एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें
“ बिजनेस को बढ़ाने और सफल बनाने के लिए सिर्फ समय और धन ही काफी नहीं है, बल्कि बहुत से तकनीकी पहलुओं की. ”
बिजनेस को बढ़ाने और सफल बनाने के एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें लिए सिर्फ समय और धन ही काफी नहीं है, बल्कि बहुत से तकनीकी पहलुओं की जानकारी होना भी बेहद जरूरी है। इससें सबसे अहम है फाइनेंशियल कंट्रोल स्ट्रैटेजी, यह कहना है जाने-माने कैश फ्लो विशेषज्ञ जगमोहन सिंह का।
दिल्ली के जनकपुरी स्थित हयात सेंट्रिक होटल में आयोजित "एक दिन विशेषज्ञों के साथ" कार्यक्रम में जगमोहन सिंह ने कैश रिच बिजनेस के लिए 21 फाइनेंशियल कंट्रोल स्ट्रैटेजी दीं। सेमिनार का विषय 'कैश रिच बिजनेस को फास्ट कैसे बनाएं' रखा गया था, लिहाजा उन्होंने बिजनेस में संगठन चार्ट के महत्व, कैश फ्लो मॉडल के मुताबिक बिजनेस करने और बिजनेस के 35 कैश फ्लो नियमों के बारे में बात की।
इक्रोटेक और ओकाया ग्रुप के फाउंडर और किताब "माइन द मिलिनेयर इन यू" के लेखक अनिल गुप्ता ने बिजनेस ओनर की जिंदगी में अनुशासन और प्रतिबद्धता के महत्व को समझाया। एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें उन्होंने कहा कि बिजनेस का मतलब सिर्फ पैसा कमाना नहीं, बल्कि उसके पीछे एक अच्छा मकसद भी होना चाहिए। टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट संजीव जैन ने कई उदाहरणों के जरिये समझाया कि प्रौद्योगिकी के बिना कोई भी व्यवसाय विकसित नहीं हो सकता। वेल्थ एक्सपर्ट निखिल नाइक ने भी बिजनेस की बारीकियों पर चर्चा की और वेल्थ एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें बिल्डिंग का फ्रेमवर्क दिया। इस इवेंट में मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग, सर्विसेज, आईटी, रिटेल, कॉन्ट्रैक्टर और डेवलपर्स जैसे अलग-अलग सेक्टर से जुड़े भारत, अमेरिका और कनाडा के 240 बिजनेस ओनर्स ने हिस्सा लिया।
सभी बिजनेस एक्सपर्ट्स ने सम्मेलन में मौजूद लोगों के साथ अपना ज्ञान व अनुभव बांटा और उन्हें बिजनेस के ज़रूरी पहलुओं को ज्यादा से ज्यादा समझने का अवसर दिया। पैनल डिस्कशन और सवाल जवाब के माध्यम से बिजनेस की मुश्किलों का समाधान भी प्रस्तुत किया।
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Trade In Rupees: सरकार रुपये में व्यापार बढ़ाने पर दे रही है जोर, बैंकों और व्यापार संगठनों को दिया यह निर्देश
भारतीय बैंकों ने पहले से ही रूस, मॉरीशस और श्रीलंका के साथ रुपये में व्यापार (Trade In Rupees) को सुगम बनाने के भारतीय बैंकों ने पहले से ही इन तीन देशों के बैंकों के साथ विशेष वोस्ट्रो रुपया खाते (Special Vostro Rupee Accounts) खोले हैं.
Trade In Rupees: दुनिया के कई देशों ने रुपये में व्यापार लिए वोस्ट्रो अकाउंट खोले हैं.
केंद्र सरकार रुपये में व्यापार (Trade In Rupees) बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है. इसको लेकर सरकार ने व्यापार संगठनों और बैंकों को अधिक से अधिक देशों के साथ रुपये में व्यापार बढ़ाने का निर्देश दिया है. सूत्रों ने बताया कि रूस, मॉरीशस और श्रीलंका के साथ रुपये में व्यापार को सुगम बनाने के बाद अब नये देशों को इस पहल में जोड़ने की कवायद हो रही है. भारतीय बैंकों ने पहले से ही इन तीन देशों के बैंकों के साथ विशेष वोस्ट्रो रुपया खाते (Special Vostro Rupee Accounts) खोले हैं. इन अकाउंट से रुपये में व्यापार (Rupee Trading) व्यवस्था को संचालित किया जा रहा है.
