Stock Broker Meaning in Hindi
अगर आप स्टॉक मार्केट में रूचि रखते है तो आपने कभी न कभी स्टॉक ब्रोकर का नाम जरूर सुना होगा, शेयर मार्केट में ट्रेड या निवेश करने के लिए स्टॉक ब्रोकर बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। इसलिए आज हम Stock Broker Meaning in Hindi लेख के जरिए समझेंगे कि स्टॉक ब्रोकर क्या होता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है?
तो चलिए Stock Broker Meaning in Hindi के प्रत्येक पहलु को समझते है….
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
स्टॉकब्रोकर एक बिचौलिये की तरह काम करता है जिसके पास निवेशक और ट्रेडर की ओर से स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक और प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने का अधिकार होता है।
स्टॉक ब्रोकर सीधे स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से निवेशक और ट्रेडर के आधार पर ट्रेड करते हैं। क्योंकि, एक निवेशक या ट्रेडर स्टॉक एक्सचेंजों में सीधे ट्रेड नहीं कर सकता है। स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए, आपको एक मध्यस्थ की आवश्यकता होती है जो लेनदेन में आपकी सहायता करता है। यह बिचौलिया स्टॉक ब्रोकर होता है जो आपकी ओर से स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए अधिकृत है।
Stock Broker Meaning in स्टॉकब्रोकर क्या हैं Hindi समझते समय, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि एक स्टॉकब्रोकर निवेशक और ट्रेडर के लिए काम करता है। इसलिए अपनी सर्विस के लिए ब्रोकर आपसे कुछ कमीशन भी चार्ज करता है। ब्रोकर की भूमिका अपने क्लाइंट के लिए शेयर खरीदना और बेचना है।
इसके अलावा स्टॉकब्रोकर एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; वे मार्केट की सही जानकारी प्रदान करते हैं जो एक निवेशक को सही निवेश निर्णय लेने में मदद करती है।
स्टॉकब्रोकर सेबी द्वारा रजिस्ट्रेड होते है इसलिए हम इन पर भरोसा कर सकते है और इनके साथ अपने निवेश की शुरुआत कर सकते है। इसके साथ ही, जिस स्टॉक ब्रोकर को आप चुन रहे है वह स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य भी होना चाहिए और सेबी के साथ पंजीकृत होना भी आवश्यक है।
स्टॉकब्रोकर अपनी वेबसाइट पर अपना पंजीकरण स्टॉकब्रोकर क्या हैं विवरण प्रदर्शित करते हैं। कोई भी सेबी की वेबसाइट पर जा सकता है और पंजीकृत स्टॉकब्रोकरों का विवरण की जाँच कर सकता है।
आइए हम उन सेवाओं को देखें जो एक स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को प्रदान करता है।
स्टॉक ब्रोकर के कार्य
* कुछ स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने पर सटीक सलाह देते हैं। क्योंकि ब्रोकर स्टॉक मार्केट अच्छे से समझते हैं, इसलिए वह निवेशक को सलाह दे सकते हैं कि कौन से स्टॉक को खरीदना और बेचना है और उन्हें कब खरीदना या बेचना चाहिए। यह किसी भी स्टॉक की सलाह देने से पहले उस कंपनी का गहन शोध करते हैं।
* स्टॉकब्रोकर अपने ग्राहकों को एक मंच (वेबसाइट, मोबाइल ऐप और ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर) प्रदान करता है जहां निवेशक या ट्रेडर किसी स्टॉकब्रोकर क्या हैं भी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी के शेयर्स में निवेश या ट्रेड कर सकता है।
* स्टॉकब्रोकरअपने ग्राहको के निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते हैं और उनके पोर्टफोलियो के बारे में नियमित अपडेट प्रदान करते हैं।
* स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को शेयर के वारे में नॉलेज प्रदान करता है जिससे कि ट्रेडर या निवेश मार्केट को सीख कर सही से अपने ट्रेडिंग या निवेश निर्णय ले सके।
* सभी ब्रोकर अब ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करते हैं जिसमें ग्राहक उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉग इन कर सकते हैं और अपनी ट्रेडिंग गतिविधि कर सकते हैं। ऑनलाइन स्टॉकब्रोकिंग सेवाएं तेज हो गयी हैं क्योंकि लेनदेन इंटरनेट की मदद आपके घर पर रहकर ही किया जा सकता है, और इसके साथ ही क्लाइंट ब्रोकर के साथ चैट रूम, ईमेल के माध्यम से भी मदद ले सकता है और रीयल-टाइम अपडेट पा सकता है।
स्टॉक ब्रोकर कितने तरह के होते है?
