रिवर्स गियर के साथ भारत में लॉन्च हुआ सबसे महंगा स्कूटर, जानें 10 बड़ी बातें

ऑटो डेस्क। टू-व्हीलर मेकर एथर एनर्जी (Ather Energy) ने मंगलवार को भारत में अब तक के सबसे महंगे स्कूटर लॉन्च किए हैं। ये दोनों ही इलेक्ट्रिकल स्कूटर हैं और अभी सिर्फ बेंगलुरु में ही अवेलेबल हैं। कंपनी ने पहला स्कूटर 340 के नाम से और दूसरा स्कूटर 450 के नाम से लॉन्च किया है। इनकी खासियत है कि ये दोनों ही स्कूटर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं। इसके साथ ही एक बार चार्ज होने में ये 60 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं।

क्या है एथर एनर्जी?

- आईआईटी से पासआउट स्टूडेंट्स तरुण मेहता और स्वप्निल जैन ने 2013 में एथर एनर्जी कंपनी की शुरुआत की थी।
- इस कंपनी को फ्लिपकार्ट, हीरो मोटोकॉर्प और टाइगर ग्लोबल की तरफ से फंडिंग की जाती है। हाल ही में हीरो मोटोकॉर्प ने इसे 180 करोड़ रुपए का फंड दिया है।

भारत बना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी

भारत परचेजिंग पावर पैरिटी के लिहाज से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन गया है। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक.

हाल के वर्षों में भारत में ऊंची महंगाई दर के बावजूद कीमतें अब भी विकसित देशों के मुकाबले कम हैं। पीपीपी के लिहाज से इस रिपोर्ट फंड का कंपेरिजन में भारत की हाई रैंकिंग की यही वजह है। हालांकि, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) के मुताबिक, भारत 12वीं सबसे बड़ी इकॉनमी है और एडजस्टेड डॉलर्स के लिहाज से इसका आकार जापान के महज एक तिहाई के बराबर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, 'सस्ती कीमतों वाली इकॉनमी अफ्रीका या भारत समेत एशिया में हैं। भारत तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी है।' रिपोर्ट में पीपीपी अजस्टमेंट के बारे में बताया गया है, 'अर्थव्यवस्थाएं अपने जीडीपी का अनुमान नैशनल प्राइस लेवल पर करती है और नैशनल करंसी में इन जीडीपी की तुलना नहीं की जा सकती। तुलना के लिए कॉमन प्राइस लेवल के हिसाब से वैल्यूएशन होना चाहिए और इसका कनवर्जन कॉमन करंसी में होना चाहिए।'

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गलत जगह कर बैठे हैं निवेश तो ये खबर आपके काम की है, क्लिक कर पढ़ें- काम की बात

अगर आपको भी कोई फाइनेंशियल प्रोडक्ट गलत तरीके से बेचा गया है और आप इसे लेकर फंस गए हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। जानें, वो तरीके जो आपके काम आ सकते हैं।

By: ABP Ganga | Updated at : 04 Oct 2019 07:17 AM (IST)

नई दिल्ली, एबीपी गंगा। निवेश करते वक्त क्या हम पूरी तरह से रिसर्च करते हैं। ये वो सवाल है जिसका जवाब न में ही सुनने को मिलता है। फाइनेंशियल प्रोडक्ट खरीदते हुए अक्सर लोग उन बातों को नजरअंदाज कर जाते हैं जो बेहद फंड का कंपेरिजन अहम साबित हो सकती हैं। लोग बीमा कंपनियों के एजेंट या बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर के झांसे में आ जाते हैं और वहां निवेश कर देते हैं जहां से बाद में उन्हें निराश होना पड़ता है। अगर आपको भी फंड का कंपेरिजन कोई फाइनेंशियल प्रोडक्ट गलत तरीके से बेचा गया है और आप इसे लेकर फंस गए हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको उन तरीकों के बारे में बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।

