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अवैध कोयला खनन करते 3 लोगों की मौत पर हर तरफ खामोशी क्‍यों ?

Dhanbad : गरीबों की जिंदगी में बदलाव की बड़ी-बड़ी बातें करनेवाले पक्ष-विपक्ष के सफेदपोशों की राजापुर डेको आऊटसोर्सिंग प्रोजेक्ट में अवैध कोयला उत्खनन के दौरान हुई तीन लोगों की मौत पर खामोशी हैरान कर देने वाली है. क्या तीन गरीबों की मौत की कोई कीमत नहीं है. आऊटसोर्सिंग कंपनी डेको का सुलेशन इतना कारगर है कि कोई जुबान नहीं खोल पा रहा. इतनी बड़ी घटना के बाद घटनास्थल पर सिर्फ डीएसपी प्रमोद कुमार केसरी और झरिया के अंचलाधिकारी केदारनाथ सिंह गये. बीसीसीएल के बड़े अधिकारी नदारत रहे.

क्‍या पुलिस को नहीं है जानकारी अवैध खनन की ?

मरनेवालों में 13 साल की चंदा भी थी जिस पर आधारित फिल्म ‘आन द वे टू स्कूल’ फ्रांस के पत्रकार फोटोग्राफर एडुरेक ड्वेक और रसिया की आंद्रे ने झरिया आकर बनाई थी. चंदा कोयला चोरी कर अपनी जीविका चलाती थी. जबकि, वह दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करती, एड़ियां रगड़ते मर गयी. वह नाहक बदनाम हुई. कोयला चोरी के बड़े खलनायकों का किसी ने गलती से भी अपनी जुबान पर नाम नहीं लाया. अखबारों के किसी कोने में किसी कोयला चोर का आधा अधूरा नाम छपा भी तो उसका क्या मतलब?. पुलिस को क्या पता नहीं कि कैसे बीसीसीएल का कोयला दिन रात चोरी हो रही है और कौन चोरी करा रहा है.

कोई भी नेता और अधिकारी नहीं मिले मृतकों के परिजन से

सवाल है कोयलाचोरी का ब्लैकमनी जा कहां रहा है. खुद को बड़े-बड़े जननायक कहाने का दंभ भरनेवाले क्यों चुप हैं. क्या कोयलाचोरी और इसके कारण होनेवाली मौत और खून खराबा के खिलाफ बोलने की हिम्मत किसी में नहीं?. घटनास्थल पर कांग्रेस के स्थानीय संतोष सिंह के अलावा कोई नजर नहीं आये. गरीबों को धोती साड़ी बांटनेवाले सत्ता पक्ष के नेता ने भी मरनेवाले गरीबों के परिजनों से मिलकर संवेदना नहीं प्रकट की. न डीसी आये, न एसएसपी आये और न ही एसपी और कोई अन्य. क्या तीन गरीबों की पेट की आग बुझाने के लिए शहादत का कोई मोल नहीं?.

ट्रेड यूनियन के किसी बड़े को बोलने की हिम्‍मत नहीं

इस मामले में धनबाद क्या स्विंग ट्रेडिंग कारगर है के सांसद पीएन सिंह, विधायक राज सिन्हा, फूलचंद मंडल, अरूप चटर्जी और न ही कांग्रेस और ट्रेड यूनियन के किसी बड़े ने कुछ बोलने की हिम्मत की तो क्यों?. क्या बीसीसीएल की आऊटसोर्सिंग कंपनियों की मुट्ठी में धनबाद का पक्ष-विपक्ष और प्रशासन समा गया है?. इन सवालों से परे यह देखना होगा कि तीन लोगों की हुई मौत के मामले में पुलिस क्या कार्रवाई करती है. राजपुरा ओपी के विंध्याचल सिंह का कहना है कि यहां होनेवाली कोयला चोरी की सूचना उन्होंने 8 अगस्‍त को पत्रांक 1154/18 के तहत झरिया थाना प्रभारी रणधीर कुमार को दे दी थी. ऐसे में अवैध कोयला खनन के दौरान हुई मौत के लिए क्या बीसीसीएल ही जिम्मेवार होगा?.

जान लें कि कोयला जब तक बीसीसीएल के क्षेत्र में रहता है वह वैध होता है. क्षेत्र से बिना कागजात के बाहर आते ही अवैध हो जाता है. अब प्रशासन को जिम्मेवारी तय कर जल्द संबंधित लोगों पर कार्रवाई तय करनी चाहिए. इस मामले में मौनी बाबा बने सफेदपोशों को भी बोलना चाहिए. अच्छी व्यवस्था के लिए यही सही है.

Special Report : सात पुश्तों से आयुर्वेद की परंपरा को सहेज रहा बरेली का ये परिवार. Bareilly News

Special Report : सात पुश्तों से आयुर्वेद की परंपरा को सहेज रहा बरेली का ये परिवार. Bareilly News

शैलेष उपाध्याय, बरेली : आयुर्वेद सबसे प्राचीन और कारगर चिकित्सा पद्धति है। जीवन को स्वस्थ रखने के साथ-साथ आहार-विचार में बेहतरी के लिए बदलाव के सभी नियम-कायदे आयुर्वेद में वर्णित हैं। इन दिनों बदलती जीवनशैली से होने वाले जटिल रोगों का निदान भी इस पद्धति के माध्यम से किया जा रहा है। इसीलिए पिछले एक दशक से लोगों का रुझान आयुर्वेद की तरफ फिर बढ़ा है। ऐसे में हम आपको शहर की एक ऐसी खास दुकान से परिचित करा रहे हैं, जिसने अपनी सात पीढ़ियों से आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा को न केवल सहेज रखा है, वरन इस पर आधुनिकता का लेप भी चढ़ा दिया है।

