Investment Tips: 5-10 लाख रुपये हैं, कहां निवेश करें? एफडी के अलावा इन चार विकल्पों में मिलेगा शानदार रिटर्न
एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
Investment Tips: अगर आपके पास 5-10 लाख रुपये की एकमुश्त रकम है तो इसे कहां निवेश करेंगे? लंबे समय से फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) निवेश का बेहतर विकल्प माना जाता रहा है क्योंकि यह सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न देने वाला है. हालांकि इंफ्लेशन को देखते हुए एफडी पर वास्तविक रिटर्न आपका पैसा बढ़ाने की बजाय घटा रहा है. ऐसे में एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं. यहां ऐसे ही चार निवेश विकल्पों के बारे में जानकारी दी जा रही है.
Index Funds
अगर आपने स्टॉक्स में निवेश अभी शुरू ही किया है और अपने लिए बेहतर शेयर का चयन करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं तो इंडेक्स फंड्स निवेश का बेहतर विकल्प है. यह उस समय भी बेहतर विकल्प के रूप में है, अगर आप अपने लिए बेहतर म्यूचुअल फंड का चयन नहीं कर पा रहे हैं. इंडेक्स फंड किसी इंडेक्स को ट्रैक करता है. जैसे कि निफ्टी इंडेक्स 50 बड़ी कंपनियों का इंडेक्स है और निफ्टी इंडेक्स को खरीदने का मतलब है कि निफ्टी के बराबर आपको रिटर्न मिल सकता है.
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Sovereign Gold Bonds
गोल्ड खरीदने का सबसे बेहतर तरीका अब सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स है. यह एक तरह से 999 शुद्धता वाले गोल्ड को डिजिटल तरीके से खरीदने जैसा है और इस पर जो कैपिटल गेन होगा, उस पर टैक्स भी नहीं चुकाना होगा. इसके अलावा 2.5 फीसदी निश्चित ब्याज भी मिलेगा. केंद्रीय बैंक आरबीआई केंद्र सरकार के बिहाफ पर गोल्ड बॉन्ड को कई किश्तों में जारी करती है और इसके जरिए गोल्ड में आप निवेश कर सकते हैं. 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज हर छह महीने पर मिलेगा. इसमें सिर्फ एक ही दिक्कत है कि एसजीबी में निवेश पर 8 साल का लॉक इन है लेकिन अगर पैसों की आपको जरूरत है तो इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने का भी विकल्प है.
REITs
अगर 5-10 लाख में कोई घर नहीं खरीद सकते हैं लेकिन रीयल एस्टेट से जरूर कमा सकते हैं. रीयल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) एक म्यूचुअल फंड की तरह है जिसमें निवेशकों के पैसों का पूल बनाकर पार्क, मॉल जैसी कॉमर्शियल संपत्तियां खरीदी जाती है. यह ऐसी कंपनियां द्वारा लॉन्च किया जाता है जिनके पास कॉमर्शियल संपत्तियां होती हैं या ऑपरेट करती हैं या फाइनेंस करती हैं. इसमें अंडरलाइंग प्रोजेक्ट्स की कीमतों में बढ़ोत्तरी और किराए के जरिए पैसे बढ़ते हैं. एक यूनिट होल्डर के तौर पर आपको डिविडेंड और REIT की बढ़े भाव के रूप में कमाई होगी. इस विकल्प के जरिए बिना कोई संपत्ति खरीदे एक तरह से आप किसी प्रॉपर्टी के मालिक बनते हैं. हालांकि इसे खरीदते समय सावधानी बरतें क्योंकि अंडरलाइंग एसेट्स अच्छे हैं, तभी आपको फायदा मिलेगा.
सरकारी बचत योजनाएं
सरकारी छोटी बचत योजनाएं भी निवेश के लिए बेहतर विकल्प हैं. जैसे कि पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम, किसान विकास पत्र (केवीपी) इत्यादि. इसमें निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इस पर सरकार की गारंटी रहती है, बेहतर दरों पर ब्याज मिलता है और निवेश/मेच्योरिटी पर टैक्स बेनेफिट्स भी मिलता है. इसमें बस लॉक इन पीरियड की दिक्कत आपको दिख सकती है जैसे कि पीपीएफ में 15 साल का लॉक इन है. हालांकि अगर आप अपने पैसे को डेट में लगाना चाहते हैं तो छोटी बचत योजनाएं शुरुआत के लिए बेहतर है.
