MFs के जरिए कमोडिटी में निवेश, जाने कैसे करें निवेश और क्या है इसके फायदे

Mutual Funds के जरिए कमोडिटी मार्केट में निवेश करके भी आप शानदार मुनाफा बना सकते हैं।

Mutual Funds के जरिए इक्विटी में निवेश काफी पॉपुलर है, लेकिन Mutual Funds के जरिए कमोडिटी मार्केट में निवेश करके भी आप शानदार मुनाफा बना सकते हैं। दरअसल कमोडिटी मार्केट में ज्यादा जोखिम होने की वजह से ज्यादातर निवेशक कमोडिटी में पैसा बनाने का मौका चूक जाते हैं, लेकिन Mutual Funds के जरिए ना सिर्फ सोना-चांदी बल्कि दूसरे कमोडिटी में भी निवेश का विकल्प मौजूद है। आज कमोडिटी की चर्चा के इस खास एपिसोड में हम कमोडिटी मार्केट में Mutual Funds के जरिए कैसे निवेश किया जाए, इसे समझेंगे।

MFs के जरिए कमोडिटी में निवेश

MFs के जरिए कमोडिटी में निवेश करना बेहतर विकल्प है। इससे निवेशक सोना-चांदी समेत दूसरे कमोडिटी में रिटर्न कमाने का मौका पा सकता है। जिन निवेशक को कमोडिटी की बारीक जानकारी नहीं है वह भी म्युचुअल फंड के जरिए कमोडिटी मार्केट में निवेश कर सकते है। MF के जरिए कमोडिटी में निवेश पर जोखिम कम होता है। दरअसल कमोडिटी में जोखिम ज्यादा होने से लोग इसमें निवेश करने से से बचते हैं। जानकारों का कहना है कि कमोडिटी में एक मुश्त रकम ना लगाकार SIP के जरिए निवेश करना बेहतर होगा। कमोडिटी में भी बाजार के उतार-चढ़ाव के मुताबिक फंड में बदलाव होता है। MFs के जरिए कमोडिटी में लॉन्ग टर्म के साथ शॉर्ट टर्म में भी निवेश का विकल्प मिलता है

कमोडिटी MFs में निवेश क्यों?

कमोडिटी MFs में से निवेशकों को पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है। बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से निवेशकों की रकम की सुरक्षा रहती है। फंड मैनेजर के हाथ में पैसा सुरक्षित रहता है।
इतना ही नहीं बढ़ते इनफ्लेशन के मुताबिक मुनाफे की गारंटी भी मिलती है। SIP के जरिए पैसा लगाने पर जोखिम कम होता है।

कमोडिटी बाजार से कमाई करने से पहले इन 7 बातों को जानना है जरूरी

कमोडिटी मार्केट में मार्जिन शेयर बाजार के मुकाबले काफी कम है

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सवाल नंबर 2. क्या वे वही ब्रोकर्स हैं जो शेयर बाजार में भी ब्रोकिंग की सेवा देते हैं?
जवाब: आमतौर पर नहीं, लेकिन इक्विटी में ब्रोकिंग की पेशकश करने वाले कई ब्रोकर्स ने कमोडिटी कमोडिटी विकल्प क्या हैं ब्रोकिंग सेवाओं के लिए सहायक कंपनी बनाई हैं. उदाहरण के तौर पर एंजेल कमोडिटीज, कार्वी कमोडिटीज जैसी कंपनियां कमोडिटी एफएंडओ (फ्यूचर एवं ऑप्शन) ब्रोकिंग की पेशकश अपनी सहायक कंपनियों के जरिए करती हैं. इसका मतलब है कि यदि आप ट्रेड करना चाहते हैं तो आपको अपने इक्विटी खाते से अलग डीमैट / ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा.

