ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account vs Demat Account
0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए हमें डीमेट अकाउंट के साथ-साथ ट्रेडिंग अकाउंट की भी जरूरत होती है। बिना डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्ट करना असंभव है। इसीलिए हमें सबसे पहले अपने स्टॉक ब्रोकर का चयन करके डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है। जिसके बाद ही हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर पाते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account से क्या होता है
जब हम अपने स्टॉक ब्रोकर के जरिए किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, या बेचते हैं। तो यह सारा लेखा जोखा हमारे ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये ही होता है। इसके अलावा हमारे खरीदे हुए शेयर भी तब तक हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में रहते हैं। कुछ इसी प्रकार जब हम अपने पास रखी शेयर को बेचते ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? हैं। तो वह जाते तो डीमेट एकाउंट से हैं, लेकिन उसका भुगतान भी हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही आता है।
अपने बैंक से पैसे निकालकर शेयर खरीदने हो, तो वह पैसे भी सीधे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही पहुंचते हैं। और यह पैसे तब तक हमारी ट्रेडिंग अकाउंट में सुरक्षित रहते हैं। जब तक कि हम शेयर ना खरीद लें। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में समझने के लिए हमें डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट की बारीकी को समझना बहुत ही जरूरी होता है।
ट्रेडिंग एकाउंट और डीमेट एकाउंट में क्या अंतर है
डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स को रखने का एक लॉकर है। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे या बेच सकते हैं। कुछ इसी प्रकार पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है। यानी जब आप कोई भी शेयर बेचते हैं। और उसके बदले में आपको उसका भुगतान होता है। तो वह भी ट्रेडिंग अकाउंट में आता है।
जिसके बाद आप चाहे तो उस पैसे को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके अलावा शेयर खरीदने के लिए भी आपको अपने बैंक से सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे चाहिए होते हैं। यदि आसान भाषा में कहें। किसी भी कंपनी के शेयर की खरीदारी और बिक्री की प्रक्रिया के साथ-साथ पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है।
Demat Account Update: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए जरूरी खबर, SEBI ने डीमैट अकाउंट को लेकर किया बड़ा ऐलान
Demat Account Update: अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल, सेबी ने इन्वेस्टर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद निवेशकों को बड़ा फायदा हुआ है.
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Demat Account: अगर आप भी शेयर बाजार के निवेशक हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. सेबी ने इन्वेस्टर्स के लिए बड़ा ऐलान किया है. पैन कार्ड और आधार लिंक (Aadhaar-PAN Link) से लेकर ट्रेडिंग-डीमैट खाते (Demat Account) में नॉमिनी का नाम दर्ज करना अनिवार्य है. पहले सेबी ने नॉमिनेशन (Nomination) के लिए भी 31 मार्च 2022 को डेडलाइन घोषित किया था, लेकिन अब सेबी ने इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया है. अब निवेशक 31 मार्च 2023 तक इस काम को कर सकते हैं.
सेबी का बड़ा ऐलान
गौरतलब है कि सेबी के नियम के अनुसार, जिन लोगों के पास डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट है, उनके लिए सेबी ने 31 मार्च तक नॉमिनी का नाम दर्ज करने का नियम बनाया है. जिन्होंने अब तक डीमैट या ट्रेडिंग खाते में नॉमिनेशन नहीं किया है वे 31 मार्च, 2023 तक कर सकते हैं. पहले इसकी अंतिम तारीख 31 मार्च, 2022 थी. अब इसे साल भर के लिए बढ़ा दिया गया है, यानी अब अगले साल 31 मार्च तक इस काम को किया जा सकता है.
