Updated on: November 08, 2022 16:55 IST
India VIX ने समझाया: India VIX क्या है और यह कैसे काम करता है?
शेयर बाजार को अस्थिर माना जाता है, जिसमें उच्च स्तर की अस्थिरता होती है, जिसका अर्थ है कि छोटी अवधि में शेयरों की कीमतों में भारी ऊपर और नीचे की गति हो सकती है। बाजार के निवेशकों को डर सूचकांक या अस्थिरता सूचकांक जैसे शब्दों का सामना करना पड़ सकता है। भारत VIX या भारत अस्थिरता सूचकांक के बारे में जानना महत्वपूर्ण है, जो भारत में निवेशकों और व्यापारियों को अस्थिरता-प्रेरित उतार-चढ़ाव को समझने में मदद करता है। इस लेख में, हम VIX इंडिया और इसके महत्व के बारे में चर्चा करेंगे जो आपको सूचित निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकता है।
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कैसे पाएं शेयर में लॉस पर काबू और समझिये स्टॉक मार्किट सपोर्ट लेवल
सुझाव है कि अगर कोई शेयर आपके स्टॉप लॉस को हिट कर रहा हो तो थोड़ा लॉस बुक कर उससे निकल जाइए। अगर आप उसे फिर से खरीदना चाहते हैं तो अंदाज के आधार पर मत खरीदिए। पता कीजिए कि उसका सपोर्ट लेवल क्या है।
सुनने में ये बात जरा असामान्य लग सकती है कि लॉस यानी नुकसान को आखिर ट्रेडिंग का अनिवार्य अंग कैसे माना जा सकता है। लेकिन यह सच है। वास्तविकता के धरातल पर हर ट्रेडर को इस सच का सामना करना ही पड़ता है। आपके फंडामेंटल और तकनीकी विश्लेषण चाहे कितने ही दुरुस्त हों, इसके बावजूद आपको ट्रेडिंग में नुकसान का झटका लग सकता है। वजह यह है कि शेयर बाजार इतना अनिश्चित है कि इसमें कई बार सारे विश्लेषण धरे रह जाते हैं। इसलिए ट्रेडिंग में प्रॉफिट की तरह लॉस भी स्वाभाविक है। जरूरत इस बात की है कि नुकसान को कैसे सीमित रखा जाए ताकि वह लाभ पर भारी नहीं पड़े। आज हम आपको नुकसान पर काबू पाने का एक नुस्खा बताते हैं।
कागजी नहीं रियल घाटे को पहचानें (Understand about Real Loss no paper loss)
सबसे पहले इस बात को समझना जरूरी है कि किसी ट्रेड में नुकसान होता क्यों है? सीधा जवाब है- शेयर का बाजार मूल्य आपके खरीद भाव के नीचे चला गया। लेकिन गौर से देखें तो यह जवाब पूरी तरह सही नहीं है। मान लीजिए कि आपने 100 रुपए में कोई शेयर खरीदा। उसका भाव गिरकर 99 रुपए हो गया। ऐसे में आपके ट्रेडिंग एकाउंट में प्रति शेयर एक रुपए का घाटा दिखेगा, लेकिन अभी यह घाटा सिर्फ कागज पर है। यह रियलाइज्ड नहीं हुआ है। रियलाइज्ड का अर्थ है कि अभी आपने इस घाटा सहते हुए अपने शेयर को बेचा नहीं है। आप इंतजार कर रहे हैं कि कीमत फिर चढ़ेगी। शेयर का भाव जब 100 रुपए से ऊपर जाएगा, तब आप उसे फायदे में बचेंगे। इस तरह वह घाटा सिर्फ एकाउंट में है, वास्तविकता में नहीं। लॉन्ग टर्म निवेशक तो इस तरह की हलचल पर ध्यान भी नहीं देते हैं। वे जानते हैं कि लॉन्ग टर्म में 100 रुपए में खरीदा शेयर, 90 रुपए पर जाकर भी वापस लौट सकता है और कुछ महीनों या एक साल बाद 125 रुपए में बिक सकता है। लेकिन आप अगर शॉर्ट टर्म ट्रेडर हैं तो आपको ज्यादा चौंकन्ना होने की जरूरत है, क्योंकि आपने ट्रेडिंग का जो तरीका चुना है, उसमें शेयर को होल्ड करने के लिए वक्त ज्यादा नहीं है।
