संसद टीवी संवाद
क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।
यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।
विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)
Income Tax Return for AY 2022-2023: क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी कब बनी से होने वाली इनकम पर फ्लैट 30% टैक्स से कैसे बचें? जानें पूरी डिटेल
नया क्रिप्टो टैक्स नियम आकलन वर्ष 2023-2024 से लागू होगा. इसका मतलब है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में क्रिप्टो से आपकी आय पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा.
बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी और NFT सहित अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स की घोषणा की गई है.
Income Tax Return for AY 2022-2023: बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और NFT सहित अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स की घोषणा की गई है. ऐसे में कई क्रिप्टो निवेशकों और ट्रेडर्स के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर फ्लैट 30% टैक्स से कैसे बचें? नया क्रिप्टो टैक्स नियम आकलन वर्ष 2023-2024 से लागू होगा. इसका मतलब है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में क्रिप्टो से आपकी आय पर 30% (साथ ही सेस और सरचार्ज) की दर से टैक्स लगाया जाएगा.
क्रिप्टो पर फ्लैट 30% टैक्स से कैसे बचें?
मौजूदा वित्त वर्ष में (31 मार्च 2022 तक) क्रिप्टो इनकम पर 30% का टैक्स नियम लागू नहीं होगा. इसलिए अगर आप 31 मार्च तक अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स बेचते हैं और प्रॉफिट बुक करते हैं, तो इस इनकम पर आकलन वर्ष 2022-2023 में मौजूदा नियमों के अनुसार कर लगाया जाएगा.
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31 मार्च, 2022 तक क्रिप्टो इनकम पर टैक्स नियम
राजस्व सचिव तरुण बजाज के अनुसार, क्रिप्टो निवेशक आईटीआर में कुछ मद के तहत अपनी इनकम दिखा सकते हैं और असेसिंग ऑफिसर 1 अप्रैल से पहले के ट्रांजेक्शन का असेसमेंट करेंगे. बजाज ने हाल ही में समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, “1 अप्रैल से पहले के ट्रांजेक्शन को आप अपने आईटीआर में दिखाएंगे और असेसिंग ऑफिसर आपके लिए असेसमेंट करेगा.” बजाज ने आगे कहा, “असेसिंग ऑफिसर इस बात पर फैसला करेगा कि किस क्रिप्टो गेन पर शुल्क लगाया जाना चाहिए.”
क्रिप्टो से होने वाली आय पर 31 मार्च से पहले कितना कर चुकाना होगा, यह अलग-अलग मामले के आधार पर अलग-अलग होगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि निवेशकों को फ्लैट 30% टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा. यह खासकर छोटे क्रिप्टो निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जो प्रॉफिट बुक करना चाहते हैं और फ्लैट 30% टैक्स से बचना चाहते हैं.
जुलाई 2022 से, क्रिप्टो ट्रांसफर पर 1% टीडीएस नियम भी लागू होगा. इससे टैक्स डिपार्टमेंट के लिए क्रिप्टो ट्रांजेक्शन को ट्रैक करना आसान हो जाएगा. बजट 2022 में सेक्शन 115BBH पेश करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसके अनुसार, किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाली आय पर 30% की क्रिप्टो करेंसी कब बनी दर से कर लगाया जाएगा और क्रिप्टोकरंसी से होने वाले नुकसान को सेट ऑफ या कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकेगा.