सवाल नंबर 3. क्या कमोडिटीज की डिलीवरी अनिवार्य है?
जवाब: ज्यादातर कृषि वायदा, जैसे खाद्य तेल, मसाले, आदि की डिलीवरी अनिवार्य है. लेकिन आप डिलीवरी से पहले पोजीशन खत्म कर सकते हैं. गैर-कृषि नॉन एग्री कमोडिटीज में, अधिकांश वस्तुओं कमोडिटी विकल्प क्या हैं जैसे सोने और चांदी में नॉन डिलीवरी आधारित हैं.

सवाल नंबर 4. क्या कमोडिटी में यह ट्रेडिंग शेयरों में एफएंडओ ट्रेडिंग जैसी है?
जवाब: हां. उसमें, मार्क-टू-मार्केट दैनिक आधार पर तय किया जाता है, लेकिन मार्जिन शेयर बाजार के मुकाबले काफी कम है.

सवाल नंबर 5. ट्रेडिंग करने के लिए मार्जिन क्या हैं?

जवाब: आम तौर पर 5-10 फीसदी, लेकिन कृषि वस्तुओं में, जब उठापटक आती है, एक्सचेंज अतिरिक्त मार्जिन लगा देते हैं. एक्सचेंज लॉन्ग या शॉर्ट साइड में स्पेशल मार्जिन लगा देते हैं, जो मौजूदा मार्जिन का कभी-कभी 30-50 फीसदी अधिक हो सकता है.

सवाल नंबर 6.कमोडिटी एफएंडओ बाजार को कौन नियंत्रित करता है?
जवाब:सेबी मेटल्स और एनर्जी मार्केट के शीर्ष कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स और कृषि कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स जैसे एक्सचेंजों को रेगुलेट करता है.

सवाल नंबर 7. किन कमोडिटीज में ज्यादा ट्रेड होता है ?
जवाब: नॉन-एग्री कमोडिटीज में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग सोने, चांदी, कच्चा तेल, कॉपर आदि जैसी कमोडिटीज में होती है, जबकि नॉन एग्री कमोडिटीज की बात करें तो सोयाबीन, सरसों, जीरा, ग्वारसीड जैसे काउंटर्स में ठीक-ठाक ट्रेडिंग होती है.

यदि रास नहीं आ रहे हैं शेयर खरीदने-बेचने के बारीक नियम तो कमोडिटी मार्केट से बनाएं बड़ा मुनाफा

अब अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं जिसमें शेयरहोल्डर को आंशिक रूप से कंपनी का मालिक भी माना जाता है। इक्विटी शेयरों की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है जबकि कमोडिटी में ऐसा संभव नहीं है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट इन दिनों काफी चर्चा में है। बीते कुछ महीनों में इस बाजार की ओर रुख करने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। निवेशकों की संख्या में हर दिन होने वाली इस बढ़त ने पिछले दिनों में एक रिकॉर्ड भी बनाया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 के अगस्त महीने में डीमैट अकाउंट की संख्या पहली बार करीब 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। ऐसे में शेयर बाजार में अब आम लोगों का भी दिलचस्पी साफ दिखाई देने लगी है।

Keep these important things in mind before opening a Demat Account

अक्सर आप भी यह नाम दिन में तकरीबन चार से पांच बार तो सुन ही लेते होंगे, कई बार तो इसमें आपकी रुचि भी बढ़ जाती होगी, लेकिन फिर इस बाजार के तौर-तरीकों, खरीद-फरोख्त के नियमों व शेयरों में होने वाले उतार-चढ़ाव की बातों को लेकर कमोडिटी विकल्प क्या हैं परेशान हो जाते हैं और आत्मविश्वास में कमी आ जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शेयर बाजार में शेयर में पैसा लगाने के अलावा भी कई शानदार विकल्प हैं। जिनमें कोई भी शख्स आसानी से पैसे लगाकर बड़ा प्रॉफिट कमा सकता है।

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शेयर के अलावा कैसे बना सकते हैं बड़ा मुनाफा

क्या आपको पता है कि शेयर मार्केट के अलावा भी एक मार्केट है, जिसमें ठोस वस्तुओं में पैसे लगाकर बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस मार्केट को कहते हैं कमाोडिटी मार्केट। जब कभी शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड रहता है तो लोग ऐसे समय में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी जैसी चीजों में अधिक पैसा लगाने लगते हैं जिससे इसकी मांग में भी तेजी देखने को मिलने लगती है। लेकिन अब सवाल है कि क्या आप कमोडिटी मार्केट और इक्विटी यानी शेयर मार्केट के बीच के अंतर को समझते हैं?

