फंड ऑफ फंड का फंड मैनेजर आपके पैसे से किसी अन्य म्यूचुअल फंड स्कीम के यूनिट्स की खरीदारी करता है. यह कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि गोल्ड फंड ऑफ फंड, इंटरनेशनल ईटीएफ में निवेश करने वाला एफओएफ, मल्टी-एसेट एफओएफ का मल्टी मैनेजर एफओएफ.हालांकि अब यहां सवाल यह उठता है कि क्या फंड ऑफ फंड में पैसे लगाना सही है और इसमें किन परिस्थितियों में निवेश करना चाहिए? यहां उन परिस्थितियों के बारे में अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश स्क्रिपबॉक्स के मुख्य निवेश अधिकारी अनूप बंसल ने जानकारी दी है कि कब एफओएफ में अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश पैसे लगाने चाहिए और कब नहीं.

भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड उद्योग एक प्रकार का निवेश वाहन है जो कई निवेशकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश इंस्ट्रूमेंट आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए धन एकत्र करता है। पेशेवर मनी मैनेजर म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करते हैं, संपत्ति आवंटित करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो संरचित और उनके प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए प्रबंधित होते हैं। व्यक्ति और छोटे व्यवसाय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जो उन्हें स्टॉक, बॉन्ड आदि के पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरधारक फंड के लाभ या हानि को आनुपातिक रूप से साझा करते हैं। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड के कुल मार्केट कैप में बदलाव पर आधारित होता है, जो फंड के अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।

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क्या मै ₹. 500 से शुरु करके इसे बढ़ा सकता हूँ?

क्या मै रु. 500 से शुरु करके इसे बढ़ा सकता हूँ?

इस यात्रा में चलते हुए निवेश राशि को बढ़ाने के कई तरीके हैं। किसी म्यूचुअल फंड योजना में आप उसी फंड/खाते में अतिरिक्त खरीदारी कर सकते हैं। अनेक फंड हाउसों में यह राशि रु.100 जितनी कम है या एक से दूसरी योजना में पैसे को स्थानांतरित किया जा सकता है। आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरु कर सकते हैं जो आवर्ती जमा की तरह से किसी योजना में नियमित निवेश संभव करता है। साथ ही अनेक AMC अपने निवेशकों को उनके SIP योगदान को हर साल धीरे-धीरे बढ़ाने की अनुमति देते हैं, जिससे कि वार्षिक वेतन वृद्धि या आय वृद्धि को शामिल किया जा सके।

Mutual Fund Investment: फंड ऑफ फंड में पैसे लगाना कितना सही? जानिए किन परिस्थितियों में इसमें निवेश पर अधिक मुनाफे की है गुंजाइश

Mutual Fund Investment: फंड ऑफ फंड में पैसे लगाना कितना सही? जानिए किन परिस्थितियों में इसमें निवेश पर अधिक मुनाफे की है गुंजाइश

म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है.

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है. अब मान लेते हैं कि आपने किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में पैसे लगाए हैं और फंड मैनेजर उस पैसे से किसी कंपनी के शेयर या डेट सिक्योरिटीज खरीदने की बजाय उस पैसे को किसी अन्य म्यूचुअल फंड स्कीम में पैसे लगाता है. इस केस में आपके पैसे फंड ऑफ फंड (FoF) स्कीम में लगते हैं और यह निवेशकों के लिए रेगुलर फंड्स के अतिरिक्त निवेश विकल्प है.

अतिरिक्त पैसे को लिक्विड फंड में लगाएं, मिलेगा ज्यादा रिटर्न

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प्रश्न: क्या है लिक्विंड फंड्स? इनमें कब निवेश करना चाहिए ?
उत्तर: लिक्विड फंड अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश एक तरह के डेट म्यूचुअल फंड्स हैं, जो बेहद कम अवधि के इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. इनमें ट्रेजरी बिल्स, सरकारी सिक्योरिटीज और कॉल मनी शामिल हैं.

यह फंड वहीं निवेश करते हैं, जहां से अधिकतम 91 दिनों के भीतर उनके पास वापस पैसा आ जाए. इस अवधि से ज्यादा वाले इंस्ट्रूमेंट में वे पैसा नहीं रखते. इन फंड्स के लिए समय सीमा 1 दिन से 3 महीने के बीच की होती है. बच्चों की फीस, या हॉलीडे का पैसा इन फंड्स में लगाया जा सकता है.

इस फंड में कम खर्च में करें निवेश, हो सकता है बड़ा मुनाफा

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भारत में बड़ी संख्या में खुदरा निवेशक अपनी व्यापारिक पूंजी को बचत बैंक खाते में जमा करने पर निर्भर हैं, जिससे अतिरिक्त आय अर्जित करने से हाथ धोना पड़ता है। प्रत्यक्ष इक्विटी निवेशकों और डेरिवेटिव व्यापारियों दोनों के लिए मुनाफे को लगातार अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश आधार पर हासिल करना और प्राप्त रकम को बचत बैंक खाते में रखना या ब्रोकर के मार्जिन खाते में रखना एक आम बात है, जो कोई रिटर्न नहीं देता है। इक्विटी बेचने पर मिलने वाली रकम केवल T+2 (कारोबारी और दो दिन) पर उपलब्ध होता है। इसके आगे चलकर तरलता संकट का सामना करना पड़ता है।

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