भाव गिरने पर घबराएं नहीं (Don;t Fear while price decreasing)
आम तौर पर नए ट्रेडर लॉस की सूरत में एक बड़ी गलती करते हैं। अगर किसी शेयर की कीमत 100 से गिरकर 98 रुपए हो जाती है। तो अनाड़ी ट्रेडर का संतुलन बिगड़ने लगता है। वह एक साथ डर और लालच दोनों मनोभावों से ग्रस्त हो जाता है। डर का मतलब है कि उसे लॉस बुक करने में घबराहट होती है। वह जानता है कि स्टॉप लास 98 के आस पास है, लेकिन वह नुकसान के डर के मारे स्टॉप लॉस नहीं लगाता है। लालच का मतलब है कि उसे लगता है गिरते हुए शेयर को पकड़ कर वो मोटा मुनाफा कमा सकता है। उसे लगता है कि 98 तक गिरने के बाद शेयर वापस चढ़ेगा। इसलिए वह 98 के भाव पर एक बार फिर उसे खरीद लेता है। अब उसका औसत भाव 99 हो गया है। गौर करने लायक बात यह है कि 98 पर खरीद के पीछे उसके पास कोई सुनिश्चित आधार नहीं है। उसने जो सोचा है, बाजार उसके विपरीत करवट लेता है। शेयर और गिरकर 96 पर चला जाता है। वह अनाड़ी ट्रेडर थोड़ा और डरता है, उसका लालच एक बार फिर हावी होता है। ऊपर लिखी मानसिक प्रक्रिया दोहराते हुए वह एक बार फिर उसी शेयर को खरीद लेता है। अपनी बची खुची पूंजी भी उसमें झोंक देता है। लेकिन इस बार भी उसकी खरीद के बाद शेयर के गिरने का सिलसिला जारी रहता है, वह 95 पर पहुंच जाता है। अब ट्रेडर के पास न तो पूंजी बची है, और न ही धैर्य। वह अपने मूल स्टॉप लॉस के मुकाबले ज्यादा नुकसान सहते हुए उसे बेचता है।
इसलिए सुझाव है कि अगर कोई शेयर आपके स्टॉप लॉस को हिट कर रहा हो तो थोड़ा लॉस बुक कर उससे निकल जाइए। अगर आप उसे फिर से खरीदना चाहते हैं तो अंदाज के आधार पर मत खरीदिए। पता कीजिए कि उसका सपोर्ट लेवल क्या है।
तीन तरह के सपोर्ट लेवल (Three Types of Support Level)
आम तौर पर किसी शेयर के तीन सपोर्ट लेवल होते हैं। आप हर दो या तीन लेवल पार करने के बाद थोड़ी थोड़ी मात्रा में खरीद सकते हैं। लेकिन खरीदने से पहले इस बात का हिसाब जरूर कर लें कि आप इसे किन स्तरों पर कितनी संख्या में खरीदेंगे। अपने कुल ट्रेडिंग कैपिटल का कितना हिस्सा इस पर लगाएंगे। जैसा कि हम आपको पहले भी आगाह कर चुके हैं, अपनी पूरी पूंजी को किसी एक शेयर में नहीं लगाएं। इस बात का आकलन भी जरूर करें कि कितना नुकसान सहने की क्षमता आपके अंदर है।
इस प्रकार अगर आप लालच और डर से हटकर ट्रेडिंग करेंगे तो आप नुकसान को नियंत्रित कर सकेंगे। एक कहावत याद रखिए, जिस ट्रेडर ने नुकसान बुक करना सीख लिया, वो अक्सर फायदे में रहता है।
ट्रेडिंग में नुकसान कम करने के जरूरी सूत्र
1. फायदा चाहते हैं तो घाटा सहना सीखें
2. स्टॉप लॉस हिट हो रहा हो तो घबराएं नहीं
3. लॉस बुक करने में डरने से बड़े घाटे के आसार
