भारत के साथ रिश्ते को लेकर बार-बार टीस मार रहा पाकिस्तान का दर्द, जानिए क्या कहा पीएम शहबाज ने
पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते सुधारने की इच्छा रखता है. पाकिस्तान के तत्काल पीएम शहबाज शरीफ ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार बढ़ाने से बड़ा फायदा हो सकता है. लेकिन कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की अकड़ कम नहीं हो रही है. जानिए क्या कहा है पीएम शहबाज शरीफ ने.
Published: June 1, 2022 8:27 AM IST
India-Pakistan Relationship: महंगाई की मार झेल रही जनता और कंगाली के मुहाने पर खड़े पाकिस्तान को अब भारत की दोस्ती याद आ रही है. भारत के लिए एक तरफ तो पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कसीदे-दर-कसीदे पढ़ रहे हैं और अपने देश की सरकार से भारत से सीख लेने की बात कर रहे हैं तो अब पाकिस्तान के वर्तमान पीएम शहबाज शरीफ ने भी कहा है कि दोनों देशों को व्यापार से बड़ा आपसी लाभ हो सकता है. इस बीच ये भी कहा जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू हो सकती है.
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अपने तुर्की की यात्रा से ठीक पहले दिए अपने बयान में शहबाज शरीफ ने कहा कि हम जानते हैं कि भारत के साथ अच्छे व्यापार रिश्ते करके हमें बड़ा फायदा हो सकता है. अपने इस बयान के बाद भी कंगाली के बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अकड़ दिखाते हुए कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल किए बिना दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू नहीं हो सकता.
कश्मीर को लेकर छलक रहा पाकिस्तान का दर्द
शहबाज शरीफ ने एक तरफ तो रिश्ते सुधारने की बात कही तो वहीं दूसरी तरफ कहा कि भारत की ओर से कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने हिंदुस्तान के साथ व्यापार को बंद कर दिया था. शरीफ ने कहा, ‘हम जानते हैं कि भारत के साथ अच्छे व्यापार रिश्ते से हम बड़ा आर्थिक लाभ ले सकते हैं. इसके बाद भी कश्मीरी लोगों के कथित अत्याचार, जनसंख्या का ढांचा बदलने के प्रयासों, भारत की ओर से कश्मीरी जनता को अधिकार नहीं देने से यह कल्पना करना कठिन है कि व्यापार के मोर्चे पर कोई प्रगति हो सकती है.’
कश्मीर को लेकर बना रहा दबाव
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के अपने फैसले को वापस लेकर रिश्तों को सामान्य बनाए और इसके साथ ही बातचीत के लिए माहौल तैयार करे. शहबाज ने दावा किया कि तुर्की और पाकिस्तान दोनों ही कश्मीर पर एक जैसी राय रखते हैं. शहबाज शरीफ का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू हो गई है.
भारत नहीं मानेगा पाकिस्तान की बात
पाकिस्तान की कश्मीर को लेकर बार-बार की जा रही मांग को भारत अनसुना कर रहा है. लेकिन भारत सरकार जम्मू- कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को कोई भी रियायत देने के मूड में नहीं हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत को फिर से शुरू करने का इच्छुक तो है लेकिन शहबाज सरकार को कश्मीर के मुद्दे पर कोई राहत नहीं देना चाहता है. कहा जा रहा है कि भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने के लिए पश्चिमी देश लगातार दबाव बना रहे हैं.
