक आए भारी भरकम खर्च से आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है. कोरोना काल में इस बात को शायद हर इंसान समझ चुका है. हम आपको कुछ खास टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अगर आप निवेश या बचत करते समय अपनाएंगे, तो आपको किसी भी फाइनेंशियल परेशानी से निजात मिल निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? सकती है और आप भविष्य के लिए पैसे जमा कर सकते निवेश या इन्वेस्टमेंट क्या है? हैं.
क्या करें निवेशक
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इक्विटी बाजार में नए निवेशक जो अपने पोर्टफोलियो में अंडरपरफॉर्मिंग म्यूचुअल फंड स्कीम का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, वे डिसीप्लीन निवेश अपनाने और संपत्ति बनाने के लिए एसआईपी के माध्यम से Nifty 50 ETF पर विचार कर सकते हैं. Mastertrust की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पालका अरोड़ा चोपड़ा का कहना है कि मौजूदा परिदृश्य में जब केंद्रीय बैंक बढ़ती महंगाई और कमोडिटी की ऊंची कीमतों के कारण दरें बढ़ा रहे हैं, निवेशकों को अपना एसआईपी जारी रखना चाहिए. अरोड़ा कहते हैं, “अगर बाजार में गिरावट जारी रहती है, तो वैल्यूएशन हिस्टोरिकल एवरेज से नीचे गिरने के साथ, उन्हें धीरे-धीरे अपने इक्विटी एलोकेशन को नियंत्रित तरीके से बढ़ाना चाहिए. एक निवेशक जो इक्विटी में कम निवेश करता है, उसे मौजूदा बाजार करेक्शन का फायदा उठाना चाहिए और अधिक इक्विटी को शामिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो को री-बैलेंस करना शुरू करना चाहिए.” मौजूदा और इच्छुक म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए पेशेवर वित्तीय सलाहकारों से मार्गदर्शन लेना चाहिए.
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