स्थान- राज्य या राष्ट्रीय नियमों के कारण आपकी लोकेशन आपको कुछ एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदने और बेचने से रोक सकती है। जैसे चीन ने नागरिकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राज्य में कुछ राज्यों ने अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। जैसे न्यूयॉर्क में एक्सचेंज के लिए बिटलाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है और केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को कुछ स्वीकृत सिक्कों की पेशकश करने की अनुमति है। अधिकांश अन्य राज्यों में न्यूयॉर्क की तरह सख्त नियम नहीं हैं।

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डिजिटल करेंसी: खरीदना चाहते हैं क्रिप्टोकरेंसी? तो जानिए क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना है जरूरी

आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा।

क्रिप्टोकरेंसी

अप्रैल में 64,600 अमेरिकी डॉलर (48.5 लाख रुपये) तक पहुंचने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन भारत में अचानक क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा बढ़ गई है। डिजिटल करेंसी की ट्रेडिंग में लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में बिटक्वाइन 32,640.73 डॉलर के करीब है। मालूम हो कि बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 64,829.14 डॉलर रही है।

आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा। सही क्रिप्टो एक्सचेंज चुनना बेहद अहम है।

क्या है क्रिप्टो एक्सचेंज?
क्रिप्टो एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से आप क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं। एक्सचेंज उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा बाजार कीमतों को दर्शाते हैं। एक्सचेंज के जरिए आप एक क्रिप्टोकरेंसी के बदले दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटक्वाइन के बदले लाइटक्वाइन खरीद सकते हैं या क्रिप्टोकरेंसी को अमेरिकी डॉलर या कियी अन्य मुद्रा से भी खरीद सकते हैं। अपने खाते में पैसे रखने के लिए आप क्रिप्टो को दोबारा डॉलर में भी बदल सकते हैं।

क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना जरूरी?

  • स्थान- राज्य या राष्ट्रीय नियमों के कारण आपकी लोकेशन आपको कुछ एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदने और बेचने से रोक सकती है। जैसे चीन ने नागरिकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राज्य में कुछ राज्यों ने अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। जैसे न्यूयॉर्क में एक्सचेंज के लिए बिटलाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है और केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को कुछ स्वीकृत सिक्कों की पेशकश करने की अनुमति है। अधिकांश अन्य राज्यों में न्यूयॉर्क की तरह सख्त नियम नहीं हैं।
  • सुरक्षा- क्रिप्टोकरेंसी किसी भी केंद्रीय संस्थान द्वारा समर्थित नहीं है, और आपकी क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स बैंक में पैसा या पारंपरिक निवेश की तरह सुरक्षित नहीं हैं। कुछ एक्सचेंज, जैसे क्वाइनबेस और जेमिनी, एफडीआईसी बीमाकृत बैंक खातों में आपके द्वारा रखे गए अमेरिकी डॉलर में शेष राशि रखते हैं। लेकिन एफडीआईसी बीमा क्रिप्टोकरेंसी बैलेंस पर लागू नहीं होती है। क्रिप्टो की सुरक्षा के लिए, कुछ एक्सचेंजों के पास हैकिंग या धोखाधड़ी से एक्सचेंज के भीतर मौजूद डिजिटल मुद्राओं की सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी होती हैं।
  • फीस- फीस पर विचार करना भी अहम है। एक्सचेंज आपके लिए क्रिप्टो खरीदना जितना आसान बनाते हैं, आपको उतने ही अधिक शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है। विनिमय शुल्क एक निश्चित मूल्य हो सकता है, लेकिन अक्सर यह आपके व्यापार का एक फीसदी होता है। कुछ एक्सचेंज, जैसे कैश एप का शुल्क मूल्य अस्थिरता के आधार पर घटता या बढ़ता है। शुल्क अक्सर प्रति लेन-देन के लिए लिया जाता है। यह भिन्न भी हो सकता है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि एक्सचेंज आपके क्रिप्टो लेनदेन के लिए आपसे कैसे और कब चार्ज करता है।
  • लिक्विडिटी- यदि आप अपने क्रिप्टो को खरीदने, बेचने या व्यापार करने की योजना बनाते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके द्वारा चुने गए एक्सचेंज में ट्रेड वॉल्यूम हो। इससे आपकी होल्डिंग की लिक्विडिटी पता चलेगी और आप जब चाहें क्रिप्टो बेच सकेंगे। अक्सर, अधिक लोकप्रिय एक्सचेंज वे होते हैं जिनके व्यापार की मात्रा सबसे अधिक होती है।

