जिस तरह से नोटबंदी के समय पर सभी को नोट बदलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था उसी तरह क्रिप्टोकरंसी के निवेशकों को भी सरकार द्वारा कुछ समय या राहत अवश्य दी जा सकती है। फिलहाल इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
Cryptocurrency बिल क्या है? भारत में क्रिप्टो करेंसी बैन होंगी? भारतीय क्रिप्टो करेंसी होगी लॉन्च?
क्रिप्टो करेंसी बैन इन इंडिया 2021: 2023 में बिटकॉइन में निवेश करने के 6 कारण फरवरी 2021 में सरकार ने सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी को Ban (प्रतिबंधित) कर सरकारी क्रिप्टोकरेंसी लाने की बात कही थी अब इसी साल 29 नवम्बर को शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ‘क्रिप्टोकरेंसी बिल‘ लाने की तैयारी में है।
भारत सरकार द्वारा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी पर पाबंदी लगाने के लिए नए डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 की घोषणा के साथ ही क्रिप्टो बाजार भारत में मुंह के बल गिर गया तथा Bitcoin, Ethereum और Tether समेत सभी बड़ी क्रिप्टो-करेंसी में 15 से 20 फ़ीसदी तक की गिरावट देखी गई।
Cryptocurrency Bill 2021: भारत में क्रिप्टो करेंसी बैन होंगी? |
किसी भी वित्तीय संस्थान या अथोरिटी या एंटिटी द्वारा काबू न की जा सकने वाली डिजिटल मुद्रा या आभासी मुद्रा या क्रिप्टो करेंसी को अब भारत सरकार काबू करने की कोशिश कर रही है और इसे लेकर एक बिल पास करने की तैयारी में है।
आइए Cryptocurrency Bill क्या है? क्या भारत में इसे बैन किया जाएगा (Cryptocurrency Ban In India News) तथा भारतीय क्रिप्टो करेंसी कौन सी है? इसके बारे में 2023 में बिटकॉइन में निवेश करने के 6 कारण विस्तार से जानते है।
क्रिप्टो करेंसी बिल क्या है? (Cryptocurrency Bill 2021 in Hindi)
क्रिप्टोकरंसी बिल यानी क्रिप्टोकरंसी एवं अधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियम विधेयक 2021 के तहत सरकार और रिजर्व बैंक एक साथ मिलकर एक सरकारी क्रिप्टो करेंसी तैयार करने के फ्रेमवर्क पर काम करने की योजना बना रही है।
‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021‘ के आ जाने से बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी सभी प्राइवेट 2023 में बिटकॉइन में निवेश करने के 6 कारण क्रिप्टोकरंसी को भारत में बैन कर दिया जाएगा।
हालांकि इसके लिए इस्तेमाल होने वाली ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर अपवाद कायम है भविष्य में इसी टेक्नोलॉजी पर आधारित देश के लिए खुद की एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी लॉन्च किए जाने की तैयारी है जिसे ‘भारतीय क्रिप्टो करेंसी‘ कहा जा सकता है।
इससे पहले भारत में क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल को लेकर कोई प्रतिबंध या नियमन कि व्यवस्था नहीं थी परन्तु संसद की स्थायी वित्त समिति की क्रिप्टो एक्सचेंज, क्रिप्टो सम्बन्धी काउंसिल तथा पक्षों व अन्य प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग से क्रिप्टोकरेंसी के नियमन की आवश्यकता पर एक आम राय सामने आयी।
जिसके बाद सरकार द्वारा इसके रेगुलेशन के लिए Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की घोषणा की गयी।
क्रिप्टो को सरकार क्यों कर रही है बैन (कारण और उद्देश्य) – Bitcoin Ban in India
भारत में क्रिप्टो करेंसी को बैन करने का कारण बढ़ते ऑनलाइन अपराध, टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी, गैर कानूनी और अवैध गतिविधियों जैसे हथियारों व ड्रग्स की खरीद फ़रोख के लगातार बढ़ते मामलें हैं।
इस पर किसी सरकार या अथॉरिटी का नियंत्रण न होने से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर बड़े फायदे का वादा तथा निवेशकों को गुमराह करने वाले विज्ञापन भी चिंता का विषय है। इतना ही नहीं आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसे किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा बताया है।
भारत सरकार द्वारा सभी निजी डिजिटल करेंसी को बैन कर क्रिप्टो बिल लाने तथा आधिकारिक क्रिप्टो करेंसी को लॉन्च करने का उद्देश्य इसके दुरूपयोग को रोकना तथा इस पर अपना नियंत्रण कायम करने की कोशिश करना और यह सुनिश्चित करना कि यह गलत हाथों में न पड़े।
क्रिप्टो में निवेश करने वालों का क्या होगा?