RBI गवर्नर ने चेताया, क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगाई रोक तो आ सकता है वित्तीय संकट
वैश्विक अर्थव्यस्था की तुलना में बेहतर स्थिति में भारत
नईदिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर है। भारत में बुनियादी आर्थिक गतिविधियां निरंतर मजबूत बनी हुई है। इसके आगे भी मजबूत बने रहने की संभावना है, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ 'नुकसान' होगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बुधवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था के बारे में कहा कि अंतर्निहित आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं। इसके आने वाले समय में भी मजबूत बने रहने की संभावना है। हालांकि, आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश के बाहरी कारक अर्थव्यवस्था को कुछ नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनमें जियो पॉलिटिकल तनाव और वैश्विक मंदी की आशंका शामिल हैं।
आरबीआई प्रमुख ने चेताया कि अगला वित्तीय संकट निजी क्षेत्र के क्रिप्टोकरेंसी से आने वाला है, इसलिए इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है, जो व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र लचीला बना हुआ है और काफी बेहतर स्थिति में है। दास ने कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार और आरबीआई के बीच समन्वित प्रयास जारी है।
रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को पहले के सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। हालांकि, फिच सहित कई अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7 फीसदी पर बरकरार रखा है।
दुनिया भर में ‘क्रिप्टोकरेंसी’ को अपनाने के मामले में भारत ‘दूसरे स्थान’ पर – रिपोर्ट
India ranks second in crypto adoption: भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भले अभी तक कोई स्पष्ट रेग्युलेशन (नियम) ना सामने आए हों, लेकिन इसके बावजूद देश में बिटकॉइन (Bitcoin) सहित अनेकों क्रिप्टोकरेंसी की ओर लोगों का रुझान तेज़ी से बढ़ रहा है। और अब इस बात पर मोहर लगाई है ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म Chainalysis की एक हालिया रिपोर्ट ने।
जी हाँ! असल में इस रिपोर्ट की मानें तो इस साल वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के मामले में भारत ने दूसरा स्थान हासिल किया है।
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154 देशों की रैंकिंग वाली ये रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) अपनाने की दर में 881% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
वहीं अगर साल 2019 की तीसरी तिमाही के बाद से अब तक देखें तो वैश्विक रूप से क्रिप्टो अपनाने की दर में 2300% से अधिक की वृद्धि हुई है।
दिलचस्प रूप से इस रिपोर्ट से ये भी आंदाज़ा लगता है कि पीयर-टू-पीयर प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग के चलते दुनिया के कई उभरते बाजार क्रिप्टो को अपनाने के संबंध में अमेरिका और यूरोपीय देशों से भी आगे नज़र आते हैं।
Crypto Adoption Ranking List: (India ranks second in the same)
आप सोच रहें होंगें कि अगर भारत इस रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है तो भला पहले नंबर पर कौन सा देश है? तो आपके इस सवाल का जवाब है – ‘वियतनाम’
Credits: Chainalysis Report
असल में दुनिया भर के देशों की ये रैंकिंग ‘प्राप्त कुल क्रिप्टोकरेंसी’, ‘$10,000 से कम के क्रिप्टो लेनदेन’, ‘P2P ट्रेड वॉल्यूम’, ‘प्रति व्यक्ति Purchasing Power Parity (PPP)’ आदि कुछ आधार पर तय की गई।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी ने कब शुरू किया अपना पैर-पसारना?