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पाकिस्तान का बुरा हाल, डेढ़ साल से कर रहा भारत की समझौता एक्सप्रेस व मालगाड़ी का इस्तेमाल
पाकिस्तान पूरी तरह बदहाली में है। उसकी हालत ऐसी हो गई है कि उसके पास ट्रेनों में चलाने के लिए बोगियां भी ठीक से नहीं हैं। यही कारण है कि वह डेढ़ साल से भारत की समझौता एक्सप्रेस व मालगाड़ी के 21 कोचों का इस्तेमाल कर रहा है।
अमृतसर, [हरीश शर्मा]। पाकिस्तान की बदहाली के बारे में तो पूरी दुनिया में चर्चाएं रही हैं, लेकिन उसकी हालत अब बदतर हो गई है। पाकिस्तान की कंगाली की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके पास ट्रेनों में लगाने के लिए बाेगियां तक नहीं है। यही कारण है कि भारत की ट्रेन समझौता एक्सप्रेस और मालगाड़ी के 21 कोच पिछले डेढ़ साल से पाकिस्तन रेलवे उपयोग कर रहा है। भारतीय रेल मंत्रालय की ओर से रिमाइंडर दिए जाने के बावजूद वह इन कोचों की लौटा नहीं रहा है।
8 अगस्त, 2019 को समझौता एक्सप्रेस हो गई थी बंद
बता दें कि भारत और पाक के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस 7 अगस्त, 2019 को आखिरी बार पाकिस्तान गई थी। 8 अगस्त, 2019 को समझौता एक्सप्रेस को पाकिस्तान ने बंद कर दिया था। इस कारण पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं इस ट्रेन के 11 कोच पाकिस्तान में फंस गए। इसके साथ ही भारत कि एक मालगाड़ी के 10 डिब्बे भी पाकिस्तान में फंस गए थे।
डेढ़ साल से भारत की समझौता एक्सप्रेस व मालगाड़ी के 21 कोचों का इस्तेमाल रहा है पाकिस्तान
मालगाड़ी10 बोगियां में सामान लेकर पाकिस्तान गई थी। वह भी पाकिस्तान ने वापस नहीं भेजी हैं।पाकिस्तान से अपने कोच वापस लाने के लिए अटारी रेलवे स्टेशन के अधिकारियों की ओर से फिरोजपुर रेल डिवीजन को सूचित किया जा चुका हैं। डिवीजन स्तर पर रेलवे विभाग और मंलाालय को भी इस संबंधी लिखकर भेजा जा चुका हैं।
ट्रेन वापस करने के लिए दो बार पाकिस्तान को भेजे जा चुके हैं रिमाइंडर
भारतीय रेलवे की ओर से इन कोच को वापस लाने के लिए डेढ साल में दो बार पाकिस्तान रेलवे को रिमाइंडर भी दिए गए है, लेकिन उसके बाद भी इन कोचां की वापसी नहीं हो सकी। अटारी स्टेशन के सुपरिटेंडेंट अरविंद गुप्ता ने बताया कि ट्रेन रद होने के बाद से ही कोच पाकिस्तान में पड़े हुए हैं और वहीं पर प्रयोग हो रहे हैं। उनकी तरफ विभाग को लिखकर भेजा जा चुका हैं।
इस कारण बंद हुई ट्रेन
भारत सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस बंद करने का निर्णय लिया था। 8 अगस्त 2019 को पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने समझौता एक्सप्रेस को हमेशा के लिए बंद करने का फैसला लिया था। तब पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं कश्मीर मसले पर पाकिस्तान ने भारत के साथ तमाम राजनयिक और व्यापारिक संबंध खत्म कर दिए थे।
सप्ताह में दो दिन चलती थी समझौता एक्सप्रेस ट्रेन
समझौता एक्सप्रेस भारत और पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन विभाजन से पहले से अटारी से लाहौर तक बिछी पटरी पर दौड़ती थी। शिमला समझौते के बाद 22 जुलाई 1976 को लाहौर से अमृतसर के बीच इसे शुरू किया गया। 1994 से इसे अटारी और लाहौर के बीच चलाया जाने लगा।
