राजधानी दिल्ली की नगर इकाई एमसीडी में आप की विजय निस्संदेह कई अर्थों में महत्वपूर्ण है। जनसंख्या की दृष्टि से दिल्ली विश्व की सबसे बड़ी नगर इकाई मानी जाती है। राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण यहां के परिणामों की प्रतिध्वनि पूरे देश में गुंजित होती है। चूंकि मुकाबले में बीजेपी थी, इसलिए भी इसके राष्ट्रीय राजनीति के निहितार्थ भी निकाले जाएंगे। 2015 और 2020 में दिल्ली विधानसभा पर संपूर्ण प्रभुत्व एमएसीडी रणनीति क्या है? कायम करने के बाद आप का सपना एमसीडी को अपने हाथों में लेना था। यह सपना पूरा हुआ है तो इसके राजनीतिक मायने निकाले जाने स्वाभाविक हैं।
Delhi MCD Election 2022: एमसीडी चुनाव के लिए AAP की रणनीति, गोपाल राय ने की पार्टी के वाररूम की शुरुआत
MCD Election 2022: एमसीडी चुनाव में बीजेपी, आप और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला के रूप में देखा जा रहा है. बीजेपी 3 बार से एमसीडी में सत्ता में है और इस बार भी वह इस चुनाव के लिए काफी एक्टिव है.
By: पीटीआई- भाषा | Updated at : 10 Nov 2022 05:52 PM (IST)
(वाररूम का फीता काटते गोपाल राय)
Delhi MCD Election 2022: आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय (एमएसीडी रणनीति क्या है? Gopal Rai) ने आगामी दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव के लिए गुरुवार को पार्टी के वाररूम (War Room) की शुरुआत की जहां से चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया और सोशल मीडिया अभियान समेत अन्य गतिविधियों का संचालन किया जाएगा. दिल्ली के 250 वार्ड वाले निगम के लिए चार दिसंबर एमएसीडी रणनीति क्या है? को चुनाव होगा और मतों की गिनती सात दिसंबर को होगी. इस वाररूम की शुरुआत के बाद आप विधायक गोपाल राय ने कहा, "वाररूम के पास बूथ प्रबंधन, उम्मीदवारों की निगरानी, सोशल मीडिया अभियान और स्टार प्रचारकर्ता समेत 10 जिम्मेदारियां होंगी."
बीजेपी के संकल्प पत्र पर गोपाल राय ने साधा निशाना
गोपाल राय ने कहा आप ने एमसीडी चुनाव के लिए वाररूम स्थापित किया है. यहां से चुनावी गतिविधियों की मॉनटरिंग की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी के संकल्प पत्र पर भी निशाना साधा, आप विधायक ने कहा कि बीजेपी ने संकल्प पत्र जारी किया है लेकिन उन्होंने एमएसीडी रणनीति क्या है? MCD में 15 साल के राज में किया एक भी काम नहीं बताया. इसके साथ ही आप विधाक ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह भी रैली में एक भी काम नहीं गिना सके थे. जब उनसे नामांकन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया चल रही है. इसके साथ ही गोपाल राय ने आप के वाररूम को लेकर ट्वीट कर लिखा- "MCD चुनाव की गतिविधियों एवं पूरे चुनावी कैम्पेन को गति देने के लिए आज पार्टी मुख्यालय पर वार रूम की शुरुआत हुई."
बीजेपी ने दिल्ली को 3 कूड़े के पहाड़ दिए- आप
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वहीं बीजेपी के संकल्प पत्र पर आप विधायक आतिशी ने कहा कि आज बीजेपी ने ने अपना एमसीडी घोषणापत्र जारी किया. हम भी इंतजार कर रहे थे कि बताएंगे 15 साल में दिल्ली में सफाई पर क्या किया, लेकिन इन्होंने अपना रिपोर्ट कार्ड क्यों नहीं रखा? क्योंकि लोगों को पता है कि सफाई की क्या स्थिति है— बीजेपी ने दिल्ली को 3 कूड़े के पहाड़ दिए जिनके आसपास रहना असंभव है. बता दें कि बीजेपी लगातार तीन बार से एमसीडी में सत्ता में है. एमसीडी को साल 2012 में तीन भागों में बांट दिया गया था और फिर इस साल उन तीनों का एकीकरण कर दिया गया. इस चुनाव को बीजेपी, आप और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला के रूप में देखा जा रहा है.
Published at : 10 Nov 2022 05:49 PM (IST) Tags: Gopal Rai MCD Election Delhi MCD Election 2022 AAP Delhi MCD Election 2022 MCD Election Result 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
MCD इलेक्शन रिजल्ट 2022: जीत के बाद बोले केजरीवाल- हो गई राजनीति, सबका साथ-PM का आशीर्वाद चाहिए
Delhi Municipal Corporation Election Result 2022 Live Counting Updates: आम आदमी पार्टी ने 15 सालों तक एमसीडी की सत्ता पर बैठी बीजेपी को हरा दिया है. चुनाव में कांग्रेस फिसड्डी साबित हुई.