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हाल ही में, एसबीआई मॉरीशस लिमिटेड (SBI Mauritius Ltd) और पीपल्स बैंक ऑफ श्रीलंका (People's Bank of Sri Lanka)ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ एक एसवीआरए (SVRA) खोला था. इसके अलावा बैंक ऑफ सीलोन (Bank of Ceylon) ने चेन्नई में अपनी भारतीय सब्सिडियरी कंपनी में एक खाता खोला. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) ने रूस के रॉस बैंक (Ros Bank Russia) के साथ मिलकर स्पेशल रुपया अकाउंट खोला है. चेन्नई स्थित इंडियन बैंक(Indian Bank) ने कोलंबो स्थित एनडीबी बैंक (NDB Bank) और सीलोन बैंक (Seylan Bank) सहित तीन श्रीलंकाई बैंकों के ऐसे खाते खोले हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मंजूरी के बाद रूस के दो और श्रीलंका के एक बैंक सहित 11 बैंकों ने कुल वोस्ट्रो अकाउंट (Vostro Account) 18 खाते खोले हैं.आरबीआई ने जुलाई में घरेलू करेंसी में सीमापार व्यापार लेनदेन (Cross Border Business Transactions) पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे. सूत्रों ने कहा कि हाल ही में एक समीक्षा बैठक में वित्त मंत्रालय ने रुपये में द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार करने पर जोर दिया.
इसके अलावा स्वदेशी भुगतान प्रणाली (Payment System) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की योजना के बारे में बताया. रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत रुपये में व्यापार (Rupee Trade) को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
BSE ने 148 दिनों में जोड़े 1 करोड़ निवेशक, 12 करोड़ हो गए अकाउंट, महाराष्ट्र एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें में गुजरात से दोगुने यूजर्स
BSE Investors: प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई 148 दिनों की अवधि में अपने प्लेटफॉर्म पर 1 करोड़ रजिस्टर्ड इन्वेस्टर अकाउंट जोड़े हैं.
BSE के 42% निवेशक 30 से 40 आयु वर्ग में आते हैं. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा यूजर हैं.
BSE Registered Users: प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई (BSE) 148 दिनों की अवधि में अपने प्लेटफॉर्म पर 1 करोड़ रजिस्टर्ड इन्वेस्टर अकाउंट जोड़े हैं. जिसके बाद BSE पर कुल अकाउंट यानी निवेशकों की संख्या 12 करोड़ हो गई है. स्टॉक एक्सचेंज ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. एक्सचेंज ने एक बयान में कहा है कि 18 जुलाई से 13 दिसंबर के बीच 1 करोड़ निवेशकों के खाते जोड़े गए हैं.
इसके पहले स्टॉक एक्सचेंज ने 10 करोड़ से 11 करोड़ अकाउंट जोड़ने में 124 दिन, 9 करोड़ से 10 करोड1 अकाउंट पहुंचाने में 91 दिन, 8 करोड़ से 9 करोड़ अकाउंट के लिए 85 दिन और 7 करोड़ से 8 करोड़ अकाउंट पहुंचाने में 107 दिन लिए थे.
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42% यूजर्स 30-40 आयु वर्ग के
स्टॉक एक्सचेंज ने कहा BSE ने 13 दिसंबर, 2022 को यूनिक क्लाइंट कोड (UCC) के आधार पर 12 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स के मील के पत्थर को पार कर लिया है. 12 करोड़ यूजर्स में से 42 फीसदी 30 से 40 आयु वर्ग में आते हैं, करीब 23 फीसदी 20-30 आयु वर्ग में और 11 फीसदी 40-50 आयु वर्ग में आते हैं.
सबसे ज्यादा निवेशक महाराष्ट्र, गुजरात से
राज्यों के मामले में, महाराष्ट्र कुल 12 करोड़ यूजर्स में से 20 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ निवेशकों के मामले में सबसे आगे है. इसके बाद गुजरात 10 फीसदी, उत्तर प्रदेश 9 फीसदी और राजस्थान व तमिलनाडु 6-6 फीसदी का नंबर आता है. हालांकि एक्सचेंज ने यह साफ नहीं किया कि इनमें से कितने खाते एक्टिव हैं या केवल म्यूचुअल फंड निवेश के लिए हैं. क्योंकि अधिकांश ट्रेडिंग वॉल्यूम राइवल एक्सचेंज NSE पर है.