अब जब आप Stock Broker Meaning in Hindi लेख की मदद से जान चुके हैं कि स्टॉकब्रोकर क्या है और इनके क्या – क्या कार्य है, तो आइए स्टॉक ब्रोकरों के प्रकारों पर एक नज़र डालते हैं। स्टॉक ब्रोकर को प्रदान की जाने वाली सेवा के आधार पर, तीन वर्गों में बांटा जा सकता है – फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर, डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर और बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर।
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को बहुत सी सेवाएं प्रदान करते हैं। यह ट्रेडिशनल ब्रोकर हैं जो अपने ग्राहकों को सलाहकार सेवाओं के साथ ट्रेडिंग सुविधा प्रदान करते हैं। इसी बजह से फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर्स द्वारा ली जाने वाली कमीशन के रूप में फीस अधिक होती है।
ब्रोकर निवेशक या ट्रेडर के द्वारा लिए गए ट्रेड पर कमीशन लेते है जिसे ब्रोकरेज कहा जाता है। आप जितना अधिक ट्रेड करेंगे आपको उतनी ही अधिक ब्रोकरेज फीस देनी होती है।
फुल-सर्विस ब्रोकर की पूरे देश में शाखाएँ होती हैं। इसलिए आप ग्राहक सेवा और सलाह के लिए इन शाखाओं में जा सकते हैं।
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- एंजेल ब्रोकिंग
- शेयरखान
- मोतीलाल ओसवाल
- इंडिया इंफोलाइन (IIFL)
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर
इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अस्तित्व में आए। ये ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं। इसके अलावा यह ब्रोकर किसी भी तरह की सलाहकार सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं। इसी वजह से डिस्काउंट ब्रोकर कम कमीशन लेते हैं, जो कि ज्यादातर एक फ्लैट फीस के रूप में होती है।
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- ज़ेरोधा (डीमैट & ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए क्लिक करे)
- अपस्टॉक्स
- ऐलिस ब्लू
- फायर्स
- 5 पैसा
- ग्रो
बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर
यह ऐसे ब्रोकर होते है जो पहले से ही बैंक के रूप में काम कर रहे है इसलिए इन पर न भरोसा करने का सवाल ही नहीं उठता है। बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर भी फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर की तरह काम करते है यह भी आपको ट्रेडिंग टर्मिनल के साथ – साथ निवेश सलाह भी प्रदान करते है इसी लिए ये भी फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर की तरह ज्यादा ब्रोकरेज लेते है।
बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- ICICIdirect
- Kotak Securities
- HDFC Securities
- SBI Securities
- AxisDirect
निष्कर्ष
भारत में बहुत से स्टॉक ब्रोकर है और नए – नए स्टॉक ब्रोकर मार्केट में आ रहे है इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि पूरी सावधानी के साथ अपने स्टॉक ब्रोकर का चुनाव करे। क्योंकि बीते कुछ समय में बहुत से ब्रोकर बंद हुए है, और ब्रोकर बंद होने की बजह से एक ट्रेडर या निवेशक को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अभी तक आप Stock Broker Meaning in Hindi लेख में ब्रोकर क्या होता है यह पूरी तरह से समझ गए होंगे, फिर भी आपका कोई सवाल रहता है तो आप कमेंट कर सकते है।
Stock Broker Meaning in Hindi | स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है ? (Stock Broker kya hai):
एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज जैसे NSE यानि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और BSE यानि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य होता है।
कोई भी स्टॉक ब्रोकर अपने client यानि कोई निवेशक या ट्रेडर तथा स्टॉक एक्सचेंज के बिच की कड़ी की तरह होता है।
वह निवेशक और ट्रेडर को स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदने और बेचने की पूरी व्यवस्था करता है।
Stock Broker kya hai और का उसका काम क्या है ?
शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए किसी भी व्यक्ति को ट्रेडिंग और डीमैट खाता खुलवाने की जरुरत होती है।
एक ब्रोकर यह दोनों खाते खोल कर निवेश और ट्रेडिंग करने की सुविधा देता है।
कई Banks जैसे SBI और HDFC भी एक ब्रोकर की तरह रजिस्टर्ड होते है।
ऐसी बैंक आपको Bank Account, Demat Account और Trading Account तीनो खाते एक साथ खुलवाने की सुविधा देती है।
नई टेक्नोलॉजी की वजह से अब सभी ब्रोकर अपने client को सीधा खरीद और बिक्री का प्लेटफॉर्म देती है।
इन प्लेटफॉर्म की वजह से अब लोगो को ब्रोकर को कॉल कर के अपना ऑर्डर देने की जरुरत नहीं पड़ती।
बल्कि वह खुद सिर्फ अपने मोबाइल से भी अपना शेयर खरीद बिक्री का ऑर्डर सीधे स्टॉक एक्सचेंज को भेज सकते है।
इन सभी प्लेटफॉर्म की वजह से ही आज शेयर बाजार में हर सेकंड से भी कम समय में शेयर के दाम बदलते रहते है।
इन सारी सुविधाओं के बदले में वह हर एक खरीद बिक्री पर कुछ ब्रोकरेज लेता है।
अलग अलग तरह के ब्रोकर अलग अलग ब्रोकरेज चार्ज करते है। Stock Broker kya hai
स्टॉक ब्रोकर के प्रकार (Types of StockBroker) :
स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली सुविधा और ब्रोकरेज लेने के अनुसार उसके दो प्रकार है।
1) Full Service या Regular Broker :
इस प्रकार के ब्रोकर पुराने तरह के ब्रोकर है। Meaning of StockBroker
यह ब्रोकर खरीद बिक्री की सुविधा के साथ साथ निवेशको और ट्रेडरो को और भी बहुत सी सेवाए देते है।
- निवेश या ट्रेडिंग की सलाह देना , Stock Broker kya hai
- IPO भरने की सुविधा और उसके बारे में सलाह देना ,
- शेयर बाजार के संबंध में आने वाली खबरों के बारे में अवगत करवाना ,
- कॉल कर के शेयर की खरीद-बिक्री का ऑर्डर देने की सुविधा देना ,
- कि जाने वाली खरीद बिक्री के Contract Note की कॉपी देना।
और भी बहुत सुविधाए देता है। Stock Broker kya hai
यह सब सुविधा देने के कारण इस तरह के ब्रोकर का खर्च थोड़ा ज्यादा होता है।
इस वजह से इस तरह के ब्रोकर अपने क्लाइंट (निवेशको और ट्रेडरो) से ज्यादा ब्रोकरेज लेते है।
2) Discount StockBroker : Meaning of StockBroker
डिस्काउंट ब्रोकर के नाम से ही पता चलता है, की वह regular broker से काफी कम ब्रोकरेज लेते है।
जैसे Upstox जो Intraday Trading पर कुल टर्नओवर के 0.05 % या फिर हर एक ऑर्डर के 20 रूपए दोनों में से जो कम हो उतना ब्रोकरेज लेता है। जबकि डिलीवरी ले कर ट्रेडिंग करने पर तो 0 ब्रोकरेज लेते है।
इनका मुख्य उद्देश्य निवेशकों और ट्रैडरो को कम से कम ब्रोकरेज पर खरीद बिक्री करने की सुविधा देना होता है।
इस वजह से ऐसे ब्रोकर निवेशको को सिर्फ खरीद के लिए जरुरी सुविधाए ही देते है .