यह ट्रेन भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा होने वाले तनाव की भेंट चढ़ती रही है। जब भी दोनों देशों के बीच तनातनी होती है, यह सेवा रोक दी जाती है। पुलवामा में हुए हमले के बाद भी इस ट्रेन सेवा को बंद कर दिया गया था। फरवरी, 2019 में पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत के बाद भी यह ट्रेन सेवा कुछ समय के लिए बंद थी।
पाकिस्तान ने ही सेवा बंद की थी
उसके बाद परिचालन शुरू हुआ तो अगस्त, 2019 में ही इसे फिर बंद कर दिया गया। पहले तो कुछ समय तक इसके डिब्बे वाघा स्टेशन पर खड़े रहे। भारत ने इन्हें लौटाने की मांग की लेकिन उसने इस मांग पर गौर करने के विपरीत अपनी बदनीयती दिखा दी और इनका इस्तेमाल भी करने लग गया।
अटारी के स्टेशन सुपरिटेंडेंट अरविंद गुप्ता कहते हैं कि समझौता एक्सप्रेस बंद होने के बाद से ही उसके डिब्बे पाकिस्तान में हैं और वहीं पर इस्तेमाल हो रहे हैं। हम विभाग को इसकी लिखित सूचना पहले ही दे चुके हैं। गौरतलब है कि जनवरी, 2020 में भी भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार को इस बारे में पत्र लिखा था। एक माह पहले पहले फिर रेलवे अधिकारियों ने मंत्रालय को इस बाबत रिमांइड करवाया है।
बहरहाल, भारतीय डिब्बों में पाकिस्तान की 'कंगाली' का सफर जारी है। भारतीय रेलवे रविवार को दिल्ली से अटारी और अटारी से दिल्ली के बीच इस ट्रेन का परिचालन करता था, जबकि पाकिस्तान में यह ट्रेन लाहौर से अटारी के बीच चलाई जाती थी। यात्री अटारी स्टेशन पर ट्रेन बदलते थे। छह पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं माह यानी जनवरी से जून तक पाकिस्तान की ट्रेन चलती थी और जुलाई से दिसंबर के छह माह पाकिस्तान की। जब भी दोनों देशों के बीच तनातनी होती है, यह सेवा रोक दी जाती है।
महंगाई की मार के बाद पाकिस्तान को याद आया भारत, कहा- फिर से शुरू करेंगे व्यापार, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर पाकिस्तान को भारतीय आयात में 2 फीसदी की हिस्सेदारी मिल सकती है, तो यह 8 अरब डॉलर होगा, लेकिन राजनीति के लिए इस मौके की लगातार अनदेखी की जा रही है.
देश में बढ़ती महंगाई के बीच पाकिस्तान (Pakistan) के नेशनल बिजनेस ग्रुप के चेयरमैन ने भारत के साथ व्यापारिक संबंध फिर से शुरू करने का ऐलान किया है. नेशनल बिजनेस ग्रुप (National Business Group) पाकिस्तान के अध्यक्ष और पूर्व प्रांतीय मंत्री मियां जाहिद हुसैन ने बुधवार को कहा कि भारत से कच्चे माल (Raw Material) और अन्य आदानों के प्रत्यक्ष आयात से उत्पादन की लागत कम होगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. द फ्रंटियर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार हुसैन ने कहा कि महंगाई (Inflation) कम करके पाकिस्तानी लोगों को राहत देने का प्रभावी तरीका विवादास्पद और अव्यवहारिक पैकेज नहीं है.उन्होंने कहा कि भारत के साथ व्यापारिक संबंध बहाल होने से पाकिस्तान में महंगाई कम करने में मदद मिलेगी.
पाकिस्तानी कारोबारी नेता के मुताबिक, रूस से दोगुनी अर्थव्यवस्था वाले पड़ोसी देश के साथ व्यापार संबंध बहाल करना राजनीति का बंधक बना हुआ है.उन्होंने कहा कि भारत के साथ कुछ व्यापार संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से हो रहा है, लेकिन इससे कीमतें बढ़ जाती हैं और उत्पादन और निर्यात अधिक महंगा हो जाता है. स्थिति को समझते हुए जाहिद हुसैन ने तर्क दिया कि भारत के साथ व्यापार खोला जाना चाहिए ताकि देश में उत्पादन की लागत और मुद्रास्फीति को कम किया जा सके.