इंडिया में क्रिप्टो करेंसी को बैन करने की न्यूज़ से उन लोगों की चिंताएं बढती नजर आ रही है जिन्होंने इसमें इन्वेस्ट किया है क्योंकि पोपुलर क्रिप्टो के 15% से ज्यादा गिर जाने से फिलहाल उन्हें काफी नुकसान होता नजर आ रहा है परंतु अब भी पैसे और नुकसान को कवर करने की कुछ संभावनाएं है।
BrokerChoose की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत क्रिप्टो निवेशकों के मामले में सबसे आगे है और Chainalysis की ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में भारत क्रिप्टो निवेश के मामले में दूसरे स्थान पर था।
वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा का कहना है कि कई क्रिप्टो एक्सचेंजों को मिलाकर 1.5 करोड़ KYC उपयोगकर्ता तथा तकरीबन 6 अरब डॉलर का निवेश इसमें किया गया है।
ऐसे में सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों का मानना है कि इसे लेकर नियम जरूर बनाए जाए लेकिन इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करना सही नहीं होगा।
जिस तरह से नोटबंदी के समय पर सभी को नोट बदलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था उसी तरह क्रिप्टोकरंसी के निवेशकों को भी सरकार द्वारा कुछ समय या राहत अवश्य दी जा सकती है। फिलहाल इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी बैन है?
भारत के पडोसी देश बांग्लादेश, नेपाल और चीन तथा कई अन्य देशों जैसे नाइजीरिया, इंडोनेशिया, तुर्की, कोलंबिया, रूस, बोलिविया, वियतनाम, एक्वाडोर एवं अल्जीरिया में क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित (Ban) या illegal (अवैध) घोषित किया जा चुका है।
क्या क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह बैन कर पाना संभव है?
जानकारों और विशेषज्ञों की माने तो टेक्निकली बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर पाना संभव नहीं है।
यदि सरकार स्थानीय मुद्रा (जैसे भारतीय रुपए) से क्रिप्टो के लेन-देन पर रोक लगा भी देती है तब भी इसे आभासी तौर पर बैन करने का कोई समाधान नजर आता नहीं दिखाई देता।
Crypto Trading एक ऑनलाइन प्रक्रिया है और इस पर बैंकों एवं सरकारों का कोई नियंत्रण नहीं है।
अंतिम शब्द
ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब क्रिप्टो बैन करने को लेकर आयी न्यूज़ ने खलबली मचाई हो इससे पहले आरबीआई के बैन को सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी ठहरा कर मार्च 2020 में क्रिप्टो ट्रेडिंग से प्रतिबंध हो हटा दिया था।
इस बार इसके इस्तेमाल तथा प्रतिबंधन और रेगुलेशन को लेकर सरकार ने नए बिल और सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है।
आपके अनुसार क्या भारत सरकार द्वारा निजी क्रिप्टो को बैन करने और इसे लेकर नया बिल लाने का प्रस्ताव सही है? अपनी राय कमेंट में बताएं।