- ऐसे ब्रोकर निवेश या ट्रेडिंग की सलाह नहीं देते।
- IPO के बारे में सलाह या सुविधा भी नहीं देते।
- कॉल कर के ट्रेडिंग की सुविधा भी नहीं देते और देते है तो उसके लिए अलग चार्ज लेते है।
- कागज़ पर Contract Note चाहिए तो इसके लिए भी अलग चार्ज लेते है।
- हलाकि ईमेल पर Electronic Contract Note मिलता है।
यह स्टॉकब्रोकर क्या हैं सभी सुविधाए न देने के कारण उनका खर्च Regular Broker से बहुत कम हो जाता है।
और इस वजह से वह बहुत कम ब्रोकरेज में शेयर की खरीद बिक्री करने की सुविधा देते है।
दोनों तरह के ब्रोकर के अपने अपने लाभ और हानी है। Stock Broker kya hai
आप अपनी जरुरत के हिसाब से अपने लिए इन दोनों में से अपने लिए ब्रोकर चुन सकते है।
तो दोस्तों यह था स्टॉक ब्रोकर का मतलब (Meaning of StockBroker).
उम्मीद करता हु की आपको StockBroker के बारे में सब समझ आ गया होगा।
दोस्तों अभी Upstox जो की एक Discount Broker है, उसमे Trading और Demat अकाउंट free मे खोलने का offer चल रहा है।
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स्टॉकब्रोकर क्या हैं
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अगर मेरा स्टॉक ब्रोकर डिफॉल्टर हो जाता है तो मेरे फंड और होल्डिंग्स का क्या होगा?
अगर आपका स्टॉक ब्रोकर डिफॉल्टर हो जाता है तब रेगुलेटर्स ने आपकी होल्डिंग और फंड दोनों की सेफ्टी को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
होल्डिंग्स
भारत में, आप सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दो डिपॉजिटरी - CDSL या NSDL स्टॉकब्रोकर क्या हैं में से एक में होल्ड कर सकते हैं। आपका स्टॉकब्रोकर इन्डरेक्ट्ली एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (यानी CDSL या NSDL का मेंबर) के तौर पर सिक्योरिटीज को मेन्टेन करता है। अगर आपका स्टॉक ब्रोकर डिफॉल्टर हो जाता है, तब आप अपनी होल्डिंग्स को अपनी पसंद के किसी अन्य स्टॉकब्रोकर को ट्रांसफर कर सकतें हैं,क्योंकि आपकी सिक्योरिटीज डिपॉज़िटरी के पास सुरक्षित होती हैं।
फंड्स
जहाँ तक फंड्स का सवाल है, वह स्टॉकब्रोकर खुद अपने साथ रखता है अपने क्लाइंट्स के इस्तमाल के लिए। SEBI ने स्टॉक ब्रोकरों को क्लाइंट के फंड को एक अलग क्लाइंट पूल अकाउंट में रखने के लिए कहता है। स्टॉकब्रोकर इन फंड्स का इस्तेमाल केवल अपने क्लाइंट्स द्वारा किए गए इन्वेस्टमेंट और ट्रेड्स के लिए ही कर सकता है।
जैसे DICGC आपके बैंक डिपोसिट की सुरक्षा की गारंटी देता है, अगर आपका बैंक डिफॉल्टर हो जाता है, तो उसी तरह आपके स्टॉक ब्रोकर के पास पड़े आपके फंड की सुरक्षा की गारंटी इन्वेस्टर प्रोटेक्शन फण्ड (25 लाख रुपये तक) स्टॉकब्रोकर क्या हैं द्वारा दी जाती है।
अगर आपका स्टॉक ब्रोकर बैंक डिफॉल्टर हो जाता है, तब आप तीन साल के अंदर कभी भी अपने कंपनसेशन के लिए क्लेम को फाइल कर सकते हैं। आप SEBI के इस सर्कुलर का संदर्भ ले सकते हैं जिसमें ऐसे क्लेम्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के डीटेल्स के बारें में बताया गया है।
कंपनसेशन को क्लेम कैसे करें, यह जानने के लिए आप इन NSE और BSE पेज को रेफेर कर सकते हैं। NSE मेंबर के रिमूवल/ डिफॉल्ट के डिक्लेरेशन पर उत्पन्न होने वाले क्लेम के संबंध में प्रति डिफॉल्टर/ ख़ारिज मेंबर के हर इन्वेस्टर को 25 लाख रुपये की मैक्सिमम लिमिट प्रदान करता है। इसकी तुलना में BSE 15 लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान करता है।
