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USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया
USD INR (अमरीकी डॉलर बनाम भारतीय रुपया) के बारे में जानकारी यहां उपलब्ध है। आपको ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, कनवर्टर, तकनीकी विश्लेषण, समाचार आदि सहित इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक पर जाकर अधिक जानकारी मिल जाएगी।
मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - मैक्रो यूएस डेटा सहित कई कारकों के बीच घरेलू बाजार शुक्रवार को बाजार-व्यापी नुकसान से जूझ रहा है, जिसने वैश्विक स्तर पर कोविड की आशंकाओं के.
मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- भारतीय इक्विटी बेंचमार्क सूचकांकों ने बुधवार को अपने शुरुआती लाभ को उलट दिया, निफ्टी50 में 0.15% की गिरावट और सेंसेक्स में 0.2% या 116.2.
मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - घरेलू बाजार में इक्विटी बेंचमार्क सूचकांक सोमवार को दो दिन की गिरावट के क्रम को तोड़ते हुए सत्र सपाट खुलने के बाद उच्च स्तर पर बंद.
USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया विश्लेषण
# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 82.56-82.96 है।# रुपया सीमा में बना रहा क्योंकि भारत का केंद्रीय बैंक समय से पहले दर को सख्त करने के चक्र को रोक नहीं सकता# एमपीसी को 2% -6% के.
# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 82.63-82.95 है।# पतले ट्रेडिंग वॉल्यूम के बीच रुपया स्थिर रहा, जबकि फॉरवर्ड प्रीमियम एक महीने में उच्चतम स्तर के करीब रहा।# फिच ने भारत की बीबीबी-.
# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 82.54-83.04 है।# बैंक ऑफ जापान (बीओजे) द्वारा अप्रत्याशित तेजतर्रार नीति परिवर्तन के बाद कमजोर जोखिम भावना पर रुपये में गिरावट आई।# लचीलापन कम.
तकनीकी सारांश
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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गिरते रुपये को बचाने में कैसे हो सकता है विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल, जानिए इसका कारण
विदेशी मुद्रा भंडार एक केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्राओं में आरक्षित संपत्ति (assets) है, जिसमें बाॉन्ड, ट्रेजरी बिल और अन्य सरकारी सिक्योरिटीज शामिल हो सकती हैं. विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभाता है. जब किसी भी देश की राष्ट्रीय मुद्रा तेजी से नीचे आती है तब फॉरेक्स रिजर्व उसे स्थिरता प्रदान करने में मदद करता है.
यदि किसी देश के पास फॉरेक्स रिजर्व कम होता है या नहीं होता है तो वह मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? दिवालिया हो जाता है. भारत के पास भी अच्छा विदेशी मुद्रा भंडार है. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign Currency Assets), गोल्ड रिजर्व, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ रिजर्व स्थिति शामिल है.
आइये एक नजर डालते हैं कि कैसे रुपये को संभालने में विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन उससे पहले जानते है इसके महत्व के बारे में -
हिन्दी वार्ता
बड़ा प्रचलित व्यंग है “भारतीय रुपया सिर्फ एक ही समय उपर जाता है और वो है टॉस का समय”
आज कल रुपये के गिरते भाव के कारण काफ़ी हो हल्ला मचा हुआ मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? है! भारतीया मुद्रा यानी रुपया का मूल्य डॉलर के मुक़ाबले काफ़ी कम हो चुका मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? है! पर क्या आप जानते हैं कि क्या है वो वजह जिसकी वजह से रुपया का मूल्य प्रभावित होता है और कैसे आप देशहित में रुपये को मजबूत करने में अपना योगदान दे सकते हैं! चलिए हम आपको बताते हैं ये सारा गणित. वो भी बिलकुल आसान भाषा में!
बड़ा ही सीधी सी थियरी है. भारत के पास जितना कम डॉलर होगा, डॉलर का मूल्य उतना बढ़ेगा! भारत या कोई भी देश अपने ज़रूरत की वस्तुए या तो खुद बनाते हैं या उन्हें विदेशों से आयात करते हैं और विदेशो से कुछ भी आयात करने के लिए आपको उन्हें डॉलर में चुकाना पड़ता है! उदाहरण के तौर पर यदि किसी देश से आप तेल का आयात करना चाहते हैं तो उसका भुगतान आप रुपये में नही कर सकते. उसके लिए आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य किसी मुद्रा का प्रयोग करना होगा. तो इसका मतलब ये है कि भारत को भुगतान डॉलर या यूरो में करना होगा!
रुपये को मजबूत करने के लिए क्या किया जा सकता है
1. निर्यात बढ़ाया जाए जिससे की विदेशी मुद्रा की प्राप्ति हो. उत्पादन बढ़ाए जाएँ जिससे की अधिक से अधिक निर्यात हो सके
2. स्वदेशी अपनाओ- विदेशो में बनने वाली ८० पैसे की ड्रिंक यहाँ १५ से २० रुपये में बेचा जाता है! यदि हम स्वदेशी वस्तुओं या प्रयोग करना शुरू कर दें तो इन विदेशी वस्तुओं को आयात करने का खर्च बच जाएगा.
3. तेल का विकल्प- हम बड़ी मात्रा में तेल का आयात करने पर मजबूर हैं क्युकि देश में तेल का उत्पादन माँग के अनुसार नही है. यदि हम तेल पे आश्रित अपनी अर्थव्यवस्था को बदलने की कोशिश करें तो विदेशी भंडार एक बहुत बड़ा हिस्सा हम बचा सकते हैं और इसके लिए हमें तेल के विकल्पों पर विचार करना चाहिए१
4. भारतीयो का स्वर्ण प्रेम- सोना से लगाव काफ़ी पुराना है. विवाह या पर्व त्योहारो पर सोने की माँग में अत्प्रश्चित वृद्धि देखी जाती है जिससे हमारा आयात बिल बढ़ता है!
जानिए कैसे तय होती है डॉलर के मुकाबले रूपए की कीमत?
राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ समय से भारतीय मुद्रा में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। डॉलर के मुकाबले रूपए की कीमत 82 के पार पहुंच गई है। ऐसे में अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार रूपए को मजबूत करने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भारतीय रुपये में करने की संभावना तलाशी जा रही है। सरकार मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? इसको लेकर अन्य देशों से बातचीत भी कर रही है। श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रूपए का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गया है। इसके अलावा भारत ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्समबर्ग और सूडान समेत कई दूसरों देशों में भी बात कर रहा है। ऐसे मुद्रा का मूल्य कैसे कम होता है? में आज हम जानेंगे कि आखिर डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत कैसे तय होती है?
विदेशी मुद्रा भंडार 14 महीनों के सबसे कम स्तर पर
पिछले कुछ महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है। अगस्त 2021 के अंत में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के पास 640.70 अरब डालर विदेशी मुद्रा भंडार था जो कि जून 2022 के अंत में घटकर कर 588.31 अरब डॉलर हो गया है।
देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है। साथ ही देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह सभी बातें आपस में कैसे जुडी हुई हैं? इनमें परिवर्तन होने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? चलिए इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार
दरअसल विदेशी मुद्रा भंडार में केंद्रीय बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ(FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच शामिल होती हैं। जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का भुगतान आसानी से किया जा सकता है।
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