(Arricle: Kanika Agarwal, Co-founder of Upside AI, ML-backed PMS Firm)
(यह लेख जानकारी के लिए है और फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है नहीं लेता. निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने सलाहकार से सलाह लें.)
Mutual Fund क्या है? कैसे करें निवेश की शुरुआत? कितनी होगी कमाई?
म्यूचुअल फंड का यह सबसे बड़ा फायदा है कि आप ₹500 या ₹1,000 से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 04 अगस्त 2022,
- (अपडेटेड 04 अगस्त 2022, 6:53 PM IST)
हम सभी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में कभी न कभी तो सुना ही होगा. लेकिन निवेश का फैसला सभी नहीं ले पाते हैं. ये भी सच है कि अधिकतर लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है. ऐसे लोग निवेश करना तो चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कि कहीं पैसा डूब ना जाए? आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आए हैं.
क्या हैं म्यूचुअल फंड?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है. इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है.
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आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड (Fund) होता है. यहां पर एक फंड मैनेंजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.
क्या है एैसेट मैनेजमेंट कंपनी(AMC)?
ऐसी कंपनियां विभिन्न निवेशकों के द्वारा जमा किए गए फंडों को विभिन्न जगहों जैसे इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड, आदि में निवेश करती हैं और इस निवेश से मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के अनुसार बांट देती हैं. एक अच्छा फंड मैनेजर फंड को सही तरीके से निवेश कर उसपर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकता है, जिससे निवेशक को अच्छे रिटर्न प्राप्त होंगे.
किस तरह से म्यूचुअल फंड काम करता है, ध्यान से समझते हैं?
म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको निवेश करने के लिए मोटी रकम की जरुरत नहीं है. आप केवल 500 रुपये से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. मान लीजिए की आप कोई किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उसके एक शेयर की कीमत 25000 रुपये है. लेकिन म्यूचुअल फंड के जरिये आप ऐसी कंपनियों में केवल 500 रुपये में भी निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड तमाम निवेशकों से 500-500 रुपये जमाकर उस कंपनी में बड़ी रकम निवेश करती है.
म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे-
1. म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको यह सोचने की जरुरत नहीं होती है कि जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं, उसकी ग्रोथ क्या है, ये काम फंड मैनेजर करता है.
2. म्यूचुअल फंड का एक बड़ा फायदा होता है कि यह आपके पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में निवेश करता है. मान कि किसी सेक्टर जैसे बैंकिंग या ऑटो सेक्टर में किसी कारणवश मंदी आ जाती है तो इससे संपूर्ण पोर्टफोलियो पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस सेक्टर में थोड़ा-सा निवेश होगा, जिससे सम्पूर्ण पोर्टफोलियो पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.
3. म्यूचुअल फंड में आप 500 या 1000 रुपये से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे. यह साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर हो सकता है. इस प्रकार कुछ समय के बाद आप एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं.
म्यूचुअल फंड कैसे खरीदें?
- इसके लिए आप मोबाइल एप्प, एजेंट के माध्यम या फिर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
-आज कई ऐसे प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं, जिनके माध्यम से आप एक जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं, आप अपनी म्यूचुअल फण्ड स्कीम की ग्रोथ, रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी आसानी से कर सकते हैं. ऑनलाइन निवेश ने म्यूचुअल फंड को ओर आसान बना दिया है. (नोट: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)
Investment Tips: 5-10 लाख रुपये हैं, कहां निवेश करें? एफडी के अलावा इन चार विकल्पों में मिलेगा शानदार रिटर्न
एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
Investment Tips: अगर आपके पास 5-10 लाख रुपये की एकमुश्त रकम है तो इसे कहां निवेश करेंगे? लंबे समय से फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) निवेश का बेहतर विकल्प माना जाता रहा है क्योंकि यह सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न देने वाला है. हालांकि इंफ्लेशन को देखते हुए एफडी पर वास्तविक रिटर्न आपका पैसा बढ़ाने की बजाय घटा रहा है. ऐसे में एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं. यहां ऐसे ही चार निवेश विकल्पों के बारे में जानकारी दी जा रही है.
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अगर आपने स्टॉक्स में निवेश अभी शुरू ही किया है और अपने लिए बेहतर शेयर का चयन करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं तो इंडेक्स फंड्स निवेश का बेहतर विकल्प है. यह उस समय भी बेहतर विकल्प के रूप में है, अगर आप अपने लिए बेहतर म्यूचुअल फंड का चयन नहीं कर पा रहे हैं. इंडेक्स फंड किसी इंडेक्स को ट्रैक करता है. जैसे कि निफ्टी इंडेक्स 50 बड़ी कंपनियों का इंडेक्स है और निफ्टी इंडेक्स को खरीदने का मतलब है कि निफ्टी के बराबर आपको रिटर्न मिल सकता है.
