यूटीआई फ्लोटर फंड ने बीते 3 साल में करीब 21 फीसदी का रिटर्न दिया है। (Financial Express Archive)

Mutual Fund: मीनिंग, प्रकार और अर्थव्यवस्था के विकास में भूमिका

Mutual Fund; स्टॉक, बॉन्ड और अन्य अल्पकालिक निवेश साधनों में निवेश किया गया कई लोगों का सामूहिक निवेश पूल होता है. यह फंड आमतौर पर एक फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जो निवेशकों से उनके निवेश का ध्यान रखने के लिए फीस वसूलता है. आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं.

Meaning of Mutual Fund

विकासशील देशों में पूँजी का सृजन एक बड़ी समस्या रहती है.अगर कोई निवेशक कोई बड़ा निवेश करना या उद्योग लगाना चाहता है तो पूँजी की कमी एक प्रमुख समस्या होती है. इस समस्या को चिट फण्ड, म्यूच्यूअल फण्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट्स और बैंक जमा के माध्यम से पूरा किया जाता है.

म्युचुअल फंड का मतलब (Meaning of Mutual Fund)?
एक म्यूचुअल, फंड एक प्रकार का समूह निवेश होता है जिसमें कई लोगों (व्यक्ति,संस्था) द्वारा संयुक्त रूप से स्टॉक, बॉन्ड, अल्पकालिक निवेश या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है.

यह फंड आमतौर पर एक फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है, जो फंड के निवेश को निर्धारित करता है और लाभ और हानि खाते को मैनेज करता है. यह मैनेजर, निवेशकों से उनके निवेश का ध्यान रखने के लिए फीस वसूलता है. आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं.

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ध्यान रहे कि म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है. म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 500 रुपए से निवेश किया जा सकता है. भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. निवेशक, अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Fund):-

म्यूचुअल फंड को जोखिम, रिटर्न, आकार और निवेश के आधार पर कई श्रेणियों में बांटा गया है. हमने यहां सिर्फ चार श्रेणियां बताई हैं;

1. इक्विटी फंड (Equity funds)

2. फिक्स्ड-इनकम फंड (Fixed-Income Funds)

3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund)

4. समाधान उन्मुख म्युचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund )

आइये अब इनके बारे में एक एक करके जानते हैं

1. इक्विटी फंड (Equity Fund):-यह स्कीम सीधे शेयरों में पैसा लगाती हैं. ये स्कीम शॉर्ट टर्म में रिस्की हो सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में यह आपको बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद करती है. कंपनियों के आकार के आधार पर उन्हें स्माल कैप, मिड कैप और लार्ज-कैप में विभाजित किया जाता है. इस प्रकार के म्यूचुअल फंड उन लोगों द्वारा पसंद किए जाते हैं जो ज्यादा जोखिम लेना पसंद करते हैं.

2. फिक्स्ड-इनकम फंड्स (Fixed-Income Funds):- इस प्रकार के म्यूचुअल फंड्स, मालिकों को निश्चित रिटर्न देते हैं. कुछ फ़िक्स्ड रिटर्न फंड्स हैं; कॉर्पोरेट बॉन्ड्स, सरकारी बॉन्ड्स या अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स (debt instruments).म्यूच्यूअल फण्ड मैनेजर, मूल रूप से अपने निवेशकों को ब्याज आय देता है. इस प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश उन निवेशकों द्वारा किया जाता है जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.

3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund):- हाइब्रिड म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) एक से अधिक प्रकार की निवेश सुरक्षा, जैसे स्टॉक और बॉन्ड में निवेश करते हैं. ये म्यूचुअल फंड; स्कीम इक्विटी और डेट (debt) दोनों में निवेश करते हैं. इन योजनाओं को चुनते समय, निवेशकों को अपने जोखिम लेने की क्षमता का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

4. सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund):- सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम एक विशिष्ट लक्ष्य या समाधान के अनुसार बनाई जाती हैं. इनमें सेवानिवृत्ति योजनाएं या बच्चों की शिक्षा और लड़की की शादी जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. आपको इन योजनाओं में कम से कम पांच वर्षों के लिए निवेश करना आवश्यक है.