इंश्योरेंस पॉसिली इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। अक्सर एजेंट गलत जानकारी देकर ग्राहकों को पॉलिसी बेच देते हैं। लेकिन, थोड़ी सा सावधान रहकर आप आसानी से सही जानकारी हासिल कर सकते हैं। बीमा नियामक इरडा ने बीमा पॉलिसी को समझने के लिए 15 दिन की अवधि रखी है। कुछ कंपनियां इसके लिए 30 दिन का समय देती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि 'फ्री लुक पीरियड' यानी पॉलिसी को देखने-समझने की अवधि आवेदन की तारीख से शुरू नहीं होती है। बजाय इसके यह अवधि तब से शुरू होती है जब से पॉलिसी दस्तावेज ग्राहक को मिलते हैं। अगर आपको पॉलिसी, मसलन यूलिप या एंडावमेंट प्लान को गलत तरीके से बेचा गया है तो फ्री लुक पीरियड के अंदर इसे लौटाया जा सकता है।

बैंक/एनबीएफसी के फिक्स्ड डिपॉजिट अगर आपको फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान गलत ढंग से बेचा गया है, तो मैच्योरिटी से पहले निकासी सबसे अच्छा समाधान है। चूंकि ज्यादातर बैंक ब्याज पर बहुत मामूली पेनाल्टी लगाते हैं। इसलिए आपको अनुबंध में तय से थोड़ा कम ब्याज मिलेगा। इसमें पूंजी फंड का कंपेरिजन का नुकसान होने की आशंका कम रहेगी। हालांकि, आपने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के डिपॉजिट में पैसा लगा दिया है तो आप फंसे रहेंगे। कारण है कि ज्यादातर एनबीएफसी मैच्योरिटी से पहले निकासी की अनुमति नहीं देती हैं। जो देती भी हैं वे 1-3 फीसदी तक एफडी क्लोजर पेनाल्टी चार्ज करती हैं।

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बैंलेंस्ड फंड यदि आपको गलत बैलेंस्ड फंड बेचा गया है तो तुरंत भुनाने पर समस्या हो सकती है। कारण यह है कि इस स्थिति में ज्यादातर फंड आपसे 1 फीसदी का एक्जिट लोड वसूल करेंगे। ज्यादातर म्यूचुअल फंड एक साल के अंदर निवेश को भुनाने पर 1 फीसदी का एक्जिट लोड रखते हैं। हालांकि, बैलेंस्ड फंड के कारण इक्विटी निवेश काफी ज्यादा बढ़ जाने पर आपके पास भुनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। याद रखें कि एक्जिट लोड से नुकसान होता है।

Published at : 03 Oct 2019 09:54 PM (IST) Tags: investment Plan money saving plan saving and investment हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: States News in Hindi

2016 में इन 16 स्टार्टअप्स से मिलेगी युवाओं को सीख

2016 में इन 16 स्टार्टअप्स से मिलेगी युवाओं को सीख

पिछले एक दशक में भारत में ऑनलाईन बिजनेस की क्रांति देखने को मिली है और यह क्रांति उभरते स्‍टार्ट अप्‍स की वजह से है। भारत में स्टार्ट-अप्स की गिनती बढ़ रही है और कहीं ना कहीं देश की तरक्की का रास्ता स्टार्टअप से होकर जाता है। तभी तो मोदी सरकार 'स्टार्ट अप इंडिया-स्टैंड अप इंडिया' पर खासा जोर दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से अपील कर रहे हैं कि वह रोजगार तलाशने की बजाय खुद रोजगार पैदा करें। इसी पहल का खाका 16 जनवरी को पेश किया जाएगा। स्‍टार्टअप दुनिया के अधिकांश दिग्‍गज युवा उद्यमी हैं और सफलता की ऊंचाइयों को छूने की दिशा में जुटे हुए हैं। ऐसे ही कुछ उभरते स्‍टार्ट अप्‍स हैं जिनके आइडिया और विजन से युवाओं को सीख मिलेगी:

