The Global Gender Gap Report 2022 is live. Contained inside, the world's most gender-equal countries, where the gap still needs closing, and the actions being taken to do so. Read it here: https://t.co/WI3JsAj6fM#gendergap22 pic.twitter.com/hkddaGUsOx— World Economic Forum (@wef) July 13, 2022
वित्तीय समावेशन का आधा लक्ष्य पूरा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज सालाना सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-इंडेक्स) पेश किया, जिसमें देश में वित्तीय समावेशन की स्थिति को शामिल किया गया है। यह सूचकांक एकल संख्या का 0 से 100 की सीमा के बीच है, जिसमें शून्य का अर्थ पूरी तरह वित्तीय समावेशन से बाहर और 100 पूरी तरह वित्तीय समावेशन को दिखाएगा। रिजर्व बैंक के आकलन के मुताबिक एफआई-इंडेक्स मार्च, 2021 की समाप्ति पर 53.9 पर था, जबकि मार्च, 2017 के अंत में यह 43.4 पर था। रिजर्व बैंक यह सूचकांक हर साल जुलाई में प्रकाशित करेगा।
रिजर्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा है कि यह सूचकांक सरकार और संबंधित क्षेत्र के विनियामकों के परामर्श से तैयार किया गया है, जिसमें बैंकिंग, निवेश, बीमा, डाक के साथ पेंशन क्षेत्र का ब्योरा शामिल किया गया है। एफआई-सूचकांक में भार के साथ 3 व्यापक पैरामीटर- पहुंच (35 प्रतिशत) उपयोग (45 प्रतिशत) और गुणवत्ता (20 प्रतिशत) शामिल हैं। इसमें प्रत्येक पैरामीटर के विभिन्न आयाम शामिल हैं, जिनकी गणना कुछ संकेतकों के आधार पर की जाती है।
केंद्रीय बैंक ने अपने बयान में कहा है, 'यह सूचकांक सेवाओं की पहुंच, उपलब्धता एवं उपयोग तथा सेवाओं की गुणवत्ता में आसानी के लिए अनुक्रियाशील है। इसमें सभी 97 संकेतक शामिल हैं।' रिजर्व बैंक ने कहा कि इस सूचकांक की एक अनूठी विशेषता गुणवत्ता पैरामीटर है, जो वित्तीय समावेशन के गुणवत्ता संबंधी पहलू जैसे वित्तीय साक्षरता, उपभोक्ता संरक्षण और सेवाओं में असमानता और कमियों द्वारा परिलक्षित है और इससे संबंधित जानकारी एकत्र करता है।
इस सूचकांक का निर्माण बिना किसी आधार वर्ष के किया गया है। यह वित्तीय समावेशन की दिशा में वर्षों से सभी हितधारकों के संचयी प्रयासों को दिखाता है। रिजर्व बैंक ने 7 अप्रैल को द्विमासिक मौद्रिक नीति के बयान में इस तरह का एक सूचकांक पेश करने की घोषणा की थी।
एमएसीडी के साथ संकेतक की समानता
देश मे कई समस्याएं है लेकिन इन सबके बीच एक बनावटी समस्या बनाकर सारी चर्चा उस ओर मोड़ दी जाती है। नया विवाद आमिर खान और कियारा आडवाणी के विज्ञापन को लेकर किया जा रहा है। हाल ही में दोनों ने एक बैंक का विज्ञापन किया है। इस विज्ञापन के बाद से ही दक्षणीपंथी नेता इसका विरोध कर रहे हैं।
इसमें मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कूद पड़े और बुधवार को कहा कि बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले विज्ञापनों और कृत्यों से दूर रहना चाहिए। मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि खान को भारतीय परंपराओं और रीति-रिवाजों को ध्यान में रखते हुए विज्ञापन करने चाहिए।
जबकि विपक्षी वाम दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि आमिर खान और कियारा आडवाणी के विज्ञापन को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री की प्रतिक्रिया संस्कृति और परंपराओं पर हमला और भावनाओं को आहत करने की बात तो सिर्फ बहाना है, वे इस बहाने महिलाओं की समानता को किसी भी मायनों में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। जिसकी सभी जनवादी और महिला समानता की पक्षधर ताकतों द्वारा निंदा की जानी चाहिए।
विज्ञापन में क्या है
विज्ञापन में अभिनेता आमिर खान और कियारा आडवाणी को नवविवाहित जोड़े के रूप में अपनी शादी से लौटते हुए दिखाया गया है और चर्चा की जा रही है कि वे दोनों विदाई के दौरान नहीं रोए थे।
विज्ञापन में आगे दिखाया गया है कि जोड़ा दुल्हन के घर पहुंचता है और दूल्हा दुल्हन के घर में पहला कदम रखता है, जो परंपारिक प्रथा के विपरीत है, जबकि पारंपरिक प्रथा के अनुसार दुल्हन, दूल्हे के घर जाती है और उसके घर में पहला कदम रखती है।
इस बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा, ‘शिकायत मेरे पास भी आई है। शिकायत मिलने के बाद एक निजी बैंक के लिए अभिनेता आमिर खान का विज्ञापन मैंने भी देखा है। मेरा आमिर जी से अनुरोध है कि भारतीय परंपराओं और रीति-रिवाजों को ध्यान में रखकर आगे इस तरह का विज्ञापन करें।’’
