क्या भारत में लीगल होने जा रही है क्रिप्टोकरेंसी? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया ये जवाब
Finance Minister Nirmala Sitharaman ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में वर्चु्अल डिजिटल करेंसी पर टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया है। भारत में Digital Assets से होने वाली इनकम पर अब 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। बजट के बाद अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को लीगलाइज करने को लेकर अहम जानकारी दी।
RBI ने लॉन्च किया ‘डिजिटल रुपया’ (e₹), समझिए क्या होंगे इसके फायदे
RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने आज 1 नवंबर को अपनी डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल रुपया’ को लॉन्च कर दिया है। केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) जारी किया है। यह फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। शुरुआती दौर में डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
Key Points
– भारत सरकार ने 01 फरवरी, 2022 को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की
– 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की
– 01 नवंबर, 2022 को होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया (e₹) लांच
पायलट प्रोजेक्ट
इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा। आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है।
आरबीआई ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे।
डिजिटल करेंसी में 9 बैंक शामिल
थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बैंक होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं। ये बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।
क्या है CBDC
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।
दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है
पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।
RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
डिजिटल करेंसी के फायदे
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। ये फायदे भी होंगे
बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान।
CBDC द्वारा मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के ट्रांजैक्शन होगा
चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा।
नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? मिलेगा।
पेपर नोट की प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
एक डिजिटल मुद्रा की जीवन रेखा भौतिक नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी
CBDC मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है
अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है। इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और इस पर किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता। ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं। लेकिन, RBI की डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है, जिसके सरकार की मंजूरी होगी। डिजिटल रुपी में क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी। फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रुपी में भी होंगे। लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी। क्रिप्टोकरेंसी का भाव घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा।
अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।
डिजिटल रुपया (e ₹) प्रणाली भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, जिसका बड़ा सकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा।
बिटकॉइन किस देश की करेंसी है और इस करेंसी का मालिक कौन है?
दोस्तों एक ऐसा जमाना था जहा पर हम एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु या खाने-पिने की चीजे खरीद ते थे। उसके बाद वस्तुओ की जगह पैसो ने यानि की मुद्रा ने ली और आज हमें व्यापर-लेनदेन और किसी वास्तु को खरीद ने के लिए चलन की ज़रूरत होती है।
आज के चलन को हम छू सकते है। हमारे पास घर पर रख सकते है। और इस मुद्रा या चलन से हम कुछ भी कर सकते है।
मगर दोसत वक़्त के साथ दुनिया की हर एक चीज़ में बदलाव देखने मिलता है, जिसका असर हमें चलन, मुद्राओ पर देखने मिला है और उस बदल को आज हम क्रिप्टो करेंसी कहते है।
जो की सिर्फ एक आभासी तौर पर उपलब्ध है मतलब जिसे हम छू नहीं सकते, अपने पास कही संभाल कर नहीं रख सकते। मगर जिस जिस तरह का काम हम हमारे साधारण चलन और मुद्रा से करते है उसी तरह के सारे व्यव्हार, व्यापर, वस्तु की लेनदेन हम इस आभासी चलन यानि की क्रिप्टो करेंसी से कर सकते क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? है।
जब जब हम क्रिप्टो करेंसी का नाम सुनते है सुनते तब तब हमारे दिल और दिमाग में एक ही नाम आता है और वो नाम बिटकॉइन है। आज के दौर क्रिप्टो करेंसी का दब-दाबा बना हुआ है, और क्रिप्टो करेंसी को दुनिया भर में पहचान देने का काम बिटकॉइन ने किया है।
वैसे तो दोस्तों बिटकॉइन यह एक Crypto Currency है, यह बात ज्यादातर लोगो को पता ही है। मगर आखिर बिटकॉइन का उगम कहा से हुआ?, बिटकॉइन का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है? यह बाते बहोत से लोगो को नहीं पता।
दोस्तों आपके इन्ही सवालो के सारे जवाब देने के लिए हमने हमारे इस पोस्ट बताया है कि बिटकॉइन (Bitcoin) किस देश देश की करेंसी है? इसका मालिक कौन है और भी बहोत कुछ। बस आप हमारे इस लेख पे अंत तक बने रहे।
ये भी पढ़े
- ऑनलाइन बैंक बैलेंस कैसे चेक करें?
