Private Cryptocurrency पर बैन! जानिए कौन सी मुद्रा कहलाती है प्राइवेट क्रिप्‍टोकरंसी, जिस पर नहीं है RBI का बस

Cryptocurrency ब्‍लॉकचेन तकनीक पर काम करती है।

Cryotocurrency को भारत में वैध बनाने की प्रक्रिया के बीच केंद्र सरकार इस Parliament Winter Session में एक बड़ा बिल लाने की तैयारी कर रही है। लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक निचले सदन में पेश किए जाने वाले Bills की लिस्‍ट में प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी बिल है।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Cryotocurrency को भारत में वैध बनाने की प्रक्रिया के बीच केंद्र सरकार इस Parliament Winter Session में एक बड़ा बिल लाने की तैयारी कर रही है। लोकसभा बुलेटिन के मुताबिक निचले सदन में पेश किए जाने वाले Bills की लिस्‍ट में प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लिस्‍टेड है। यहां प्राइवेट क्रिप्‍टोकरंसी (Private Cryptocurrency) शब्‍द पर ध्‍यान देने की जरूरत है।

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बता दें कि भारत में अभी Cryptocurrency को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। भारतीय निवेशकों ने इसमें काफी रकम लगा रखी है। लोकसभा की वेबसाइट के मुताबिक सरकार बिल लाकर रिजर्व बैंक को यह अधिकार देगी कि वह अपनी डिजिटल करंसी ला सके और उसकी रूपरेखा तैयार कर सकेगा। इसके साथ ही Private Cryptocurrency को बैन किया जाएगा। यानि Bitcoin, Ether, binance coin, solana और dogecoin, Monero, Dash जैसी आभासी मुद्रा में खरीद-फरोख्‍त करने पर पाबंदी लग जाएगी।

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क्‍या है Private Cryptocurrency

सरकार की तरफ से अभी यह साफ नहीं है कि वह किस Private प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है Cryptocurrency की बात कर रही है। हालांकि Bitcoin, Ether या दूसरी आभासी मुद्राएं भी एक तरह की प्राइवेट क्रिप्‍टोकरंसी है, जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं। Bitocoin और दूसरी करंसी अनजान और ट्रेस न किए जा सकने वाले ट्रांजैक्शन की अनुमति देती हैं। कोई भी सरल तकनीक का इस्तेमाल करते हुए Bitcoin बना सकता है।

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Monero-Dash भी प्राइवेट क्रिप्‍टोकरंसी

Monero, Dash और दूसरे Crypto token भी प्राइवेट क्रिप्‍टोकरंसी में आते हैं। इन प्राइवेट क्रिप्‍टोकरंसी में यूजर की प्राइवेसी बनी रहती है। उसका डेटा सुरक्षित रहता है। इसे प्राइवेट टोकन भी कहते हैं।

कैसे करती है काम

Cryptocurrency की बात करें तो यह एक तरह की Private virtual currency है। यह जिसके पास भी है वह उसका मालिक है। मसलन Bitcoin या Ether, जिनकी मार्केट वैल्‍यू काफी ज्‍यादा है। 1 Bitcoin की कीमत 60 हजार डॉलर के आसपास है। इन करंसी में खरीद-फरोख्‍त पब्लिक लेजर के जरिए होती है। इसमें कोई भी भाग ले सकता है।

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क्‍या है ब्‍लॉकचेन

Cryptocurrency ब्‍लॉकचेन तकनीक पर काम करती है। यह एक डिजिटल फाइल है, जिसे किसी भी सूरत में एमेंड नहीं किया जा सकता। डेटा वितरण के लिए यह Peer to peer mechanism पर काम करती है। मसलन अगर कोई यूजर दूसरे साथी को 20 यूनिट ट्रांसफर करना चाहता है तो ऐसे ट्रांजैक्‍शन में बैंक या केंद्रीय इकाई नियंत्रण करती है। लेकिन Blockchain में कोई केंद्रीय नियामक नहीं होता। हर यूजर को डिजिटल फाइल पर नियंत्रण होता है।