4. सिर्फ अंदाज के आधार पर स्टॉक मत खरीदें
5. अगर कोई शेयर लगातार गिर रहा हो तो अपनी पोजिशन मत बढ़ाएं
6. स्ट्रॉन्ग सपोर्ट लेवल के पास ही दोबारा खरीदें
7. थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ही खरीदें, कारोबार के लिए हमेशा अपनी लिमिट का ध्यान रखें\
एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें
आप ना केवल मूल्य में वृद्धि होने पर अभी तो मूल्य में गिरावट आने पर भी कमा सकते हैं। यदि शेयर का प्राइस गिर रहा है और आपको लगता है कि यह और गिरेगा तो इस स्थिति में आप शेयर बेचकर करके पैसे कमा सकते हैं।
निम्नलिखित कदमों का उपयोग करके आप इंट्राडे में स्टॉक्स बेचकर कमाई कर सकते हैं:
- अपने एंजल ब्रोकिंग ऐप से सर्च आइकन को क्लिक कीजिए तथा उस स्टॉक को ढूंढिए जिसमें आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं। सबसे पहले रिजल्ट पर क्लिक कीजिए। आप यदि यह सोचते हैं की मूल्य पहले से ही बहुत अधिक है और निश्चित ही इनमें गिरावट आएगी तो Sell बटन को दबाइए।
- Quatity फील्ड में जितने शेयर आप बेचना चाहते हैं उनकी संख्या लिखिए और उसके बाद यह निश्चित कीजिए की क्या आप मार्केट ऑर्डर प्लेस करना चाहेंगे या लिमिट ऑर्डर (मैं ऊपर समझा चुका हूं)।
- Intraday को Product Type के रूप में चुने।
- बाकी बचे दो फील्ड्स को ना छुएं और सेल ऑर्डर को प्लेस करने के लिए Sell बटन को दबाएं।
- अपने सेल आर्डर के विवरण को कंफर्म करने के लिए Confirm को क्लिक स्टॉप लॉस की गणना कैसे करें करें।
- आपका ऑर्डर एग्जीक्यूट हो जाएगा और आप तभी कमा पाएंगे यदि मूल्य में गिरावट आती है तथा आपको हानि होगी यदि मूल्य में वृद्धि होती है।
- होने वाली हानि को सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर को प्लेस करना ना भूलें।
- तय किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद एग्जिट करें और अपने स्टॉप लॉस ऑर्डर को कैंसिल करें।
इस प्रकार, एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे में बेचकर आप कमाई कर सकते हैं।
अस्वीकरण: इस पोस्ट में उपलब्ध सूचना केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। कृपया किसी भी सुझाव को निवेश की सलाह के रूप में ना लें। ट्रेडिंग जोखिम से संबंधित होती है इसीलिए इसे ध्यानपूर्वक करें।
इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप? Stocks चुनने से लेकर इससे होने वाले फायदे यहां जानिए
Intraday Trading: आज के समय में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले ग्राहकों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। नए युवा इसे लेकर काफी उत्साहित नजर आते हैं। कई तो इंट्राडे ट्रेडिंग को लेकर काफी पॉजिटव नजर आते हैं।
Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 08, 2022 16:55 IST
Photo:INDIA TV इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप?