विस्तार

अप्रैल में 64,600 अमेरिकी डॉलर (48.5 लाख रुपये) तक पहुंचने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन भारत में अचानक क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा बढ़ गई है। डिजिटल करेंसी की ट्रेडिंग में लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में बिटक्वाइन 32,640.73 डॉलर के करीब है। मालूम हो कि बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 64,829.14 डॉलर रही है।

आप केवल अपने बैंक या निवेश फर्म से क्रिप्टो नहीं खरीद सकते। बिटक्वाइन, एथेरियम, या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाना होगा। सही क्रिप्टो एक्सचेंज चुनना बेहद अहम है।

क्या है क्रिप्टो एक्सचेंज?
क्रिप्टो एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से आप क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं। एक्सचेंज उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा बाजार कीमतों को दर्शाते हैं। एक्सचेंज के जरिए आप एक क्रिप्टोकरेंसी के बदले दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, जैसे बिटक्वाइन के बदले लाइटक्वाइन खरीद सकते हैं या क्रिप्टोकरेंसी को अमेरिकी डॉलर या कियी अन्य मुद्रा से भी खरीद सकते हैं। अपने खाते में पैसे रखने के लिए आप क्रिप्टो को दोबारा डॉलर में भी बदल सकते हैं।

क्रिप्टो एक्सचेंज में क्या देखना जरूरी?

    स्थान- राज्य या राष्ट्रीय नियमों के कारण आपकी लोकेशन आपको कुछ एक्सचेंजों पर क्रिप्टो खरीदने और बेचने से रोक सकती है। जैसे चीन ने नागरिकों के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राज्य में कुछ राज्यों ने अपने स्वयं के नियम बनाए हैं। जैसे न्यूयॉर्क में एक्सचेंज के लिए बिटलाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है और केवल लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को कुछ स्वीकृत सिक्कों की पेशकश करने की अनुमति है। अधिकांश अन्य राज्यों में न्यूयॉर्क की तरह सख्त नियम नहीं हैं।

विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – cryptocurrency पर रोक लगाने की पुकार

डिजिटल मुद्रा - crypto currency

संयुक्त राष्ट्र के व्यापर और विकास संगठन – UNCTAD ने बुधवार को प्रकाशित तीन नीति पत्रों में, विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर रोक लगाने के लिये कार्रवाई किये जाने की पुकार लगाई है.

यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि अलबत्ता व्यक्तिगत डिजिटल मुद्राओं ने कुछ व्यक्तियों और संस्थानों को लाभान्वित किया है, मगर वो एक ऐसी अस्थिर वित्तीय सम्पदा हैं जो सामाजिक जोखिम और लागतें उत्पन्न कर सकती हैं.

अंकटाड ने कहा है कि कुछ लोगों या संस्थानों को डिजिटल मुद्रा के लाभ, वित्तीय स्थिरता, घरेलू संसाधन सक्रियता, और मुद्रा प्रणालियों की सुरक्षा के लिये उत्पन्न उनके जोखिमों के साए में दब जाते हैं.

क्रिप्टो मुद्रा में उछाल

क्रिप्टो करेंसी भुगतान का एक वैकल्पिक रूप हैं. इनके मामलों में वित्तीय भुगतान गुप्त व सुरक्षित टैक्नॉलॉजी के ज़रिये डिजिटल माध्यमों से किया जाता है जिन्हें ब्लॉकचेन कहा जाता है.