पाकिस्तान का कपड़ा और चीनी उद्योग पर गहरा असर
जानकारी के मुताबिक, भारत सालाना 400 बिलियन अमरीकी डालर के सामान का आयात करता है जिसमें संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से पाकिस्तान के कुछ आयात शामिल हैं.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर पाकिस्तान को भारतीय आयात में 2 फीसदी की हिस्सेदारी मिल सकती है, तो यह 8 अरब डॉलर होगा, लेकिन राजनीति के लिए इस मौके की लगातार अनदेखी की जा रही है. इससे पहले 2019 में, पाकिस्तान ने जम्मू और पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के नई दिल्ली के फैसले के बाद, भारत के साथ सभी हवाई और भूमि संपर्क और व्यापार और रेलवे सेवाओं को निलंबित कर दिया था.
पाकिस्तान का कपड़ा और चीनी उद्योग इस व्यापार प्रतिबंध से प्रभावित हुआ है, वहीं भारत के सीमेंट, सेंधा नमक और छुहारे आदि ड्राई फ्रूट्स के बाजार पर इस प्रतिबंध का असर पड़ा है.पाकिस्तान पर इस व्यापार प्रतिबंध का ज्यादा असर हुआ है. वहां का कपड़ा और दवा उद्योग कच्चे माल के लिए भारत पर निर्भर है और प्रतिबंधों का इन पर खासा असर पड़ा है.
क्या कहती है विश्व बैंक की रिपोर्ट
भारत और पाकिस्तान के बीच कम व्यापार होने का एक कारण हाई टैरिफ, कठिन वीजा नीति और व्यापार की मुश्किल प्रक्रिया भी है. साल 2018 में आई विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर दोनों देश व्यापार प्रक्रिया को आसान बनाते हैं, टैरिफ को कम करते हैं और वीजा नीति को आसान बनाते हैं तो दोनों का व्यापार 2 अरब डॉलर से बढ़कर 37 अरब डॉलर का हो सकता है.
पाकिस्तान ने तोड़े भारत से सभी व्यापारिक रिश्ते
राज एक्सप्रेस। जैसा की सभी को पता है मोदी सरकार के अनुच्छेद-370 हटाने जाने वाले फैसले के बाद पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा है। इस झटके से बौखलाया पाकिस्तान पहले भी समझौता एक्सप्रेस ट्रेंन, बस सेवा, 3 हवाई मार्ग बंद करने जैसे फैसले ले चूका है। पाक ने अब भारत से व्यपारिक रिश्ते तोड़ने का एक अन्य फैसला लिया है। जबकि भारत ने पुलवामा हमले के बाद से ही पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध खत्म कर लिए थे।
भारत का नहीं पाकिस्तान का नुकसान :
भारत द्वारा अनुच्छेद-370 हटाने से बौखलाया पकिस्तान भारत से व्यपारिक रिश्ते तोड़ने का फैसला कर लिया है। मज़े की बात तो यह है कि, पाक के इस फैसले से भारत को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसका कारण यह है कि, भारत के कुल विदेश व्यापार का मात्र 0.31 फीसदी हिस्सा (20 फीसदी माल) ही पाकिस्तान से आता है। बड़ी वजह यह है कि, व्यापार में 3.2 फीसदी हिस्सा (80 फीसदी माल) भारत से पाक जाता है। भारत से व्यपार बंद करने के बाद पाक की हालत और भी ख़राब पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं हो सकती है, क्योंकि पाक में भारत से जाने वाली वस्तुओं की कीमत पहले ही आसमान छू रही है।
पाक में वस्तुओं की कीमतें :
- सब्जियों में टमाटर के दाम 300 रुपये प्रति किलो, प्याज 64.69 रुपये प्रति किलो
- दूध के दाम 108 रुपये प्रति लीटर
- दही के दाम 122 रुपये प्रति किलो
- मटन के दाम 1009 रुपये प्रति किलो
- केले के दाम 130 रुपये दर्जन
- सरसों तेल के दाम 246 रुपये प्रति लीटर
- चीनी के दाम 77.30 रुपये प्रति किलो
- केरोसिन के दाम 151.25 रुपये प्रति लीटर