Intraday Trading: यह शेयर बाजार खुलने से लेकर बंद होने की बीच की गई शेयर की खरीदी बिक्री की प्रक्रिया होती है। यहां पैसा लगाने वाले निवेशकों का मुख्य उद्देश्य लंबे समय तक शेयर को होल्ड करना नहीं बल्कि उसी दिन बाजार बंद होने के पहले बेचकर मुनाफा कमाना होता है।
इन बातों का रखे ध्यान
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए संबंधित ऑर्डर सही तरीके से तैयार करना होता है। यदि कोई ऐसा करने में विफल रहता है, तो उनका ब्रोकर आपकी स्थिति को चौपट कर सकता है अगर आप खुद से ट्रेडिंग कर रहे हैं तो नुकसान उठा सकते हैं।
चाहे कोई व्यक्ति अनुभवी हो या नया निवेशक, उसे इंट्राडे ट्रेडिंग में एक साथ होने वाली कई घटनाओं पर नजर रखना पड़ता है। इसलिए भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय रुझानों और संकेतकों पर नज़र रखने से बहुत मदद मिल सकती है। यहां कुछ संकेतक दिए गए हैं, जिन पर दिन के कारोबार के दौरान विचार किया जा सकता है, जो अच्छी कमाई में मदद कर सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ
- नियमित आय अर्जित करने का मौका
- कम कमीशन शुल्क
- अधिक लाभ
- लिक्विडिटी
- बाजार में उतार-चढ़ाव के माध्यम से पूंजीगत लाभ
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें यह समझने के लिए निवेश करते समय सर्वोत्तम इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक की पहचान करना आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें अपेक्षाकृत अधिक जोखिम होता है। ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो। जिन शेयरों की लिक्विडिटी अधिक होती है, उन्हें व्यक्ति आसानी से जब चाहे बाजार खुले रहने तक सेल कर सकता है। अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप उसे किसको बेचेंगे, ऐसे में आपको नुकसान उठाना पड़ जाएगा।
इन 6 शेयरों में लगाएं पैसे 3 महीने में मिल जाएगा डबल रिटर्न, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
अगर आप यहां निवेश करते हैं तो आप भी कम समय में लखपति बन सकते हैं.
कम समय में ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं तो आप ये 6 शेयर में निवेश कर सकते हैं.
- hindi.moneycontrol.com
- Last Updated : July 03, 2021, 08:13 IST
नई दिल्ली. अगर आप शेयर बाजार (Share Market) से कमाई करना (Earn money) चाहते हैं तो आपके पास शानदार मौका है. निफ्टी ने इस साल अब तक 13 प्रतिशत की रैली दिखाई और 28 जून को इसने 15915 का रिकॉर्ड हाई भी बनाया लेकिन उसके बाद से ही ये कंसोलिडेट कर रहा हैं जबकि लार्जर ट्रेंड बुलिश बना हुआ है. टेक्निकल एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि यहां से सूचकांक में तेजी लंबे समय के लिए जारी नहीं भी रह सकती है लेकिन स्टॉक-स्पेसिफक ट्रेड में तेजी के अवसर मिलते रहेंगे.
जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
आनंद राठी के मेहुल कोठारी ने कहा कि यदि हम वर्तमान प्राइस एक्शन को देखें तो हमें दिखता है कि भले ही इंडेक्श ऊपर जा रहा है लेकिन वह खुद को नीचे भी घसीट रहा है. इससे ऐसा लगता है कि बुल्स अपना उत्साह खो रहे हैं. यदि हम टेक्निकल टारगेट को देखें तो 15400 के ऊपर कंसोलिडेशन ब्रेकआउट के बाद इंडेक्स में 16200 से 16400 तक ले जाने का दम-खम नजर आता है. लेकिन यहां बाजार में बाईंग क्लाइमेक्स जैसा माहौल हो सकता था क्योंकि इस स्तर पर हमें खरीदारी करते समय डर भी लगता है.उन्होंने आगे कहा कि यदि निफ्टी और नीचे फिसलता है तो 15400 पर निफ्टी के लिए एक निर्णायक सपोर्ट होगा और यदि ये स्तर भी ब्रेक होता है इंडेक्स 1500 तक नीचे फिसल सकता है जहां फिर से एक खरीदारी का मौका बन सकता है.
इन शेयरों से होगी कमाई
एक्सपर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में इन शेयरों से आप दोगुना तक रिटर्न पा सकते हैं. ये शेयर हैं-
1. Dr Reddys Laboratories: Buy| LTP: Rs 5,स्टॉप लॉस की गणना कैसे करें 559| Target: Rs 6,000-6,200| Stop Loss: Rs 4,900| Upside 11%
इस स्टॉक ने 1 जुलाई को 5577 रुपये का नया हाई लगाया है जो हायर लेवल पर एक स्ट्रॉन्ग मोमेंटम को दर्शाता है. ये स्टॉक हायर टॉप्स और हायर बॉटम बनाता रहा है जो कि ये दर्शाता है कि सभी टाइम फ्रेम में इसमें मजबूती बनी रहेगी. इसलिए स्टॉप लॉस की गणना कैसे करें इसमें 5,559 के स्तर पर खरीदारी करनी चाहिए और इसमें 6,000-6,200 का लक्ष्य देखने को मिल सकता है.
