डिजिटल करेंसी में आगे भी गिरावट रहने की उम्मीद
क्रिप्टोकरेंसी में आ रही लगातार गिरावट पर एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि बिक्री का दबाव काफी स्थिर रहा है। ऐसे में संभावना है कि इसमें गिरावट जारी रहेगी, जब तक टोकन को 53,000 डॉलर के करीब सपोर्ट नहीं मिल जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि ग्लोबल मार्केट हाल के दिनों में सावधान रहा है, जिसकी वजह आर्थिक ग्रोथ, ब्याज दरों और मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं हैं।

Bitcoin Crash: शेयर बाजार के बाद Cryptocurrency में भी बड़ी गिरावट, ऑलटाइम हाई से 60 फीसदी नीचे गिरा Bitcoin

By: ABP Live | Updated at : 13 Jun 2022 03:01 PM (IST)

Bitcoin Price Crash: दुनियाभर के शेयर बाजार ( Global Stock Market) में ही निवेशक इन दिनों बिकवाली नहीं कर रहे हैं. बल्कि क्रिप्टो मार्केट ( Crypto Market) में भी निवेशकों ( Investors) की बिकवाली के चलते इन दिनों लगातार गिरावट देखी जा रही है. बिट्कॉइन ( Bitcoin) में सोमवार को 7 फीसदी की बड़ी गिरावट देखने को मिली है. बिट्कॉइन (Bitcoin) बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा अपने 18 महीने के निचले लेवल 25,600 डॉलर के लेवल पर जा लुढ़का है. नवंबर 2021 में बिट्कॉइन ने 68,000 डॉलर के लेवल को छूआ था. इन स्तरों से 60 फीसदी भाव गिर चुका है.

क्यों गिरा बिट्कॉइन
दरअसल अमेरिका में महंगाई दर ( Inflation Rate) के आंकड़ों में तेज उछाल आया है. जिसके चलते अमेरिकी फेडरल रिजर्व ( US Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरें महंगा किए जाने की संभावना जताई जा रही है. यही वजह है कि दुनियाभर के शेयर बाजारों से लेकर क्रिप्टकरेंसी ( Cryptocurrency) में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा रही है. कई जानकार क्रिप्टोकरेंसी के 14,000 डॉलर के लेवल तक गिरने की भविष्यवाणी कर रहे हैं. ऐसा हुआ तो क्रिप्टोकरेंसी नवंबर 2021 के अपने लेवल से 80 फीसदी नीचा आ चुका होगा. जानकारों के मुताबिक 2023 के बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा बाद ही बिट्कॉइन के भाव के 40,000 डॉलर से ऊपर जाने की भविष्यवाणी की जा रही है.

आखिर क्यों गिर रहा है क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार, क्या जानते हैं भारत में रोजाना कितना का है इसका बिजनेस

आखिर क्यों गिर रहा है क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार, क्या जानते हैं भारत में रोजाना कितना का है इसका बिजनेस

बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान में मिला जुला करोबार कर रहे हैं. वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैप 1.37 ट्रिलियन डॉलर है. जो हाल के दिनों की तुलना में कम है. रॉयटर्स के मुताबिक, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज बिनेंस ने 30 जून को कहा कि उसके प्लेटफॉर्म से स्टर्लिंग निकासी को फिर से सक्रिय कर दिया गया है. ग्राहक अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड के साथ डिजिटल क्वॉइन भी खरीद सकते हैं.

स्‍टेबल कॉइन्‍स के वॉल्‍युम की बात करें तो यह 61.71 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पिछले 24 घंटे में कुल क्रिप्‍टो मार्केट में स्‍टेबल कॉइन्‍स की हिस्‍सेदारी 74.32 फीसदी है.

एलन मस्क के ट्वीट से गिरा था बिटक्वॉइन

बीते 24 घंटे में क्रिप्‍टो मार्केट वॉल्‍युम 83.03 अरब डॉलर रहा है. पिछले दिन के मुकाबले इसमें 6.07 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले महीने जब बिटक्वॉइन समेत दुनिया की शीर्ष 30 क्रिप्टो करेंसी में गिरावट आई थी, तो चीन में इसके लेकर हुई सख्ती को वजह बताया गया था.

बिटक्वॉइन की कीमतों में आई गिरावट की एक वजह टेस्ला के चीफ एग्जिक्यूटिव अफसर एलन मस्क का ट्वीट को भी बताया गया. वहीं, बिटक्वॉइन को लेकर चीन सख्ती अभी भी जारी है.

कई देशों ने बैन किया क्रिप्टो का कारोबार

बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर के देश एक अजीब से असमंजस की स्थिति में हैं. कई देशों ने तो अपने यहां क्रिप्‍टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन कर दिया है. इसमें ईरान और सऊदी बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा अरब शामिल है. वहीं, भारत, रूस, ब्राजील समेत कई ऐसे देश हैं, जो अभी भी डिजिटल एसेट को लेकर विचार की ही स्थिति में हैं. इनकी तरफ से अभी तक कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है.