म्युचुअल फंड की सुविधाएँ और लाभ (Features & Benefits of Mutual Funds)

1. जोखिम का विविधीकरण:- इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज में फंड का विविधीकरण

2. तरलता:- निवेशक अपनी आवश्यकता के अनुसार आंशिक या पूर्ण निकासी कर सकता है

3. ट्रान्सपैरेंसी:- इनवेस्टर्स को पता होता है कि पैसा कहां लगाया जा रहा है

4. कम लागत:- म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय कोई एंट्री शुल्क नहीं

5. व्यावसायिक प्रबंधन: - उद्योग विशेषज्ञ म्युचुअल फंड की निधियों का प्रबंधन करते हैं जिससे पैसा ज्यादा अच्छी जगह निवेश होता है.

6. प्रभावी दक्षता:- निवेशकों को इक्विटी और डेट फंड में कर छूट का लाभ मिलता है

7. लोचशीलता:- एक फंड से दूसरे फंड में निवेश फंड स्विच करने की स्वतंत्रता

आर्थिक विकास में म्युचुअल फंड की भूमिका (Role of Mutual Funds in the Economic Development)
जैसा कि म्यूचुअल फंड की परिभाषा कहती है कि विभिन्न निवेशकों और संस्थानों द्वारा सामूहिक निवेश का एक पूल अर्थात ऐसी जगह जहाँ पर कई लोगों का पैसा एक जगह इकठ्ठा होता है.

1. यह अर्थव्यवस्था में निवेश के उद्देश्य के लिए धन की व्यवस्था करने में मदद करता है.

2. यह निवेश के माध्यम से जनता की छोटी बचत को जुटाता है जिससे लोगों में बचत और निवेश करने की भावना का विकास होता है

3. हम जानते हैं कि भारत जैसे विकासशील देशों में पूंजी संचय का अभाव है.लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड की मदद से देश में पूंजी संचय होता है और बड़े उद्योगों को पर्याप्त मात्रा में पैसा मिलता है. इसलिए म्यूचुअल फंड पूंजी संचय में मदद करते हैं जो भारत जैसे विकासशील देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है.

4. यह घर में पैसे की बेकार होर्डिंग को हतोत्साहित करता है.पुराने समय में लोग पैसों को जमीन में गाड़कर रखते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होता है.

5. यह देश में निवेश का वातावरण बनाने में मदद करता है.

6. यह रोजगार सृजन में सहायक है

इसलिए निष्कर्ष में, यह कहना बुद्धिमानी है कि म्यूचुअल फंड देश में कई बड़ी निवेश परियोजनाओं को शुरू करने के लिए धन इकठ्ठा करने में मदद करता है.

Mutual Fund : हर महीने सिर्फ 1500 रुपए जमा कर बना सकते हैं 53 लाख का फंड, जानिए क्या है निवेश की प्रक्रिया

रुपयों को तेजी से डबल करने के लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प है. इसमें दूसरे स्कीमों के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है.

Mutual Fund : हर महीने सिर्फ 1500 रुपए जमा कर बना सकते हैं 53 लाख का फंड, जानिए क्या है निवेश की प्रक्रिया

इंवेस्टमेंट के लिए वैसे तो कई तरह की स्कीम्स उपलबध हैं, लेकिन तेजी से पैसा बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक पॉपुलर तरीका है. इसमें दूसरी योजनाओं के मुकाबले रिटर्न ज्यादा मिलता है. अगर एसआईपी के जरिए निवेश किया जाए तो जोखिम भी कम रहता है. इसमें आप छोटे अमाउंट से एक तय वक्त तक अच्छा अमाउंट जोड़ सकते हैं. इस फंड से आप आराम से अपने बच्चों की शादी व उनकी पढ़ाई का खर्चा उठा सकते हैं.

कैसे बना सकते हैं मोटा फंड

अगर आप 50 लाख से ज्यादा का फंड तैयार करना चाहते हैं तो हर महीने सिर्फ 1500 रुपए जमा करने होंगे. यानी आपको रोजाना 50 रुपए की बचत करनी होगी. फ्रेंकलिन टेम्पलटन ऑफ इंडिया वेबसाइट पर दिए गए कैलकुलेटर के हिसाब से अगर इस पर 12 फीसदी तक रिटर्न मिलता है तो 30 साल बाद आपको करीब 53 लाख रुपए मिलेंगे. वहीं अगर आप म्यूचुअल फंड स्कीम में हर महीने सिर्फ 1000 रुपए का निवेश करते हैं तो 20 साल बाद आपके पास 20 लाख रुपए का फंड तैयार हो जाएगा.