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REITs
अगर 5-10 लाख में कोई घर नहीं खरीद सकते हैं लेकिन रीयल एस्टेट से जरूर कमा सकते हैं. रीयल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) एक म्यूचुअल फंड की तरह है जिसमें निवेशकों के पैसों का पूल बनाकर पार्क, मॉल जैसी कॉमर्शियल संपत्तियां खरीदी जाती है. यह ऐसी कंपनियां द्वारा लॉन्च किया जाता है जिनके पास कॉमर्शियल संपत्तियां होती हैं या ऑपरेट करती हैं या फाइनेंस करती हैं. इसमें अंडरलाइंग प्रोजेक्ट्स की कीमतों में बढ़ोत्तरी और किराए के जरिए पैसे बढ़ते हैं. एक यूनिट होल्डर के तौर पर आपको डिविडेंड और REIT की बढ़े भाव के रूप में कमाई होगी. इस विकल्प के जरिए बिना कोई संपत्ति खरीदे एक तरह से आप किसी प्रॉपर्टी के मालिक बनते हैं. हालांकि इसे खरीदते समय सावधानी बरतें क्योंकि अंडरलाइंग एसेट्स अच्छे हैं, तभी आपको फायदा मिलेगा.
सरकारी बचत योजनाएं
सरकारी छोटी बचत योजनाएं भी निवेश के लिए बेहतर विकल्प हैं. जैसे कि पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम, किसान विकास पत्र (केवीपी) इत्यादि. इसमें निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इस पर सरकार की गारंटी रहती है, बेहतर दरों पर ब्याज मिलता है और निवेश/मेच्योरिटी पर टैक्स बेनेफिट्स भी मिलता है. इसमें बस लॉक इन पीरियड की दिक्कत पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है आपको दिख सकती है जैसे कि पीपीएफ में 15 साल का लॉक इन है. हालांकि अगर आप अपने पैसे को डेट में लगाना चाहते हैं तो छोटी बचत योजनाएं शुरुआत के लिए बेहतर है.
(Arricle: Kanika Agarwal, Co-founder of Upside AI, ML-backed PMS Firm)
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पर्सनल फाइनेंस: PPF और डेट फंड में निवेश करना रहेगा फायदेमंद, यहां जानें आपको कहां लगाना चाहिए अपना पैसा
हर कोई निवेश के लिए किसी ऐसी स्कीम की तलाश में रहता है, जहां पैसा लगाने पर आपको शानदार रिटर्न मिले। अगर आप भी किसी ऐसी ही स्कीम की तलाश में है तो आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) या डेट म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आज हम आपको इन दोनों स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं ताकि आप इनमें निवेश करके ज्यादा फायदा कमा सकें।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
- इस स्कीम को बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोला जा सकता है। इसके अलावा इसे किसी भी बैंक में या किसी भी पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
- इसे खोला तो केवल 100 रुपए से जा सकता है, लेकिन फिर बाद में हर साल 500 रुपए एक बार में जमा करना जरूरी है। इस अकाउंट में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं।
- यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में पैसा नहीं निकला जा सकता है। लेकिन इसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
- इसे 15 साल के पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन 3 साल बाद से इस अकाउंट के बदले लोन लिया जा सकता है। अगर कोई चाहे तो इस अकाउंट से 7वें साल से नियमों के तहत पैसा निकाल सकता है।
- ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन माह में सरकार करती है। यह ब्याज दरें कम या ज्यादा हो सकती है। फिलहाल इस अकाउंट पर 7.1% ब्याज मिल रहा है।
- इन योजना में निवेश के जरिए 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स की छूट का लाभ लिया जा सकता है। इनमें कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। इस स्कीम से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
डेट म्यूचुअल फंड
- ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं। डेट म्यूचुअल फंड के तहत निवेश के रकम का 65% हिस्सा गवर्नमेंट बांड, कंपनी बांड और कॉरपोरेट एफडी में निवेश किया जाता है।