2. SBI: Buy| LTP: Rs 420| Target: Rs 480-500| Stop Loss: Rs 350| Upside 19%
मंथली चार्ट पर इस स्टॉक ने 350 के स्तर पर V pattern breakout कन्फर्म किया है जो इसमें मजबूती को दर्शाता है। ये स्टॉक अपने 50, 100 और 200 day-simple moving averages पर अच्छी तरह से टिका हुआ है. इसके ये एवरेज इसके भाव को ऊपर ले जाते हुए दिखते हैं.एसबीआई में खरीदारी और एक्युमुलेश की रेंज 410 से 390 रुपये है. ट्रेडर्स को इसमें 480 से 600 के टारगेट के लिए 350 के स्टॉपलॉस के साथ 3 से 6 महीनों के लिए लॉन्ग पोजीशन बनानी चाहिए.
3. TCS: Buy| LTP: Rs 3,341| Target: Rs 3,750| Stop Loss: Rs 3,110| Upside 12%
टीसीएस वर्तमान मार्केट में आईटी सेक्टर का सबसे बड़ा आउटपरफॉर्मर बना हुआ है. इसका शेयर प्राइस पांच महीने के कंसोलिडेशन पैटर्न से रिजॉल्व हो रहा है जो कि स्ट्रक्चरल अपट्रेंड दर्शाता है और नये एंट्री प्वाइंट बना रहा है. इस स्टॉक ने पिछले 15 महीनों में कई बार अपने rising 10-week EMA को होल्ड किया है जो कि इसके बढ़े हुए भाव पर भी खरीदारी के रुझान को दर्शाता है. इसलिए इस स्टॉक को 3341 के स्तर पर खरीदना चाहिए और इसका भाव 3750 तक जा सकता है.
4. Tata Motors : Buy| LTP: Rs 344| Target: Rs 405| Stop Loss: Rs 324| Upside 17%
इस स्टॉक में पिछले 4 महीनों के कंसोलिडेशन रेंज (342-279) के ऊपर एक ब्रेकआउट आया है. इसके बाद से ये 405 के स्तर तक जाता हुआ प्रतीत होता है. इसके अलावा weekly 14-period RSI से हाल ही में इसमें खरीदारी के संकेत बने हैं.इस स्टॉक को 344 के स्तर पर 405 रुपये के लक्ष्य के लिए खरीदारी करने की सलाह दी गई है.
5. Tata Steel : Buy| LTP: Rs 1163| Target: Rs 1750| Stop Loss: Rs 1020| Upside 50%
टाटा स्टील निफ्टी और मेटल इंडेक्स दोनों पर आउटपरफॉर्म कर रहा है. P&F chart पर टाटा स्टील ने एक बुलिश turtle breakout बनाया है जो इसमें बुलिश रुझान को आगे बढ़ाता है और दर्शाता है इसमें टॉप लेवल पर खरीदारी नजर आ सकती है. इसमें अगले 6 महीनों में 1,750 का स्तर देखने को मिल सकता है.
6. ICICI Bank : Buy| LTP: Rs 630| Target: Rs 780| Stop Loss: Rs 570| Upside 23%
आईसीआईसीआई बैंक फरवरी 2012 में ब्रेकआउट के बाद से टॉप पर कंसोलिडेट कर रहा है. इस स्टॉक के लिए सपोर्ट भी ऊपर की तरफ बढ़ रहा है. ऐसा लगता है कि ये कंसोलिडेशन ऊपर की तरफ बढ़ता नजर आयेगा क्योंकि आईसीआईसीआई बैंक लगातार बैंक निफ्टी पर आउटपरफॉर्म करता रहेगा. इस स्टॉक में अगले 6 महीनों के लिए 570 रुपये के स्टॉपलॉस के साथ 780 रुपये टारगेट के लिए खरीदारी करनी चाहिए.
(डिस्क्लेमरः News 18 Hindi पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं. News 18 यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें. )
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