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सेबी द्वारा किये गए नवीन सुधारों का प्रभाव तथा महत्त्व

  • 30 Dec 2017
  • 10 min read

चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने इस वर्ष की अपनी आखिरी बैठक में कई महत्त्वपूर्ण सुधार किये हैं। इन सुधारों का उद्देश्य आम निवेशकों के हितों की सुरक्षा तथा बाज़ार के विनियमन मानकों को उन्नत करना है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों तथा म्यूचुअल फंड से संबंधित सुधार

  • सेबी ने रेटिंग के साथ-साथ म्यूचुअल फंड में हितों के टकराव को दूर करने के मकसद से एक दूसरे में 10 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग की सीमा तय कर दी है।
  • इसका मतलब यह है कि यदि किसी कंपनी या व्यक्ति के पास किसी रेटिंग एजेंसी या म्यूचुअल फंड के 10% शेयर हैं तो वह किसी दूसरी रेटिंग कंपनी या म्यूचुअल फंड के 10% से ज़्यादा शेयर नहीं खरीद पाएगा।
  • रेटिंग एजेंसियों की स्थापना के लिये न्यूनतम कुल मूल्य (Net Worth) सीमा को 5 करोड़ से बढाकर 25 करोड़ कर दिया है। इससे नई रेटिंग एजेंसी स्थापित करना थोडा मुश्किल हो जाएगा।
  • प्रमोटर इकाई को रेटिंग एजेंसी में तीन वर्षों की अवधि के लिये कम से कम 25% हिस्सेदारी को बनाए रखना होगा।
  • क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को वित्तीय उत्पादों की रेटिंग और वित्तीय या आर्थिक शोध गतिविधियों के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों को एक पृथक् कानूनी इकाई के तहत गठित करना होगा।

क्या है क्रेडिट रेटिंग?

  • क्रेडिट रेटिंग किसी भी देश, संस्था या व्यक्ति की ऋण लेने या उसे चुकाने की क्षमता का मूल्यांकन होती है। गौरतलब है कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा एएए, बीबीबी, सीए, सीसीसी, सी, डी के नाम से विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था को रेटिंग दी जाती है।
  • दुनिया के विभिन्न देशों या बड़ी संस्थाओं कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास की रेटिंग दुनिया की तीन बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ - फिच, मूडीज़ और एस. एंड पी. (Standard & Poor's) तय करती हैं। इनमें एस. एंड पी. सबसे पुरानी एजेंसी है।

म्यूचुअल फंड क्या है?

  • म्यूचुअल फंड (पारस्परिक निधि) एक प्रकार का सामुहिक निवेश होता है। निवेशकों के समूह मिलकर अल्प अवधि के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।
  • म्यूचुअल फंड में एक फंड प्रबंधक होता है, जो इस पैसे को विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करने के लिये अपने निवेश प्रबंधन कौशल का उपयोग करता है।
  • वह फंड के निवेशों को निर्धारित करता है और लाभ और हानि का हिसाब रखता है। इस प्रकार हुए फायदे-नुकसान को निवेशकों में बाँट दिया जाता है।
  • म्यूचुअल फंड के शेयर की कीमत नेट ऐसेट वैल्यु (NAV) कहलाती है।
  • यूटीआई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी भारत की सबसे पुरानी म्यूचुअल फंड कंपनी है।

लाभ

  • भारत में वार्षिक रूप से $ 100 बिलियन से अधिक मूल्य के बांड ज़ारी किये जाते हैं। इस कारण भारत कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास में ऋण बाज़ार के मूल्यांकन और कारोबार की सघनता के चलते लॉबी (Lobby) वर्ग पनपने लगा था।
  • विशेषज्ञों के अनुसार सेबी के ये कदम ऐसी प्रवृतियों पर अंकुश लगायेंगे तथा क्षेत्र को एकाधिकारवादी (Monopolistic) चलन से बचाएंगे।
  • क्रॉस-होल्डिंग की न्यूनतम सीमा तय होने से हितों के टकराव को टालना आसान होगा। फिच, मूडीज़, और एस. एंड पी. जैसी एजेंसियाँ स्वतंत्र रूप से तो काम करती ही हैं, ये घरेलू एजेंसियों में भी हिस्सेदारी रखती है जैसे:- क्रिसिल (CRISIL-Credit Rating Information Services of India Limited) रेटिंग एजेंसी में अधिकांश हिस्सेदारी एस. एंड पी. की है।
  • म्यूचुअल फंड में क्रॉस होल्डिंग की 10% सीमा के निर्णय का प्रभाव स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक और एल.आई.सी. पर पड़ेगा।
  • इनकी अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी तो है ही, यूटीआई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में भी प्रत्येक की 18.24% की हिस्सेदारी है, जिसे एक वर्ष के भीतर कम करना होगा।