सेबी ने जारी किया आदेश
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने इसके लिए एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें सेबी ने कहा है, 'नॉमिनी बनाने के लिए किसी गवाह की जरूरत नहीं है. नॉमिनी के फॉर्म पर अकाउंट होल्डर को दस्तखत करना जरूरी होगा. इसके अलावा, ई-साइन सुविधा का उपयोग करके ऑनलाइन दाखिल किए गए नामांकन/घोषणा पत्र में भी गवाह की जरूरत नहीं होगी. हालांकि, अगर खाताधारक हस्ताक्षर के बजाय अंगूठे के निशान का उपयोग करता है, तो फॉर्म पर एक गवाह के हस्ताक्षर भी होने चाहिए.'
कैसे करें डीमैट में नॉमिनेशन?
- अगर आप भी अपने खाते में नॉमिनी का नाम जोड़ना चाहते हैं तो सबसे पहले आप नामांकन फॉर्म भर कर उस पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और हेड ऑफिस (जिस ब्रोकर कंपनी से डीमैट खाता खोला है. जैसे जेरोधा.) के पते पर कुरियर कर सकते हैं.
- नॉमिनेशन आपके ट्रेडिंग और डीमैट खाते पर लागू होगा, इस नॉमिनी को आपके डीमैट खाते में जोड़ा जाएगा, वही नॉमिनेशन आपके कॉइन (म्यूचुअल फंड) होल्डिंग्स के लिए भी लागू होगा.
- आपको नॉमिनेशन फॉर्म के साथ नॉमिनी का आईडी प्रूफ भेजना होगा.
- इसके लिए आप कोई भी आईडी प्रूफ जैसे आधार, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि भेज सकते हैं.
- यदि आप अपना खाता खोलने और किसी को नॉमिनी बनाने के बाद नॉमिनी को बदलना चाहते हैं, तो आपको 25+18% जीएसटी शुल्क देना होगा.
- इसके लिए आपको अकाउंट मॉडिफिकेशन फॉर्म के साथ नॉमिनेशन फॉर्म की हार्ड कॉपी भेजनी होगी.
क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया
वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।
लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।
10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?
दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार
मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।
दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:
क्रमांक | कितने तरह के चार्जेज | कितना चार्ज | रकम |
---|---|---|---|
1 | ब्रोकरेज | 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो | 0 |
2 | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.1% | 100/- |
3 | ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.00325% | 3.25/- |
4 | GST | ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज | 0.585/- |
5 | SEBI चार्ज | 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर | 0.1/- |
कुल | ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट?103.93/- |
तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।
उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।
दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार
जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।
अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।
इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।
दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार
तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।
अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।
इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।
10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?
जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।
क्या आप भी शेयर मार्केट में करना चाहते हैं निवेश? तो इन अकाउंट की जानकारी है बेहद जरूरी
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए तीन अकाउंट जरूरी होते हैं.
शेयर मार्केट में आप अपने पैसे निवेश कर मोटी ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? रकम कमा सकते हैं. हालांकि, शेयर मार्केट में निवेश के लिए तीन अकाउंट डीमैट, . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 25, 2022, 12:31 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है, जहां आप अपने पैसे निवेश कर मोटी रकम कमा सकते हैं. इस मार्केट में अलग-अलग कंपनियों ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? के ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? शेयर होते हैं. हालांकि, नए निवेशकों को शुरुआती दौर में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. शेयर बाजार में अपनी निवेश यात्रा शुरू करने से पहले, आपके पास तीन अकाउंट होने चाहिए. ये डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट हैं.
डीमैट या डीमैटेरियलाइज्ड अकाउंट (Demat Account) वह अकाउंट है, जहां आप अपने शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर कर सकते हैं. निवेश के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. इसके लिए आपको किसी भी बैंक या शेयर ब्रोकरेज कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं. वर्षों पहले शेयरों की फिजिकल ट्रेडिंग होती थी. इसमें शेयर सीधे ट्रांसफर होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब इनकी खरीद-बिक्री किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के डीमैट खाते के जरिए होती है. आप खुद या आपके बदले कोई शेयर ब्रोकिंग कंपनी शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकती है.
ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये भेजें ऑर्डर
जहां तक ट्रेडिंग अकाउंट (Trading account) का सवाल है, यह अकाउंट शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने में अहम भूमिका निभाता है. ट्रेडिंग अकाउंट का आशय एक ऐसे अकाउंट से है, जिसके जरिये निवेशक शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने के ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज पर भेजने में सक्षम होता है. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में निवेश के लिए ये तीनों अकाउंट एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं.
इन तीनों अकाउंट को खोलने के बाद ही निवेशक शेयर खरीदने बेचने के योग्य होते हैं. जब हम शेयर बेचते हैं, तो इस दौरान शेयर हमारे डीमैट से ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते है. इसी तरह शेयर ख्ररीदने के ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? मामले में शेयर हमारे डीमैट अकाउंट में आ जाते हैं. एक ट्रेडिंग अकाउंट किसी निवेशक के डीमैट अकाउंट और बैंक खाते को जोड़ता है.
बैंक अकाउंट भी जरूरी
बैंक अकाउंट (Bank Account) के बारे में तो आप जानते ही होंगे. शेयर बाजार में निवेश के लिए इसकी भी आवश्यकता होती है. जब कोई निवेशक शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करता है, तो उस दौरान रकम जमा करने और निकालने का कार्य बैंक अकाउंट के जरिये होता है.
लाइवमिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, आप अपने तीसरे अकाउंट यानी बैंक अकाउंट को डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के साथ खोल सकते हैं. बहुत से स्टॉक ब्रोकर हैं, जो किसी एक बैंक के साथ जुड़कर आपको ट्रेडिंग, डीमैट अकाउंट के साथ एक रजिस्टर्ड बैंक के साथ सेविंग अकाउंट भी खोल कर देते हैं. बैंक अकाउंट से आप आसानी से अपने ट्रेडिंग अकाउंट में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं.
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ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account vs Demat Account
0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए हमें डीमेट अकाउंट के साथ-साथ ट्रेडिंग अकाउंट की भी जरूरत होती है। बिना डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट के शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्ट करना असंभव है। इसीलिए हमें सबसे पहले अपने स्टॉक ब्रोकर का चयन करके डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है। जिसके बाद ही हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर पाते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है? Trading Account से क्या होता है
जब हम अपने स्टॉक ब्रोकर के जरिए किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, या बेचते हैं। तो यह सारा लेखा जोखा हमारे ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये ही होता है। इसके अलावा हमारे खरीदे हुए शेयर भी तब तक हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में रहते हैं। कुछ इसी प्रकार जब हम अपने पास रखी शेयर को बेचते हैं। तो वह जाते तो डीमेट एकाउंट से हैं, लेकिन उसका भुगतान भी हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही आता है।
अपने बैंक से पैसे निकालकर शेयर खरीदने हो, तो वह पैसे भी सीधे हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही पहुंचते हैं। और यह पैसे तब तक हमारी ट्रेडिंग अकाउंट में सुरक्षित रहते हैं। जब तक कि हम शेयर ना खरीद लें। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में समझने के लिए हमें डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट की बारीकी को समझना बहुत ही जरूरी होता है।
ट्रेडिंग एकाउंट और डीमेट एकाउंट में क्या अंतर है
डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स को रखने का एक लॉकर है। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे या बेच सकते हैं। कुछ इसी प्रकार पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है। यानी जब आप कोई भी शेयर बेचते हैं। और उसके बदले में आपको उसका भुगतान होता है। तो वह भी ट्रेडिंग अकाउंट में आता है।
जिसके बाद आप चाहे तो उस पैसे को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट? कर सकते हैं। इसके अलावा शेयर खरीदने के लिए भी आपको अपने बैंक से सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे चाहिए होते हैं। यदि आसान भाषा में कहें। किसी भी कंपनी के शेयर की खरीदारी और बिक्री की प्रक्रिया के साथ-साथ पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है।
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