Delhi MCD Election Result News: दिल्ली में नगर निगम चुनाव (MCD Elections) के नतीजे घोषित हो गए हैं. आज 1349 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हुआ. आम आदमी पार्टी का एमसीडी पर कब्जा हो गया है, वहीं 15 साल बाद बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई है. आप को 134, बीजेपी को 104, कांग्रेस को 9 और अन्य को 3 वार्ड पर जीत मिली. दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों में 4 दिसंबर को वोटिंग हुई थी और सिर्फ 50 फीसदी वोटरों ने मतदान किया था. इससे पहले टीवी 9 भारतवर्ष ने एग्जिट पोल किया था और इस एग्जिट पोल में भी आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलता दिख रहा था.
एमसीडी चुनाव मतगणना के नतीजों में आम आदमी पार्टी को सफलता मिलने के साथ ही पार्टी दफ्तर पर जश्न शुरू हो गया. आप के दफ्तर पर जुटे कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने पार्टी के झंडे लहराए और ढोल-नंगाड़ों की थाप पर डांस किया. इस दौरान मिठाई भी बांटी गई.
MCD में लूटपाट और लैंटर से वसूली बंद करेंगे: दिल्ली CM
जीत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों के बहुत बधाई देना चाहता हूं. इतनी बड़ी और शानदार जीत के लिए, इतने बड़े बदलाव के लिए मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहता हूं.दिल्ली के लोगों ने मुझे दिल्ली की सफाई, भ्रष्टाचार को दूर करने, पार्क को ठीक करने के साथ कई सारी जिम्मेदारियां दी हैं. मैं दिन रात मेहनत करके कोशिश करूंगा की आपके इस भरोसे को कायम रखूं. हमने दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार खत्म किया, वैसे ही MCD में लूटपाट और लैंटर से वसूली बंद करेंगे. कई बड़े नेता कहते थे कि स्कूल-हॉस्पिटल से वोट नहीं मिलते. दिल्ली की जनता ने देश को संदेश दे दिया है कि स्कूल-अस्पताल से भी वोट मिलते हैं.
प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद चाहिए: केजरीवाल
अहंकार करने से बड़ी-बड़ी सत्ता गिर गई है. AAP के सभी मंत्री, MLAs, पार्षद कभी भी अहंकार मत करना. जिस दिन आपने अहंकार किया, उस दिन आपका पतन पक्का है. आपको ऊपर वाला कभी माफ नहीं करेगा. जितने जीते सबको बधाई, बीजेपी-कांग्रेस वालों को भी बधाई. जो हारे मायूस मत होना, दिल्ली की सफाई में आपका भी योगदान होगा. बस, राजनीति हो गई. अब सभी को मिलकर काम करना है. प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद और केंद्र का सहयोग भी चाहिए.
MCD Election 2022: BJP और AAP के बीच कड़ी टक्कर, क्या है पार्टियों की रणनीति?
दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) की तारीखों का ऐलान हो गया है. चार दिसंबर को मतदान होगा, वहीं सात दिसंबर को परिणाम आएंगे. मगर इसके पहले से ही सभी पार्टियों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है. सभी दल अपने दांव खेल रहे हैं. दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) इस चुनाव को जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है. उसका कहना है कि आठ सालों से दिल्ली में जब 'आप' की सरकार है तो एमसीडी (MCD) में भी उनकी पार्टी को मौका मिलना चाहिए. गौरतलब है कि बीते 15 सालों से एमसीडी में भाजपा (BJP) का राज कायम है. केजरीवाल सरकार एससीडी में भाजपा के कामकाज पर सवाल उठा रही है. उसका कहना है कि अगर आप को एमसीडी में जीत मिलती है तो दिल्ली के विकास कार्य को गति मिलेगी.
राजधानी के विकास कार्य को आप अपनी ताकत बता रही है. 'आप' का कहना है कि राजधानी में महिलाओं को अलग से महिला मोहल्ला क्लीनक की सौगात दी गई है. यहां पर पीड़िता को स्त्री रोग संबंधी सेवाएं मिलेंगी. मुफ्त में दवाइयां मिलेंगी. इसके साथ 12 साल से कम उम्र के बच्चों का इलाज किया जाएगा.
