सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर दूर किया भ्रम , वित्त सचिव बोले- बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी नहीं होंगी लीगल, आपका पैसा डूबा तो सरकार जिम्मेदार नहीं
सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसी पर फैल रहे भ्रम को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. 30 फीसदी टैक्स लगने की खबर के बाद कहा जा रहा था कि ये लीगल हो गई हैं पर वित्त सचिव ने स्थिति साफ की है.
By: ABP Live | Updated at : 03 Feb 2022 07:33 AM (IST)
Edited By: Meenakshi
वित्त सचिव (फाइल फोटो)
Finance Secretary on Cryprocurrency: बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से हुई आमदनी पर लोगों को 30 फीसदी का टैक्स देना होगा. इसका अर्थ ये निकाला जाने लगा कि अब क्रिप्टोकरेंसी को वैध करेंसी घोषित करने की तरफ सरकार कदम उठाने के बारे में सोच रही है. हालांकि अब वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने इस पर फैल रहे भ्रम को दूर करने के लिए बड़ी बात कही है.
क्रिप्टो में निवेश पर सरकार की जिम्मेदारी नहीं
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बुधवार को कहा कि निजी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को सरकार की सुरक्षा नहीं है यानी इसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि जो भी क्रिप्टो एसेट या क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं या आएंगे, उनको वैलिड नहीं बताया गया हैं और न ही भविष्य में वो वैलिड किए जाएंगे. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी कभी लीगल नहीं होगी और आपका पैसा डूबा तो सरकार जिम्मेदार नहीं है.
आरबीआई की डिजिटल करेंसी के बारे में ये कहा
रिजर्व बैंक की ओर से आने वाली डिजिटल करेंसी डिफॉल्ट नहीं होगी और इसका स्वरूप डिजिटल होगा यानी आरबीआई की ओर से जारी डिजिटल रुपी लीगल टेंडर या वैध करेंसी होगी. डिजिटल रुपी का पैसा आरबीआई का होगा, लेकिन उसका रूप पूरी तरह डिजिटल होगा. आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा लेकिन बाकी सभी क्रिप्टो लीगल टेंडर नहीं हैं और कभी लीगल टेंडर नहीं घोषित किए जाएंगे. इथेरियम जैसे क्रिप्टो की असली कीमत कोई नहीं जानता और उसके रेट में डेली उतार-चढ़ाव आता है.
क्रिप्टो पर 30 फीसदी टैक्स क्यों-जानिए वित्त सचिव का जवाब
क्रिप्टोकरेंसी में लोगों का निवेश सफल होगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है और ये सट्टे की तरह है. लिहाजा उसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार की कतई जवाबदेही नहीं हो सकती. चूंकि क्रिप्टो एक सट्टा लेन-देन है, लिहाजा इस पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया गया है, ये क्रिप्टोकरेंसी पर महंगे टैक्स के तौर पर नहीं बल्कि सभी सट्टा ट्रांजेक्शन के ऊपर है. घुड़दौड़ या लॉटरी जैसे सट्टे पर आमदनी पर भी 30 फीसदी टैक्स है और क्रिप्टो के भी ऊपर येही दर लगाई गई है.
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Published at : 03 Feb 2022 07:33 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin RBI digital rupee Finance Secretary Crypto Asset TV Somnathan हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
सुप्रीम कोर्ट का सरकार से सवाल- बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं, केंद्र से स्थिति साफ करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार से अपनी स्थिति साफ करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने यह साफ करने के लिए कहा है कि बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर सरकार से अपनी स्थिति साफ करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने यह साफ करने के लिए कहा है कि बिटकॉइन (Bitcoin) भारत में वैध है या नहीं. केंद्र सरकार भारत में क्रिप्टकरेंसी और दूसरे डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) को रेगुलेट करने के लिए बिल तैयार कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022 में ऐलान किया था कि केंद्र सरकार वर्चुअल एसेट्स पर 30 फीसदी की दर पर बड़ा टैक्स लगाएगी. इन वर्चुअल एसेट्स में क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबल टोकन या NFTs शामिल है. इस क्रिप्टो टैक्स के लिए, बजट 2022 में नए सेक्शन 115BBH को पेश करने का प्रस्ताव किया गया था, जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी और दूसरे वर्चुअल एसेट्स पर इनकम टैक्स लगाया जा सकेगा.
हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने से इसे कानूनी वैधता नहीं मिलती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात को संसद में साफ किया था. वित्त मंत्री ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगाना देश का सॉवरेन अधिकार होता है. हालांकि, रेगुलेशन पर कोई आधिकारिक बात केवल तभी आएगी, जब मौजूदा समय में चल रही बातचीत पूरी हो जाती है.
बजट में क्रिप्टो से कमाई पर टैक्स का किया गया था प्रस्ताव
बजट 2022 के मेमोरेंडम में कहा गया था कि प्रस्तावित सेक्शन 115BBH सेक्शन का मकसद यह है कि जहां व्यक्ति की कुल आय में किसी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर से कमाई गई इनकम शामिल है, वहां इनकम टैक्स को किसी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर पर इनकम टैक्स को 30 फीसदी की दर पर कैलकुलेट करना है.
1 फरवरी को अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा था कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI द्वारा जारी डिजिटल रूपी को करेंसी के तौर पर मान्यता दी जाएगी. और सरकार 1 अप्रैल से किसी दूसरे निजी डिजिटल एसेट से कमाए गए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी. बजट 2022-23 में वर्चुअल करेंसी पर साल में 10,000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर एक फीसदी टीडीएस और मिलने वाले के हाथ में ऐसे तोहफों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है. टीडीएस के लिए सीमा कुछ लोगों के लिए सालाना 50,000 रुपये होगी, जिसमें इंडीविजुअल या HUFs शामिल हैं, जिन्हें आईटी एक्ट के तहत अपने अकाउंट्स को ऑडिट कराने की जरूरत पड़ती है.
Legal Crypto: BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रूस में मिलेगी मान्यता, दुनिया भर की 12 फीसदी होल्डिंग के चलते लिया बड़ा फैसला
Legal Crypto: रूस ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बजाय इसे रेगुलेट करने का फैसला किया है. केंद्रीय बैंक ने भी अब सहमति दे दी है.
रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. (Image- Pixabay)
Legal Crypto: दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर चर्चाएं हो रही हैं और कुछ देशों में तो इसे अवैध घोषित किया गया है जबकि कुछ देशों में इसे मान्यता दी गई है. ताजा कड़ी में अब रूस ने भी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बजाय इसे रेगुलेट करने का फैसला किया है. रूस की स्थानीय मीडिया के मुताबिक रूस सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मंगलवार की रात इसे रेगुलेट करने की जानकारी दिखी. पहले रूस का केंद्रीय बैंक BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग और ट्रेडिंग पर प्रतिबंध के पक्ष में था लेकिन उसने भी अब सहमति दे दी है.
रूस सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बिटक्वाइन माइनिंग के मामले में रूस दुनिया में तीसरे स्थान पर है तो ऐसे में लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों ने चिंता जाहिर की थी कि क्रिप्टो से जुड़े अपराधों पर पर्याप्त कार्रवाई संभव नहीं है. बता दें कि दुनिया में सबसे पहले अल-सल्वाडोर ने बिटक्वाइन को मंजूरी दी थी और इसके बाद ब्राजील क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? में भी इसे लीगल बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
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6 लाख रूबल तक की क्रिप्टो का कर सकेंगे लेन-देन
मंगलवार को जारी सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक रूस में सिर्फ स्थानीय रजिस्टर्ड और लाइसेंसी कंपनियों के जरिए ही रूस के लोग क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकेंगे ताकी यूजर्स की पहचान सुनिश्चित की जा सके और सरकारी एजेंसियों के पास उनके ट्रांजैक्शन की पूरी रहे. हालांकि इसमें माइनिंग को लेकर कुछ नहीं कहा गया है. रूस सरकार के डॉक्यूमेंट का हवाला देते हुए स्थानीय मीडिया ने जानकारी दी है कि सिर्फ 6 लाख रूबल्स (6.02 लाख रुपये) तक के ही क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को मंजूरी मिलेगी. इससे ऊपर के ट्रांजैक्शन की जानकारी फेडरल टैक्सेशन सर्विस को देनी होगी और अगर नहीं देते हैं तो इसे अपराध माना जाएगा.न्यूजपेपर Kommersant के मुताबिक इससे जुड़े नए कानूनों व निर्देशों को इस साल 2022 की दूसरी छमाही या अगले साल की शुरुआत में लागू किया जा सकता है.