बैंक ऑफ स्पेन का मानना है कि जो लोग बिटकॉइन में निवेश करते हैं, वे इसके जोखिमों से अनजान हैं
सेंट्रल बैंक ऑफ स्पेन के डिप्टी गवर्नर, मार्गरीटा डेलगाडो का मानना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले स्पेनियों को इस प्रकार के निवेश के जोखिमों के बारे में पता है या नहीं। यूरोपीय बैंकिंग संघ को संबोधित पीडब्ल्यूसी रिपोर्ट की प्रस्तुति के दौरान उनके भाषण में यह कहा गया था।
अधिकारी ने वित्तीय नियामक की चिंताओं को फिर से दोहराया स्पेन में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के बढ़ते प्रभाव. उनकी राय में, “क्रिप्टोक्यूरेंसी परिसंपत्तियों का व्यापक उपयोग वित्तीय स्थिरता के लिए संभावित जोखिम पैदा करता है,” जिसके लिए उन्हें प्रभावी ढंग से विनियमित और पर्यवेक्षण किया जाना चाहिए।
डेलगाडो ने एक खोजक सर्वेक्षण का हवाला दिया, जिसके अनुसार 1.स्पेन में 2% वयस्क बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो संपत्ति के मालिक हैं। स्पैनिश सेंट्रल बैंक के प्रतिनिधि ने कहा, “यह जांचना आवश्यक होगा कि क्या ये निवेशक उन जोखिमों से पूरी तरह अवगत हैं जिनसे वे उजागर हुए हैं या केवल अत्यधिक उच्च पुनर्मूल्यांकन की उम्मीदों से प्रेरित हैं।”
इस संबंध में, उन्होंने कहा कि यूरोपीय वित्तीय नियामकों के लिए लगातार जारी करना आवश्यक है “इस गतिविधि की जोखिम भरी और सट्टा प्रकृति” के बारे में अनुस्मारक” वित्तीय। इसी तरह, अपनी प्रस्तुति में उन्होंने पुष्टि की कि बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी “एक निवेश के रूप में उपयुक्त नहीं हैं, न ही अधिकांश खुदरा 2023 में बिटकॉइन में निवेश करने के 6 कारण उपभोक्ताओं के लिए भुगतान या विनिमय के साधन के रूप में।”
सेंट्रल बैंक ऑफ स्पेन बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के सख्त विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए कॉल करना जारी रखता है। स्रोत: कॉमन्स.विकिमीडिया।
भले 2023 में बिटकॉइन में निवेश करने के 6 कारण ही इस तरह के बयान आंकड़ों के विपरीत हैंबिटकॉइन बाजार में छोटे निवेशकों की भागीदारी के कारण, मार्गरीटा डेलगाडो के प्रस्ताव बैंक ऑफ स्पेन के अनुरूप हैं।
जैसा कि क्रिप्टोनोटिसियस द्वारा रिपोर्ट किया गया है, पिछले महीने स्पेनिश बैंकिंग नियामक के गवर्नर पाब्लो हर्नांडेज़ डी कॉस ने भी “क्रिप्टोएक्टिव बाजार की निगरानी, विनियमन और पर्यवेक्षण को तेज करने” की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित किया। बैंक ऑफ स्पेन के सर्वोच्च प्रतिनिधि के लिए यह आवश्यक है बिटकॉइन, ईथर, और यहां तक कि टीथर जैसे स्थिर सिक्कों द्वारा उत्पन्न जोखिम को शामिल करें.