- एलपीजी सिलेंडर के दाम 1362.50 रुपये (11 लीटर)
- पेट्रोल के दाम 113.18 रुपये प्रति लीटर
- डीजल के दाम 127.30 रुपये प्रति लीटर
दोनों देशों का व्यापारिक इतिहास :
भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले आयात-निर्यात और व्यापार के इतिहास पर एक नजर डालें तो, दोनों देशों के आजाद होने के 18 सालों बाद भारत और पाक के बीच व्यापारिक रिश्ते काफी अच्छे थे। इसका मुख्य कारण यह था कि, दोनों ही देश एक दूसरे पर कोई सीमा शुल्क नहीं लगाते थे। जब 1965 का युद्ध हुआ तब इंडिया ने जीत के साथ ही पाक पर कुछ प्रतिबन्ध लगा दिए। जिससे प्रभावित पाक ने भी भारत से जाने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क लगाना शुरू कर दिया। दोनों देशों के बिच व्यापारिक रिश्ते ठीक ही चल रहे थे, लेकिन पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाक से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया। जिससे भारत ने यहाँ से जाने वाले समान पर सिमा शुल्क और अधिक बड़ा दिया और दोनों के व्यापारिक रिश्ते ख़राब हो गए।
पाक ने लगाई सिनेमा जगत पर रोक :
पाक द्वारा व्यापारिक रिश्ते ख़त्म करने से शायद फिल्म जगत को थोड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि पाक में भारत से बनी फिल्मों को काफी पसंद किया जाता है। जिससे पाक से फिल्म जगत को कमाई में फायदा होता है। पाक ने व्यापारिक सम्बन्ध खत्म करने के साथ ही भारत के फिल्म जगत से पाक में रिलीज़ होने वाली फिल्मो को भी बंद कर दिया है।
पाक की GDP:
पाकिस्तान की GDP की बात करे तो, पाक की GDP अमेरिकी डॉलर में 0.31 लाख करोड़ है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) 2018 की रैंकिंग के अनुसार, पाक का स्थान 39 है। जबकि भारत की GDP अमेरिकी डॉलर में 2.71 लाख करोड़ है। इस GDP के अनुसार भारत का स्थान इस रैंकिंग में 7वें स्थान पर है। इस प्रकार भारत दुनिया की सातवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। ऐसे देखा जाये तो पाक भारत की तुलना में वैसे ही बहुत पीछे है और अब पाक के हालत बहुत ही बदतर होती जा रही है, वहां लोगों के पास ईद का त्यौहार मनाने तक के लिए पैसे नहीं है।
पाक पर कर्जा :
अगर हम पाकिस्तान द्वारा लिए कर्जे की बात करे तो, पाक के ऊपर अन्य दूसरे देशों से लिए हुए कर्जे की रक्कम अमेरिकी डॉलर के हिसाब से 105 अरब है। यदि हम इस रकम की तुलना किसी देश की अर्थव्यवस्था से करे तो, यह रकम 43 छोटे देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्था (107 अरब) के लगभग बराबर है। इतना कर्जा होने के बाद भी पाक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब ऐसे में पाक भारत से व्यपारिक रिश्ते तोड़ने का फैसला लेने की भूल कर रहा है।
भारत से पाक निर्यात किया जाने वाला माल :
भारत से पाकिस्तान निर्यात किये जाने वाले माल में दवाइयां, कच्चा कॉटन, कॉटन यार्न, रसायन, प्लास्टिक, सब्जियां, हस्तनिर्मित ऊन और डाइज शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 में पाक से भारत निर्यात किया माल :
- 7.83 करोड़ डॉलर की कीमत का सीमेंट
- 3.49 करोड़ डॉलर की कीमत का उर्वरक
- 11.28 करोड़ डॉलर की कीमत के फल
- 6.04 करोड़ डॉलर की कीमत पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए सेवाएं के रसायन और चमड़े व अन्य संबंधित उत्पाद
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