आइआइएम बेंगलुरु के पूर्व प्रोफेसर और वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ. भरत झुनझुनवाला ने बुधवार को दैनिक जागरण में लिखे अपने एक लेख में बिटकॉइन के बारे में उदाहरण देकर बताया कि क्यों हमें इससे दूर रहना चाहिए। उन्होंने लिखा, 18वीं सदी में एक अमीर आदमी रॉथ्सचाइल्ड पर लोगों को बहुत विश्वास था। इसलिए लोग रॉथ्सचाइल्ड के पास सोना अथवा मुद्रा जमा कराकर ‘हुंडी’ लिखवा लेते थे और उसे लेकर दूसरे देश में स्थित रॉथ्सचाइल्ड की शाखा से मुद्रा ले लेते थे। रॉथ्सचाइल्ड द्वारा जारी की गई हुंडियां एक वैश्विक मुद्रा जैसी हो गईं। सामान्यत: वे जमा सोने के बदले हुंडी जारी करते थे। फिर उन्होंने बिना सोना जमा किए हुंडी जारी करना शुरू कर दिया जैसे रिजर्व बैंक नोट जारी करता है। वे रातों रात अथाह संपत्ति के स्वामी बन गए, क्योंकि उनके द्वारा जारी हुंडियों पर जनता को भरोसा था। बिटक्वॉइन का स्वरूप ऐसी हुंडियों जैसा ही है। बिटक्वॉइन तब तक ही अस्तित्व में है जब तक भागीदारों और प्रशंसकों को इस पर भरोसा है।
क्या आपको बिटकॉइन में निवेश करना चाहिए, यहां है जवाब
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन रोज नए आसमान छू रही है। पिछले 6-7 महीनों में ही यह 2 हजार डॉलर प्रति बिटकॉइन से बढ़कर 17186 डॉलर प्रति बिटकॉइन तक पहुंच गई है। इस आभासी मुद्रा की रफ्तार देखकर इसकी तरफ आकर्षित होने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। अगर आप भी बिटकॉइन में निवेश का मन बना रहे हैं तो सावधान! कहीं ऐसा न हो कि यह फैसला आपके लिए घातक बन जाए। जिस तरह से रोशनी की तरफ आकर्षित होकर पतंगा अपनी जान गंवा देता है कहीं उसी तरह आप अपने जीवनभर की कमाई न गंवा दें।
अब आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में बिटकॉइन को लेकर कोई स्पष्ट नीति या गाइडलाइन नहीं है। यूपी पुलिस व एसटीएफ सहित अन्य जांच एजेंसियां और रिजर्व बैंक के कुछ दस्तावेजों में इसके गैरकानूनी होने का जिक्र जरूर मिलता है। बिटकॉइन को कौन संचालित कर रहा है इसके बारे में भारत सरकार को कोई जानकारी नहीं है। इसको लेकर भारत से कोई संधि भी नहीं की गई है। ऐसे में अगर आपका पैसा डूबता है तो इसके लिए सरकार नहीं आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन यह एक विकेन्द्रीकृत आभासी चलन है, जिसे हम बैंक की विपरीत बिना किसी माधास्ति के इंटरनेट से किसी वेबसाइट या ऐप के जरिये सीधा खरीद सकते है, बेच सकते है, और उसक विनिमय कर सकते है। यानि की हमें बिटकॉइन से व्यापर, व्यवहार बिना किसी सरकार के नियत्रण के अंदर कर सकते है।
दोस्तों भले ही आज बिटकॉइन पर किसी देश, सरकार, बैंक का पूर्ण रूप से नियत्रण नहीं है। मगर कोई भी देश, या सरकार बिटकॉइन के व्यवहार, व्यापर और विनमय के लिए नियम लागू करा सकती है।
जिसकी वजह से आज दुनिया में कही देशो ने बिटकॉइन को लीगल या इलीगल करेंसी घोषित की है।
बिटकॉइन किस देश की करेंसी है?