- 65% के अलावा बचे हुए पैसे को इक्विटी में निवेश किया जाता है। डेट फंड्स का पैसा फिक्स्ड रिटर्न देने वाले बांड में लगाया जाता है। इसलिए इनमें पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है नुकसान की संभावना बहुत कम रहती है।
- डेट फंड को 3 साल बाद भुनाने पर लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) लगता है। वहीं, 3 साल पहले निकालने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (STCG) लगता है।
- उदाहरण के लिए, यदि किसी ने डेट म्यूचुअल फंड में निवेश पर 50 हजार रु. का फायदा कमाया है और निवेश के बाद 3 साल से पहले राशि निकालता है, तो निवेशक के आयकर स्लैब के अनुसार, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जाएगा। 50 हजार रु. को टैक्स योग्य आय में जोड़ा जाएगा और उसके अनुसार टैक्स लगाया जाएगा।
- अगर कोई निवेशक 3 साल के निवेश के बाद अपने पैसे निकालता है, तो 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जाता है, जिसमें इंडेक्सेशन भी होता है। इंडेक्सेशन आपके निवेश पर महंगाई के प्रभाव को दर्शाने के लिए पूरे कमाए गए लाभ के मूल्य को कम करता है।
- छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं।
निवेश करने के लिए बेस्ट डेट फंड
फंड का नाम | पिछले 6 महीने का रिटर्न (%) | पिछले 1 साल का रिटर्न (%) | पिछले 3 साल का रिटर्न (%) | 2019 का रिटर्न (%) |
ICICI प्रूडेंशियल लॉन्ग टर्म प्लान | 5.7 | 12.3 | 9.0 | 10.2 |
आदित्य बिरला सन लाइफ कॉर्पोरेट बांड फंड | 6.3 | 11.8 | 9.3 | 9.6 |
HDFC कॉर्पोरेट बांड फंड | 6.0 | 11.5 | 9.2 | 10.3 |
HDFC बैंकिंग एंड PUS डेट फंड | 5.8 | 10.4 | 8.4 | 10.2 |
UTI बैंकिंग एंड PUS डेट फंड | 4.0 | 9.0 | 4.7 | -1 |
एक्सिस क्रेडिट रिस्क फंड | 5.3 | 8.2 | 5.9 | 4.4 |
आदित्य बिरला सन लाइफ सेविंग फंड | 3.8 | 7.3 | 7.7 | 8.5 |
सोर्स; फिनकैशडॉटकॉम
कहां निवेश करना रहेगा सही?
अगर आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं तो आपके लिए डेट फंड एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इसमें पैसा एसआईपी (SIP) के माध्यम से लगाना चाहिए, जिसमें हर महीने निवेश किया जाता है। इससे जहां निवेश पर रिस्क कम हो जाता है और अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। वहीं अगर आप मार्केट के रिस्क से दूर रहना चाहते हैं तो PPF में निवेश करना सही रहेगा। इसके अलावा कम समय के लिए निवेश कर रहे हैं तो डेट फंड बेहतर विकल्प है क्योंकि PPF में 15 साल का लॉक इन पीरियड रहता है।
कम समय के निवेश के लिए ये हैं 6 आकर्षक स्कीम
दो या तीन महीने की अवधि के लिए भी पैसे का निवेश किया जा सकता है और उस पर रिटर्न कमाया जा सकता है.
ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए और सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए. ऐसा करते समय निवेश विकल्प की बारीकियों को समझना जरूरी है.
छोटी अवधि के लिए निवेश के विकल्प में एफडी (फिक्स्ड डिपाजिट), कॉरपोरेट FD, पोस्ट ऑफिस जमा, रिकर्रिंग डिपाजिट (RD), लिक्विड फंड्स और स्वीप-इन फिक्स्स डिपाजिट जैसे कुछ विकल्प उपलब्ध हैं.
हम आपको बता रहे हैं कि कम अवधि के लिए निवेश के 6 अच्छे विकल्प क्या हैं?
1. बैंक एफडी: कई बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट पर आप अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं. किसी निवेशक को यह देखना चाहिए कि उसका निवेश महंगाई दर की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है या नहीं. बैंक FD में निवेश में सबसे अच्छी बात यह है कि निवेशक की पूंजी सुरक्षित होती है और निवेश समय पर भुनाया जा सकता है.
बैंक FD में आपको सालाना तय ब्याज दर के हिसाब से रिटर्न मिलता है. निवेश की अवधि पूरी होने पर ब्याज सहित निवेश वापस मिल जाता है. अमूमन बैंक आपकी इस रकम से आपको दिए जाने वाले ब्याज से अधिक की कमाई करता है.