माकपा ने कहा गृहमंत्री संघ परिवार की मनुवादी सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं
माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी कर कहा है कि देश के केवल उत्तर पूर्वी इलाके में ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत में घर जमाई की परंपरा आम है। गृहमंत्री के गृह नगर में भी कई घर जमाई रह रहे होंगे। लेकिन इसके बाद भी वे इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
माकपा ने कहा है कि सही मायनों में गृहमंत्री संघ परिवार की मनुवादी सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह वह सोच है जो महिलाओं की समानता को स्वीकार नहीं करती है। इस विज्ञापन में भी शादी के बाद दुल्हन दूल्हे के घर आने की बजाय दूल्हा दुल्हन के घर जाता है ताकि वे दुल्हन के बीमार माता पिता की देखभाल कर सकें।
जसविंदर सिंह ने कहा है कि विज्ञापन आमतौर पर बाजारवाद को बढ़ावा देने और उपभोक्तावादी संस्कृति का विस्तार करने के लिए तैयार किए जाते हैं। मगर भाजपा और संघ परिवार को उपभोक्तावादी संस्कृति और बाजारवाद के विस्तार से चिंतित नहीं है। वे भावनात्मक मुद्दों की आड़ में बाजारवाद और निजीकरण की साजिशों पर पर्दा डालने की कोशिश करती है।
माकपा ने अपने बयान मे कहा माकपा एक ओर मनुवादी सोच के तहत महिला समानता की लड़ाई को पीछे धकेलने और दूसरी ओर कारपोरेट घरानों की लूट को संरक्षण देने की भाजपा और आरएसएस की कोशिशों को बेनकाब करने के लिए सभी जनवादी और महिला समानता की पक्षधर ताकतों को एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील करती है।
मानव विकास सूचकांक में 130वें स्थान पर भारत, महिलाएं अभी भी पीछे
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में एक स्थान ऊपर चढ़कर 130वें स्थान पर पहुंच गया है। दक्षिण एशिया में भारत का मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) का मूल्य क्षेत्र के औसत 0.638 से अधिक है। इस सूची में बांग्लादेश और पाकिस्तान क्रमश: 136 और 150वें स्थान पर है। 2016 में भारत का स्थान 131 था।
एचडीआई में मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों में दीर्घकालिक प्रगति का आकलन किया जाता है। ये हैं तीन आयाम..
- लंबा और स्वस्थ जीवन
- ज्ञान का प्रसार
- रहन-सहन का अच्छा स्तर है
200 साल बाद मिलेगी महिलाओं के समानता
इस सूची में नार्वे, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और जर्मनी ऊपर है। रिपोर्ट के अनुसार भारत की सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1990 से 2017 के बीच 266.6 प्रतिशत बढ़ गई। भारत के एचडीआई मूल्य का 26.8 प्रतिशत असमानताओं की वजह से कम हो जाता है। भारत में नीति और विधायी स्तर पर काफी प्रगति होने के बाद भी महिलाएं राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक रूप से पुरुषों की तुलना में कम सशक्त हैं। साथ ही ये भी कहा गया कि भारत में महिलाओं को कार्यबल में समानता हासिल करने के लिए अभी 200 साल से ज्यादा इंतजार करना होगा।
असमानताओं की वजह से कम हुआ एचडीआई
यूएनडीपी रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष के एचडीआई मूल्य 0.636 की तुलना में अब 0.64 मापा गया। भारत को मध्यम मानव विकास एमएसीडी के साथ संकेतक की समानता के रूप में वर्गीकृत किया गया है और 2017 एचडीआई की तुलना में इसकी रैंक एक स्थान कम हो गई।2018 के निष्कर्षों के मुताबिक, 1990 से 2017 के बीच, भारत का एचडीआई मूल्य 0.427 से बढ़कर 0.640 हो गया, जो लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि है, जिससे पता चलता है कि लाखों लोगों को गरीब की श्रेणाी से हटा दिए गए। असमानता के लिए समायोजित होने पर एचडीआई मूल्य एक चौथाई से अधिक की गिरावट आई है। भारत की असमानता-समायोजित एचडीआई (आईएचडीआई) का मूल्य 0.468 हो गया है, जो 26.8 प्रतिशत की गिरावट है, जो असमानता के कारण वैश्विक एचडीआई मूल्य में बदतर स्थिति है।
इस आधार पर तुलना
एचडीआई में मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों में दीर्घकालिक प्रगति का आकलन किया जाता है। ये आयाम प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) द्वारा मापा गया जीवन स्तर, जन्म में जीवन प्रत्याशा द्वारा मापा जाने वाला स्वास्थ्य और वयस्क आबादी और बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्षों के बीच शिक्षा के औसत वर्षों द्वारा इसके स्तर की गणना की जाती है।