दुनिया का सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज
BSE (पूर्व में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) की स्थापना 1875 में हुई थी और यह 6 माइक्रोसेकंड की गति के साथ दुनिया का सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है. एक्सचेंज के पास एक ब्रॉडर शेयरहोल्डर बेस है, जिसमें रणनीतिक भागीदार के रूप में प्रमुख ग्लोबल एक्सचेंज Deutsche Bourse शामिल है. यह इक्विटी, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, इक्विटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स, कमोडिटी डेरिवेटिव्स, इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स, म्यूचुअल फंड्स और स्टॉक लेंडिंग और बॉरोइंग में ट्रेडिंग प्रदान करता है.
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Gold ATM: इस ATM से कैश के बजाय सीधे निकलेगा सोने का सिक्का, जानें कैसे करेगा काम?
Real Time Gold ATM: गोल्डसिक्का प्राइवेट लिमिटेड (Goldsikka Pvt Ltd) ने 3 दिसंबर को हैदराबाद स्थित स्टार्टअप कंपनी मैसर्स ओपनक्यूब टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (M/s OpenCube Technologies Pvt Ltd) के तकनीकी समर्थन के साथ अपना पहला गोल्ड एटीएम लॉन्च किया. यह भारत और दुनिया का पहला रीयल-टाइम गोल्ड एटीएम है.
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अभी तो आपने ऑटोमेटेड ट्रेलर मशीन यानी ATM कैश एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें निकाला होगा. कुछ जगहों पर वॉटर एटीएम भी देखें होंगे. लेकिन अब आप एटीएम से कैश के बजाय सीधे सोने के सिक्के निकाल सकते हैं. दरअसल, हैदराबाद में दुनिया का पहला रियल टाइम गोल्ड एटीएम (Real Time Gold ATM) लगाया गया है. इस एटीएम से सोने के सिक्के निकाले जा सकते हैं. सोना खरीदने और बेचने का कारोबार करने वाली कंपनी गोल्डसिक्का (Goldsikka) ने इस एटीएम को लगाया है. कंपनी का कहना है कि इस एटीएम से 0.5 ग्राम एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें से लेकर 100 ग्राम तक के सिक्के निकाले जा सकते हैं.
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कब हुई लॉन्चिंग?
गोल्डसिक्का प्राइवेट लिमिटेड (Goldsikka Pvt Ltd) ने 3 दिसंबर को हैदराबाद स्थित स्टार्टअप कंपनी मैसर्स ओपनक्यूब टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (M/s OpenCube Technologies Pvt Ltd) के तकनीकी समर्थन के साथ अपना पहला गोल्ड एटीएम लॉन्च किया. यह भारत और दुनिया का पहला रीयल-टाइम गोल्ड एटीएम है.
5 किलो सोना रखने की है क्षमता
यह एटीएम गोल्डसिक्का के हेड ऑफिस अशोक रघुपति चेम्बर्स, प्रकाश नगर मेट्रो स्टेशन बेगमपेट में लगाया गया है. गोल्ड एटीएम की क्षमता पांच किलो सोना रखने की है. इसमें 0.5 ग्राम से लेकर 100 ग्राम तक के सोने एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें की मात्रा के लिए आठ विकल्प उपलब्ध हैं. इसमें 0.5 ग्राम, 1 ग्राम, 2 ग्राम, 5 ग्राम, 10 ग्राम, 20 ग्राम, 50 ग्राम और 100 ग्राम के विकल्प उपलब्ध हैं.
कैसे करेगा काम?