शेयर मार्केट व कमोडिटी मार्केट में अंतर क्या है?

कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स यानी धातुओं, बेस मेटल्स, एनर्जी , कच्चे तेल जैसी कई अन्य कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं। यह मूलत: दो तरह की होती हैं , जिनमें से एक है एग्री कमोडिटीज इसे सॉफ्ट कमोडिटी भी कहते हैं, इसके अंतर्गत मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च, सोया बीज, मेंथी ऑयल, गेहूं, और चना जैसी वस्तुएं आती हैं। वहीं नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं।

अब अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कमोडिटी विकल्प क्या हैं कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं जिसमें शेयरहोल्डर को आंशिक रूप से संबंधित कंपनी का मालिक भी माना जाता है। इसके अलावा इक्विटी शेयरों की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है,जबकि कमोडिटी में ऐसा संभव नहीं है। इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य भी माना जाता है।

आज ही पोर्टफोलियों में जोड़ें कमोडिटी उत्पाद

अक्सर कई लोगों को शेयर का गुणा - गणित आसानी से समझ में नहीं आता है या जब कभी शेयर मार्केट में मंदी आने लगती है तो निवेशक कमोडिटी मार्केट की ओर रुख कर लेते हैं। ऐसे में अगर आप एक Beginner हैं और आपको शेयरों की कम समझ हैं तो परेशान होने की जरुरत नहीं है, बस आपको आज ही अपने पोर्टफोलियों में कई अलग- अलग कमोडिटी को जोड़ना होगा और इस बाजार में हाथ आजमाने होंगे। एक बेहतर और लाभदायक कमोडिटी का चुनाव करने के लिए आप 5paisa ऐप की भी मदद ले सकते हैं।

यदि रास नहीं आ रहे हैं शेयर खरीदने-बेचने के बारीक नियम तो कमोडिटी मार्केट से बनाएं बड़ा मुनाफा

अब अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं जिसमें शेयरहोल्डर को आंशिक रूप से कंपनी का मालिक भी माना जाता है। इक्विटी शेयरों की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है जबकि कमोडिटी में ऐसा संभव नहीं है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट इन दिनों काफी चर्चा में है। बीते कुछ महीनों में इस बाजार की ओर रुख करने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। निवेशकों की संख्या में हर दिन होने वाली इस बढ़त ने पिछले दिनों में एक रिकॉर्ड भी बनाया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 के अगस्त महीने में डीमैट अकाउंट की संख्या पहली बार करीब 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। ऐसे में शेयर बाजार में अब आम लोगों का भी दिलचस्पी साफ दिखाई देने लगी है।

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शेयर के अलावा कैसे बना सकते हैं बड़ा मुनाफा

क्या आपको पता है कि शेयर मार्केट के अलावा भी एक मार्केट है, जिसमें ठोस वस्तुओं में पैसे लगाकर बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस मार्केट को कहते हैं कमाोडिटी मार्केट। जब कभी शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड रहता है तो लोग ऐसे समय में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी जैसी चीजों में अधिक पैसा लगाने लगते हैं जिससे इसकी मांग में भी तेजी देखने को मिलने लगती है। लेकिन अब सवाल है कि क्या आप कमोडिटी मार्केट और इक्विटी यानी शेयर मार्केट के बीच के अंतर को समझते हैं?

शेयर मार्केट व कमोडिटी मार्केट में अंतर क्या है?

कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक कमोडिटी विकल्प क्या हैं मसाले, कीमती मेटल्स यानी धातुओं, बेस मेटल्स, एनर्जी , कच्चे तेल जैसी कई अन्य कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं। यह मूलत: दो तरह की होती हैं , जिनमें से एक है एग्री कमोडिटीज इसे सॉफ्ट कमोडिटी भी कहते हैं, इसके अंतर्गत मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च, सोया बीज, मेंथी ऑयल, गेहूं, और चना जैसी वस्तुएं आती हैं। वहीं नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं।

अब अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं जिसमें शेयरहोल्डर को आंशिक रूप से संबंधित कंपनी का मालिक भी माना जाता है। इसके अलावा इक्विटी शेयरों की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है,जबकि कमोडिटी में ऐसा संभव नहीं है। इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य भी माना जाता है।

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अक्सर कई लोगों को शेयर का गुणा - गणित आसानी से समझ में नहीं आता है या जब कभी शेयर मार्केट में मंदी आने लगती है तो निवेशक कमोडिटी मार्केट की ओर रुख कर लेते हैं। ऐसे में अगर आप एक Beginner हैं और आपको शेयरों की कम समझ हैं तो परेशान होने की जरुरत नहीं है, बस आपको आज ही अपने पोर्टफोलियों में कई अलग- अलग कमोडिटी को जोड़ना होगा और इस बाजार में हाथ आजमाने होंगे। एक बेहतर और लाभदायक कमोडिटी का चुनाव करने के लिए आप 5paisa ऐप की भी मदद ले सकते हैं।

5paisa ऐप ने बनाया Commodity Market की ट्रेडिंग को अब और भी आसान, कोई भी कमा सकता है घर बैठे लाखों रुपए

शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में खरीद-बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक व्यक्ति हर दिन अपनी जरूरत की वस्तुओं को खरीदता है। कई बार हम जरूरत की चीजों का ही व्यापार भी करते हैं। लेकिन क्या आप नहीं चाहते कि ऐसी ही वस्तुओं की खरीदी व बिक्री करके महीने में लाखों रुपए कमा सकें और इसके लिए आपको कहीं आना-जाना भी न पड़े। इस बात को सुनकर हमारे दिमाग में कई तरह के संशय भी आते हैं। क्या ऐसा कौन कर सकता है? क्या इसके लिए पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी है? घर बैठे पैसा कमाने के इस आसान तरीके को समझाएगा कौन? इसके बारे में विस्तार से जानकारी कहां से मिलेगी?

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अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल आ रहे हैं तो इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए और घर बैठे लाखों कमाने की स्किल्स सीखने के लिए केवल मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर पर जाकर 5paisa App डाउनलोड करना होगा।

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समझ लें कमोडिटी मार्केट में क्या खरीदा व बेचा जा सकता है

आमतौर पर हम सब रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं, वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीदा व बेचा जाता है। शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है। इनमें कीमती वस्तुओं से लेकर मिर्च मसाले तक का व्यापार किया जा सकता है।

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●कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम।

●बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम।

●एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन।

●मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च।

●अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना।

कैसे आम इंसान के लिए भी लाभदायक है यह बाजार

1.भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। इसमें छोटे और मध्यम वर्ग के निवेशक भी कम राशि के मार्जिन मनी से कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं।

2.किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है।

3.कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है।

4.कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है।

जान लीजिए भारत में हैं कुल कितने कमोडिटी एक्सचेंज?

भारत में 22 कमोडिटी एक्सचेंज हैं जो फॉरवर्ड मार्केट कमीशन कमोडिटी विकल्प क्या हैं कमोडिटी विकल्प क्या हैं के तहत स्थापित किए गए हैं। भारत में ट्रेडिंग के लिए नीचे दिए गए कमोडिटी एक्सचेंज लोकप्रिय विकल्प हैं। इनमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NMCE) और राष्ट्रीय कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) सबसे अधिक महत्वपूर्ण कमोडिटी एक्सचेंज हैं।

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