Positional Trading सबसे लंबे समय तक की जाने कैंडल चार्ट को कैसे समझें वाली ट्रेडिंग हैं जो की एक महीने से 12 महीने तक की जाती हैं।
शेयर बाजार – Chart पर सही time frame चुनके करें आसान trading
आज हम जानेंगे की trading करते समय share market में Scalping Trading , Intraday Trading , Swing Trading , Positional Trading और Long term Investing के लिए chart पर कोनसा time frame चुनते हैं हिंदी में।
Share Market में चार्ट पर कोनसा time frame चुने ?
Table of Contents
अपना Trading Style जाने।
- Trading करते समय आप को यह पता होना चाहिए की आप का trading style क्या हैं ?
- अगर आप को यह पता चल जाता हैं तो आप चार्ट पर बड़ी आसानी से टाइम फ्रेम चुन सकते हैं।
- अगर आप दिन में ट्रेडिंग कम समय के लिए करते हैं तो आप का चार्ट पर टाइम फ्रेम भी कम कैंडल चार्ट को कैसे समझें होगा।
- अगर आप दिन में ट्रेडिंग ज्यादा समय के लिए करते हैं तो आप का चार्ट पर टाइम फ्रेम भी ज्यादा होगा।
सबसे महत्व पूर्ण बात यह हैं की हमें ट्रेड लेने से पहले टाइम फ्रेम चुनना हैं।
जिस टाइम फ्रेम को आपने चार्ट पर select किया हैं उसही के आधार पर आप को शेयर में buy, sell, stop loss, trailing stop loss इत्यादि लगाना हैं।
Trading के लिए कोनसा time frame चुने ?
शेयर बाजार सुबह 9:15 AM से दोपहर 3:30 PM तक चलता हैं।
शेयर बाजार लगभग 6 घंटे तक चलता हैं।
Trading के लिए chart पर कोनसा time frame चुने ?
इस समय में अगर आप ट्रेडिंग करते हैं, तो अलग-अलग ट्रेडिंग के लिए अलग अलग टाइम फ्रेम इस्तेमाल होते हैं।
- Scalp Trading :- 1 MIn Chart से 2 Min Chart
- Intraday Trading :- 5 Min Chart 15 Min Chart
- Swing Trading :- 1 दिन से 1 हफ्ते – 1 Hour से 2 Hour Chart
- Swing Trading :- 1 हफ्ते से 1 महीने – 3 Hour से 4 Hour chart
निष्कर्ष
सही टाइम फ्रेम चुनने के साथ साथ सही trading setup चुनना भी महत्वपूर्ण हैं।
नहीं तो सही टाइम फ्रेम चुनने का कोई फायदा नहीं हो पायेगा।
आशा हैं की आप को यह पढ़ कर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय चार्ट पर कोनसा time frameचुनते हैं यह समझ गए कैंडल चार्ट को कैसे समझें होंगे।
अगर आप को यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share करे।
Scalping और Intraday Trading के लिए कोनसा time frame चुने ?
Scalp Trading :- 1 MIn Chart से 2 Min Chart
Intraday Trading :- 5 Min Chart से 15 Min ChartSwing और Positional Trading के लिए कोनसा time frame चुने ?
Swing Trading :- 1 दिन से 1 हफ्ते – 1 Hour से 2 Hour Chart
Swing Trading :- 1 हफ्ते से 1 महीने – 3 Hour से 4 Hour chart
Positional Trading :- 1 Day ChartWhat is Doji candle Hindi me?
डोजी कैंडल सिंपल कैंडलेस्टिक पेटर्न है और यह टेक्निकल एनालिसिस करने में उपयोगी है। डोजी कैंडल इंट्राडे चार्ट और हिस्टोरिकल चार्ट मे बनता है।डोजी कैंडल चार्ट को कैसे समझें कैंडल में ओपन प्राइस फॉर क्लोज प्राइस सामान होते हैं या फिर उन दोनों में 0.5% का अंतर होता है।अगर आप इंट्राडे चार्ट में देखते हैं तो जब चार्ट High बनाए या फिर चाट Low बनाए यह तभी अच्छे सेकाम करता है या फिर हिस्टोरिकल चार्ट में देखें तो यह 25 दिन का Highया 25 दिन का Low बनाएं तभी अच्छे से काम करता है।
डोजी कैंडल अगर चार्ट के बीच में बनता है तो उसका कोई महत्व रहता है नहीं और उससे कोई ट्रेड ते नहीं होता।
डोजी कैंडल के प्रकार
(3)लॉन्ग-लेग्गेड दोजी(Long-Legged Doji)
लोंग लेग्गेड डोजी कैंडल कोई ट्रेन नहीं दर्शाता।जब चार्ट में यह कैंडल बनेगा तब मार्केट कुछ घंटों या फिर कुछ दिनों के लिए अनिश्चित हो जाता है यानी कि ना ही तेजी और ना ही मंदी।
जब भी चार्ट में यह कैंडल बनता है तो उसका upper shadow और lower shadow एक समान कैंडल चार्ट को कैसे समझें होता है ओपन प्राइस और क्लोजिंग प्राइस समान रहता है।अगर चार्ट में ऐसा दिखे तो पता चल जाता है कि मार्केट यहां से अनिश्चित हो चुका है। लॉन्ग लेग्गेड डोजी की मदद से हम कोई ट्रेड नहीं ले सकते।
(4)फोर प्राइज दोजी(Four prise Doji)
फोर प्राइज कैंडल चार्ट में बनती है तब वह अर्थ विहीनहोती है यानी कि उसका बन्ना न बनने कैंडल चार्ट को कैसे समझें से चार्ट में कोई फर्क नहीं पड़ता ।और वह चार्ट बहुत कम बनती है। आप कई बार कोई छोटे शेयर देखा होगा तो उसके चार्ट में यह कैंडल दिखाई देता है।
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आज हम कैंडलस्टिक के दोजी पैटर्न (Doji candlestick pattern) के बारे में सीखेंगे. दोजी (Doji) पैटर्न या ग्राफ किसी शेयर या स्टॉक में खरीदने और बेचने वालों (buyers and sellers) के बीच अनिर्णय की स्थिती बताता है. यह दोजी पैटर्न तब बनता है जब दिन भर की ट्रेडिंग के बाद शेयर उसी भाव पर बंद होता है जिस पर की वह खुला था, यानि उस दिन उस स्टॉक का open price और close price एक ही होता है. यहाँ पर ऊपर उदाहरण के लिये आप ग्राफ में देख सकते है की 01-01-2017 को शेयर 100 पर खुला (open हुआ). उस दिन वह शेयर 104 के high और 96 के low के भाव तक गया और शाम को 100 के भाव पर ही बंद हुआ (close हुआ). यानि 01-01-2017 को शेयर का open और close का भाव एक ही था, जो की 100 रूपये था. अब इसको ध्यान से देखा जाये तो यह कह सकते की उस दिन ट्रेडर्स असमंजस में थे, यानि की उन्हें यह समझ में नहीं आया की यह शेयर ऊपर जायेगा या नीचे. अकसर ऐसा तब भी होता है जब की buyers और sellers, बेचने और खरीदने वालों के बीच एक प्रकार की रस्साकशी चल रही हो और कोई विजयी नहीं हुआ हो.
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