गोल्डसिक्का कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट प्रताप ने कहा कि गोल्डसिक्का लिमिटेड चार साल पुरानी कंपनी है. हम बुलियन ट्रेडिंग में शामिल हैं. हमारे सीईओ को एटीएम मशीन के माध्यम से सोने के सिक्के निकालने की एक नई अवधारणा मिली. थोड़ी खोजबीन करने के बाद हमें पता चला कि ऐसा संभव हो सकता है. हमने एक स्टार्ट-अप कंपनी ओपनक्यूब टेक्नोलॉजीज के साथ करार किया है. उन्होंने और हमारे इन-हाउस विभाग ने तकनीकी समर्थन के साथ इसे डिजाइन और विकसित किया है. प्रताप ने कहा कि इस एटीएम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे सोने के सिक्के निकलने के साथ-साथ सोने की कीमत लाइव अपडेट होती रहेगी.
24 घंटे मिलेगी सोना खरीदने की सुविधा
कंपनी का कहना है कि लोग सोने में निवेश कर रहे हैं और सोने की मांग बढ़ रही है. इसे देखते हुए यह गोल्ड एटीएम लगाया गया है. इसके जरिए लोगों को अब शुद्ध सोना आसानी से उपलब्ध हो रहा है. गोल्डसिक्का से सोना खरीदना आसान हो गया है. गोल्ड एटीएम का उद्देश्य 24 घंटे ग्राहकों को सोना खरीदने की सुविधा देना है. गोल्ड एटीएम से निकलने वाले सिक्के 24 कैरेट सोने और 999 प्रमाणित हैं। इसकी स्क्रीन पर सोने की लाइव कीमत भी दिखेगी.
भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत जीडीपी के संदर्भ में विश्व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है । यह अपने भौगोलिक आकार के संदर्भ में विश्व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों के बावजूद विश्व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्त करने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्मूलन और रोजगार उत्पन्न करने वाले कार्यक्रम चलाए एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें जा रहे हैं ।
इतिहास
ऐतिहासिक रूप से भारत एक बहुत विकसित आर्थिक व्यवस्था थी जिसके विश्व के अन्य भागों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध थे । औपनिवेशिक युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रिटिश भारत से सस्ती दरों पर कच्ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कहीं अधिक उच्चतर कीमत पर बेचा जाता था जिसके परिणामस्वरूप स्रोतों का द्धिमार्गी ह्रास होता था । इस अवधि के दौरान विश्व की आय में भारत का हिस्सा 1700 ए डी के 22.3 प्रतिशत से गिरकर 1952 में 3.8 प्रतिशत रह गया । 1947 में भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात अर्थव्यवस्था की पुननिर्माण प्रक्रिया प्रारंभ हुई । इस उद्देश्य से विभिन्न नीतियॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित की गयी ।
1991 में भारत सरकार ने महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार प्रस्तुत किए जो इस दृष्टि से वृहद प्रयास थे जिनमें विदेश व्यापार उदारीकरण, वित्तीय उदारीकरण, कर सुधार और विदेशी निवेश के प्रति आग्रह शामिल था । इन उपायों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद की तब से भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत आगे निकल आई है । सकल स्वदेशी उत्पाद की औसत वृद्धि दर (फैक्टर लागत पर) जो 1951 - 91 के दौरान 4.34 प्रतिशत थी, 1991-2011 के दौरान 6.24 प्रतिशत के रूप में बढ़ गयी ।
कृषि
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है जो न केवल इसलिए कि इससे देश की अधिकांश जनसंख्या को खाद्य की आपूर्ति होती है बल्कि इसलिए भी भारत की आधी से भी अधिक आबादी प्रत्यक्ष रूप से जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है ।
