सावधानी से हो मूल्यांकन
अगले साल लॉन्च हो सकता है फेसबुक की क्रिप्टोकरेंसी Libra, 'लिब्रा' के बारे में जानें सब कुछ
फेसबुक (Facebook) की डिजिटल करेंसी लिब्रा (Libra) तमाम मुश्किलों का सामना करने के बाद आखिरकार अगले साल लॉन्च होने जा रही है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय से रूका पड़ा फेसबुक की डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल करेंसी प्रोजेक्ट लिब्रा (Facebook Digital Currency Project Libra) अगले साल जनवरी में लॉन्च की जाएगी और इसका मूल्य अमेरिकी डॉलर (US dollar) द्वारा समर्थित होगा। फेसबुक ने पहली बार जून 2019 में अपनी नई क्रिप्टोकरेंसी करेंसी लिब्रा (Cryptocurrency Libra) लॉन्च करने का ऐलान किया था। हालांकि, उस डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी दौरान दुनियाभर के नियामकों के बीच क्रिप्टोरकरेंसी को लेकर असमंजस के चलते इस प्रोजेक्ट पर तलवार लटक गई।
अब मीडिया डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक अगले साल जनवरी 2021 में लिब्रा को लॉन्च करने की योजना बना रही है। पिछले साल जून में ही लॉन्च के ऐलान के साथ ही फ्रांस और जर्मनी ने लिब्रा को यूरोप में ब्लॉक करने का फैसला कर लिया। वे इसके बजाय एक सर्वमान्य क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करने के पक्ष में हैं। बताया जा रहा है कि लिब्रा को कॉर्पोरट निवेशकों और गैर-मुनाफा वाले सदस्यों द्वारा चलाया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, लिब्रा एसोसिएशन (Libra Association) एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी संगठन (Independent Non Profit Organisation) है जो फेसबुक (Facebook) द्वारा स्थापित किया गया है। इसमें Uber और Spotify जैसे सदस्य शामिल हैं।
Cryptocurrency vs Digital Currency: RBI ने लांच की डिजिटल करेंसी, जानें क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग और क्या हैं इसके फायदे
Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन पेमेंट के ऑप्शन मौजूद है।ऐसे में अहम सवाल यह है कि जब इतने सारे ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प मौजूद हैं और वो बेहतर काम भी कर रहे हैं तो फिर डिजिटल रुपया लाने की जरूरत ही क्यों डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी पड़ी। क्यों खास है डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और यह Cryptocurrency से कितनी अलग है।
सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य
क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।
Government On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को भारत में मिलेगा बढ़ावा! जानिए डिजिटल करेंसी पर क्या है सरकार की योजना
नई दिल्ली। देश-दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों का क्रेज काफी बढ़ता जा रहा है। हालांकि बाजार में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। दुनियाभर के में जहां क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस करेंसी को लेकर भारत में माहौल गर्माया हुआ है। क्रिप्टो जैसे अनियमित बाजार में लगातार बढ़ते निवेश और निवेशकों की सुरक्षा को देखते हुए विनियमन को लेकर फैसला किया गया है। कहा जा रहा है कि इसे लेकर जल्द ही सरकार संसद में भी बिल पेश कर सकती है। हालांकि सरकार ने पहले ही क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। दरअसल शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने संसद में यह ऐलान कर दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को भारत में बढ़ावा देने की किसी तरह की कोई योजना नहीं है।
डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी
Lorem ipsum, dolor sit amet consectetur adipisicing elit.
क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के बजाय विनियमित करे सरकार
हाल ही में केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य लोगों को बिटकॉइन में अपनी पूंजी खोने से बचाना हो सकता है। लेकिन लेकिन जिस प्रकार से इसका मूल्य जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए सरकार को निवेशकों के हित की भी सोचनी चाहिए। अच्छा तो यह होता कि सरकार इसे प्रतिबंधित करने के बजाय निवेशको कों इसके जोखिम के बारे में शिक्षित करती।
क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथम पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है। इसे कोई बैंक जारी नहीं करता। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं।
इसकी तमाम विसंगतियों को देखते हुए भी इसे प्रतिबंधित करना सही नहीं लगता है। इसके कुछ कारण है–
क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का बड़ा बयान, लोकसभा में कहा- बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव नहीं
Cryptocurrency news in India: अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं तो आपको बड़ा झटका लग सकता है, मोदी सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर बड़ा बयान दिया है, वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा है कि भारत सरकार बिटकॉइन के लेनदेन का कोई डेटा एकत्र नहीं करती है, भारत में बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
read more: आज Collector-Commissioner, IG-SP Conference करेंगे CM Shivraj | Corona के हालात की समीक्षा की जाएगी
उधर संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill 2021) पेश कर सकती है, इस बिल में आरबीआई की ओर से डिजिटल मुद्रा बनाम क्रिप्टोकरेंसी सरकारी डिजिटल करेंसी में निवेश करने और उसको चलाने के लिए भी फ्रेमवर्क में प्रावधान किया जाएगा। इसके साथ ही इसके टेक्निकल इस्तेमाल में सरकार कुछ ढील भी दे सकती है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 262