दोस्तों बिटकॉइन और उसे माइनिंग या बनाने की अंतर्निहित तकनीक 2009 में जापान इस देश से सातोशी नाकामोटो इस इंसान या समूह द्वारा बनाई गई थी।
हलाकि सातोशी नाकामोतो यह किस एक व्यक्ति का नाम है या किसी समूह का नाम है यह अभीतक पता नहीं लगा पाया। इसलिए बिटकॉइन को किस अलग अलग हिस्सों या कीमतों में बाटा गया है उसे Bitcoins माइन करने वाले माइनर्स सातोशी इस नाम का इस्तेमाल करते है।
दोस्तों बिटकॉइन को भले ही जापान में बनाया था। मगर फिर भीं हम इसे पूरी तरह से जापानी आभासी चलन नहीं कह सकते। क्यूकी बिटकॉइन पर जापान देश या जापान सरकार का पूर्ण रूप से नियंत्रण नहीं है।
सातोशी नाकामोटो कौन है?
सातोशी नाकामोटो प्रकल्पित ज्ञात नाम वाले व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला नाम है।
जिन्होंने बिटकॉइन का विकास किया है , जिन्होंने बिटकॉइन का श्वेत पत्र लिखा, और जिन्होंने Bitcoin के मूल संदर्भ तकनीक को बनाया।
कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में, नाकामोटो ने पहला अपना ब्लॉकचेन डेटाबेस भी तैयार किया था। नाकामोटो या व्यक्ति या समूह दिसंबर 2010 तक बिटकॉइन के विकास में सक्रिय था। उसके बात सातोशी नाकामोटो इस व्यक्ति या ग्रुप को कोई भी देश या सरकार ढूंढ नहीं पाई।
क्रिप्टो करेंसी किन देशो में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है
दोस्तों आज कही सारे देश के लोग क्रिप्टो या बिटकॉइन को शेयर मार्किट की तरह होल्ड करके बाद में बेच देते है।
आज भारत के साथ अन्य कही देश के लोग बिटकॉइन को खरीद ते है और बेचते है। हलाकि भारत में और अन्य कही देशो ने क्रिप्टो करेंसी अपनाया भी नहीं या बैन भी नहीं किया है।
देश
क्रिप्टो के खरीदारों की संख्या
लोकसंख्या के प्रतिशत
दोस्तों ऊपर दी हुई यदि वर्तमान ( Dec-2021 ) के हिसाब से बनाई गई है। भविष्य में क्रप्टो के खरीद दार किसी भी देश में बढ़ सकते है या फिर कम हो सकते है।
दोस्तों आज बिटकॉइन कोण खरीदना नहीं चाहता, बिटकॉइन को हम तरह तरह के माध्यम से खरीद या बना सकते है जिसे हम माइनिंग कहते है। इंटरनेट पर आपको बिटकॉइन को पैसे से या मुफ्त में प्राप्त करने के कही माध्यम मिल जायेंगे।
बिटकॉइन में डूब सकता है निवेशकों का पैसा: वित्त मंत्रालय
इनका उल्लेख ‘सिक्कों’ के रूप में भी किया जा रहा है, जबकि ये चलन वाले सिक्के नहीं हैं. इस आधार पर क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है क्रिप्टोकरेंसी न तो सिक्का है और न ही मुद्रा. भारत सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्चुअल करेंसी को लेनदेन के लिए अथॉराइज्ड नहीं किया है. सरकार या भारत में किसी भी अथॉरिटी ने किसी भी एजेंसी को ऐसी मुद्रा के लिए लाइसेंस नहीं दिया है, इसलिए जो व्यक्ति वर्चुअल करेंसी में लेनदेन करता है, उसे इसके जोखिम के प्रति सावधान रहना चाहिए.