वहीं पीएम मोदी (PM Modi) ने एमसीडी चुनाव की कमान संभाली है. बीते दिनों एक सभा में पीएम ने दिल्ली के स्लम ऐरिया में रहने वाले 3024 लोगों को नए फ्लैट दिए. विशेषज्ञों का कहना एक तरफ भाजपा जहां ओबीसी और एससी मतदाताओं पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं केजरीवाल ने महिलाओं को लुभाने के लिए महिला मोहल्ला क्लीनिक का दांव खेला है. इसके साथ वह दिल्ली में साफ-सफाई को अहम मुद्दा बना रहे हैं.
इस बार 250 वार्ड पर मतदान होगा
दरअसल तीनों निगमों को एक करने के बाद हुए परिसीमन में वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 हो गई है. भाजपा चौथी बार सरकार बनाने के लिए मैदान में उतरेगी. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी 'आप' की कोशिश होगी चुनाव में जीतकर एमसीडी (MCD) में पहली बार अपनी सरकार बनाए. बीते 16 सालों से कांग्रेस एमसीडी में सत्ता पाने के लिए बेकरार है.
अब तक क्या-क्या हुआ
- नौ मार्च को एक विधेयक के कारण संभावित चुनाव को टाला गया. 30 मार्च को दिल्ली नगर निगम को एक करने वाला विधेयक लोकसभा से परित कर दिया गया. अप्रैल में संभावित चुनाव को एमएसीडी रणनीति क्या है? टाल दिया गया.
- इस विधेयक को पांच अप्रैल तक राज्यसभा में भी पारित कर दिया था.
- संसद द्वारा पारित विधेयक को 18 अप्रैल को मंजूरी मिली.
- केंद्रीय गृहमंत्रालय ने आठ जुलाई को निगम के वार्डों के परिसीमन के लिए तीन सदस्यीय समिति का ऐलान किया. अब रिपोर्ट गृहमंत्रालय देनी है.
- परिसीमन समिति को 9 नंवबर तक अपनी रिपोर्ट को सौंपना होगा.
2017 में हुए एमसीडी इलेक्शन के रिजल्ट
2017 में पूर्वी निगम की 64 सीटों में भाजपा को 47, आप को 11, कांग्रेस को तीन सीटें मिली थीं. वहीं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कुल सीट 104 थी. इसमें भाजपा को 70, आप को 16 और कांग्रेस को 12 सीटें मिलीं. उत्तरी दिल्ली नगर निगम की 104 सीटों में भाजपा को 64, आप को 21 और कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं.
बीजेपी के पास नहीं है ‘आप’ की राजनीति की काट
अवधेश कुमार
राजधानी एमएसीडी रणनीति क्या है? दिल्ली की नगर इकाई एमसीडी में आप की विजय निस्संदेह कई अर्थों में महत्वपूर्ण है। जनसंख्या की दृष्टि से दिल्ली विश्व की सबसे बड़ी नगर इकाई मानी जाती है। राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण यहां के परिणामों की प्रतिध्वनि पूरे देश में गुंजित होती है। चूंकि मुकाबले में बीजेपी थी, इसलिए भी इसके राष्ट्रीय राजनीति के निहितार्थ भी निकाले जाएंगे। 2015 और 2020 में दिल्ली विधानसभा पर संपूर्ण प्रभुत्व कायम करने के बाद आप का सपना एमसीडी को अपने हाथों में लेना था। यह सपना पूरा हुआ है तो इसके राजनीतिक मायने निकाले जाने स्वाभाविक हैं।
- यह पहला मौका है जब आप ने बीजेपी को पराजित किया है। अभी तक आप कहीं भी बीजेपी का वोट काटने में सफल नहीं हुई थी। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा जैसे राज्यों के नतीजों से यह धारणा बनी थी कि आप बीजेपी को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकती, लेकिन इस बार यह धारणा टूटी है।
- एमसीडी परिणामों ने इस बात की फिर से पुष्टि कर दी है कि आप राजनीति में धीरे-धीरे कांग्रेस का स्थान ले रही है। पहले दिल्ली विधानसभा, उसके बाद पंजाब और अब एमसीडी। यहां से आप अगले वर्ष कर्नाटक विधानसभा चुनाव की ओर भी बढ़ेगी।
- परिणाम बता रहे हैं कि बीजेपी ने अंतिम समय तक आप को जबरदस्त टक्कर दी। 15 साल सत्ता में रहने के बावजूद मतदाताओं के बड़े वर्ग का समर्थन उसे अभी भी प्राप्त है। जनसंघ से बीजेपी तक का संगठन आधार दिल्ली में है और उसे खत्म करना संभव नहीं है।
MCD चुनावों में मिली आप को जीत
क्या कहते हैं मत प्रतिशत
दरअसल, एग्जिट पोल के बाद यह मान लिया गया था कि आप उसी तरह बीजेपी को साफ कर देगी, जिस तरह उसने विधानसभा चुनाव में किया था। लेकिन परिणाम ऐसा नहीं आया।