विभिन्न नीतिगत उपायों के द्वारा कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई, जिसके फलस्वरूप एक बड़ी सीमा तक खाद्य सुरक्षा प्राप्त हुई । कृषि में वृद्धि ने अन्य क्षेत्रों में भी अधिकतम रूप से अनुकूल प्रभाव डाला जिसके फलस्वरूप सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था में और अधिकांश जनसंख्या तक लाभ पहुँचे । वर्ष 2010 - 11 में 241.6 मिलियन टन का एक रिकार्ड खाद्य उत्पादन हुआ, जिसमें सर्वकालीन उच्चतर रूप में गेहूँ, मोटा अनाज और दालों का उत्पादन हुआ । कृषि क्षेत्र भारत के जीडीपी का लगभग 22 प्रतिशत प्रदान करता है ।
उद्योग
औद्योगिक एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है जोकि विभिन्न सामाजिक, आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक है जैसे कि ऋण के बोझ को कम करना, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आवक (एफडीआई) का संवर्द्धन करना, आत्मनिर्भर वितरण को बढ़ाना, वर्तमान आर्थिक परिदृय को वैविध्यपूर्ण और आधुनिक बनाना, क्षेत्रीय विकास का संर्वद्धन, गरीबी उन्मूलन, लोगों के जीवन स्तर को उठाना आदि हैं ।
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत सरकार देश में औद्योगिकीकरण के तीव्र संवर्द्धन की दृष्टि से विभिन्न नीतिगत उपाय करती रही है । इस दिशा में प्रमुख कदम के रूप में औद्योगिक नीति संकल्प की उदघोषणा करना है जो 1948 में पारित हुआ और उसके अनुसार 1956 और 1991 में पारित हुआ । 1991 के आर्थिक सुधार आयात प्रतिबंधों को हटाना, पहले सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए आरक्षित, निजी क्षेत्रों में भागेदारी, बाजार सुनिश्चित मुद्रा विनिमय दरों की उदारीकृत शर्तें ( एफडीआई की आवक / जावक हेतु आदि के द्वारा महत्वपूर्ण नीतिगत परिवर्तन लाए । इन कदमों ने भारतीय उद्योग को अत्यधिक अपेक्षित तीव्रता प्रदान की ।
आज औद्योगिक क्षेत्र 1991-92 के 22.8 प्रतिशत से बढ़कर कुल जीडीपी का 26 प्रतिशत अंशदान करता है ।
सेवाऍं
आर्थिक उदारीकरण सेवा उद्योग की एक तीव्र बढ़ोतरी के रूप में उभरा है और भारत वर्तमान समय में कृषि आधरित अर्थव्यवस्था से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तन को देख रहा है । आज सेवा क्षेत्र जीडीपी के लगभग 55 प्रतिशत ( 1991-92 के 44 प्रतिशत से बढ़कर ) का अंशदान करता है जो कुल रोजगार का लगभग एक तिहाई है और भारत के कुल निर्यातों का एक तिहाई है
भारतीय आईटी / साफ्टेवयर क्षेत्र ने एक उल्लेखनीय वैश्विक ब्रांड पहचान प्राप्त की है जिसके लिए निम्नतर लागत, कुशल, शिक्षित और धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलनी वाली जनशक्ति के एक बड़े पुल की उपलब्धता को श्रेय दिया जाना चाहिए । अन्य संभावना वाली और वर्द्धित सेवाओं में व्यवसाय प्रोसिस आउटसोर्सिंग, पर्यटन, यात्रा और परिवहन, कई व्यावसायिक सेवाऍं, आधारभूत ढॉंचे से संबंधित सेवाऍं और वित्तीय सेवाऍं शामिल हैं।
बाहय क्षेत्र
1991 से पहले भारत सरकार ने विदेश व्यापार और विदेशी निवेशों पर प्रतिबंधों के माध्यम से वैश्विक प्रतियोगिता से अपने उद्योगों को संरक्षण देने की एक नीति अपनाई थी ।
उदारीकरण के प्रारंभ होने से भारत का बाहय क्षेत्र नाटकीय रूप से परिवर्तित हो गया । विदेश व्यापार उदार और टैरिफ एतर बनाया गया । विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सहित विदेशी संस्थागत निवेश एक ट्रेडिंग रणनीति स्थापित करें कई क्षेत्रों में हाथों - हाथ लिए जा रहे हैं । वित्तीय क्षेत्र जैसे बैंकिंग और बीमा का जोरदार उदय हो रहा है । रूपए मूल्य अन्य मुद्राओं के साथ-साथ जुड़कर बाजार की शक्तियों से बड़े रूप में जुड़ रहे हैं ।
आज भारत में 20 बिलियन अमरीकी डालर (2010 - 11) का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हो रहा है । देश की विदेशी मुद्रा आरक्षित (फारेक्स) 28 अक्टूबर, 2011 को 320 बिलियन अ.डालर है । ( 31.5.1991 के 1.2 बिलियन अ.डालर की तुलना में )
भारत माल के सर्वोच्च 20 निर्यातकों में से एक है और 2010 में सर्वोच्च 10 सेवा निर्यातकों में से एक है ।
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