चीन का रवैया हमेशा से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत ही सख्त रहा है. 2013 में चीन के केंद्रीय बैंक ने वित्त संस्थाओं को बिटक्वॉइन से जुड़े ट्रांजेक्शन को बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा रोक दिया था. चीन में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग बंद होने का बड़ा असर इसकी कीमतों पर पड़ा. क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में चीन की 70 फीसदी तक की हिस्सेदारी है. न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, कुछ माइनर्स चीन से अपना करोबार कजाकिस्तान जैसे देशों में शिफ्ट कर रहे हैं.

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में क्यों आ रही लगातार गिरावट, जानें क्या है इसका अमेरिका से कनेक्शन

क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में रुझान बढ़ रहा है, भारत में भी क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि कोई नियामक न होने के चलते देश में खुलकर कारोबार अभी नहीं हो रहा है, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक सरकार इसे रेगुलेट करने को लेकर नए साल की शुरुआत में निर्णय लिया जा सकता है। बहरहाल, इस बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा होती है बड़े उतार-चढ़ाव की। पल में क्रिप्टो का दाम फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है और एक झटके में जमीन पर भी आ जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट का बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है।

विस्तार

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में रुझान बढ़ रहा है, भारत में भी क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि कोई नियामक न होने के चलते देश में खुलकर कारोबार अभी नहीं हो रहा है, लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक सरकार इसे रेगुलेट करने को लेकर नए साल की शुरुआत में निर्णय लिया जा सकता है। बहरहाल, इस बाजार में सबसे ज्यादा चर्चा होती है बड़े उतार-चढ़ाव की। पल में क्रिप्टो का दाम फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है और एक झटके में जमीन पर भी आ जाता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में हालिया दिनों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट का बड़ा अमेरिकी कनेक्शन भी है।

यूएस की नई टैक्स नीति का असर
एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टो बाजार में यह गिरावट अमेरिका में डिजिटल करेंसी को बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा लेकर नई टैक्स नीति के कारण हुई है, जो 55,000 करोड़ डॉलर बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा के इंफ्रास्ट्रक्चर बिल का हिस्सा है। इस कानून पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि हमने देखा है कि यूएस इंफ्रास्ट्रक्चर बिल पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसकी वजह से उन ट्रेडर्स ने बिकवाली शुरू कर दी है, जो रेगुलेशन और टैक्सेशन को लेकर चिंतित हैं।

'Bitcoin'

बिटकॉइन की माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण कुछ देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। लगभग छह महीने पहले उज्बेकिस्तान ने सोलर पावर से क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग की अनुमति देने का फैसला किया था

Cardano, Dogecoin, Shiba Inu, Polygon, Polkadot, Litecoin और Tron के प्राइस सोमवार को गिरावट के साथ खुले

Bitcoin Investors Alert: पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने लगभग 69,000 डॉलर का हाई छुआ था और तब इन वॉलेट्स की संख्या 1,13,898 थी

BlockFi के दिवालियापन की घोषणा का असर जिन क्रिप्टो पर पड़ रहा है, हम नीचे उन सभी को लिस्ट कर रहे हैं।

1- USA फ़ेडरल बैंक द्वारा कोरोना महामारी के दौरान दिये गए वित्तीय रियायतों को वापिस लेना शुरू कर दिया हैं |

अमेरिका की फ़ेडरल बैंक ने भी हमारे देश के रिज़र्व बैंक की तरह ही देश की अर्थव्यस्था व् लोगों को वित्तीय संकट से उबारने के लिये बहुत से फैसले लिये बिटकॉइन क्यों गिरता रहेगा थे जिनमे टैक्स कटौती, व्यापार कर में छूट, सस्ता कर्ज, कई उत्पादों में छूट, एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट ड्यूटी कम करना, कम क्रेडिट स्कोर पर भी लोन, गरीबों व् विधार्थियों के लिए डायरेक्ट कॅश ट्रान्सफर आदि प्रमुख हैं |
इन सभी के लिए USA की फ़ेडरल बैंक ने बहुत सारा पैसा मार्केट में इन्फुज किया था, जिससे पैसों की लिक्विडिटी बढ़ सके, इन्ही पैसों की वजह से बहुत से मिनी इन्वेस्टर बने जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट किया, क्रिप्टोकरेंसी में सबसे अधिक इन्वेस्टर US के हैं |
अब सरकार ने दी हुयी वित्तीय रियायतों को वापिस लेना शुरू कर दिया हैं जिससे US में लोगों की सेविंग नहीं हो पा रही हैं और वो क्रिप्टोकरेंसी से अपना पैसा वापिस निकाल रहे हैं |

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