शहर के क्या स्विंग ट्रेडिंग कारगर है आलमगिरि गंज स्थित लाला गट्टूमल की पुरानी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की दुकान है। आज से क्या स्विंग ट्रेडिंग कारगर है करीब दो सौ साल पहले इसकी नींव लाला गिरधारी लाल अग्रवाल ने रखी थी लेकिन, इनके पौत्र लाला राम गोपाल उर्फ गट्टूमल के समय में इसको काफी प्रसिद्धि क्या स्विंग ट्रेडिंग कारगर है मिली। वर्तमान में इस खानदान की छठी पीढ़ी के श्याम बाबू जहां अभी भी परंपरा को जीवित रखते हुए जड़ी-बूटियों का व्यापार कर रहे हैं।

इनके पुत्र रवि अग्रवाल ने इसको आधुनिकता का जामा पहना दिया है। गट्टूमल फार्मेसी के नाम से वह आयुर्वेद की दवाओं का उत्पादन एवं बिक्री करते हैं। करीब दो दर्जन आयुर्वेदिक दवाओं का क्या स्विंग ट्रेडिंग कारगर है उन्होंने पेटेंट करा रखा है। इनके करीब 250 उत्पाद बाजार में बिक रहे हैं। रवि विश्व आयुर्वेद परिषद के सदस्य भी हैं। इन्हीं के खानदान के स्व. बाबू सत्यप्रकाश अग्रवाल प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे।

ऑनलाइन भी बिकती हैं आयुर्वेदिक दवाएं: इनके विभिन्न उत्पाद अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि ऑनलाइन ट्रेडिंग साइट्स पर भी उपलब्ध हैं। रवि की पत्नी मानसी अग्रवाल उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री व प्रमोशन आदि का कार्य देखती हैं। रवि बताते हैं कि आयुर्वेद में होने वाले बदलाव एवं शोध से लोगों को परिचित कराने के लिए वह ‘आयुर्वेदम’ नाम से त्रैमासिक पत्रिका के प्रकाशन की योजना बना रहे हैं। फरवरी 2020 में इसका पहला संस्करण प्रकाशित होने की उम्मीद है।

लगाते हैं निश्शुल्क शिविर: समय-समय पर उनकी ओर से मधुमेह आदि की जांच एवं इलाज के लिए निश्शुल्क शिविर आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा उन्होंने लाला गट्टूमल के नाम से आयुर्वेदिक चिकित्सालय भी खोल रखा है, जहां रोगियों को निश्शुल्क परामर्श दिया जाता है।

परंपरागत दुकान पर उपलब्ध हैं दुर्लभ जड़ी-बूटियां: घी मंडी स्थित इस खानदान की एक दुकान पर तमाम दुर्लभ जड़ी-बूटियां उपलब्ध हैं। दुकान का काम देख रहे श्याम बाबू बताते हैं कि चेन्नई, बेंगलूरू, बाड़मेर, लखनऊ, दिल्ली आदि शहरों से वह दुर्लभ जड़ी-बूटियां मंगवाते हैं।

UP Crime News: अपनी बेटियों की इज्जत बचाने में पिता ने गंवा दी जान, जानें पूरा मामला

घटना 16 जून की पीलीभीत जिले के माधवपुर गांव की है। पुलिस ने कहा कि, 18 से 25 साल की उम्र के पांच लोगों सहित पीड़िता के छह पड़ोसियों पर आईपीसी की धारा 147 और 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Written by: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: June 20, 2022 23:58 IST

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Highlights

  • यूपी के पीलीभीत जिले के माधवपुर गांव की घटना
  • 18 से 25 साल की उम्र के 5 लोगों सहित छह पड़ोसियों पर केस दर्ज
  • बेटियों पर भद्दी टिप्पणी करते थे 5 आरोपी लड़के

UP Crime News: अपनी दो किशोर बेटियों को उनके इलाके में कुछ युवकों द्वारा कथित रूप से छेड़खानी से बचाने के लिए एक 40 वर्षीय व्यक्ति पर जानलेवा हमला किया गया था। पीड़ित, एक छोटे से किसान, ने तीन दिनों के उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक घटना 16 जून की पीलीभीत जिले के माधवपुर गांव की है। पुलिस ने कहा कि, 18 से 25 साल की उम्र के पांच लोगों सहित पीड़िता के छह पड़ोसियों पर आईपीसी की धारा 147 और 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने क्या कहा?

अमरिया पुलिस स्टेशन के निरीक्षक (अपराध) मनीष कुमार ने कहा, "आदमी की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह कुछ स्थानीय युवकों के खिलाफ खड़ा हुआ और अपनी युवा बेटियों को उनसे बचाने की कोशिश की। उसे बुरी तरह पीटा गया, जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।" तीन चिकित्सा अधिकारियों के एक पैनल द्वारा उसके शव परीक्षण किया गया था। अभी फरार आरोपी का पता लगाने और उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।

5 लड़के बेटियों पर करते थे भद्दी टिप्पणी
एक लिखित शिकायत में, पीड़िता की पत्नी ने कहा कि पांच लड़के जिनकी पहचान उसने 22 वर्षीय भूरा, 18 वर्षीय सोहेल, 25 वर्षीय मुन्ना, 20 वर्षीय रेहान और 18 वर्षीय इमाम के रूप में की है जो उसके घर के पास रहते हैं और नियमित रूप से भद्दी टिप्पणी करते थे।

उसके बाद उसने पति के साथ मिलकर लड़कों के खिलाफ इस मामले को उठाया लेकिन इसे पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि 16 जून को, आरोपी ने उसके पति पर हमला किया। पहले उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और क्या स्विंग ट्रेडिंग कारगर है फिर उसे बार-बार मुक्का मारा और लात मारी।

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