पीडब्लूसी रिपोर्ट बिटकॉइन के बारे में क्या कहती है
सबसे प्रासंगिक वैश्विक परामर्श फर्मों में से एक, परामर्श फर्म PwC ने अपनी 9वीं रिपोर्ट “बैंकिंग यूनियन, परिवर्तन का माहौल” प्रस्तुत की, जहां उसने क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक खंड समर्पित किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी “खुद को इस क्षेत्र के लिए एक संभावित लाभदायक जगह के रूप में स्थापित कर रहे हैं। [bancario]वित्तीय संस्थानों के प्रारंभिक अविश्वास के बावजूद।
विश्लेषकों ने जोर देकर कहा कि वहाँ एक है क्रिप्टो परिसंपत्तियों में निवेश करने में पारंपरिक बैंकों की बढ़ती दिलचस्पी, इसके “उच्च लाभ” और अपने ग्राहकों, विशेष रूप से युवा लोगों और अधिक आर्थिक क्षमता वाले लोगों के बीच मांग को देखते हुए। हालांकि, यह विनियमन और जोखिमों की कमी के मुद्दे को भी संदर्भित करता है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि संसद और यूरोपीय आयोग एक ऐसे कानून को मंजूरी देने की प्रक्रिया में हैं जो संघ के 27 देशों में क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को नियंत्रित करेगा। MICA कानून के रूप में जाना जाने वाला बिल, MEPs द्वारा अनुमोदित किया गया था और चर्चा के अगले चरण में चले गए.
राजस्थान में गर्भवती महिला की मौत का आरोप लगने के बाद डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली
डॉक्टर ने एक सुसाइड लेटर में कहा कि उसने कोई गलती नहीं की थी और मरीज की मौत एक जटिलता के कारण हुई थी राजस्थान में एक डॉक्टर की आत्महत्या पर भारी आक्रोश के बीच, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया […]
Cryptocurrency: तीसरी पास ठग ने क्रिप्टो के नाम पर 200 करोड़ की ठगी की, हजारों लोगों को ठगा, मुंबई में गिरफ्तार
Cryptocurrency Thug Arrested: क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर हजारों लोगों से 200 करोड़ रूपए की ठगी करने वाले तीसरी कक्षा पास ठग को मुंबई में गिरफ्तार किया गया है.
Cryptocurrency Thug Arrested: क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर 6 लोगों ने न सिर्फ भारत बल्कि विश्व भर के कई देशों के हजारों लोगो से 200 करोड़ रूपए की ठगी की थी. मामले में पुलिस ने क्रिप्टो ठग गिरोह के सरगना को मुंबई से गिरफ्तार किया है, जबकि उसके पांच अन्य ठग साथियों की तलाश की जा रही है.
मुंबई पुलिस के हत्थे एक ऐसा ठग सरगना चढ़ा जिसने क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर निवेश के नाम पर दुनिया भर में हजारों लोगों को शिकार बनाया था. गिरफ्तार आरोपी तीसरी पास बताया जा रहा है, जो अपने 5 अन्य साथियों के साथ मिलकर इस ठगी (Cryptocurrency Fraud) को अंजाम देता था. उसने दुनिया भर के हजारों लोगों से 200 करोड़ तक की ठगी की है.
दरअसल, मुंबई की माटुंगा पुलिस स्टेशन में एक म्यूजिक टीचर ने कम्प्लेन की थी कि उसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर चूना लगाया गया है. उससे आरोपियों ने 2.43 लाख रुपये ठग लिए है. मामले में जांच करने के बाद पुलिस ने 31 वर्षीय मोहम्मद जाबिर को गिरफ्तार किया है. मोहम्मद जाबिर पर आरोप है कि इसने लोगों से करोड़ों रूपए की ठगी की है.
म्यूजिक टीचर की शिकायत पर पुलिस ने अक्टूबर में जांच शुरू की थी. महीनों तक चली इस जांच के बाद कर्नाटक के बेंगलुरु में रहने वाले जाबिर का पता लगाया और 18 फरवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को उसके पास दो बैंक खाते, दो डेबिट कार्ड, पासबुक और एक मोबाइल फोन मिला है.
माटुंगा पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दीपक चव्हाण के अनुसार आरोपी जाबिर के बैंक खातों में से एक के स्टेटमेंट से पता चला है कि उसने अक्टूबर और फरवरी के बीच बिटकॉइन (BitCoin Cryptocurrency) में निवेश करने के लिए लोगों को धोखा देकर 200 करोड़ रुपये कमाए, साथ ही पुलिस की जांच में यह भी पता चला की क्रिप्टो के नाम पर ठगी करने वाला यह गैंग जुलाई से सक्रिय है. जो कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है, इसमें भारत के अलावा भी कई देशों के लोग शामिल हैं, जो इनकी ठगी का शिकार हुए हैं.