Legal Tender नहीं होगा 'बिटकॉइन, एथेरियम और एनएफटी: वित्त मंत्रालय
Bitcoin: वित्त मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा के अलावा अन्य डिजिटल संपत्ति 'कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी'। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि जब लोग क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं, तो संपत्ति का सरकार द्वारा मूल्य प्राधिकरण नहीं होगा। बिटकॉइन, एथेरियम या एनएफटी कभी भी कानूनी निविदा (Legal Tender) नहीं बनेंगे।
वित्त सचिव ने कहा, "डिजिटल मुद्रा आरबीआई द्वारा समर्थित होगी जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगी। पैसा आरबीआई का होगा, लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया एक कानूनी निविदा होगा। बाकी सभी कानूनी निविदा नहीं हैं, नहीं करेंगे। कभी भी कानूनी निविदा न बनेंगे।"
कैसे बनते हैं नए Bitcoins- Mining & Miners
Bitcoin का उत्पादन माइनिंग के द्वारा किया जाता है और इसका उत्पादन करने वालों को माइनर्स कहते हैं. माइनर्स का काम बिटकॉइन के हर एक लेनदेन की पुष्टि करना है.
ये माइनर्स अपने विशेष प्रकार के हार्डवेयर का प्रयोग कर कंप्यूटर प्रोसेसिंग प्रणाली द्वारा विभिन्न प्रकार के लेनदेन को प्रोसेस करते हैं जिसके फलस्वरूप नए बिटकॉइन बनते हैं और इन माइनर्स को मिलते हैं.
माइनिंग एक स्वतंत्र प्रक्रिया है, कोई भी व्यक्ति माइनिंग कर के बिटकॉइन प्राप्त कर सकता है. हालाँकि इसके लिए अत्याधुनिक तथा शक्तिशाली प्रोसेसिंग वाले मशीनों की आवशयकता होती है.
कुछ ऐसे होती है बिटकॉइन की माइनिंग
1 BTC = कितने रूपए, Exchange Rate of Bitcoin
अपने निर्माण के बाद से बिटकॉइन का मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है. आइये क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है देखते हैं कि एक बिटकॉइन की कीमत किस तरह से बदली.
- मार्च 2010 में एक यूजर Smoketoomuch ने Bitcoins की नीलामी करने की सोची और और 10000 BitCoins के बदले $50(INR 3000) की मांग की. उसे एक भी खरीददार नहीं मिला. आज उतने Bitcoins की कीमत 145 करोड़ है.
- मई 2010 में Laszlo Hanekz नाम के इस शख्स ने BitCoin से पहला सौदा किया जिसमें उन्होंने 10,000 Bitcoins के बदले एक पिज़्ज़ा खरीदा.
- तब 1 बिटकॉइन की कीमत सिर्फ 52 पैसे थी और उसके 4 दिन बाद ही इसकी कीमत में 10 गुना उछाल आया और अब एक बिटकॉइन की कीमत हो गयी 5 रूपए
उसके बाद बिटकॉइन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और देखते ही देखते इस क्रिप्टो करेंसी की कीमत आसमान छूने लगी. जनवरी 2017 में बिटकॉइन ने 1000 डॉलर का आंकड़ा छुआ पर उसके बाद क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है जबरदस्त उछाल देखने को मिला और मई 2017 तक बिटकॉइन की वैल्यू 2700 डॉलर पार कर गयी.
बिटकॉइन में निवेश-How to invest in Bitcoin
जितनी तेज़ी से बिटकॉइन की वैल्यू बढ़ी है उससे निवेशकों का काफी ध्यान आकर्षित हुआ है. सिर्फ 7 सालों ने इस मुद्रा की कीमत में जबरदस्त उछाल आया है जिसकी वजह से लोग बिटकॉइन में जम कर पैसा लगा रहे हैं. कम दाम पर बिटकॉइन खरीदना और बाद में जब इसका मूल्य बढ़ जाए तब इसे बेच कर लोग मुनाफा कमा रहे हैं.
भारत में भी कई बिटकॉइन इन्वेस्टमेंट कम्पनीज के माध्यम से आप बिटकॉइन खरीद कर इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं. कुछ प्रमुख कंपनियों के नाम हैं – ZebPay या Unicoin
बिटकॉइन पर इन्वेस्टमेंट के बारे में और अधिक जाने के लिए हमारी अगली पोस्ट का इंतज़ार करें
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