कितने तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड्स

आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स चार तरह के होते हैं. जिनमें इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड और सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड शामिल हैं. हर एक के फायदे और नुकसान है. निवेशक अपनी पसंद एवं कंपनी के बैकग्राउंड के हिसाब से इसमें निवेश करते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार जो बेहतर रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड्स हैं उनमें लंबी अवधि के लिए मौजूदा स्तर में निवेश करना बेहतर रहता है.

कैसे करें निवेश

अगर आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपक उस कंपनी की वेबसाइट से सीधे जानकारी हासिल कर इंवेस्ट कर सकते हैं.आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं. खुद से सीधे निवेश करने पर म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं. वहीं एडवाइजर की मदद से निवेश करने पर आप रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं. डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है.

म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने से पहले ये 5 बातें जरूर जान लें

म्यूचुअल फंड के जरिए सिर्फ इक्विटी या शेयर बाजार में ही नहीं, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगा सकते हैं

म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने से पहले ये 5 बातें जरूर जान लें

आप किसी भी फाइनेंशियल एडवाइजर से निवेश पर सलाह लें, तो वो आपको इक्विटी में पैसे लगाने के लिए म्यूचुअल फंड चुनने की सलाह देगा.

वैसे म्यूचुअल फंड के जरिए सिर्फ इक्विटी या शेयर बाजार में ही नहीं, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं. लेकिन अगर आपको शेयर बाजार की ज्यादा समझ नहीं है या आप इसमें लगाए गए अपने पैसे की निगरानी के लिए वक्त नहीं निकाल सकते, तो म्यूचुअल फंड निश्चित तौर पर आपके लिए बेहतर माध्यम है.

तो जब आपने म्यूचुअल फंड में निवेश करने का मन बना लिया, तो अगला सवाल सामने आता है कि म्यूचुअल फंड चुनें कैसे? यही सवाल सबसे अहम है, क्योंकि निवेश के लिए सही म्यूचुअल फंड चुनना अपने लिए सही लाइफ पार्टनर चुनने से कम नहीं है, क्योंकि बाजार में दर्जनों कंपनियों की हजारों म्यूचुअल फंड स्कीमें मौजूद हैं.

1.म्यूचुअल फंड चुनाव का पहला कदम

सबसे पहले तो आपको ये तय करना है कि आपके निवेश का मकसद क्या है, आप कितना निवेश कर सकते हैं और कितने समय के लिए इसमें बने रह सकते हैं. अगर आपको साल-दो साल के लिए निवेश करना है, तो उसके लिए अलग म्यूचुअल फंड होंगे. अगर आपको 5, 7, 10 साल या इससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करना है, तो उसके लिए दूसरे म्यूचुअल फंड होंगे.

मिसाल के लिए, अगर आप छोटी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आप डेट फंड या लिक्विड फंड चुन सकते हैं. वहीं अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो फिर आपके लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड सही रहेंगे.

Mutual Fund: कौन सा म्यूचुअल फंड देगा लॉन्ग टर्म में ज्यादा फायदा, क्या आपको पता है

नेहा दुबे

Reported By: |नेहा दुबे | Updated: Sep 15, 2022, 12:47 PM IST

Mutual Fund: कौन सा म्यूचुअल फंड देगा लॉन्ग टर्म में ज्यादा फायदा, क्या आपको पता है

डीएनए हिंदी: अगर आप निवेशक हैं तो कहां निवेश (Investment) करना है इस पर स्टडी करना बहुत जरूरी है. निवेश के क्षेत्र में म्यूचुअल फंड बेहतर ऑप्शन है. निवेशक कम उम्र से म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर सकता है. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) सभी प्रकार के वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छे निवेश साधनों में से एक है. हालांकि म्यूचुअल फंड मार्केट लिंक्ड है इसलिए यह थोड़ा असुरक्षित भी माना जाता है, लेकिन अगर आप म्यूचुअल फंड में तरीके से और लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करते हैं तो यह बेहतर मुनाफा भी देता है.