देश में क्रिप्टो की मुख्य लहर मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद से देखने को मिली, जिस फ़ैसले के तहत सर्वोच्च अदालत ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अप्रैल 2018 को बैंकों व वित्त कंपनियों के वर्चूअल करेंसी में डील करने को प्रतिबंधित करने वाले निर्देश को ख़त्म कर कर दिया था।
इस फ़ैसले के आने के बाद से ही देश में टॉप क्रिप्टो एक्सचेंजों ने लोगों को क्रिप्टो के प्रति जागरूक करने और अन्य क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी कब बनी विज्ञापनों में भारी निवेश किया।
और इसी का असर है कि आज 25 साल से कम उम्र के निवेशकों के बीच भी क्रिप्टो देश में लगातार लोकप्रिय हो रहा है। वहीं अब तो क्रिप्टोकरेंसी धीरे-धीरे 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के बीच भी निवेश का एक विकल्प बनता दिखाई पड़ रहा है।
फ़िलहाल भारत में टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज और प्लेटफॉर्म सीमित बैंकिंग सुविधाओं के साथ ही अपना संचालन कर रहें हैं। इसलिए ये इंडस्ट्री अब बेसब्री से सरकार द्वारा प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी बिल का इंतजार कर रही है।
इसको लेकर एक बड़ा अपडेट भी हाल ही में आया है जब देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharama) ने ये साफ़ किया कि क्रिप्टो बिल को कैबिनेट के सामने पेश कर दिया गया है और अब इसको लेकर मंजूरी मिलने का इंतज़ार किया जा रहा है।
ग़ौर करने वाली बात ये है कि मार्च 2020 के बाद से WazirX जैसे क्रिप्टो एक्सचेंजों पर यूज़र साइन-अप में 4937% की वृद्धि देखी गई है। वहीं इसी दौरान भारत का पहला क्रिप्टो स्टार्टअप यूनिकॉर्न बना CoinDCX भी अपने उपयोगकर्ता आधार में लगभग 700% की वृद्धि का दावा करता है।
इतना ही नहीं बल्कि इस रैंकिंग लिस्ट में भारत के बाद पाकिस्तान, यूक्रेन, केन्या और नाइजीरिया जैसे देशों का नाम आता है।
रिपोर्ट का एक पहलू ये भी है कि उभरते बाजारों में लोग मुद्रा अवमूल्यन (Currency Devalution) से डर रहें हैं और क्रिप्टो करेंसी कब बनी इसलिए अपनी बचत को सुरक्षित करने के लिए वे क्रिप्टो का रुख़ कर रहें हैं।
वैसे इस रैंकिंग में कई परिपक्व बाजारों जैसे अमेरिका को 8वाँ स्थान और चीन को 13वाँ स्थान मिला। इन बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों में क्रिप्टोकरेंसी अपनाने की दर में आई गिरावट का कारण इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाली आबादी के द्वारा कम मात्रा में P2P ट्रेड करने को बताया गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की बड़ी चेतावनी, कहा-‘क्रिप्टो से आएगा क्रिप्टो करेंसी कब बनी अगला वित्तीय संकट’
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से आएगा और कहा कि उनका अभी भी विचार है कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अंतर्निहित आर्थिक गतिविधि मजबूत बनी हुई है, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ नुकसान होगा।
बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट में बोलते हुए दास ने कहा कि उन निजी क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है।
उन्होंने कहा, “मेरे शब्दों को चिह्नित करें, अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से आएगा … एफटीएक्स प्रकरण के बाद, हमें क्रिप्टो पर कुछ और कहने की आवश्यकता नहीं है।” उन्होंने इवेंट में बोलते हुए चेतावनी दी कि क्रिप्टो का कुल मूल्य $140 बिलियन पर नीचे आ गया है और $40 बिलियन का सफाया हो गया।
उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर अभी तक सार्वजनिक भलाई पर कोई विश्वसनीय तर्क नहीं है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए दास ने कहा कि जहां यूपीआई में बैंकों की मध्यस्थता शामिल है, वहीं सीबीडीसी करेंसी नोटों की तरह है। सीबीडीसी वाले देशों के बीच तत्काल मनी ट्रांसफर देखा जा सकता है।
कई केंद्रीय बैंक हैं जो सीबीडीसी का विश्लेषण कर रहे हैं और कुछ ने पायलट भी लॉन्च किया है। यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा दृष्टिकोण के बारे में टिप्पणी करते हुए, भारतीय केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने कहा कि फेड की कार्रवाई सभी के लिए मायने रखती है क्योंकि व्यापार का एक बड़ा हिस्सा अभी भी डॉलर में होता है।
दास ने कहा कि भारत में अंतर्निहित आर्थिक गतिविधि मजबूत बनी हुई है, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई 70 तेजी से चलने वाले संकेतकों को ट्रैक करता है और उनमें से ज्यादातर “ग्रीन बॉक्स” में हैं।
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