2.लिक्विड फंड्स: छोटी अवधि के निवेश के लिए लिक्विड फंड युवाओं की पसंद में सबसे ऊपर है. ये वास्तव में डेट म्यूचुअल फंड्स हैं. यह कम अवधि के लिए बाजार में निवेश की सलाह देते हैं. निवेश विकल्पों में ट्रेजरी बिल्स, गर्वनमेंट सिक्योरिटीज और कॉल मनी आदि शामिल हैं. ये फंड 91 दिन की मैच्योरिटी अवधि वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं.
इन फंड्स में निवेशक आमतौर पर 1 दिन से लेकर 3 महीने के लिए निवेश कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर अपने बच्चे के स्कूल की फीस जमा करने से पहले आप इस फंड में रख सकते हैं. अगले दो महीने बाद परिवार के साथ छुट्टियां मनाने जाना चाहते हैं तो इसके लिए इकट्ठा किया गया पैसा लिक्विड फंड्स में निवेश कर सकते हैं.
लिक्विड फंड्स ऐसे समय के लिए भी बेहतर होते हैं जबकि आपको अचानक बड़ी रकम मिलती है. मसलन ऑफिस से मिला बोनस, प्रॉपर्टी की बिक्री या इस तरह से मिलने वाली दूसरी रकम. इक्विटी फंड में निवेश करने वाले कई लोग लिक्विड फंड में पैसा लगाते हैं. उसके बाद वे इस पैसे को धीरे-धीरे एसटीपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिये इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. यह तरीका अपनाने से ज्यादा रिटर्न मिलता है.
3. कॉरपोरेट FD: कई कंपनियां अपनी कामकाजी जरूरतों के लिए पूंजी जुटाने के लिए कॉरपोरेट FD पेश करती हैं. कंपनियां एक निश्चित अवधि के लिए निवेशक से पूंजी लेती हैं जिसे कॉरपोरेट एफडी कहते हैं. इसके लिए वे विज्ञापन देकर निवेशकों को निवेश करने के लिए आमंत्रित करती हैं.
कॉरपोरेट एफडी पर कंपनियां बैंक और अन्य फाइनेंस कंपनियों से ज्यादा ब्याज देती हैं, क्योंकि इन कंपनियों के पास कंपनी कानून के तहत डिपॉजिट लेने का अधिकार होता है. बेहतर ब्याज दर की वजह से ही निवेशक इसमें निवेश करने के फैसले लेते हैं.
इस तरह के विकल्प में निवेश से पहले कंपनी की छवि और उसके कामकाज का ध्यान रखना चाहिए. कंपनी की बाजार में कैसी साख है? कंपनी के पैसे वापस करने का ट्रेंड क्या रहा है? कंपनी निवेशकों का पैसा अपनी किस योजना में लगाती है, उस पर यह रिटर्न निर्भर करता है. कुछ मामलों में कंपनी के एसेट को बॉन्ड के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
4. पोस्ट ऑफिस जमा: कोई भी व्यक्ति पोस्ट ऑफिस में जाकर यह निवेश कर सकता है. यहां पर ब्याज दर सालाना हिसाब से दिया जाता है और इसकी गणना हर तिमाही की जाती है. बहुत मामूली रकम से भी यहां निवेश की शुरुआत की जा सकती है.
5. रेकर्रिंग डिपॉजिट (RD): हर महीने थोड़ी रकम जमा करने वाला यह प्लान एक प्रकार का टर्म डिपाजिट ही है. बैंक इसके लिए हालांकि कुछ अलग नियम अपनाते हैं. यह लोगों के लिए काफी मददगार साबित होता है.
नौकरी या रोजाना आमदनी वाले लोगों के लिए बचत करने से हिसाब से यह काफी बेहतर योजना है. इसमें नौकरी पेशा या कारोबार हर महीने अपनी बचत से रकम जमा कर ब्याज कमा सकते हैं. इसमें भी FD की तरह ही ब्याज मिलता है. निश्चित समय तक पैसे जमा कराने के बाद ब्याज सहित पूरा पैसा वापस मिल जाता है.
6. स्वीप-इन FD: अगर आपके बैंक खाते में कोई रकम लंबे समय तक रह जाए तो बैंक खुद ही उसे एफडी में बदलने के लिए कहता है. इसे स्वीप-इन FD कहते हैं. आपके सेविंग अकाउंट से लिंक्ड इस FD में आप जब चाहें इस रकम को निकाल सकते हैं.
अमूमन बचत खाते में जरूरी रकम से ज्यादा होने पर बैंक खाता धारक की इजाजत से इसे FD में बदल देते हैं. इसमें आपको बचत खाते से ज्यादा ब्याज मिलता है. कई बार तो बैंक यहां पर भी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह ब्याज देते हैं.
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