ऐसे करता था ठगी
माटुंगा पुलिस को मामले की जांच में यह भी पता चला की जाबिर बड़ी आधुनिक तरीके से ठगी करता था. वह हर बार क़रीब 1 करोड़ मैसेज की लिमिट वाला बल्क एसएमएस सर्विस ख़रीदता था. एक साथ लाखों लोगों को मैसेज कर वह आकर्षक रिटर्न के वादे के साथ लोगों को अपने ऐप - आरोहस और एग्रो पीआरओ के माध्यम से बिटकॉइन में निवेश (Investment in Bitcoin) करने के लिए कहता है. अगस्त 2021 में शिकायतकर्ता को अपने मोबाइल फोन पर एक मैसेज मिला, जिसमें लिखा था: "भारत के नंबर 1 क्रिप्टो माइनिंग ऐप (Crypto Mining App) से जुड़ें, और ऐसा करने से आप रोज़ाना 2,000 रुपये तक कमा सकते हैं, और इसमें फ़ायदे की गारंटी है, डाउनलोड करें', जिसके बाद शिकायतकर्ता में आरोहश एप डाउनलोड किया.
आरोपियों में इसके बाद उन्हें बिटकॉइन क्रिप्टो करंसी में निवेश करने के लिए कई व्हाट्सएप कॉल और मैसेज भेजने लगे. कुछ दिनों बाद, आरव खुराना नाम के एक शख़्स ने उसे व्हाट्सएप पर कॉल किया और कहा कि अगर वह अरोहश के माध्यम से बिटकॉइन में 2,000 रुपये का निवेश करता है तो उसे रोजाना 25 रुपये मिलेंगे. जिसके बाद शिकायतकर्ता शिक्षक ने 2,000 रुपये का निवेश किया और फिर उसने देखा की उसके अरोहश खाते में 25 रुपये डिपोज़िट हुए हैं.आरोपी ने फिर उससे कहा कि अगर वह 1 लाख रुपये का निवेश करता है तो उसे 2,000 रुपये मिलेंगे. शिकायतकर्ता ने ऐसा किया जिसके बाद उसे कुछ पैसे मिले, उसने इनके झाँसे में आकर कुल 2.47 लाख रुपये का निवेश किया था.
चव्हाण ने बताया की आरोपी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और शिकायतकर्ता सहित 200 से अधिक इंवेस्टर को उस ग्रुप में मेम्बर के रूप में जोड़ा था और रोज़ाना मैसेज भेजकर उन्हें उस ऐप के माध्यम से बिटकॉइन में निवेश के फ़ायदे के बारे में बताया करते थे. पर कुछ दिनों के बाद, आरोपी ने गूगल प्ले स्टोर पर आरोहश और एग्रो प्रो दोनों ऐप को हटा दिया और निवेशकों से कहा कि यह एक तकनीकी दिक़्क़तों के कारण हटाया गया है पर घबराने की ज़रूरत नही है ये ऐप जल्द ही वापस आ जाएंगे जिसका इस्तेमाल आप दुबारा से कर सकेंगे.
प्ले स्टोर से हटाया एप
इसके बाद जब अक्टूबर में शिक्षक को पैसे मिलने बंद हो गए तब उसे एहसास हुआ की वह ठगी का शिकार हो गया है. उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उसकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ IPC की धारा 419 , 420, 34 और IT की धारा 66 (के)(डी) के तहत मामला दर्ज किया.