जानिए क्या है प्राइवेट Cryptocurrency, जिस पर बैन लगाने जा रही है केंद्र सरकार, ये है प्रमुख बातें

जानिए क्या है प्राइवेट Cryptocurrency, जिस पर बैन लगाने जा रही है केंद्र सरकार, ये है प्रमुख बातें

Ban on Private Cryptocurrency । भारत सरकार जल्द ही प्राइवेट Cryptocurrency पर बैन लगाने के लिए कानून लाएगी। इस संबंध में संसद में एक विधेयक पेश करने की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार द्वारा विधेयक लाने की घोषणा के बाद क्रिप्टो मार्केट में हलचल बढ़ गई है और अचानक ही Cryptocurrency मार्केट धराशायी हो गया है। क्रिप्टो करेंसी मार्केट में 15 से 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। गौरतलब है कि Cryptocurrency बिटकॉइन में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं एथेरियम में लगभग 15 प्रतिशत और टीथर में लगभग 18 प्रतिशत की गिरावट आई है।

प्राइवेट Cryptocurrency बिल संसद के शीतकालीन सत्र में ही लाया जाएगा। सदन की कार्यवाही पर आधिकारिक दस्तावेज में जानकारी दी गई है कि डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन, आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाना है। गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है।

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विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि निजी Cryptocurrency पर भारत में पूरी तरह से बैन लगाया जाएगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक आरबीआई खुद जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगा। डिजिटल करेंसी का निजी हाथों में होना निवेशकों के लिए घातक हो सकता है इसलिए सरकार Cryptocurrency पर आरबीआई का नियंत्रण चाहती है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भी कमजोर खुदरा निवेशकों को ध्यान में रखते हुए भारत में क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित विकास के बारे में चिंता जताई थी।

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गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में Cryptocurrency में तेजी से निवेश बढ़ा है। हालांकि अभी तक सिर्फ एक देश साल्वाडोर ने ही डिजिटल करेंसी को मान्यता दी है। Cryptocurrency में बिटकॉइन के अलावा भी कई प्राइवेट डिजिटल करेंसी चलन में है, लेकिन साल्वाडोर के अलावा दुनिया के किसी भी देश ने Cryptocurrency को मान्यता नहीं दी है।

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सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए जो बिल ला रही है उसका नाम है- क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021)। इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार एक आधिकारिक क्रिप्टो करेंसी जारी कर पाएगी और इस विधेयक के जरिए सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी बैन हो जाएंगी।

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Cryptocurrency भले ही अभी ज्यादा चर्चा में रहती है लेकिन इसके बारे में लोगों ने 90 के दशक में ही सोचना शुरू कर दिया था। 90 के दशक में जब तकनीकी क्रांति होने लगी थी तो शुरुआती दौर में फ्लूज़, बींज़ व दीजिकेश ने डिजिटल करंसी के रूप में पैर पसारने के बारे में प्रयास किया था लेकिन सफलता नहीं मिली थी। दरअसल शुरुआत में लोग इस डिजिटल करेंसी पर विश्वास नहीं कर पाए थे। इसके बाद साल 2009 में एक बेनामी व्यक्ति सामने आता है, जो सातोशी नाकामोटो के उपनाम से कार्य करता था और सॉफ्टवेयर डेवलप करता था। उसी ने सबसे पहले BitCoin का विचार सबके सामने रखा।

Crypto News: प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है?

Private Crypto: आपको यह पता होना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी दो तरह की होती है। इनमें से एक प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी है और दूसरी पब्लिक क्रिप्टो करेंसी। अगर आप इन दोनों के बीच अंतर नहीं जानते तो आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं।​

क्रिप्टो ट्रेड

पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी
ऐसी सभी क्रिप्टो करेंसी जिनके ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक हो उन्हें पब्लिक क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में यह पता किया जा सकता है कि यह करेंसी किस किस व्यक्ति के पास से गुजरी है। बिटकॉइन, इथर या टेलर से लेकर तमाम बड़ी क्रिप्टो करेंसी पब्लिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी
कई क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं जिनके लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है, इन्हें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। Monero, Dash और दूसरे Crypto token भी प्राइवेट क्रिप्‍टोकरेंसी में आते हैं। इन प्राइवेट क्रिप्‍टोकरेंसी में यूजर की प्राइवेसी बनी रहती है, उनका डेटा सुरक्षित रहता है। इसे प्राइवेट टोकन भी कहते हैं।