बेस्टडील फाइनेंसडॉटकॉम: सबसे बड़ा फाइनेंशियल सुपरमार्ट खड़ा करने की दिशा में कदम

यह एक ऑनलाइन फाइनेंशियल सुपर मार्ट है, जिनके पास लोन प्रोडक्ट्स की विस्तृत रेंज है, जो व्यक्तिगत लोन से लेकर छोटे और मंझले व्यवसायियों को जरूरत के मुताबिक हर तरह के लोन देती है। इसके फंड का कंपेरिजन फाउंडर मानवजीत सिंह हैं। यह कंपनी लोन संबंधी सारी औपचारिकताएं, लोन के संबंध में ग्राहकों को जानकारी ऑनलाइन ही उपलब्‍ध कराती है। कागजी औपचारिकताएं पूरी करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

फिलहाल कंपनी 40 प्रमुख संस्थाओं के साथ काम कर रही है। मानवजीत सिंह का सपना देश में सबसे बड़ा फाइनेंशियल सुपरमार्ट खड़ा करने का था। इसके लिए उन्होंने एक अल तरीके का मॉडल चुना, जिससे ग्राहक कंपनी से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीधे जुड़ सकता है। उनकी वेबसाइट से ग्राहक को हमारी सभी सेवाओं के बारे में आसानी से जानकारी मिल जाती है। ये सेवाएं मोबाइल, टैबलेट, पोर्टल, डिजिटल कियोस्क और कस्टमर सेंटर्स पर आसानी से उपलब्‍ध है।

माय स्मार्ट प्राइज: उत्‍पादों की कीमतों का ऑनलाइन कम्‍पेरिजन

माय स्मार्ट प्राइज बाजार में उपलब्ध कई तरह के उत्पादों की कीमतों के बीच ऑनलाइन तुलना करके ग्राहकों को अपडेट करता है। 2010 में को-फाउंडर व सीईओ सुलक्षण कुमार और सीता कांता ने खुद का व्यवसाय करने का सोचा। उन्हें ई-रिटेल एक उभरता हुआ सेक्टर दिखाई दिया। उनके मुताबिक इस तरह के वेंचर में निवेशकों की रूचि होती है और फंड मिलने के आसार रहते हैं। प्राइज कंपेरिजन सर्विस का कुल ई-रिटेल बाजार में 25 फीसदी की हिस्सेदारी है। 2015 में एशियन स्टार्टअप्स की लिस्ट में कंपनी को 9वीं रैंक पर रखा गया और इसे एक अच्छा और उपयोगी शॉपिंग सर्च इंजन घोषित किया। 2013 में टेक इन एशिया में कंपनी को तीसरी रैंकिंग मिली।

शुरूआती दिनों में कंपनी का चैलेंज नए ग्राहक बनाना और उन्हें अपने प्लेटफॉर्म तक लाने का था। कंपनी के पास विज्ञापन के लिए पर्याप्त फंड नहीं था ऐसे में कंपनी ने अपने सर्च इंजन को बेहतर और यूजर फ्रेंडली बनाने पर ध्यान दिया। कंपनी के पास हुनरमंद लोगों की कमी थी और कंपनी के नामी नहीं होने के कारण हुनरमंद लोग इसमें नहीं आ रहे थे। यह समस्या अभी भी पूरी तरह से हल नहीं हुई है। बीते सालों में कंपनी का विस्तार काफी हुआ है और ऐसे में एक चुनौती यह भी है कि हम अपना स्टार्टअप कल्चर बनाए रखना चाहते हैं ताकि हम अपने फैसले और उनके क्रियांवयन में ऊर्जा बनाए रखें। 2011 में कंपनी के पास 10 लाख यूजर थे। आज हर महीने डेढ़ करोड़ यूजर कंपनी की वेबसाइट इस्तेमाल करते हैं जिनमें 10 लाख नए होते हैं। कंपनी को अपने निवेशकों से दूसरे दौर में 8 करोड़ का निवेश मिला।

ग्रे ऑरेंज रोबोटि्क्स: वेयरहाउस ऑटोमेशन मार्केट पर कब्‍जा

वर्कर रोबोट्स और ऑटोमेशन सॉल्यूशंस के क्षेत्र में यह भारत का अग्रणी स्टार्ट अप है। भारत के वेयरहाउस ऑटोमेशन मार्केट के 90 प्रतिशत बाजार पर इस कंपनी का कब्जा है। ग्रे ऑरेंज अभी करीब 100 प्रॉडक्ट बेच रहा है जो वेयरहाउसिंग का काम आसान बनाते हैं। इसके फाउंडर समय कोहली और आकाश गुप्ता हैं। यह वेयरहाउस की शक्ल बदलने का हार्डवेयर समाधान प्रस्तुत करता है।