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World Economic Forum: पाकिस्तान इस मामले में है विश्व का दूसरा सबसे खराब देश, विश्व आर्थिक मंच ने जारी की लिस्ट
डान की रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में आर्थिक भागीदारी और अवसर उप-सूचकांक पर सबसे बड़ा लिंग अंतर है जो कि इसका केवल 35.7 प्रतिशत ही बंद हुआ है। जबकि पिछले साल की तुलना में समग्र स्कोर में सुधार हुआ है।
जिनेवा, एजेंसियां। आर्थिक रूप से बेहाल पाकिस्तान की स्थिति इन दिनों सही नहीं है। इस बीच, विश्व आर्थिक मंच ने अपनी ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में पाकिस्तान को लैंगिक समानता के मामले में दूसरे सबसे खराब देश के रूप में स्थान दिया है। 164 देशों में से पाकिस्तान को 145 नंबर पर रखा गया है। रिपोर्ट में 146 देशों को स्थान दिया गया है। इनमें से शीर्ष पांच आइसलैंड, फिनलैंड, नार्वे, न्यूजीलैंड और स्वीडन हैं। जबकि पांच सबसे खराब देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कांगो (Democratic Republic of Congo), ईरान और चाड (Chad) हैं। यह जानकारी समाचार एजेंसी आइएएनएस ने दी है।
पाकिस्तान को लैंगिक समानता के मामले में दूसरे सबसे खराब देश के रूप में भी स्थान दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार एमएसीडी के साथ संकेतक की समानता बांग्लादेश जो विश्व स्तर पर 71 वें स्थान पर है, इस क्षेत्र में शीर्ष देश है। इसके बाद नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, एमएसीडी के साथ संकेतक की समानता भूटान, ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान हैं।
डान की रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में आर्थिक भागीदारी और अवसर उप-सूचकांक पर सबसे बड़ा लिंग अंतर है, जो कि इसका केवल 35.7 प्रतिशत ही बंद हुआ है। जबकि पिछले साल एमएसीडी के साथ संकेतक की समानता की तुलना में समग्र स्कोर में सुधार हुआ है।
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ईरान और पाकिस्तान में आई गिरावट
अत्यधिक आबादी वाले देश इस सबइंडेक्स के भीतर अधिकांश भाग ड्राइविंग भिन्नता के लिए हैं। उदाहरण के लिए पेशेवर और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि नेपाल, बांग्लादेश और भारत में सबसे उल्लेखनीय थी। दूसरी ओर समग्र क्षेत्रीय प्रदर्शन पर कम प्रभाव के साथ ईरान, पाकिस्तान और मालदीव के प्रतिशतों में गिरावट आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में स्वास्थ्य और उत्तरजीविता उप-सूचकांक के लिए सबसे कम क्षेत्रीय लिंग समानता स्कोर 94.2 प्रतिशत है।
पिछले 50 सालों से राजनीतिक नेतृत्व में महिलाओं की हिस्सेदारी हुई कम
इस सबइंडेक्स में केवल श्रीलंका ने अपने लिंग अंतर को बंद कर दिया है, जबकि अफगानिस्तान और पाकिस्तान समेत कई देश विश्व स्तर पर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में से हैं। दक्षिण एशिया में राजनीतिक सशक्तिकरण उप-सूचकांक पर चौथा उच्चतम क्षेत्रीय प्रदर्शन है, जिसने 26.3 प्रतिशत लैंगिक समानता हासिल की है। डान की रिपोर्ट के अनुसार, यह उन देशों में लिंग अंतर स्कोर में कमी से उपजा है जहां पिछले 50 सालों से राजनीतिक नेतृत्व में महिलाओं की हिस्सेदारी कम हो गई है।
Thread: इंस्टाफॉरेक्स कंपनी की तरफ से विश्लेषण
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25 अप्रैल, 2022 एमएसीडी के साथ संकेतक की समानता को eur/usd के लिए पूर्वानुमान
पिछले शुक्रवार को, एकल यूरोपीय मुद्रा की दैनिक मोमबत्ती काले रंग में बंद हुई, आज सुबह शुरुआत एक छोटे से बढ़ते अंतराल के साथ हुआ, जो पहले से ही बंद है। नीचे की ओर रुझान जारी है, कीमत 1.0636/70 को लक्ष्य के रूप में रखती है, जहां इसकी आगे की मध्यम अवधि की दिशा तय की जाएगी। हम मध्यम अवधि में गिरावट के विचार पर कायम हैं। मार्लिन ऑसिलेटर शून्य रेखा से रिवर्सल के बाद डाउनवर्ड ट्रेंड ज़ोन में गिर रहा है।
चार घंटे के चार्ट पर, बाजार के शुरुआत से मूल्य संतुलन संकेतक रेखा से थोड़ा ऊपर निकला, लेकिन फिलहाल यह पहले से ही इसके नीचे समेकित है। मार्लिन नकारात्मक क्षेत्र में है। लक्ष्य स्तर पर हमला करने का संकेत तब होता है जब कीमत शुक्रवार के निचले स्तर 1.0771 को पार कर जाती है।
*यहां पर लिखा गया बाजार विश्लेषण आपकी जागरूकता बढ़ाने के लिए किया है, लेकिन व्यापार करने के लिए निर्देश देने के लिए नहीं |
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