पुलिस से बचने VPN का इस्तेमाल करता था आरोपी
चव्हाण ने आगे बताया की शिकायत मिलने के बाद, हमने उस बैंक अकाउंट की जांच की जिसमें पैसा ट्रांसफर किया गया था. हमने पाया कि 200 करोड़ से ज़्यादा रुपये इस अकाउंट में जमा किए गए थे जिसे बाद में जाबिर ने दूसरे कई सारे बैंक अकाउंट में ट्रांसफ़र कर दिए थे. आरोपी पुलिस से बचने के लिए लगातार VPN का इस्तेमाल करते थे ताकि उनकी लोकेशन के बारे में किसी को पता ना चले.
चव्हाण ने बताया की हमें शक है कि इन आरोपियों ने लाखों इंवेस्टर को ठगा गया है, क्योंकि पिछले चार महीनों में उनके एक बैंक खाते में 200 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांसेक्शन दिखाई दे रहा है. हम नागरिकों से अपील कर रहे हैं की अगर इस तरह से 2023 में बिटकॉइन में निवेश करने के 6 कारण ठगी उनके साथ भी हुई है तो वो आगे आएं और हमें बताएं.
तीसरी कक्षा पास है आरोपी
जांच के दौरान पता चला की आरोपी जबीर ने 18 जनवरी को दोनो एप्लिकेशन बंद कर दिए थे और वो सारे बैंक अकाउंट दिल्ली से चलाया करता था और उसने इस तरह ठगे गए पीड़ितों से मिले पैसों को सुरक्षित जगह ट्रांसफ़र करने के लिए एक नकली कंपनी और 2023 में बिटकॉइन में निवेश करने के 6 कारण उसका बैंक अकाउंट भी बनाया था . आपको बता दें की जाबिर ने तीसरी तक ही पढ़ाई की है उसके ख़िलाफ़ बेंगलुरु में दो मामले दर्ज हैं और एक मामला हैदराबाद में दर्ज है.
लिक्विड फंडों के बारे में यहां जानिए सब कुछ
लिक्विड फंड म्यूचुअल फंड की डेट कैटेगरी में आते हैं. ये स्कीमें बहुत छोटी अवधि के मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करती हैं. इनमें ट्रेजरी बिल, सरकारी प्रतिभूतियां और कॉल मनी शामिल हैं. लिक्विड फंड सेविंग बैंक अकाउंट के मुकाबले थोड़ा ज्यादा रिटर्न देते हैं. इनमें लिक्विडिटी की भी कोई समस्या नहीं है. यानी जब चाहें आप पैसा निकाल सकते हैं. यही कारण है कि निवेशकों के बीच इनकी लोकप्रियता बढ़ रही है. इन फंडों से पैसे निकालने के आवेदन करने के एक दिन के भीतर आपके खाते में पैसा आ जाता है.
फाइनेंशियल प्लानर सुझाव देते हैं कि निवेशकों को छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए लिक्विड फंडों में पैसा रखना चाहिए. यह छोटी अवधि एक दिन से लेकर छह महीने हो सकती है. इनका इस्तेमाल छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए किया जा सकता है. इनमें छुट्टी या किसी महंगे सामान की खरीद के लिए बचत शामिल है. कुल मिलाकर ये आपके वे लक्ष्य हो सकते हैं जिन्हें अगले 3 से 6 महीने में आप पूरा करना चाहते हैं. कई इक्विटी निवेशक भी लिक्विड फंडों का इस्तेमाल करते हैं. इनके जरिये वे इक्विटी म्यूचुअल फंडों में पैसा ट्रांसफर करते हैं. इसके लिए सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) का उपयोग किया जाता है. निवेशक मानते हैं कि इस तरीके से उन्हें ज्यादा रिटर्न पाने में मदद मिलती है. साथ ही वे अस्थिरता से भी निपट पाते हैं.
निवेशक जब चाहें अपने निवेश को भुना सकते हैं. यह पैसा उनके बैंक खाते में अगले ही दिन पहुंच जाता है. लिक्विड फंडों के मामले में फंड हाउस ने किसी तरह का एंट्री या एक्जिट लोड नहीं रखा है. वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, लिक्विड फंडों की कैटेगरी ने पिछले एक साल में 6.94 फीसदी रिटर्न दिए हैं. जबकि बैंकों के बचत खाते पर 3.5-6 फीसदी तक रिटर्न मिलता है.