- बैंक में मोबाइल नंबर कैसे रजिस्टर करें?
- ट्रेडिंग क्या है? इसे कैसे सीखें?
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन यह एक विकेन्द्रीकृत आभासी चलन है, जिसे हम बैंक की विपरीत बिना किसी माधास्ति के इंटरनेट से किसी वेबसाइट या ऐप के जरिये सीधा खरीद सकते है, बेच सकते है, और उसक विनिमय कर सकते है। यानि की हमें बिटकॉइन से व्यापर, व्यवहार बिना किसी सरकार के नियत्रण के अंदर कर सकते है।
दोस्तों भले ही आज बिटकॉइन पर किसी देश, सरकार, बैंक का पूर्ण रूप से नियत्रण नहीं है। मगर कोई भी देश, या सरकार बिटकॉइन के व्यवहार, व्यापर और विनमय के लिए नियम लागू करा सकती है।
जिसकी वजह से आज दुनिया में कही देशो ने बिटकॉइन को लीगल या इलीगल करेंसी घोषित की है।
बिटकॉइन किस देश की करेंसी है?
दोस्तों बिटकॉइन और उसे माइनिंग या बनाने की अंतर्निहित तकनीक 2009 में जापान इस देश से सातोशी नाकामोटो इस इंसान या क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? समूह द्वारा बनाई गई थी।
हलाकि सातोशी नाकामोतो यह किस एक व्यक्ति का नाम है या किसी समूह का नाम है यह अभीतक पता नहीं लगा पाया। इसलिए बिटकॉइन को किस अलग अलग हिस्सों या कीमतों में बाटा गया है उसे Bitcoins माइन करने वाले माइनर्स सातोशी इस नाम का इस्तेमाल करते है।
दोस्तों बिटकॉइन को भले ही जापान में बनाया था। मगर फिर भीं हम इसे पूरी तरह से जापानी आभासी चलन नहीं कह सकते। क्यूकी बिटकॉइन पर जापान देश या जापान सरकार का पूर्ण रूप से नियंत्रण नहीं है।
सातोशी नाकामोटो कौन है?
सातोशी नाकामोटो प्रकल्पित ज्ञात नाम वाले व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला नाम है।
जिन्होंने बिटकॉइन का विकास किया है , जिन्होंने बिटकॉइन का श्वेत पत्र लिखा, और जिन्होंने Bitcoin के मूल संदर्भ तकनीक को बनाया।
कार्यान्वयन के हिस्से के रूप क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? में, नाकामोटो ने पहला अपना ब्लॉकचेन डेटाबेस भी तैयार किया था। नाकामोटो या व्यक्ति या समूह दिसंबर 2010 तक बिटकॉइन के विकास में सक्रिय था। उसके बात सातोशी नाकामोटो इस व्यक्ति या ग्रुप को कोई भी देश या सरकार ढूंढ नहीं पाई।
क्रिप्टो करेंसी किन देशो में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है
दोस्तों आज कही सारे देश के लोग क्रिप्टो या बिटकॉइन को शेयर मार्किट की तरह होल्ड करके बाद में बेच देते है।
आज भारत के साथ अन्य कही देश के लोग बिटकॉइन को खरीद ते है और बेचते है। हलाकि भारत में और अन्य कही देशो ने क्रिप्टो करेंसी अपनाया भी नहीं या बैन भी नहीं किया है।
देश
क्रिप्टो के खरीदारों की संख्या
लोकसंख्या के प्रतिशत
दोस्तों ऊपर दी हुई यदि वर्तमान ( Dec-2021 ) के हिसाब से बनाई गई है। भविष्य में क्रप्टो के खरीद दार किसी भी देश में बढ़ सकते है या फिर कम हो सकते है।
दोस्तों आज बिटकॉइन कोण खरीदना नहीं चाहता, बिटकॉइन को हम तरह तरह के माध्यम से खरीद या बना सकते है जिसे हम माइनिंग कहते है। इंटरनेट पर आपको बिटकॉइन को पैसे से या मुफ्त में प्राप्त करने के कही माध्यम मिल जायेंगे।
मगर इस बात का भी ध्यान दे अभीतक भारत सरकार ने बिटकॉइन को भारत में विनिमय करने की अनुमति नहीं दी है, शायद भविष्य में देदे या फिर ना भी दे।
इसलिए आप बिटकॉइन या किसी भी करेंसी को छोटी रकम में ही ख़रीदे या फिर माइन करे। ताकि भिवष्य में क्रिप्टो करेंसी से संबधित कुर्ती से आपको नुकसान न हो।
तो दोस्तों अब आपको समाज गया होंगे की बिटकॉइन किस देश की करेंसी है? औरबिटकॉइन से जुडी अन्य बाते।
मुझे उम्मीद है आपको हमारे इस लखे से थोड़ी बहोत मदत मी होंगी। इस तरह के टेक्नोलॉजी से जुड़े बातो को जानने के लिए हमारी वेबसाइट के अन्य लेख भी आप पढ़ सकते है, धयानवाद, जय हिंदी।