म्यूचुअल फंड में निवेशक शोर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म में निवेश कर सकते हैं. इन लक्ष्यों के लिए एमएफ के पास अलग-अलग कैटेगरी के फंड होते हैं. आपके लिए भी हम सुझाव देंगे कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को परिभाषित करें और फिर उसी के मुताबिक निवेश करें. आप इस स्तर पर और अधिक पैसा बनाने को अपना लक्ष्य मान सकते हैं और बाद के चरण में विभिन्न लक्ष्यों के लिए संचित कोष का उपयोग करने की योजना बना सकते हैं.

पोर्टफोलियो बनाते वक्त एग्रेसिव एप्रोच जरूरी

जैसे ही आप नौकरी करना शुरू करते हैं आप अपने पोर्टफोलियो के निर्माण में थोड़ा एग्रेसिव एप्रोच अपना सकते हैं. आप मुख्य रूप से लार्ज, लार्ज (Large-Cap) और मिड कैप (Mid-Cap) और फ्लेक्सी कैप फंडों (Flexi Cap Fund) में अपने निवेश में विविधता ला सकते हैं. आप मिड कैप फंड (Mid-Cap Fund) में निवेश करने पर भी विचार कर सकते हैं. हालांकि शुरुआत में आवंटन को 10% तक सीमित रखा जा सकता है. फंड और फंड हाउस में निवेश म्यूच्यूअल फंड क्या है? को अच्छी तरह से विविधतापूर्ण रखने के लिए, आप निवेश के समय (Time of Investment) एक फंड में 15-20% तक के आवंटन पर विचार कर सकते हैं.

इन म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं

यहां हम कुछ बेहतर फंड्स के बारे में बता रहे हैं जिनमें आप लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश करने पर विचार कर सकते हैं - कोई भी निफ्टी इंडेक्स फंड (Nifty Index Fund) (18%), केनरा रोबेको ब्लूचिप फंड (Canara Robeco Bluechip Fund) (18%), पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड (Parag Parikh Flexi Cap Fund) (18%), मिरे इमर्जिंग ब्लूचिप फंड (Mirae Emerging Bluechip Fund) (18%), IIFL फोकस्ड इक्विटी फंड (IIFL Focused Equity Fund) (18%) और कोटक इमर्जिंग इक्विटी फंड )Kotak Emerging Equity Fund) (10%).

कई निवेशक हर साल अपने एसआईपी ( SIP) को आगे बढ़ाने की रणनीति का पालन करते हैं जो उन्हें अनुशासित रहने और अपने करियर म्यूच्यूअल फंड क्या है? में आगे बढ़ने के साथ-साथ एक अच्छा फंड बनाने में भी मदद करता है. आप भी इस रणनीति का पालन कर सकते हैं क्योंकि यह लंबे समय में बहुत मददगार है.


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इस म्‍यूचुअल फंड ने तीन साल में दिया है करीब 21 फीसदी का रिटर्न, जान‍िए क्‍या हैं खूबियां और कमियां

यूटीआई म्‍यूचुअल फंड का फ्लोटर रेगुलर प्‍लान करीब तीन साल पहले लांच हुआ था। इस दौरान इस प्‍लान ने निवेशकों अभी तक करीब 21 फीसदी का रि‍टर्न दिया है। यह फंड डेट, गवर्नमेंट सिक्‍योरिटीज और लो रिस्‍क सिक्‍योरिटीज में निवेश करता है।

इस म्‍यूचुअल फंड ने तीन साल में दिया है करीब 21 फीसदी का रिटर्न, जान‍िए क्‍या हैं खूबियां और कमियां

यूटीआई फ्लोटर फंड ने बीते 3 साल में करीब 21 फीसदी का रिटर्न दिया है। (Financial Express Archive)

कुछ म्‍यूचुअल फंड ऐसे भी होते हैं जो इक्‍विटी को छोड़ डेट बांड, गवर्नमेंट सिक्‍योरिटीज और लो रिस्‍ट सिक्‍योरिटीज में निवेश करते हैं। ताकि निवेशकों का रुपया बाजार जोखि‍म से दूर रहे और रिटर्न भी अच्‍छा मिले। ऐसा ही एक म्‍यूचुअल फंड यूटीआई फ्लोटर फंड ग्रोथ। जिसे लांच हुए करीब तीन साल ही हुए हैं। इस दौरान इस फंड ने निवेशकों को करीब 21 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि सालाना रिटर्न 6.80 फीसदी का है। क्‍योंकि इस फंड का रुपया इक्‍व‍िटी में नहीं है जो पिछले कुछ सालों से ज्‍यादा रिटर्न दे रहे हैं।