रोबोट्स की मदद से डिलिवरी को आसान बनाकर वेयरहाउस की शक्ल बदली जा सकती है यह बताया ग्रे ऑरेंज ने। इन्होंने वेयरहाउस के जटिल काम को बहुत ही आसान बना दिया फंड का कंपेरिजन है। अभी तीन शहरों में दफ्तर के साथ करीब 300 कर्मचारी ग्रे ऑरेंज में काम कर रहे हैं और करीब फंड का कंपेरिजन फंड का कंपेरिजन 40 बड़े ग्राहक इस स्टार्ट अप की सेवाओं से संतुष्ट हैं। इस स्टार्ट अप के रोबोट्स रोबोट बनाने वाले देश जापान तक जा रहे हैं जो कि भारत के लिए एक बड़ी उपलब्‍ध है।

पर्पल स्क्वीरल एजुवेंचर्स: इंडस्‍ट्री और स्‍टूडेंट्स के बीच सेतू

युवाओं को इंडस्ट्री के हिसाब से ट्रेंड करने के लिए इस स्‍टार्ट अप की शुरुआत हुई। स्टूडेंट और इंडस्ट्री के बीच की खाई को पाटने की अनोखी सोच के साथ आदित्‍य गांधी व साहिबा ने इसकी शुरुआत की।

आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक करने के बाद आदित्य ने जब यूरोप में काम किया तो देखा कि किस तरह कंपनियां स्टूडेंट्स को रिक्रूट करती हैं। यहीं उन्हें पर्पल स्क्वीरल एजुवेंचर्स की स्थापना का ख्याल आया। बाद में इसमें साहिबा भी जुड़ गईं। आदित्य को यह बात बहुत अच्छे से समझ आ गई थी कि कॉलेज से निकलने वाले युवाओं और इंडस्ट्री दोनों की जरूरत क्या है और उन्होंने इसी विचार पर काम शुरू किया। जल्दी ही वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि युवाओं को इंडस्ट्री के हिसाब से सही करियर के चुनाव से लेकर किस तरह खुद को ग्रूम करें, यह सब पर्पल स्क्वीरल एजुवेंचर्स का आधार बना।

मेपमायजीनोम: अद्भूत है डीएनए टेस्टिंग की सुविधा

भारत में जीनोमिक्स के क्षेत्र में पायोनियर स्टार्ट अप मेपमायजीनोम डीएनए टेस्टिंग की सुविधा उपलब्‍ध कराता है। इसकी स्‍थापना 2011 में अनु आचार्य ने की थी। मेपमायजीनोम उन बीमारियों से आपको बचाव का रास्ता सुझाता है जिनका आधार जीन है और जो भविष्य में आपको अपनी गिरफ्त में ले सकती हैं। यह महज 20 हजार रु. में ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए बीआरसीए 1/2 जीन सिक्वेंसिग की सुविधा देता है तो वह टीबी से बचाव के लिए मॉलीक्यूलर टेस्ट सुविधा भी दे रहा है।

अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव की राह भी इस स्टार्टअप ने खोली है। अप्रैल 2013 में कंपनी ने अपना एक ब्रांड तैयार किया है जिसे जीनोमपत्री कहा जा रहा है। मेपमायजीनोम आपको जीनोमिक्स को समझने, मॉलीक्यूलर डायग्नोस्टिक्स, डीएनए फोरेंसिक और ब्रेन वेलनेस जैसी सुविधाएं उपलब्‍ध करा रहा है। स्टार्ट अप का करीब 38 हॉस्पिटल्स के साथ टाईअप है जहां उनकी सेवाएं पाई जा सकती हैं। अब सिंगापुर और मलेशिया से भी ऑर्डर मिल रहे हैं।

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