ऊपर बताये गए इंडस्ट्री मेश़र के अलावा, Zerodha के साथ ट्रेडिंग करना कितना सुरक्षित है, यह जानने के लिए इस Z-Connect पोस्ट को पढ़ें।
स्टॉक ब्रोकर (stock broker) क्या होता हैं? kaise bane in hindi
शेयर मार्केट , स्टॉक ब्रोकर , स्टॉक एक्सचेंज , सेंसेक्स , निफ़्टी इत्यादि ये सारे नाम आपने जरूर सुना होगा कम टाइम में इन्वेस्टमेंट के द्वारा अच्छी कमाई की चाहत रखने लोग अक्सर स्टॉक एक्सचेंज में निवेश करते हैं जिसे हम लोग आम भाषा स्टॉकब्रोकर क्या हैं में शेयर मार्केट कहते हैं। इन्वेस्टर और शेयर मार्केट इन दोनों के बीच जो काम करता है उसे हम स्टॉक ब्रोकर कहते हैं।
आज की इस पोस्ट में हम इसी के बारे में आपको शुरू से लेकर अंत तक सारी जानकारी देने वाले हैं यह जानकारी जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।
Stock broker क्या है
स्टॉक ब्रोकर वह है जो investment karne wala और शेयर मार्केट दोनों के बीच काम करता है बिना stock broker के कोई भी इन्वेस्टर या निवेशक अपना ट्रेड शेयर मार्केट में नहीं डाल सकता है
इसलिए दोस्तों यदि आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपको डिमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है और यह दोनों अकाउंट स्टॉक ब्रोकर द्वारा ही खोला जाता है
किसी भी इन्वेस्टर की buy या sell का आर्डर ब्रोकर ही स्टॉक एक्सचेंज के पास पहुंचाया जाता है
देखा जाए तो शेयर बाजार में दो तरह के स्टॉक ब्रोकर काम करते हैं पहले ब्रोकर को हम full service stock broker कहते हैं दूसरे ब्रोकर को हम discount stock broker तो आइए हम इन दोनों प्रकार के बारे में डिटेल से जानकारी देते हैं कि इनका क्या-क्या काम होता है।
full service stock स्टॉकब्रोकर क्या हैं broker क्या है?
यह स्टॉक ब्रोकर को सबसे बढ़िया ब्रोकर माना जाता है क्योंकि यह ब्रोकर अपने क्लाइंट को तरह-तरह की सुविधाएं प्रदान करते हैं जैसे शेयर कब खरीदे , शेयर कब बेचें मोबाइल , फोन पर ट्रेडिंग करने की सुविधा , आईपीओ में इन्वेस्ट की सुविधा इसके अलावा वह फूल टाइम कस्टमर सर्विस की सुविधा भी प्रदान करते हैं। इसके मद्देनजर देखा जाए तो इन स्टॉक ब्रोकर की फीस भी ज्यादा होती है क्योंकि यह फुल टाइम सर्विस प्रदान करते हैं।
आइए हम आपको कुछ पॉपुलर फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर के बारे में बताते हैं
discount stock broker क्या है?
यह स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट से कम फीस में स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने की सुविधा प्रदान कर देते हैं क्योंकि यह अपने क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च फैसिलिटी इत्यादि जैसी सुविधाएं प्रदान नहीं करते फुल स्टॉक ब्रोकर की तरह इनका ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन ही होता है
आइए हम कुछ पॉपुलर डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर के बारे में आपको बताते हैं
- ZERODHA
- MASTER CAPITAL SERVICES LTD
- SOUTH ASIAN STOCK LTD
Stock broker कैसे बने?