स्टॉक एक्सचेंज से संबंधित सुधार

  • सेबी ने कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास एक ही प्लेटफार्म से इक्विटी और कमोडिटी ट्रेडिंग की अनुमति दे दी है।
  • बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) अब अपने प्लेटफॉर्म पर कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं, जबकि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरीवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) इक्विटी में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। इस निर्णय को 1 अक्टूबर 2018 से लागू किया जाएगा।
  • इसके लिये सेबी ने प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) (स्टॉक एक्सचेंज और क्लियरिंग कॉर्पोरेशन) विनियम, 2012 में उपयुक्त संशोधन की मंज़ूरी दे दी है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले कमोडिटी बाज़ारों का नियमन वायदा बाज़ार आयोग (Forward Market Commission-FMC) करता था, किन्तु अक्टूबर, 2015 में एफएमसी का सेबी में विलय कर लिया गया था। तब से सेबी कमोडिटी वायदा बाज़ारों का भी कार्य देख रहा है।

सेबी ने वायदा बाजार में ट्रेडिंग की अवधि बढ़ाई, अब दिन में 12 घंटे तक खुला रहेगा कमोडटी बाजार

Sebi

नर्इ दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कमोडिटी डेरीवेटिव्स में ट्रेडिंग शुरू होने का समय सुबह 10 बजे की जगह सुबह नौ बजे कर दिया है। वहीं, एग्री कमोडिटी में ट्रेडिंग बंद होने का समय शाम साढ़े पांच बजे से बढ़ाकर रात नौ बजे कर दिया है। यह नियम अब भारत के सभी वायदा बाजार में कमोडिटी डेरीवेटिव्स की ट्रेडिंग में लागू होगा। इस संबंध में सेबी ने सभी एक्सचेंज को नोटिस जारी किया है।

अब तक सोयाबीन, पाम तेल और कॉटन जैसे कुछ ही एग्री कमोडिटी में रात नौ बजे तक ट्रेडिंग हो रही थी। लेकिन बाजार विनियामक का नया सर्कुलर लागू होने पर अन्य सभी एग्री कमोडिटी में भी रात नौ बजे तक ट्रेडिंग होगी।

सेबी द्वारा शुक्रवार को जारी सर्कुलर के मुताबिक, कमोडिटी कारोबार के हितधारकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए समय में परिवर्तन किया गया है। कमोडिटी डेरीवेटिव्स एडवायजरी कमिटी की सिफारिश के अनुसार सेबी ने मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों में ट्रेडिंग का समय बढ़ाने का फैसला लिया है। सेबी के नोटिस के अनुसार, ट्रेडिंग अवधि में विस्तार एक्सचेंज और उसके क्लियरिंग कॉरपोरेशन के अधीन होगा। नया सर्कुलर 30 दिन बाद लागू होगा।

इंटरनेट व्यापार

Internet Trading

इंटरनेट ट्रेडिंग इंटरनेट के जरिए विदेशी मुद्रा, स्टॉक और कमोडिटी बाजारों और इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस पर ट्रेडिंग के पहुंचने का एक तरीका है, जो व्यापारियों को स्वतंत्र रूप से रीयल टाइम ट्रांजेक्शन करने का मौका देता है ।

इंटरनेट की सूरत से पहले निवेशकों व व्यापारियों को सूचना मिल रही थी और फोन द्वारा दलालों को आदेश दे रहे थे, जिससे कारोबार की प्रक्रिया धीमी पड़ रही थी । प्रौद्योगिकियों के विकास के साथ और इंटरनेट की उपस्थिति के साथ, स्टॉक एक्सचेंज पर व्यापार आसान और अधिक सुलभ हो गया ।