प्राइवेट कॉइन की खासियत

प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी यूजर के वॉलेट का बैलेंस और उसका पता जाहिर नहीं होने देते। इसी विशेषता के चलते इनका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है सकता है। भारत में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर जो कानून ला रही है उसके तहत प्राइवेट किसको करेंसी को बैन किया जा सकता है।

प्राइवेट क्रिप्टो की तकनीक
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट ब्लॉकचेन के सहारे चलती है। इसे ट्रेस करना लगभग नामुमकिन हो जाता है। आमतौर पर इसकी परिभाषा भी यही है। जीकैश, मोनेरो, डैश प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण है, वहीं बिटकॉइन, डॉगकॉइन, इथेरियम ये सब पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनके ट्रांजेक्शन को ट्रेस किया जा सकता है।

क्रिप्टो के दुरुपयोग पर नजरें
क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजेक्शन को ट्रैक करना काफी जटिल है और सरकार का मानना है कि इसका बड़े स्तर पर दुरुपयोग हो सकता है। क्रिप्टो को हवाला फंडिंग या टेरर फंडिंग के लिए उपयोग किया जा सकता है, इसलिए इसे बैन करने या रेगुलेट करने की जरूरत है।

What is Cryptocurrency Bill: क्रिप्टोकरेंसी बिल आखिर क्या है, सरकार इसकी मदद से क्रिप्टो पर कैसे पाएगी काबू? जानें सबकुछ

मोदी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है सरकार ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की तैयारी कर ली है। इसके मद्देनजर संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश किया जाएगा। शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने मंगलवार (23 नवंबर) को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने का एलान किया, जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया। वहीं, सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो मार्केट में आए इस भूचाल को देखते हुए समझते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसकी मदद से केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे काबू पाएगी?

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल?
जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है। इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है। साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 26 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है।


सात दिन पहले हुई थी संसदीय समिति की बैठक
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में करीब सात दिन पहले यानी 16 नवंबर को पहली बार संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी। इसमें क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के अलावा अन्य पक्षों को लेकर क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलुओं पर विचार किया गया। इस मीटिंग में यह बात सामने आई थी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता। इसके नियमन की जरूरत है।

सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने किया था जिक्र
बता दें कि पीएम मोदी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई मंत्रालयों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं। इसके अलावा सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने अपने संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए। यह बेहद जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवाओं पर गलत असर पड़ेगा।

विस्तार

क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने मंगलवार (23 नवंबर) को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने का एलान किया, जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया। वहीं, सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो मार्केट में आए इस भूचाल को देखते हुए समझते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसकी मदद से केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे काबू पाएगी?

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल?
जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है। इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है। साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 26 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है।

सात दिन पहले हुई थी संसदीय समिति की बैठक
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में करीब सात दिन पहले यानी 16 नवंबर को पहली बार संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी। इसमें क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के अलावा अन्य पक्षों को लेकर क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलुओं पर विचार किया गया। इस मीटिंग में यह बात सामने आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता। इसके नियमन की जरूरत है।


सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने किया था जिक्र
बता दें कि पीएम मोदी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई मंत्रालयों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं। इसके अलावा सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने अपने संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए। यह बेहद जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवाओं पर गलत असर पड़ेगा।

सरकार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर लगाएगी बैन, आधिकारिक डिजिटल करेंसी लाने की है तैयारी

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है Cryptocurrency

दुनिया भर में प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी को भारत में पूरी तरह से बंद करने की योजना बन रही है। भारत सरकार द्वारा इसके लिए बजट सत्र में एक विधेयक को संसद के पटल पर सूचीबद्ध किया गया है और इसके पास होते ही प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी हमेशा के लिए भारत में बंद हो जाएगी। हालांकि भारत सरकार इसकी जगह अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी भी लाएगी।