दोस्तों यदि आप भी एक स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो आपको फाइनेंशियल मार्केट का बहुत ही अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है इसके साथ-साथ आपके पास स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए तरह-तरह के परमिशन लेने पड़ते हैं तब जाकर आप एक स्टॉक ब्रोकर के रूप में लोगो को ट्रेडिंग करने की सुविधा प्रदान कर सकते हैं तथा अपनी कमाई कर सकते हैं।
वैसे देखा जाये तो स्टॉक ब्रोकर बनना आसान काम नहीं है इसके लिए आपको नॉलेज के साथ-साथ आपको तरह-तरह की चीजें होना आवश्यक है।
आईये स्टॉकब्रोकर क्या हैं हम आपको डिटेल में जानकारी देते है कि आप एक स्टॉक ब्रोकर किस प्रकार बन सकते हैं।
#1. स्टॉक ब्रोकर बनने वाले इच्छुक व्यक्ति को सबसे पहले Capital Market , Stock broking और निवेश संबंधित और भी अन्य सुविधाओं के बारे में कोर्स करना पड़ता है। भारत के कुछ प्रशिक्षण संस्थान में यह कोर्स कराए जाते हैं।
#2. जब यह कोर्स पूरा कर लेते हैं तो आपको किसी स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के साथ जुड़कर कम से कम 2 साल तक इस मार्केट का अनुभव लेना पड़ता है।
इसके बाद आपको स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए सेबी के पास रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है , NSE और BSE का मेंबरशिप लेना पड़ता है , डिपॉजिटरी की मेंबरशिप लेना पड़ता है और भी बहुत सारे काम होते हैं तो आइए इनके बारे में हम आपको डिटेल में बताते हैं
SEBI के साथ रजिस्ट्रेशन करें
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपको सर्वप्रथम SEBI के साथ रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है जब आप SEBI पर रजिस्ट्रेशन करते हैं तो SEBI आपके बारे में पूरा रिसर्च करती है कि आपके पास ऑफिस है या नहीं और यह बिजनेस चलाने के लिए आपके पास जरूरी कागजात है या नहीं जब यह रजिस्ट्रेशन आपका पूरा हो जाता है तो आपको SEBI के द्वारा एक सर्टिफिकेट मिल जाता है।
NSE और BSE का मेंबरशिप लें
SEBI के द्वारा सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट लेने के बाद अब बारी आती है आपको NSE और BSE का मेंबरशिप लेने आप मेंबरशिप फीस को देकर इनकी मेंबरशिप ले सकते हैं इसके साथ NSE और BSE के द्वारा सिक्योरिटी डिपॉजिट कराया जाता है तब जाकर आपको इनकी मेंबरशिप मिल जाती है।
इनकी मेंबरशिप लेने के लिए आपकी उम्र 21 वर्ष से ऊपर तक होनी चाहिए तथा आपके पास किसी स्टॉक एक्सचेंज के साथ काम करने का 2 साल का एक्सपीरियंस होना चाहिए।
Depository Membership लें
इसके साथ-साथ दोस्तों आपको डिपॉजिटरी का मेंबरशिप लेना पड़ता है इसका मेंबरशिप लेने के लिए आपको मेंबरशिप फीस तथा सिक्योरिटी फीस देनी होती है तब जाकर आपको डिपॉजिटरी मेंबरशिप मिलती ह
एक अच्छा ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर तथा मोबाइल ऐप बनवाएं
दोस्तों जब आप एक स्टॉकब्रोकर बन जाते हैं तो आपको एक अच्छा ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर तथा मोबाइल ऐप भी बनानी पड़ती है ताकि कस्टमर आपके तरफ अट्रैक्टिव हो तथा आपके सॉफ्टवेयर का मोबाइल है पर आकर ट्रेडिंग करें ताकि आपको फायदा हो इसके अलावा आपको इसकी एडवरटाइजिंग भी करनी होती है ताकि आपके सॉफ्टवेयर तथा मोबाइल ऐप को लोग जानें।
यह पूरा पोस्ट पढ़ने के बाद आप जानते होंगे दोस्तों के स्टॉक ब्रोकर बनने के काफी रजिस्ट्रेशन और बहुत सारे पैसे की आवश्यकता होती हैं
मैं आपको बता दो दोस्तों यदि आप एक स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो आपके पास कम से कम 4, 5 करोड़ रूपया होना चाहिए तब जाकर आप एक स्टॉक ब्रोकर बन सकते हैं
स्टॉक ब्रोकर बनने के बाद कमाई
स्टॉक ब्रोकर की कमाई कोई फिक्स कमाई नहीं होती है जितने कस्टमर आप से जुड़ेंगे आपको उतना ही फायदा होता है आपकी पूरी कमाई कस्टमर के ऊपर ही निर्भर करता है क्योंकि कस्टमर की ट्रेडिंग का जो tex लेते हैं वही आपकी कमाई होती हैं।
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