नब्बे के दशक के मध्य में विदेशी मुद्रा बाजार के कई डीलरों और दलालों ने अपना विकास करना शुरू कर दिया व्यापारिक प्लेटफार्मों , जो सरल बनाने के लिए और से आदेश प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए चाहिए थे व्यापारियों. शुरू में, ट्रेडों बंद ऑनलाइन ब्रोकरेज नेटवर्क है, जो प्रबंधन डेटाबेस और ऑनलाइन उद्धरण के साथ ग्राहकों को प्रदान के माध्यम से बाहर किया गया । समय की उस अवधि के दौरान बाजार में वर्चस्व ' ग्राहकों के अनुरोधों, जो एक कंप्यूटर के माध्यम से भेजा गया था की सरल निष्पादन की योजना थी, तो दलाल उंहें संसाधित और एक निष्पादन के लिए प्रेषित । सेवाओं के इन प्रकार के शेयर बाजार के पेशेवर प्रतिभागियों के लिए मुख्य रूप से दिलचस्प थे, लेकिन, 2000 के दशक की शुरुआत में, वहां कई निपटने कंपनियों के क्षेत्र में अपनी सेवाओं की पेशकश दिखाई ऑनलाइन ट्रेडिंग व्यापारियों की व्यापक जनता के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग । ऑनलाइन ट्रेडिंग की उपलब्धता ने गैर-पेशेवर निवेशकों को आकर्षित किया, जो वित्तीय साधनों के उपयोग के संबंध में अतिरिक्त सेवाओं की भी जरूरत थी । आज, दलाल विश्लेषणात्मक जानकारी और विश्लेषण के उपकरणों के लिए एक पहुंच के साथ एक ग्राहक प्रदान करता है, यह प्राप्त करता है कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास और अनुरोधों को कार्यांवित और आवश्यकता के मामले में ग्राहक के साथ फोन या इंटरनेट द्वारा परामर्श ।

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?

आजकल लगभग सभी दलाल (डेमो खाते खोलने के अवसर के साथ) आरामदायक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ व्यापारियों को उपलब्ध कराने के लिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं, विश्लेषणात्मक समर्थन और यंत्र तकनीकी विश्लेषण । इंटरनेट का उपयोग करते हुए, एक व्यापारी आसानी से लेनदेन करने के लिए सभी आवश्यक जानकारी कभी भी और दुनिया के किसी भी हिस्से से कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास प्राप्त कर सकते हैं । मोबाइल डिवाइसेज के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की शक्ल के साथ, स्मार्टफोन की उपलब्धता और सेल्यूलर नेटवर्क के कनेक्शन के लिए किसी भी जगह से ट्रेडिंग के लिए काफी कुछ किया गया है, जहां मोबाइल कनेक्शन उपलब्ध होगा ।

औपचारिक रूप से ब्रोकरेज कंपनियां विभिन्न वित्तीय साधनों का एक्सेस प्रदान करती हैं, लेकिन उनकी सेवाएं बिल्कुल नहीं के बराबर हैं । वहां एक दलाल को चुनने के लिए कई मानदंड हैं: सुविधा और ट्रेडों के लिए उपयोग की गति, जमा की ंयूनतम राशि, प्रसार, नियम और एक खाते से वापसी की लागत, की पेशकश की उपकरणों, लाभ उठाने, आदि के सेट

इस प्रकार, मुद्रा जोड़े, प्रतिभूतियों और विभिंन एक्सचेंजों और काउंटर बाजारों के अंय उपकरणों के साथ लेनदेन, जो हाल ही में प्रमुख बैंकों, बीमा कंपनियों और अंय संस्थागत के लिए उपलब्ध थे । निवेशक , अब, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की प्रणालियों के लिए धन्यवाद, वे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं ।

कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास

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कमोडिटी कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास

आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिमिटेड
142, महात्मा गांधी रोड, नुंगमबक्कम, चेन्नई 600 034
दूरभाष : 91 - 44 -28306600
ईमेल : [email protected] वेबसाइट : www.ifinltd.in

आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिमिटेड (आईफिन) की स्थापना 1995 में आईएफसीआई लि. द्वारा निवेशकों, संस्थानों और खुदरा निवेशकों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए की गई थी । आईफिन मुख्य रूप से स्टॉक ब्रोकिंग, निवेश बैंकिंग, म्युचुअल फंड वितरण और सलाहकारी सेवाएं, डिपाजिटरी भागीदारी सेवाएं, बीमा उत्पाद वितरण तथा इसके जैसे अन्य कार्यों से जुड़ी हुई है ।