रशियन्स के पास दुनिया की 121 फीसदी क्रिप्टो
ब्लूमबर्ग ने एक फरवरी को रूस सरकार के आधिकारिक डेटा के हवाले से जानकारी दी थी कि रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. यह दुनिया भर में कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स का 12 फीसदी है यानी कि दुनिया भर में क्रिप्टो में जितना निवेश है, उसमें 12 फीसदी रूस के लोगों का है. यह आकलन जनवरी में बड़े क्रिप्टो-एक्सचेंज यूजर्स के आईपी एड्रेस और अन्य जानकारी के आधार पर किया गया है. इसके अलावा सरकारी आंकड़ों से यह भी खुलासा हुआ है कि करीब 12 फीसदी रूसी नागरिक के पास क्रिप्टोकरेंसीज हैं जिसमें से 60 फीसदी 25-44 वर्ष के हैं.
भारत में क्या है स्थिति?
भारत की बात करें तो अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल एसेट ट्रांसफर पर 30 फीसदी का टैक्स लगाने का ऐलान किया गया. इससे बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को वैध माने जाने की बातें होनी लगीं तो सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि अभी इसे लीगल नहीं घोषित किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टो सहित VDA से होने वाली इनकम पर टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें कानूनी मान्यता मिल गई है. इस पर पूरी तरह से स्पष्टता तब होगी, जब डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने वाला बिल लाया जाएगा. रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज के मुताबिक इसे रेगुलेट करने के लिए सरकार को जल्द बिल लेकर आना चाहिए. उन्होंने सभी क्रिप्टो निवेशकों से मुनाफे पर टैक्स भरने को कहा है.
वर्चुअल करेंसी: क्रिप्टो करेंसी पर जल्द आएगा कानून, सरकार ने कहा- फिलहाल इसे सीधे रेगुलेट करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है
क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार जल्द ही बिल ला सकती है। राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में क्रिप्टो करेंसी क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? के लिए पर्याप्त कानून नहीं है। ऐसे में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है।
ठाकुर ने कहा कि आरबीआई और सेबी जैसे रेगुलेटरी बॉडी के पास क्रिप्टो करेंसी को सीधे रेगुलेट करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है और मौजूदा कानून इससे निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
सरकार ने एक समिति का गठन किया है
सरकार ने एक इंटर-मिनिस्ट्रियल समिति का गठन किया था जिसने वर्चुअल करेंसी से संबंधित मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट दी है। एम्पावर्ड टेक्नोलॉजी ग्रुप की एक बैठक भी हुई। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति ने भी अपनी रिपोर्ट दी है। ठाकुर ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी पर एक बिल को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही कैबिनेट को भेजा जाएगा।
आरबीआई लगा चुकी है प्रतिबंध
अप्रैल 2018 में आरबीआई ने बिटकॉइन समेत सभी वर्चुअल करेंसी से जुड़े जोखिमों को देखते हुए इसके द्वारा रेगुलेटेड सभी संस्थाओं को सलाह दी थी कि वे वर्चुअल करेंसी में काम न करें और उससे जुड़ी सर्विसेस का उपयोग न करें। आरबीआई ने क्रिप्टो करेंसी से जुड़े सभी लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध हटा दिया था।
क्यों लग रही है क्रिप्टो करेंसी पर रोक?