क्रिप्टो करेंसी कोविड-19 महामारी के दौरान, दुनिया भर में बहुत तेज़ी से बढ़ी, जिससे पहले से ही मौजूद चलन और भी ज़्यादा मज़बूत हो क्रिप्टो व्यापार कैसे करें गया. इस समय दुनिया भर में लगभग 19 हज़ार क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं.

वर्ष 2021 में क्रिप्टो करेंसी रखने वाली आबादी के मामले में, शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले 20 देशों में से, 15 देश विकासशील देश थे.

इस सूची में 12.7 प्रतिशत के साथ यूक्रेन सबसे ऊपर था, उसके बाद रूस 11.9 प्रतिशत और वेनेज़ुएला 10.3 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.

उतना स्वर्णिम नहीं

अंकटाड का कहना है कि बाज़ार में हाल के समय में डिजिटल मुद्रा को लगे झटकों से झलकता है कि क्रिप्टो करेंसी रखने के निजी जोखिम तो हैं ही, मगर केन्द्रीय बैंक, वित्तीय स्थिरता की हिफ़ाज़त करने के लिये हस्तक्षेप करते हैं तो ये समस्या सार्वजनिक बन जाती है.

उससे भी ज़्यादा, अगर क्रिप्टो करेंसी भुगतान के एक माध्यम के रूप में विकसित होना जारी रखती है, और यहाँ तक कि अनौपचारिक रूप में घरेलू मुद्राओं की जगह भी ले लेती है, तो भी देशों की वित्तीय सम्प्रभुता ख़तरे में पड़ सकती है.

कर चोरी का भय

अंकटाड के एक नीति पत्र में बताया गया है कि क्रिप्टो करेंसी विकासशील देशों में किस तरह से घरेलू संसाधन सक्रियता को कमज़ोर करने का एक नया चैनल बन गई है, और साथ ही इस बारे में, बहुत कम कार्रवाई और उसमें भी देरी करने के जोखिमों के बारे में भी आगाह किया गया है.

अंकटाड ने आगाह किया है कि क्रिप्टो करेंसी से वैसे तो विदेशों से अपने मूल स्थानों को रक़म भेजना आसान होता है, मगर उनसे कर चोरी व अवैध वित्तीय लेनदेन के ज़रिये टैक्स से बचाना भी शामिल हो सकता है. बिल्कुल टैक्स स्वर्ग कहे जाने वाले स्थानों की तरह, जहाँ धन का स्वामित्व स्पष्ट नहीं होता है.

एजेंसी ने कहा है कि इस तरह से, क्रिप्टो करेंसी मुद्रा नियंत्रणों की प्रभावशीलता को भी कमज़ोर कर सकती है, जोकि विकासशील देशों को उनके नीतिगत स्थान और छोटे पैमाने पर आर्थिक स्थिरता के लिये एक अहम उपकरण है.

crypto पर सरकार कैसे वसूलेगी टैक्स और क्या पूरे क्रिप्टो निवेश पर देना होगा कर? जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब

बिजनेस डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भारत में अब डिजिटल ऐसेट (इसमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल) पर भी टैक्स लगेगा। क्रिप्टोबाजार में दिलचस्पी दिखाने वाले लोगों ने इस कदम का स्वागत किया क्योंकि यह देश में लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य को एक तरह से कानूनी दर्जा देता है। हालांकि, इसके बाद वित्त मंत्री ने जब कहा कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत तक का भारी कर लगेगा, तो ये कई लोगों को निराश कर गया। दरअसल यह म्युचुअल फंड या यहां तक ​​कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे भी कहीं अधिक है।

हालांकि बजट भाषण के बाद सरकार की ओर से ये भी साफ किया गया कि क्रिप्टो पर नुकसान होता है तो अन्य ऐसेट के जरिए भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है। वित्त मंत्री ने डिजिटल संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया। सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि क्रिप्टो और डिजिटल संपत्तियों में उपहार पर कर लगेगा। संसद में बजट पारित होने के बाद कर प्रस्ताव एक अप्रैल से अमल में आएगा। निर्मला सीतारमण की ओर से क्रिप्टो पर लगाए गए टैक्स को लेकर घोषणाओं के बाद अब भी कई सवाल इसका इस्तेमाल कर रहे लोगों के मन में घूम रहे हैं।

आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करते हैं-

क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे लगेगा टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपए कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपए का भुगतान करना होगा। इंडिया टुडे के अनुसार सेबी के पंजीकृत वित्तीय सलाहकार जितेंद्र सोलंकी का मानना ​​है कि क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत कर लगाकर सरकार क्रिप्टो निवेश को संभवत: हतोत्साहित करना चाहती है।

क्या मुझे अपने पूरे क्रिप्टो निवेश पर टैक्स का भुगतान करना होगा?
नहीं, आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही कर का भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए यदि आपने 5,000 रुपए की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और 5,500 रुपये में बेचते हैं तो केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर ये लागू होगा।

लॉन्ग टर्म लॉस के खिलाफ सेट ऑफ का क्या मतलब है?
मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ में अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं। दूसरे शब्दों में यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है। हालांकि, क्रिप्टो आय के मामले में ऐसा संभव नहीं होगा।

अगर मैंने किसी को बिटकॉइन गिफ्ट किया है तो
नहीं, वित्त मंत्री ने साफ किया है कि केवल क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने वाले क्रिप्टो व्यापार कैसे करें व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा। इसलिए अगर आप अपने दोस्त को 1 बिटकॉइन गिफ्ट कर रहे हैं तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा।

कौन से लेनदेन पर 1% TDS लगेगा?
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि होने वाले सभी क्रिप्टो लेन-देन पर 1 प्रतिशत कर कटौती होगी।

क्या टैक्स का मतलब है कि क्रिप्टो करेंसी को सरकार ने मान्यता दे दी?
नहीं, भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो को लेकर कोई कानून नहीं है। टैक्स लगाने का मतलब है कि यह क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार ऐसे में सभी लेनदेन की निगरानी कर सकती है। आसान शब्दों में, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाता है।

क्या बिटकॉइन अब एक मुद्रा है?
नहीं, वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है।

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Crypto Vs Digital Currency: क्रिप्टो निवेशकों का क्रिप्टो व्यापार कैसे करें मानना है कि किसी भी रूप में क्रिप्टो पर टैक्स लगाने का मतलब साफ है कि इसको बैन नहीं किया जाएगा. लेकिन, इससे इसको कानूनी वैधता भी नहीं मिलती है. अभी यह देखना बाकी है कि सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी पर आगे किस तरह का कदम उठाने का फैसला करती है.

Published: February 2, 2022 3:45 PM IST

https://www.india.com/car-and-bike/budget-2022-govt-pushes-for-stronger-ev-infrastructure-offers-battery-swapping-policy-to-promote-green-mobility-5217538/

Crypto Vs Digital Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट 2022-2023 के भाषण के दौरान घोषणा की कि डिजिटल संपत्ति (Digital Assets), जिसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और एनएफटी (NFT) शामिल हैं, उनके हस्तांतरण से किसी भी आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. वित्त मंत्री की घोषणा ने अधिकांश क्रिप्टो और एनएफटी निवेशकों को अपनी संपत्ति के भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया, लेकिन कइयों ने इसे ज्यादातर सकारात्मक घोषणा के तौर पर लिया. उनका कहना है कि किसी भी तरह का टैक्स लगाने का मतलब है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, हालांकि, इसका मतलब नियमितीकरण भी नहीं है. अभी यह देखना बाकी है कि सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी पर आगे किस तरह का कदम उठाने का फैसला करती है.

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वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल मुद्रा लाएगा, जिसे सीबीडीसी (CBDC) या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी कहा जाएगा. आरबीआई डिजिटल मुद्रा पर कई महीनों से काम कर रही है और सीतारमण के मुताबिक, इसे अगले वित्तीय वर्ष में पेश किया जाएगा.