क्या क्रिप्टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्पष्ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।
1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा
सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की भी घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा में लेनदेन के विवरण को कैप्चर करना है। विभिन्न बाजार विश्लेषकों ने डिजिटल परिसंपत्तियों पर कर लगाने को क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक दर्जा मिलने की प्रस्तावना के रूप में देखा। हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर कर लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके नियमन या वैधता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
RBI की नज़र में यह आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा
केंद्र सरकार भले ही इस करेंसी को लेकर अभी बंदिशें नहीं लगा रही हो लेकिन आरबीआई की नज़र में यह देश की माली हालत के लिए ठीक नहीं है। फरवरी माह में ही मौद्रिक नीति की घोषणाओं के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि "निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं, साथ ही आरबीआई की इससे निपटने की क्षमता भी है। निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में क्या निवेश कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इन क्रिप्टोकरेंसी में कोई संपत्ति नहीं है।
सरकार चाहती है सामूहिक प्रयास हों
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है क्योंकि तकनीक लगातार विकसित और बदल रही है। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो विनियमन पर परामर्श चल रहा है और नियामक दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद क्या कानूनी है, क्या स्पष्ट नहीं होगा।
बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के लिए राह मुश्किल
दूसरी तरफ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना था कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी। सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगी। हम डिजिटल रुपये के साथ गैर-डिजिटल संपत्ति खरीद सकते हैं जैसे हम अपने वॉलेट या यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं।
सरकार नहीं कर सकती मूल्य को अधिकृत
सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"
1 अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी पर लागू हो रहा नया क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? नियम, बिक्री में मुनाफे पर ही देना होगा 30% टैक्स
मान लें किसी व्यक्ति ने 10,000 रुपये में बिटकॉइन खरीदा और उसे 12,000 रुपये में बेच दिया. इससे उसे 2,000 रुपये का फायदा हुआ. इस 2,000 रुपये पर 30 परसेंट टैक्स देना होगा जो 600 रुपये होगा. बेचने पर अगर घाटा होता है, तो उस पर टैक्स नहीं देना होगा.
नए वित्त वर्ष के पहले दिन यानी 1 अप्रैल से कई बदलाव देखने को मिलेंगे. एक बड़ा बदलाव क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाले टैक्स (Tax on cryptocurrency) का है. हालिया बजट में वित्त मंत्री ने इसका ऐलान किया था. इसमें कहा गया कि सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) या क्रिप्टो एसेट पर 30 परसेंट टैक्स लगेगा, अगर उसे बेचने पर फायदा होता है. इसके अलावा, जब-जब कोई क्रिप्टो एसेट बेचा जाएगा, तब-तब उसकी बिक्री का 1 परसेंट टीडीएस कटेगा. इस टीडीएस (TDS on cryptocurrency) को साल के अंत में क्रिप्टो टैक्स के साथ सेट-ऑफ किया जा सकेगा. रुपये-पैसे में टैक्स और टीडीएस की क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? कटौती कैसे होगी, आपको कितने रुपये चुकाने होंगे, इस रिपोर्ट में हम इसी पर बात करेंगे.