सेवाओं का समूह

आईएफसीआई के साथ जुड़े होने के नाते, भारत के निवेशक समुदाय और अनिवासी भारतीयों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पाद व सेवाएं प्रदान करने के सम्बन्ध में आईफिन को एक प्रमुख अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान के रूप में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त है । इनमें निम्नलिखित शामिल हैं -

  • स्टॉक ब्रोकिंग
  • कमोडिटीज ब्रोकिंग
  • मुद्रा ट्रेडिंग
  • पोर्टफोलियो प्रबन्धन सेवाएं
  • डिपाजिटरी भागीदारी सेवाएं
  • मर्चेन्ट बैंकिंग
  • बीमा निगमित एजेंसी
  • म्युचुअल फंड उत्पाद वितरण
  • आईपीओ वितरण
  • निगमित सलाहकारी सेवाएं

आईफिन की सदस्यताएं और लाइसेंस

दि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लिमिटेड (एनएसई) :कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास आईफिन एक प्रमुख ब्रोकिंग हाउस है और इस समय यह एनएसई की इन सभी श्रेणियों का सदस्य है - नकद बाजार (सीएम), वायदा व विकल्प (एफ एण्ड ओ) थोक ऋण बाजार (डब्ल्यूडीएम) और मुद्रा डेरिवेटिव्स । कम्पनी बीमा, म्युचुअल कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास फंड और बैंकिंग क्षेत्रों में कई प्रतिष्ठित संस्थागत ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है ।

दि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लि. (बीएसई) : आईफिन भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक अर्थात् बीएसई का नकद बाजार (सीएम) खण्ड का भी सदस्य है ।

मल्टी कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लिमिटेड (एमसीएक्स - एसएक्स) : आईएफिन ने एमसीएक्स - एमएक्स से एक लाइसेंस प्राप्त किया है और मुद्रा खण्ड का सदस्य है । एमसीएक्स - एसएक्स मुद्रा जोखिम बचाव के लिए निर्यातकों, आयातकों, निगमित कम्पनियों और बैंकों सहित वित्तीय बाजार सहभागियों की व्यापक श्रृंखला के लिए बहुत से लाभ कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास प्रदान करता है ।

डिपाजिटरी भागीदार (डीपी) : नेशनल सिक्युरिटी डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) तथा सेन्ट्रल डिपाजिटरी सर्विसिज लिमिटेड (सीडीएसएल) के साथ एक डिपाजिटरी भागीदार के रूप में, आईफिन अपने ग्राहकों को व्यापक रूप से समग्र सेवाएं प्रदान करता है ।

मर्चेन्ट बैंकिंग : सेबी द्वारा अनुमोदित श्रेणी-। मचन्ट बैंकर के रूप में, आईफिन भारतीय कम्पनियों की पूंजी जुटाने के कार्य में लगा हुआ है।

बीमा निगमित एजेंट : आईफिन आईआरडीए द्वारा अनुमोदित जीवन और गैर जीवन बीमा दोनों क्षेत्रों के लिए एक निगमित एजेंट है । यह जीवन बीमा के लिए एलआईसी और गैर-जीवन बीमा क्षेत्र के लिए बजाज एलायंज के साथ पैनल में शामिल है ।

म्युचुअल फंड वितरण : म्युचुअल फंड उत्पादों के वितरक के रूप में, आईफिन भारत में असोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स में पंजीकृत है । आईफिन विभिन्न म्युचुअल फंड उत्पादों के वितरण में अत्यधिक सक्रिय और सफल रहा है ।

पोर्टफोलियो प्रबन्धन सेवाएं : सेबी में पोर्टफोलियो प्रबन्धक के रूप में पंजीकृत, आईफिन इक्विटी अनुसंधान - आधारभूत और तकनीकी द्वारा समर्थित विवेकसम्मत पोर्टफोलियो प्रबन्धन सेवाएं प्रदान करता है ।

अन्य सदस्यताएं

आईफिन कमोडिटीज लि. की मार्फत - आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिकी सहायक कम्पनी

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