सीतारमण ने कहा कि आरबीआई की डिजिटल मुद्रा आने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल मुद्रा भी अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को बढ़ावा देगी.

डिजिटल संपत्ति के लिए कराधान की घोषणा के तुरंत बाद सीबीडीसी की घोषणा ने बहुत से लोगों को यह सोचकर भ्रमित कर दिया कि सीबीडीसी पर भी कर लगाया जाना चाहिए. हालांकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है. डिजिटल मुद्राएं क्रिप्टोकरेंसी या एनएफटी जैसी डिजिटल संपत्ति नहीं हैं. डिजिटल मुद्राएं सरकार द्वारा जारी मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक रूप हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार है जो एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित है. लोगों ने विशेष रूप से महामारी के दौरान जिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करना शुरू किया, उनमें डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टोकरेंसी दोनों हो सकते हैं, लेकिन वे वास्तव में विनिमेय नहीं हैं.

डिजिटल मुद्रा से दो पार्टियों के बीच संपर्क रहित लेनदेन में उपयोग किया जा सकता है. जैसे आपके बैंक खाते से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किसी और को भुगतान किया जाता है. सभी ऑनलाइन लेनदेन में डिजिटल मुद्रा शामिल होती है, एक बार जब आप उस पैसे को बैंक या एटीएम से निकाल लेते हैं, तो वह डिजिटल मुद्रा तरल नकदी में बदल जाती है.

क्रिप्टोकरेंसी, या डिजिटल सिक्के, मूल्य का एक भंडार है जो एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित है. ये डिजिटल सिक्के सभी निजी स्वामित्व में हैं और बनाए गए हैं और अभी तक अधिकांश देशों में नियमित नहीं किए गए हैं.

डिजिटल मुद्रा को एन्क्रिप्शन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हैकिंग और चोरी की संभावना को कम करने के लिए सभी उपयोगकर्ताओं को अपने डिजिटल वॉलेट और बैंकिंग ऐप को मजबूत पासवर्ड और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ सुरक्षित करने की आवश्यकता है. यही बात डेबिट और क्रेडिट कार्डों पर भी लागू होती है जो इन डिजिटल मुद्रा लेनदेन की कुंजी हैं.

क्रिप्टोकरेंसी को मजबूत एन्क्रिप्शन द्वारा संरक्षित किया जाता है और क्रिप्टो में व्यापार करने में सक्षम होने के लिए, उपयोगकर्ताओं के पास पैसे के साथ एक बैंक खाता होना चाहिए और इस डिजिटल मुद्रा का आदान-प्रदान एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से किया जा सकता है ताकि संबंधित मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त की जा सके.

जब विनियमन की बात आती है, तो डिजिटल मुद्राओं को भारत में एक केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा सपोर्ट किया जाएगा, जो कि आरबीआई होगा. आीबीआई तरल, नकद और डिजिटल मुद्रा लेनदेन दोनों को नियंत्रित करता है. क्रिप्टोकरेंसी के मामले में, यह एक विकेन्द्रीकृत प्रणाली है और एक केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं है. हालांकि, सभी क्रिप्टो लेनदेन एक विकेन्द्रीकृत खाता बही में दर्ज किए जाते हैं जो सभी के लिए उपलब्ध है.

स्थिरता के मोर्चे पर, जब लेनदेन की बात आती है तो डिजिटल मुद्राएं स्थिर और प्रबंधन में आसान होती हैं क्योंकि उन्हें वैश्विक बाजार में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है. दूसरी ओर, क्रिप्टो बहुत अस्थिर है और दरें लगभग नियमित रूप से बढ़ती और गिरती हैं.

डिजिटल मुद्रा लेनदेन का विवरण केवल इसमें शामिल लोगों, प्रेषक और रिसीवर और बैंक के लिए उपलब्ध है. क्रिप्टो लेनदेन का विवरण विकेन्द्रीकृत खाता बही के माध्यम से जनता के लिए उपलब्ध है.

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