25 क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? जनवरी को जारी बुकलेट में आरबीआई ने कहा था कि सरकार क्रिप्टो करेंसी और उसके साथ आने वाले रिस्क को लेकर सावधान है। लेकिन मौजूदा समय में करेंसी के डिजिटलाइजेशन के विकल्प के बारे में सोचा जा रहा है। क्रिप्टो करेंसी एक विकेंद्रीकृत भुगतान प्रणाली है। इसका मतलब ये पारंपरिक मुद्रा की तरह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा रेगयुलेट नहीं की जाती। इस वजह से आरबीआई जैसे केंद्रीय बैंकों के लिए यह चिंता का विषय है। आरबीआई की तरह यूरोपियन सेंट्रल बैंक को भी क्रिप्टो करेंसी के खिलाफ चेतावनी जारी की है।
डिजिटल करेंसी पर स्पष्टता: टैक्स प्रस्ताव के बाद क्रिप्टो के ग्राहकों में 30% की बढ़ोत्तरी, अब रिजर्व बैंक पर नजर
जानकारी के मुताबिक, भारत में क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर बजट के दिन ग्राहकों के साइनप में 30-50% की बढ़ोत्तरी देखी गई है। दरअसल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30% का सीधा टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था। इससे क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? यह माना जा रहा है कि भारत में क्रिप्टो का कारोबार लीगल हो जाएगा।
रिजर्व बैंक भी करेगा फैसला
हालांकि इसमें अभी काफी कुछ मामला रिजर्व बैंक के पास भी है। रिजर्व बैंक अपनी मॉनिटरी पॉलिसी के फैसले की घोषणा 10 फरवरी को करेगा। इसकी बैठक 8 फरवरी से शुरू होगी। हालांकि यह आज से होनी थी, पर एक दिन टल गई है। क्रिप्टो के निवेशक और एक्सचेंज अभी भी प्रस्ताव के फाइन प्रिंट के इंतजार में हैं।
निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी
इंडस्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि बजट में इस पर घोषणा से निवेशकों की दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है। वित्तमंत्री ने कहा था कि क्रिप्टो से किसी भी तरह की कमाई पर सीधे 30% टैक्स लगेगा। इसमें किसी भी तरह की रियायत भी नहीं दी जाएगी। साथ ही अगर किसी को क्रिप्टो गिफ्ट में भी दिया जाएगा, तो भी यही टैक्स लगाया जाएगा।
क्रिप्टो को कानूनी दर्जा नहीं मिला है
हालांकि वित्तमंत्री ने बजट के बाद कहा कि इस टैक्स का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टो को कानूनी दर्जा मिल गया है, क्योंकि इस बारे में सलाह मशविरा रेगुलेटर्स और अन्य पार्टियों के साथ अभी भी जारी है। क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स, कॉइनस्विच कुबेर और अन्य के आंकड़े बताते हैं कि बजट के बाद से तेजी से इससे संबंधित ऐप को डाउनलोड किया जा रहा है।
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी गिरावट
2 फरवरी तक के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक महीने में बिटकॉइन की कीमत 20.86% गिरी है जबकि 3 महीने में यह 40% से ज्यादा गिरी है। एथरियम की कीमत इसी दौरान 29% और 40% जबकि मैटिक की कीमत में 38% और 18% की गिरावट आई है।
लाइटकॉइन का भी भाव गिरा
लाइटकॉइन की कीमत में एक महीने में 28% और 3 महीने में 44% की गिरावट आई है। लूना की कीमत एक महीने में 46% और 3 महीने में 10% गिरी है। डॉजकॉइन का भाव इसी दौरान 20% और 49% जबकि कार्डाना का दाम 25% और 46% गिरा है।
ढेर सारे कानून लागू होंगे
बजट के बाद यह तय हो गया है कि इसमें ढेर सारे कानून लागू होंगे। मसलन इससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा, जो किसी भी असेट्स की तुलना में सबसे ज्यादा है। शेयर बाजार से कमाई पर 10-15% टैक्स लगता है। जबकि सोने, प्रॉपर्टी की कमाई पर 20% टैक्स लगता है।
घाटे को सेटऑफ नहीं कर सकते
इसी तरह से अगर आपको क्रिप्टो से घाटा होता है तो आप इसे सेटऑफ नहीं कर सकते हैं। यानी किसी और कमाई में इसे शामिल नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा इसके घाटे को अगले साल में आप नहीं ले जा सकते हैं। इसका सीधा अर्थ यह है कि कमाई पर सरकार आप से 30% लेगी, लेकिन इसका 100% घाटा आपका होगा।
कोई भी छूट नहीं मिलेगी
इसके अलावा इस पर किसी भी टैक्स की सीमा के तहत कोई छूट नहीं मिलेगी। यानी आपने 100 रुपए भी कमाई की तो 30 रुपए का ही टैक्स आपको देना होगा। प्रॉपर्टी, सोना और डेट फंड्स को 2-3 साल से ज्यादा समय तक रखने पर टैक्स का फायदा मिलता है। लेकिन क्रिप्टो में ऐसा कुछ नहीं है। आप आज बेचिए या 10 साल बाद, 30% का टैक्स आपको देना होगा।
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