खास बात तो ये है कि इस फंड में बीजेपी से यूपी के सुल्‍तान पुर लोकसभा सीट से सांसद मेनका गांधी ने भी निवेश किया है। इस म्‍यूचुअल फंड में उनकी निवेश राश‍ि 2.50 करोड़ रुपए से ज्‍यादा है। यह जानकारी खुद मेनका गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के म्यूच्यूअल फंड क्या है? दौरान अपने हलफनामे में दी थी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखि‍र इस म्‍यूचुअल फंड की क्‍या खासियत है। किन लोगों ने इस म्‍यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। साथ ही अगर एसआईपी करते हैं तो आपको कितना रिटर्न मिल सकता है।

इस फंड की खास‍ियत

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  • यूटीआई फ्लोटर फंड ग्रोथ कुल साइज 3242.16 करोड़ रुपए देखने को मिला है।
  • 2 सितंबर 2021 के हिसाब से इस फंड की नेट एसेट वैल्‍यू 1205.8652 रुपए है।
  • फंड का एक्‍सपेंस रेश्‍यो 1.28 फीसदी है, जोकि औसत से करीब दोगुना है।

कहां किया है निवेश और क‍िनको हो सकता है फायदा
पहले बात इस बात की करते हैं कि इस फंड ने 246.69 फीसदी इंवेस्‍टमेंट डेट फंड में किया हुआ है। जिसमें 142 फीसदी इंवेस्‍टमेंट सरकारी सिक्‍योरिटीज में और 104.64 फीसदी का इंवेस्‍टमेंट बेहद कम रिस्‍क की सिक्‍योरिटीज में किया हुआ है। वो निवेशक जो लंबी अवधि के लिए पैसा निवेश करना चाहते हैं, लेकिन इक्विटी फंड की जगह में कम जोखिम वाले असेट्स संपत्ति पसंद करते हैं। वो इसमें निवेश कर सकते हैं।

लांच से अब तक कितना मिला रिटर्न
पहले एक मुश्‍‍त निवेश की बात करें तो 30 अक्‍टूबर 2018 से अब तक यह फंड 20.59 फीसदी का रिटर्न दे चुकी है। उदाहरण के तौर पर समझने का प्रयास करें तो इस फंड में किसी ने 10 हजार रुपए का एक मुश्‍त निवेश किया होता तो उसकी वैल्‍यू मौजूदा समय में 1258.70 रुपए हो चुकी होती। वहीं सालाना रिटर्न की बात करें तो 6.80 फीसदी देखने को मिल रहा है।

एसआईपी पर कितना रिटर्न
वहीं दूसरी ओर एसआईपी इंवेस्‍टमेंट के हिसाब से बात करें तो किसी ने 30 अगस्‍त 2019 से अब तक 1000 रुपए का मासिक निवेश किया होगा तो उसका इंवेस्‍टमेंट 24 हजार हो गया होगा। जबकि इन दो सालों में 5.59 फीसदी के रिटर्न के हिसाब से कुल वैल्‍यू 25340.77 रुपए हो गई होगी। जिस पर सालाना रिटर्न 5.31 फीसदी देखने को मिल रहा है।

क्‍या है इस फंड की खामी
इस फंड की सबसे बड़ी खामी यही है कि आपको शॉर्ट टर्म में ज्‍यादा रिटर्न नहीं मिलता है। जैसा कि इक्‍व‍िटी बेस्‍ड म्‍यूचुअल फंड में देखने को मिलता है। जैसा कि हमने ऊपर देखा क‍ि बीते तीन साल में इस फंड ने सिर्फ 21 फीसदी का ही रिटर्न दिया है। अगर यह इक्‍विटी बेस्‍ड फंड होता तो रिटर्न इसके मुकाबले तीन से चार गुना ज्‍यादा होगा। वहीं आपको अच्‍छे फंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। जिसमें 10 से 15 साल का वक्‍त लग सकता है।

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