- आप और बीजेपी के मतों में केवल एमएसीडी रणनीति क्या है? 3% के आसपास का अंतर है। बीजेपी को पिछले 2017 चुनाव के समान यानी 39% वोट मिले हैं। उसके मतों में गिरावट नहीं है। आप का 42% वोट पिछली बार के 25% से लगभग 17% ज्यादा है।
- कांग्रेस का वोट 21% से घटकर लगभग 11% रह गया है। जाहिर है, यह वोट आप की ओर स्थानांतरित हुआ है। पहले दिल्ली विधानसभा, फिर पंजाब और अब एमसीडी- जाहिर है, कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात है।
- बीजेपी को इस बात पर विचार करना होगा कि आखिर रणनीति में कहां चूक हो गई जिससे मतों में गिरावट न आने के बावजूद वह बहुमत से पीछे रह गई।
बीजेपी से कहां हुई गलती
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार की अपील को जनता ने स्वीकार किया और उनको बहुमत दिया तो बीजेपी को गहराई से इस पर विचार करना ही होगा। यह तो नहीं कह सकते कि शराब घोटाले से लेकर सत्येंद्र जैन को जेल में मिली सुख-सुविधाओं का मुद्दा उठाना गलत रणनीति थी। इसका असर भी देखा गया है। किंतु किसी चीज को एक सीमा से ज्यादा खींचना उसके प्रभाव को क्षीण कर देता है। बीजेपी को यह स्वीकार करना होगा कि वह दिल्ली की स्थानीय राजनीति में अरविंद केजरीवाल का जवाब देने में अभी तक सफल नहीं है। बीजेपी के पास कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी संख्या है, जो उसके लिए तन-मन-धन लगाकर काम करते हैं। सारे सर्वेक्षण बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनका आकर्षण पूरी तरह कायम है। केंद्र सरकार के कार्यों से भी असंतोष का कोई लक्षण नहीं। इन सबके बावजूद केजरीवाल ब्रैंड राजनीति अगर एमसीडी में भारी पड़ गई तो कहना होगा कि बीजेपी के लिए गंभीर मंथन की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय राजनीति पर असर नहीं
हालांकि इसके मायने यह नहीं है कि राष्ट्रीय राजनीति की दृष्टि से भी यह बीजेपी के लिए धक्का होगा। इसकी कई वजहें हैं।
- एक, अब अरविंद केजरीवाल दिल्ली की व्यवस्था में अपने बचाव के लिए नहीं कह सकते कि एमएसीडी रणनीति क्या है? एमसीडी तो बीजेपी के पास है। कूड़े के पहाड़, प्रदूषण और यमुना की गंदगी – जैसी विकराल चुनौतियां उनके सामने हैं।
- दो, बीजेपी 15 एमएसीडी रणनीति क्या है? सालों में पहली बार दिल्ली राज्य की राजनीति में संपूर्ण विपक्ष बनी है। स्पष्ट है, अब उसके तेवर में पहले से ज्यादा धार होगी।
- तीन, दिल्ली के मतदाता भी आने वाले समय में उनका ठीक प्रकार से मूल्यांकन कर सकेंगे।
- चार, बड़े विज्ञापन, इवेंट और लोगों को मोहित करने वाली शैली की बदौलत आप अब तक जिस तरह से बीजेपी को चुनौती देती रही थी, अब वैसा करने की स्थिति में नहीं होगी।
- पांच, लोकसभा चुनाव में दिल्ली में फिर नरेंद्र मोदी का चेहरा होगा और मोटा-मोटी 3% का मतों का अंतर पाटकर 2019 की पुनरावृत्ति करना खास मुश्किल नहीं होगा।
ध्यान रखने की बात यह भी है कि मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन आदि के इलाके में आप को गहरा नुकसान हुआ है।
गैर-मुस्लिम मत एमएसीडी रणनीति क्या है?
विचारधारा की दृष्टि से बीजेपी और देश के लिए इसके महत्वपूर्ण संकेत और भी हैं। मसलन, दिल्ली दंगों से प्रभावित कई क्षेत्रों में बीजेपी को अच्छी जीत मिली है। यद्यपि वहां मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में है। इसका मतलब यह है कि बीजेपी के पक्ष में गैर मुस्लिम मतों का एकीकरण हुआ। साफ है कि हिंदू मुस्लिम मामलों में 2014 से जो राष्ट्रीय प्रवृत्ति और सोच दिखाई दी, उससे बीजेपी के समर्थन का विस्तार एमएसीडी रणनीति क्या है? हुआ और यह अभी तक कायम है। अगर पार्टियों ने इसके अनुरूप अपनी नीतियां नहीं बदलीं तो उन्हें आगामी चुनावों में ज्यादा क्षति हो सकती है।
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