फाइनेंशियल प्लानर मानते हैं कि लिक्विड फंडों में सबसे कम जोखिम होता है. यही नहीं, म्यूचुअल फंड की तमाम कैटेगरी में इनमें सबसे कम अस्थिरता होती है. इसकी एक खास वजह है. दरअसल, ये फंड अमूमन ज्यादा क्रेडिट रेटिंग (P1+) वाले इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं. इन फंडों की नेट एसेट वैल्यू बदलती रहती है. यह इस बात पर निर्भर करती है कि इंस्ट्रूमेंट से मिलने वाला ब्याज कितना है.
लिक्विड फंडों को तीन साल से ज्यादा समय तक रखने पर इंडेक्सेशन के साथ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगता है. तीन साल से पहले बेचने पर आपको उसी हिसाब से टैक्स देना पड़ेगा जिस टैक्स स्लैब में आप आते हैं. अगर आप डिविडेंड ऑप्शन चुनते हैं तो फंड 29.12 फीसदी के डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स के दायरे में आएगा.
क्रिप्टो में निवेश करने वाले रहे सावधान! बिटकॉइन, एथेरियम सब एक साथ क्रैश
Be careful investing in crypto! Bitcoin, Ethereum Crash All Together
नई दिल्ली: क्रिप्टोक्यूरेंसी सर्दियों ने सोमवार को क्रिप्टोकरेंसी को प्रभावित किया क्योंकि एक बिटकॉइन की कीमत तेजी से गिरकर लगभग $ 25,600 हो गई, जो 18 महीने का निचला स्तर है।
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी वैश्विक स्तर पर, विशेष रूप से अमेरिका में मुद्रास्फीति में तेज वृद्धि के कारण जोखिम-रहित भावना के डर से 7% आगे निकल गई।
बिटकॉइन (BTC) नवंबर 2021 में $ 68,000 से अधिक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था, और तब से 60 प्रतिशत से अधिक गिर गया है।
विश्लेषकों के मुताबिक, इस साल बिटकॉइन की कीमत इस साल 14,000 डॉलर तक पहुंच सकती है।
एक ट्विटर थ्रेड में, ऑन-चेन एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म क्रिप्टोक्वांट के एक योगदानकर्ता वेंचरफाउंडर ने 2022 को बिटकॉइन के “कैपिटुलेट” वर्ष के रूप में पूर्वानुमानित किया।
“अगले 670 दिनों में, बीटीसी अगले 6 महीनों में आत्मसमर्पण करेगा और चक्र के नीचे ($14-21k), फिर 2023 में लगभग 28-40k डॉलर काटेगा और अगले पड़ाव तक ~$40k0 पर फिर से होगा,” में से एक ट्वीट पढ़े।
$ 14,000 की संभावित निचली सीमा बिटकॉइन के लिए $ 68,000 के ऐतिहासिक उच्च स्तर से लगभग 80 प्रतिशत की गिरावट का प्रतिनिधित्व करेगी।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोक्यूरेंसी ईथर (ETH) में भी काफी गिरावट आई है।
सप्ताहांत में एथेरियम की कीमतों में तेजी आई, जिससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी डिजिटल संपत्ति 2018 के शिखर से नीचे वापस आ गई।
ऑन-चेन एनालिटिक्स प्रदाता ग्लासनोड ने बताया कि एथेरियम बाजार 1,781 डॉलर के ‘ईटीएच रियलाइज्ड प्राइस’ से नीचे गिर गया है।
सोमवार को, क्रिप्टोक्यूरेंसी $ 1,355 तक गिर गई, जिसके परिणामस्वरूप 40 प्रतिशत से अधिक का अवास्तविक नुकसान हुआ।
Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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