आरबीआई इस आधिकारिक डिजिटल करेंसी को जल्द से जल्द देश में लाने के लिए काम कर रहा है। इसे क्रिप्टोकरेंसी के तर्ज पर ही लाने की तैयारी है। आरबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि डिजिटल करेंसी को लाने से क्या फायदे होंगे और यह कितना उपयोगी होगी।

सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार पहली बार क्रिप्टोकरेंसी को बंद करने की योजना बना रही है। वहीं केंद्रीय बैंक की बुकलेट में कहा गया है कि बिटकॉइन जैसी निजी डिजिटल मुद्राओं ने हाल के वर्षों में लोकप्रियता हासिल की है।

लेकिन भारत में रेगुलेटरों और सरकारों ने इन मुद्राओं के बारे में संदेह किया है और इससे उत्पन्न जोखिमों को लेकर काफा सावधान हो गई है। फिर भी, आरबीआई इनकी संभावना के बारे में पता लगा रहा है।

नोट में इस बात का भी जिक्र किया गया है यदि देश में करेंसी के डिजिटल वर्जन की जरूरत है तो इसे कैसे चालू किया जा सकता है? गौरतलब है कि 2018 में जारी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े भुगतानों के लिए बैंक चैनलों के उपयोग पर आरबीआई ने प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन पर सवाल खड़ा कर दिया था।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिस पर किसी का अधिकार नहीं होता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।

इसे आप न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं, क्योंकि भौतिक रूप में क्रिप्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता। इसलिए इसे आभासी मुद्रा कहा जाता है। यह पिछले कुछ सालों में ऐसी करेंसी काफी प्रचलित हुई है।

क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। शुरू में यह उतनी नहीं चली लेकिन धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई। देखा जाए तो अब तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी बाजार में मौजूद हैं।

दुनिया भर में प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी को भारत में पूरी तरह से बंद करने की योजना बन रही है। भारत सरकार द्वारा इसके लिए बजट सत्र में एक विधेयक को संसद के पटल पर सूचीबद्ध किया गया है और इसके पास होते ही प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी हमेशा के लिए भारत में बंद हो जाएगी। हालांकि भारत सरकार इसकी जगह अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी भी लाएगी।

आरबीआई इस आधिकारिक डिजिटल करेंसी को जल्द से जल्द देश में लाने के लिए काम कर रहा है। इसे क्रिप्टोकरेंसी के तर्ज पर ही लाने की तैयारी है। आरबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि डिजिटल करेंसी को लाने से क्या फायदे होंगे और यह कितना उपयोगी होगी।

सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार पहली बार क्रिप्टोकरेंसी को बंद करने की योजना बना रही है। वहीं केंद्रीय बैंक की बुकलेट में कहा गया है कि बिटकॉइन जैसी निजी डिजिटल मुद्राओं ने हाल के वर्षों में लोकप्रियता हासिल की है।

लेकिन भारत में रेगुलेटरों और सरकारों ने इन मुद्राओं के बारे में संदेह किया है और इससे उत्पन्न जोखिमों को लेकर काफा सावधान हो गई है। फिर भी, आरबीआई इनकी संभावना के बारे में पता लगा रहा है।

नोट में इस बात का भी जिक्र किया गया है यदि देश में करेंसी के डिजिटल वर्जन की जरूरत है तो इसे कैसे चालू किया जा सकता है? गौरतलब है कि 2018 में जारी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े भुगतानों के लिए बैंक चैनलों के उपयोग पर आरबीआई ने प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन पर सवाल खड़ा कर दिया था।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिस पर किसी का अधिकार नहीं होता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।

इसे आप न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं, क्योंकि भौतिक रूप में क्रिप्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता। इसलिए इसे आभासी मुद्रा कहा जाता है। यह पिछले कुछ सालों में ऐसी करेंसी काफी प्रचलित हुई है।

क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। शुरू में यह उतनी नहीं चली लेकिन धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई। देखा जाए तो अब तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी बाजार में मौजूद हैं।

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