यह जानना जरूरी है कि सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि क्रिप्टो टैक्स को बिजनेस के खर्च के साथ सेट-ऑफ नहीं कर सकते. इसके टीडीएस को सिर्फ और सिर्फ क्रिप्टो टैक्स के साथ ही सेट-ऑफ किया जा सकता है. सरकार ने एक बात और साफ किया है कि टैक्स और टीडीएस का अर्थ यह न समझा जाए कि क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन को वैध दर्जा मिल गया है. 1 अप्रैल से बिटकॉइन या इथीरियम जैसे किसी भी क्रिप्टोकरेंसी से कमाई करते हैं, तो उस पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा. इसके विपरीत स्टॉक ट्रेडिंग पर टैक्स रेट शून्य से 15 परसेंट तक होगा. 15 परसेंट टैक्स तब लगेगा जब शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन का टैक्स भरा जाएगा.
कहा जाता है कि भारत में लगभग 1 करोड़ क्रिप्टोकरेंसी के यूजर हैं जिन्होंने 2021 में तकरीबन 100 अरब डॉलर की ट्रेडिंग की. भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग धड़ल्ले से जारी है और टैक्स का प्रावधान लगने के बाद इसमें और तेजी देखी जा रही है. लोगों को भरोसा हो गया है कि सरकार क्रिप्टो पर कोई पाबंदी नहीं लगाएगी. हालांकि क्रिप्टो के लेनदेन क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? में टैक्स चोरी की शिकायतें आ रही हैं जिस पर सीबीडीटी और ईडी ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है.
कैसे कटेगा टैक्स
क्रिप्टोकरेंसी बेचने पर लाभ होता है तो उसका 30 परसेंट टैक्स देना क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है? होगा. उदाहरण के लिए, मान लें किसी व्यक्ति ने 10,000 रुपये में क्रिप्टो खरीदा और उसे 12,000 रुपये में बेच दिया. इससे उसे 2,000 रुपये का फायदा हुआ. इस 2,000 रुपये पर 30 परसेंट टैक्स देना होगा जो 600 रुपये होगा. आप जब तक उस क्रिप्टो को नहीं बेचेंगे और उस पर मुनाफा नहीं कमाएंगे, तबतक कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी. साल भर कोई व्यक्ति कई बार क्रिप्टो की खरीद-बिक्री करता है, लेकिन अगर उसे नफा के बदले नुकसान होता है, तो कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी.
टीडीएस का नियम
सरकार ने टीडीएस का भी नया नियम बनाया है. क्रिप्टोकरेंसी का ट्रांजैक्शन करने पर 1 परसेंट टीडीएस काटा जाएगा. यह टीडीएस क्रिप्टो एक्सचेंज वाले पहले ही काट लेंगे. इसका नियम है कि क्रिप्टो बेचने या खरीदने पर आपको घाटा हो या नफा, 1 परसेंट टीडीएस जरूर काटा जाएगा. मान लें आपने 40,000 रुपये में बिटकॉइन खरीदा है और उसे 40,000 रुपये में ही बेच रहे हैं. 1 परसेंट टीडीएस काटने के बाद आपके हाथ में 39,600 रुपये ही आएंगे. अगर आप इसी पैसे से इथीरियम या एनएफटी खरीद रहे हैं और बाद में उसे बिना किसी मुनाफे के बेच रहे हैं तो 1 परसेंट टीडीएस और कटेगा. आपको 39,204 रुपये ही मिलेंगे. हालांकि टीडीएस की इस कटौती को साल के अंत में इनकम टैक्स के साथ सेट-ऑफ कर सकते हैं.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 90